< गिनती 4 >

1 फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى وَهَرُونَ:١
2 “लेवियों में से कहातियों की, उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार, गिनती करो,
«أَحْصِيَا بَنِي قَهَاتَ مِنْ بَيْنِ أَبْنَاءِ لاوِي حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ،٢
3 अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु वालों में, जितने मिलापवाले तम्बू में काम-काज करने को भर्ती हैं।
مِنِ ابْنِ ثَلاثِينَ سَنَةً حَتَّى ابْنِ خَمْسِينَ، مِنَ الْمُتَجَنِّدِينَ لِخِدْمَةِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ.٣
4 और मिलापवाले तम्बू में परमपवित्र वस्तुओं के विषय कहातियों का यह काम होगा,
وَهَذِهِ هِيَ الْخِدْمَةُ الَّتِي تُوْكَلُ إِلَى بَنِي قَهَاتَ فِي خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ: قُدْسُ الأَقْدَاسِ.٤
5 अर्थात् जब जब छावनी का कूच हो तब-तब हारून और उसके पुत्र भीतर आकर, बीचवाले पर्दे को उतार कर उससे साक्षीपत्र के सन्दूक को ढाँप दें;
عِنْدَ وَقْتِ الرَّحِيلِ، يَأْتِي هَرُونُ وَأَبْنَاؤُهُ وَيُنْزِلُونَ الحِجَابَ الْفَاصِلَ، وَيُغَطُّونَ بِهِ تَابُوتَ الشَّهَادَةِ،٥
6 तब वे उस पर सुइसों की खालों का आवरण डालें, और उसके ऊपर सम्पूर्ण नीले रंग का कपड़ा डालें, और सन्दूक में डंडों को लगाएँ।
وَيَضَعُونَ فَوْقَهُ غِطَاءً مِنْ جِلْدِ الدَّلْفِينِ، وَيَبْسُطُونَ فَوْقَهُ ثَوْباً مِنْ قُمَاشٍ أَزْرَقَ ثُمَّ يَضَعُونَ عِصِيَّهُ فِي حَلَقَاتِهَا.٦
7 फिर भेंटवाली रोटी की मेज पर नीला कपड़ा बिछाकर उस पर परातों, धूपदानों, करछों, और उण्डेलने के कटोरों को रखें; और प्रतिदिन की रोटी भी उस पर हो;
وَيَبْسُطُونَ عَلَى مَائِدَةِ خُبْزِ الْوُجُوهِ ثَوْباً مِنْ قُمَاشٍ أَزْرَقَ وَيَضَعُونَ عَلَيْهِ الصِّحَافَ وَالصُّحُونَ وَالْكُئوسَ وَالأَبَارِيقَ الَّتِي تُسْكَبُ بِها الْقَرَابِينُ، وَيَكُونُ الْخُبْزُ الدَّائِمُ مَوْجُوداً عَلَيْهِ،٧
8 तब वे उन पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उसको सुइसों की खालों के आवरण से ढाँपें, और मेज के डंडों को लगा दें।
ثُمَّ يُغَطُّونَهَا بِثَوْبٍ أَحْمَرِ اللَّوْنِ وَيَضَعُونَ فَوْقَهَا غِطَاءً مِنْ جِلْدِ الدَّلْفِينِ وَيُدْخِلُونَ عِصِيَّهَا فِي حَلَقَاتِهَا.٨
9 फिर वे नीले रंग का कपड़ा लेकर दीपकों, गुलतराशों, और गुलदानों समेत उजियाला देनेवाले दीवट को, और उसके सब तेल के पात्रों को, जिनसे उसकी सेवा टहल होती है, ढाँपें;
وَيُغَطُّونَ أَيْضاً الْمَنَارَةَ وَسُرُجَهَا وَمَلاقِطَهَا وَمَنَافِضَهَا، وَسَائِرَ آنِيَةِ زَيْتِهَا الَّتِي يَسْتَعْمِلُونَهَا، بِثَوْبٍ أَزْرَقَ.٩
10 १० तब वे सारे सामान समेत दीवट को सुइसों की खालों के आवरण के भीतर रखकर डंडे पर धर दें।
وَيَلُفُّونَهَا مَعَ جَمِيعِ أَوَانِيهَا بِغِطَاءٍ مِنْ جِلْدِ الدَّلْفِينِ، وَيَضَعُونَهَا عَلَى حَمَّالَةٍ.١٠
11 ११ फिर वे सोने की वेदी पर एक नीला कपड़ा बिछाकर उसको सुइसों की खालों के आवरण से ढाँपें, और उसके डंडों को लगा दें;
وَيَبْسُطُونَ عَلَى مَذْبَحِ الذَّهَبِ ثَوْباً أَزْرَقَ وَيُغَطُّونَهُ بِغِطَاءٍ مِنْ جِلْدِ الدَّلْفِينِ، وَيُدْخِلُونَ عِصِيَّهُ فِي حَلَقَاتِهِ.١١
12 १२ तब वे सेवा टहल के सारे सामान को लेकर, जिससे पवित्रस्थान में सेवा टहल होती है, नीले कपड़े के भीतर रखकर सुइसों की खालों के आवरण से ढाँपें, और डंडे पर धर दें।
وَكَذَلِكَ يَلُفُّونَ جَمِيعَ أَوَانِي الْخِدْمَةِ الَّتِي يَسْتَعْمِلُونَهَا فِي الْقُدْسِ بِثَوْبٍ أَزْرَقَ وَيُغَطُّونَهَا بِغِطَاءٍ مِنَ الدَّلْفِينِ وَيَضَعُونَهَا عَلَى حَمَّالَةٍ١٢
13 १३ फिर वे वेदी पर से सब राख उठाकर वेदी पर बैंगनी रंग का कपड़ा बिछाएँ;
وَيَرْفَعُونَ رَمَادَ الْمَذْبَحِ وَيَبْسُطُونَ عَلَيْهِ ثَوْباً مِنْ قُمَاشٍ بَنَفْسَجِيٍّ،١٣
14 १४ तब जिस सामान से वेदी पर की सेवा टहल होती है वह सब, अर्थात् उसके करछे, काँटे, फावड़ियाँ, और कटोरे आदि, वेदी का सारा सामान उस पर रखें; और उसके ऊपर सुइसों की खालों का आवरण बिछाकर वेदी में डंडों को लगाएँ।
وَيَضَعُونَ عَلَيْهِ جَمِيعَ أَوَانِيهِ الَّتِي يَسْتَعْمِلُونَهَا، الْمَجَامِرَ وَالْمَنَاشِلَ وَالرُّفُوشَ وَالْمَنَاضِحَ، كُلَّ أَوَانِي الْمَذْبَحِ، وَيُغَطُّونَهُ بِغِطَاءٍ مِنْ جِلْدِ الدَّلْفِينِ، ثُمَّ يُدْخِلُونَ عِصِيَّهُ فِي حَلَقَاتِهِ.١٤
15 १५ और जब हारून और उसके पुत्र छावनी के कूच के समय पवित्रस्थान और उसके सारे सामान को ढाँप चुकें, तब उसके बाद कहाती उसके उठाने के लिये आएँ, पर किसी पवित्र वस्तु को न छूएँ, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएँ। कहातियों के उठाने के लिये मिलापवाले तम्बू की ये ही वस्तुएँ हैं।
وَحَالَمَا يَنْتَهِي هَرُونُ وَأَبْنَاؤُهُ مِنْ تَغْطِيَةِ الْقُدْسِ وَجَمِيعِ آنِيَتِهِ عِنْدَ وَقْتِ ارْتِحَالِ الْمُخَيَّمِ، يُقْبِلُ بَنُو قَهَاتَ لِيَحْمِلُوهَا. وَلَكِنْ إِيَّاهُمْ أَنْ يَمَسُّوا الأَشْيَاءَ الْمُقَدَّسَةَ لِئَلّا يَمُوتُوا. هَذِهِ هِيَ مَسْؤولِيَّةُ بَنِي قَهَاتَ فِي حَمْلِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ.١٥
16 १६ “जो वस्तुएँ हारून याजक के पुत्र एलीआजर को देख-रेख के लिये सौंपी जाएँ वे ये हैं, अर्थात् उजियाला देने के लिये तेल, और सुगन्धित धूप, और नित्य अन्नबलि, और अभिषेक का तेल, और सारे निवास, और उसमें की सब वस्तुएँ, और पवित्रस्थान और उसके सम्पूर्ण सामान।”
وَيَكُونُ أَلِعَازَارُ بْنُ هَرُونَ الْكَاهِنِ مَسْؤولاً عَنْ زَيْتِ الإِنَارَةِ، وَعَنِ الْبَخُورِ الْعَطِرِ، وَتَقْدِمَةِ الدَّقِيقِ الْيَوْمِيَّةِ وَدُهْنِ الْمَسْحَةِ وَعَنْ سَائِرِ الْمَسْكَنِ وَمَا فِيهِ مِنَ الْقُدْسِ وَأَوَانِيهِ».١٦
17 १७ फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى وَهَرُونَ:١٧
18 १८ “कहातियों के कुलों के गोत्रों को लेवियों में से नाश न होने देना;
«احْرِصَا أَلّا يَنْقَرِضَ فَرْعُ عَشَائِرِ الْقَهَاتِيِّينَ مِنْ بَيْنِ اللّاوِيِّينَ،١٨
19 १९ उसके साथ ऐसा करो, कि जब वे परमपवित्र वस्तुओं के समीप आएँ, तब न मरें परन्तु जीवित रहें; इस कारण हारून और उसके पुत्र भीतर आकर एक-एक के लिये उसकी सेवकाई और उसका भार ठहरा दें,
بَلِ اعْمَلا هَذَا التَّرْتِيبَ فَيَعِيشُوا وَلا يَمُوتُوا عِنْدَ اقْتِرَابِهِمْ إِلَى قُدْسِ الأَقْدَاسِ. يَدْخُلُ مَعَهُمْ هَرُونُ وَأَبْنَاؤُهُ وَيُعَيِّنُونَ لِكُلِّ إِنْسَانٍ خِدْمَتَهُ وَحِمْلَهُ.١٩
20 २० और वे पवित्र वस्तुओं के देखने को क्षण भर के लिये भी भीतर आने न पाएँ, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएँ।”
وَلَكِنْ إِيَّاهُمْ أَنْ يَدْخُلُوا لِمُشَاهَدَةِ الْقُدْسِ وَلَوْ لِلَحْظَةٍ، لِئَلّا يَهْلِكُوا».٢٠
21 २१ फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى:٢١
22 २२ “गेर्शोनियों की भी गिनती उनके पितरों के घरानों और कुलों के अनुसार कर;
«أَحْصِ عَدَدَ بَنِي جَرْشُونَ أَيْضاً حَسَبَ بُيُوتِ آبَائِهِمْ وَعَشَائِرِهِمْ،٢٢
23 २३ तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु वाले, जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करने को भर्ती हों उन सभी को गिन ले।
مِنِ ابْنِ ثَلاثِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ حَتَّى ابْنِ خَمْسِينَ مِنَ الْمُتَجَنِّدِينَ فِي خِدْمَةِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ.٢٣
24 २४ सेवा करने और भार उठाने में गेर्शोनियों के कुलवालों की यह सेवकाई हो;
وَهَذِهِ هِيَ الخَدَمَاتُ الَّتِي تُوْكَلُ إِلَى عَشَائِرِ الْجَرْشُونِيِّينَ مِنْ عَمَلٍ وَحَمْلٍ:٢٤
25 २५ अर्थात् वे निवास के पटों, और मिलापवाले तम्बू और उसके आवरण, और इसके ऊपरवाले सुइसों की खालों के आवरण, और मिलापवाले तम्बू के द्वार के पर्दे,
يَحْمِلُونَ شُقَقَ الْمَسْكَنِ وَخَيْمَةَ الاجْتِمَاعِ وَغِطَاءَهَا وَغِطَاءَ جِلْدِ الدَّلْفِينِ الَّذِي فَوْقَهَا، وَسِتَارَ مَدْخَلِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ.٢٥
26 २६ और निवास, और वेदी के चारों ओर के आँगन के पर्दों, और आँगन के द्वार के पर्दे, और उनकी डोरियों, और उनमें काम में आनेवाले सारे सामान, इन सभी को वे उठाया करें; और इन वस्तुओं से जितना काम होता है वह सब भी उनकी सेवकाई में आए।
وَأَسْتَارَ السَّاحَةِ الْمُحِيطَةِ بِالْمَسْكَنِ وَالْمَذْبَحِ، وَسِتَارَةَ الْمَدْخَلِ وَالْحِبَالَ وَالأَوَانِي الْمُسْتَخْدَمَةَ فِي خِدْمَتِهَا. وَيُؤَدِّي الْجَرْشُونِيُّونَ جَمِيعَ الْخِدْمَاتِ الْوَاجِبَةِ لَهَا.٢٦
27 २७ और गेर्शोनियों के वंश की सारी सेवकाई हारून और उसके पुत्रों के कहने से हुआ करे, अर्थात् जो कुछ उनको उठाना, और जो-जो सेवकाई उनको करनी हो, उनका सारा भार तुम ही उन्हें सौंपा करो।
وَيَجِبُ أَنْ يَقُومُوا بِخِدْمَتِهِمْ، سَوَاءٌ أَكَانَتْ خِدْمَةَ نَقْلٍ أَمْ أَيَّ عَمَلٍ آخَرَ، تَحْتَ إِشْرَافِ هَرُونَ وَأَبْنَائِهِ. وَعَلَيْكَ أَنْ تُعَيِّنَ لَهُمْ مَا يَتَوَجَّبُ عَلَيْهِمْ حَمْلُهُ.٢٧
28 २८ मिलापवाले तम्बू में गेर्शोनियों के कुलों की यही सेवकाई ठहरे; और उन पर हारून याजक का पुत्र ईतामार अधिकार रखे।
هَذِهِ هِيَ مَسْؤولِيَّةُ عَشَائِرِ الْجَرْشُونِيِّينَ فِي خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ، وَيَكُونُ إِيثَامَارُ بْنُ هَرُونَ الْكَاهِنِ هُوَ الْمُشْرِفُ عَلَى تَأْدِيَةِ وَاجِبَاتِهِمْ.٢٨
29 २९ “फिर मरारियों को भी तू उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिन लें;
وَتُحْصِي بَنِي مَرَارِي حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ،٢٩
30 ३० तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु वाले, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवा करने को भर्ती हों, उन सभी को गिन ले।
مِنِ ابْنِ ثَلاثِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ حَتَّى ابْنِ خَمْسِينَ، مِنَ الْمُتَجَنِّدِينَ فِي خِدْمَةِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ.٣٠
31 ३१ और मिलापवाले तम्बू में की जिन वस्तुओं के उठाने की सेवकाई उनको मिले वे ये हों, अर्थात् निवास के तख्ते, बेंड़े, खम्भे, और कुर्सियाँ,
وَتَكُونُ مَسْؤولِيَّةُ خِدْمَتِهِمْ فِي خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ نَقْلَ أَلْوَاحِ الْمَسْكَنِ وَعَوَارِضِهِ وَأَعْمِدَتِهِ وَقَوَاعِدِهِ،٣١
32 ३२ और चारों ओर आँगन के खम्भे, और इनकी कुर्सियाँ, खूँटे, डोरियाँ, और भाँति-भाँति के काम का सारा सामान ढोने के लिये उनको सौंपा जाए उसमें से एक-एक वस्तु का नाम लेकर तुम गिन लो।
وَأَعْمِدَةِ السَّاحَةِ الْمُحِيطَةِ وَقَوَاعِدِهَا وَأَوْتَادِهَا وَحِبَالِهَا وَأَوَانِيهَا وَكُلِّ مَا يَتَّصِلُ بِخِدْمَتِهَا. وَحَدِّدُوا بِالتَّفْصِيلِ مَا يَتَوَجَّبُ عَلَى كُلِّ رَجُلٍ حَمْلُهُ.٣٢
33 ३३ मरारियों के कुलों की सारी सेवकाई जो उन्हें मिलापवाले तम्बू के विषय करनी होगी वह यही है; वह हारून याजक के पुत्र ईतामार के अधिकार में रहे।”
هَذِهِ هِيَ مَسْؤولِيَّةُ عَشَائِرِ الْمَرَارِيِّينَ الَّتِي يَقُومُونَ بِها فِي خِدْمَةِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ تَحْتَ إِشْرَافِ إِيثَامَارَ بْنِ هَرُونَ الْكَاهِنِ».٣٣
34 ३४ तब मूसा और हारून और मण्डली के प्रधानों ने कहातियों के वंश को, उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार,
فَأَحْصَى مُوسَى وَهَرُونُ وَرُؤَسَاءُ الشَّعْبِ جُمْلَةَ أَبْنَاءِ الْقَهَاتِيِّينَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ،٣٤
35 ३५ तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष की आयु के, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को भर्ती हुए थे, उन सभी को गिन लिया;
مِنِ ابْنِ ثَلاثِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ إِلَى ابْنِ خَمْسِينَ سَنَةً، مِنَ الْمُتَجَنِّدِينَ فِي خِدْمَةِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ.٣٥
36 ३६ और जो अपने-अपने कुल के अनुसार गिने गए, वे दो हजार साढ़े सात सौ थे।
فَكَانَتْ جُمْلَةُ الْمُحْصَيْنَ مِنْهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ أَلْفَيْنِ وَسَبْعَ مِئَةٍ وَخَمْسِينَ.٣٦
37 ३७ कहातियों के कुलों में से जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करनेवाले गिने गए, वे इतने ही थे; जो आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसी के अनुसार मूसा और हारून ने इनको गिन लिया।
هَؤُلاءِ هُمُ الْمُحْصَوْنَ مِنْ عَشَائِرِ الْقَهَاتِيِّينَ الْخَادِمِينَ فِي خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ الَّذِينَ أَحْصَاهُمْ مُوسَى وَهَرُونُ كَمَا أَمَرَ مُوسَى.٣٧
38 ३८ गेर्शोनियों में से जो अपने कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिने गए,
وَتَمَّ إِحْصَاءُ جُمْلَةِ أَبْنَاءِ جَرْشُونَ حَسَب عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ،٣٨
39 ३९ अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु के, जो मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को दल में भर्ती हुए थे,
مِنْ ابْنِ ثَلاثِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ إِلَى ابْنِ خَمْسِينَ سَنَةً، مِنَ الْمُتَجَنِّدِينَ فِي خِدْمَةِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ.٣٩
40 ४० उनकी गिनती उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार दो हजार छः सौ तीस थी।
وَكَانَتْ جُمْلَةُ الْمُحْصَيْنَ مِنْهُم حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ أَلْفَيْنِ وَسِتَّ مِئَةٍ وَثَلاثِينَ.٤٠
41 ४१ गेर्शोनियों के कुलों में से जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करनेवाले गिने गए, वे इतने ही थे; यहोवा की आज्ञा के अनुसार मूसा और हारून ने इनको गिन लिया।
هَؤُلاءِ هُمُ الْمُحْصَوْنَ مِنْ عَشَائِرِ بَنِي جَرْشُونَ الْخَادِمِينَ فِي خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ الَّذِينَ أَحْصَاهُمْ مُوسَى وَهَرُونُ كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ.٤١
42 ४२ फिर मरारियों के कुलों में से जो अपने कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिने गए,
وَتَمَّ إِحْصَاءُ جُمْلَةِ بَنِي مَرَارِي حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ،٤٢
43 ४३ अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु के, जो मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को भर्ती हुए थे,
مِنِ ابْنِ ثَلاثِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ إِلَى ابْنِ خَمْسِينَ سَنَةً، مِنَ الْمُتَجَنِّدِينَ فِي خِدْمَةِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ.٤٣
44 ४४ उनकी गिनती उनके कुलों के अनुसार तीन हजार दो सौ थी।
فَكَانَتْ جُمْلَةُ الْمُحْصَيْنَ مِنْهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ ثَلاثَةَ آلافٍ وَمِئَتَيْنِ.٤٤
45 ४५ मरारियों के कुलों में से जिनको मूसा और हारून ने, यहोवा की उस आज्ञा के अनुसार जो मूसा के द्वारा मिली थी, गिन लिया वे इतने ही थे।
هَؤُلاءِ هُمُ الْمُحْصَوْنَ مِنْ عَشَائِرِ بَنِي مَرَارِي الَّذِينَ أَحْصَاهُمْ مُوسَى وَهَرُونُ حَسَبَ أَمْرِ الَّربِّ عَلَى لِسَانِ مُوسَى.٤٥
46 ४६ लेवियों में से जिनको मूसा और हारून और इस्राएली प्रधानों ने उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिन लिया,
فَكَانَ مَجْمُوعُ الْمُحْصَيْنَ مِنَ اللّاوِيِّينَ الَّذِينَ أَحْصَاهُمْ مُوسَى وَهَرُونُ وَرُؤَسَاءُ إِسْرَائِيلَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ.٤٦
47 ४७ अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु वाले, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने और बोझ उठाने का काम करने को हाजिर होनेवाले थे,
مِنِ ابْنِ ثَلاثَينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ إِلَى ابْنِ خَمْسِينَ سَنَةً، الْمُجَنَّدِينَ فِي عَمَلِ الْخِدْمَةِ فِي خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ وَفِي خِدْمَةِ نَقْلِهَا،٤٧
48 ४८ उन सभी की गिनती आठ हजार पाँच सौ अस्सी थी।
ثَمَانِيَةَ آلافٍ وَخَمْسَ مِئَةٍ وَثَمَانِينَ.٤٨
49 ४९ ये अपनी-अपनी सेवा और बोझ ढोने के लिए यहोवा के कहने पर गए। जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उसी के अनुसार वे गिने गए।
وَكَمَا أَمَرَ الرَّبُّ مُوسَى تَمَّ تَعْيِينُ كُلِّ لاوِيٍّ عَلَى خِدْمَتِهِ وَتَحْدِيدُ مَا يَتَوَجَّبُ عَلَيْهِ حَمْلُهُ. وَهَكَذَا تَمَّ إِحْصَاؤُهُمْ كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ مُوسَى.٤٩

< गिनती 4 >