< नीतिवचन 15 >
1 १ कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठण्डी होती है, परन्तु कटुवचन से क्रोध भड़क उठता है।
Mulayim jawab ƣǝzǝpni basar; Ⱪopal sɵz aqqiⱪni ⱪozƣar.
2 २ बुद्धिमान ज्ञान का ठीक बखान करते हैं, परन्तु मूर्खों के मुँह से मूर्खता उबल आती है।
Aⱪilanilǝrning tili bilimni jari ⱪilar; Əhmǝⱪning aƣzi ⱪuruⱪ gǝp tɵkǝr.
3 ३ यहोवा की आँखें सब स्थानों में लगी रहती हैं, वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं।
Pǝrwǝrdigarning kɵzi ⱨǝr yǝrdǝ yürǝr; Yahxi-yamanlarni kɵrüp turar.
4 ४ शान्ति देनेवाली बात जीवन-वृक्ष है, परन्तु उलट-फेर की बात से आत्मा दुःखित होती है।
Xipa yǝtküzgüqi til huddi bir «ⱨayatliⱪ dǝrihi»dur; Tili ǝgrilik kixining roⱨini sundurar.
5 ५ मूर्ख अपने पिता की शिक्षा का तिरस्कार करता है, परन्तु जो डाँट को मानता, वह विवेकी हो जाता है।
Əhmǝⱪ atisining tǝrbiyisigǝ pisǝnt ⱪilmas; Lekin atisining tǝnbiⱨigǝ ⱪulaⱪ salƣan zerǝk bolar.
6 ६ धर्मी के घर में बहुत धन रहता है, परन्तु दुष्ट के कमाई में दुःख रहता है।
Ⱨǝⱪⱪaniyning ɵyidǝ gɵⱨǝrlǝr kɵptur; Biraⱪ yamanning tapawiti ɵzigǝ awariqilik tapar.
7 ७ बुद्धिमान लोग बातें करने से ज्ञान को फैलाते हैं, परन्तु मूर्खों का मन ठीक नहीं रहता।
Dananing lǝwliri bilim tarⱪitar; Əhmǝⱪning kɵnglidin ⱨeq bilim qiⱪmas.
8 ८ दुष्ट लोगों के बलिदान से यहोवा घृणा करता है, परन्तु वह सीधे लोगों की प्रार्थना से प्रसन्न होता है।
Yamanlarning ⱪurbanliⱪi Pǝrwǝrdigarƣa yirginqliktur; Duruslarning duasi Uning hursǝnlikidur.
9 ९ दुष्ट के चाल चलन से यहोवा को घृणा आती है, परन्तु जो धर्म का पीछा करता उससे वह प्रेम रखता है।
Yamanlarning yoli Pǝrwǝrdigarƣa yirginqliktur; Lekin ⱨǝⱪⱪaniyǝtni intilip izdigüqini U yahxi kɵrǝr.
10 १० जो मार्ग को छोड़ देता, उसको बड़ी ताड़ना मिलती है, और जो डाँट से बैर रखता, वह अवश्य मर जाता है।
Toƣra yoldin qiⱪⱪanlar azabliⱪ tǝrbiyini kɵrǝr; Tǝnbiⱨgǝ ɵq bolƣuqi ɵlǝr.
11 ११ जबकि अधोलोक और विनाशलोक यहोवा के सामने खुले रहते हैं, तो निश्चय मनुष्यों के मन भी। (Sheol )
Tǝⱨtisara wǝ ⱨalakǝt Pǝrwǝrdigarning kɵz aldida oquⱪ turƣan yǝrdǝ, Insan kɵnglidiki oy-pikirni ⱪandaⱪmu Uningdin yoxuralisun?! (Sheol )
12 १२ ठट्ठा करनेवाला डाँटे जाने से प्रसन्न नहीं होता, और न वह बुद्धिमानों के पास जाता है।
Ⱨakawur tǝnbiⱨ bǝrgüqini yaⱪturmas; U aⱪilanilǝrdin nǝsiⱨǝt elixⱪa barmas.
13 १३ मन आनन्दित होने से मुख पर भी प्रसन्नता छा जाती है, परन्तु मन के दुःख से आत्मा निराश होती है।
Kɵngül xad bolsa, hux qiray bolar; Dǝrd-ǝlǝm tartsa, roⱨi sunar.
14 १४ समझनेवाले का मन ज्ञान की खोज में रहता है, परन्तु मूर्ख लोग मूर्खता से पेट भरते हैं।
Yorutulƣan kɵngül bilimni izdǝr; Əⱪilsizning aƣzi nadanliⱪni ozuⱪ ⱪilar.
15 १५ दुःखियारे के सब दिन दुःख भरे रहते हैं, परन्तु जिसका मन प्रसन्न रहता है, वह मानो नित्य भोज में जाता है।
Ezilgǝnlǝrning ⱨǝmmǝ künliri tǝstǝ ɵtǝr; Biraⱪ xad kɵngül ⱨǝrkünini ⱨeyttǝk ɵtküzǝr.
16 १६ घबराहट के साथ बहुत रखे हुए धन से, यहोवा के भय के साथ थोड़ा ही धन उत्तम है,
Zor bayliⱪ bilǝn biaramliⱪ tapⱪandin, Azƣa xükür ⱪilip, Pǝrwǝrdigardin ǝymǝngǝn ǝwzǝl.
17 १७ प्रेमवाले घर में सागपात का भोजन, बैरवाले घर में स्वादिष्ट माँस खाने से उत्तम है।
Nǝprǝt iqidǝ yegǝn bordaⱪ gɵxtǝ ⱪilinƣan katta ziyapǝttin, Meⱨir-muⱨǝbbǝt iqidǝ yegǝn kɵktat ǝwzǝl.
18 १८ क्रोधी पुरुष झगड़ा मचाता है, परन्तु जो विलम्ब से क्रोध करनेवाला है, वह मुकद्दमों को दबा देता है।
Terikkǝk kixi jedǝl qiⱪirar; Eƣir-besiⱪ talax-tartixlarni tinqlandurar.
19 १९ आलसी का मार्ग काँटों से रुन्धा हुआ होता है, परन्तु सीधे लोगों का मार्ग राजमार्ग ठहरता है।
Ⱨurunning yoli tikǝnlik ⱪaxadur, Durus adǝmning yoli kɵtürülgǝn yoldǝk daƣdamdur.
20 २० बुद्धिमान पुत्र से पिता आनन्दित होता है, परन्तु मूर्ख अपनी माता को तुच्छ जानता है।
Dana oƣul atisini xad ⱪilar; Əⱪilsiz adǝm anisini kǝmsitǝr.
21 २१ निर्बुद्धि को मूर्खता से आनन्द होता है, परन्तु समझवाला मनुष्य सीधी चाल चलता है।
Əⱪli yoⱪ kixi ǝhmǝⱪliⱪi bilǝn huxtur; Yorutulƣan kixi yolini toƣrilap mangar.
22 २२ बिना सम्मति की कल्पनाएँ निष्फल होती हैं, परन्तु बहुत से मंत्रियों की सम्मति से सफलता मिलती है।
Mǝsliⱨǝtsiz ix ⱪilƣanda nixanlar ǝmǝlgǝ axmas; Mǝsliⱨǝtqi kɵp bolƣanda muddialar ǝmǝlgǝ axurular.
23 २३ सज्जन उत्तर देने से आनन्दित होता है, और अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है!
Kixigǝ jayida bǝrgǝn jawabidin hux bolar, Dǝl waⱪtida ⱪilƣan sɵz nǝⱪǝdǝr yahxidur!
24 २४ विवेकी के लिये जीवन का मार्ग ऊपर की ओर जाता है, इस रीति से वह अधोलोक में पड़ने से बच जाता है। (Sheol )
Ⱨayatliⱪ yoli ǝⱪilliⱪ kixini yuⱪiriƣa baxlayduki, Uni qongⱪur tǝⱨtisaradin ⱪutⱪuzar. (Sheol )
25 २५ यहोवा अहंकारियों के घर को ढा देता है, परन्तु विधवा की सीमाओं को अटल रखता है।
Pǝrwǝrdigar tǝkǝbburning ɵyini yuluwetǝr; Biraⱪ U tul hotunlarƣa pasillarni turƣuzar.
26 २६ बुरी कल्पनाएँ यहोवा को घिनौनी लगती हैं, परन्तु शुद्ध जन के वचन मनभावने हैं।
Yamanlarning oy-pikri Pǝrwǝrdigarƣa yirginqliktur; Biraⱪ sap dilning sɵzliri sɵyümlüktur.
27 २७ लालची अपने घराने को दुःख देता है, परन्तु घूस से घृणा करनेवाला जीवित रहता है।
Aq kɵz kixi ɵz ailisigǝ awariqilik kǝltürǝr; Para elixⱪa nǝprǝtlǝngǝn kixi kün kɵrǝr.
28 २८ धर्मी मन में सोचता है कि क्या उत्तर दूँ, परन्तु दुष्टों के मुँह से बुरी बातें उबल आती हैं।
Ⱨǝⱪⱪaniy adǝm ⱪandaⱪ jawab berixtǝ ⱪayta-ⱪayta oylinar; Yaman adǝmning aƣzidin xumluⱪ tɵkülǝr.
29 २९ यहोवा दुष्टों से दूर रहता है, परन्तु धर्मियों की प्रार्थना सुनता है।
Pǝrwǝrdigar yaman adǝmdin yiraⱪtur; Biraⱪ U ⱨǝⱪⱪaniyning duasini anglar.
30 ३० आँखों की चमक से मन को आनन्द होता है, और अच्छे समाचार से हड्डियाँ पुष्ट होती हैं।
Hux kɵzlǝr kɵngülni xadlandurar; Hux hǝwǝr ustihanlarƣa gɵx-may ⱪondurar.
31 ३१ जो जीवनदायी डाँट कान लगाकर सुनता है, वह बुद्धिमानों के संग ठिकाना पाता है।
Ⱨayatliⱪⱪa elip baridiƣan tǝnbiⱨkǝ ⱪulaⱪ salƣan kixi danalarning ⱪataridin orun alar.
32 ३२ जो शिक्षा को अनसुनी करता, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है, परन्तु जो डाँट को सुनता, वह बुद्धि प्राप्त करता है।
Tǝrbiyǝni rǝt ⱪilƣan ɵz jenini har ⱪilar; Tǝnbiⱨgǝ ⱪulaⱪ salƣan yorutular.
33 ३३ यहोवा के भय मानने से बुद्धि की शिक्षा प्राप्त होती है, और महिमा से पहले नम्रता आती है।
Pǝrwǝrdigardin ⱪorⱪux adǝmgǝ danaliⱪ ɵgitǝr; Awwal kǝmtǝrlik bolsa, andin xɵⱨrǝt kelǝr.