< गिनती 34 >

1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
And the LORD spoke unto Moses, saying,
2 “इस्राएलियों को यह आज्ञा दे: कि जो देश तुम्हारा भाग होगा वह तो चारों ओर की सीमा तक का कनान देश है, इसलिए जब तुम कनान देश में पहुँचो,
Command the children of Israel, and say unto them, When all of you come into the land of Canaan; (this is the land that shall fall unto you for an inheritance, even the land of Canaan with the coasts thereof: )
3 तब तुम्हारा दक्षिणी प्रान्त सीन नामक जंगल से ले एदोम देश के किनारे-किनारे होता हुआ चला जाए, और तुम्हारी दक्षिणी सीमा खारे ताल के सिरे पर आरम्भ होकर पश्चिम की ओर चले;
Then your south quarter shall be from the wilderness of Zin along by the coast of Edom, and your south border shall be the utmost coast of the salt sea eastward:
4 वहाँ से तुम्हारी सीमा अक्रब्बीम नामक चढ़ाई के दक्षिण की ओर पहुँचकर मुड़े, और सीन तक आए, और कादेशबर्ने के दक्षिण की ओर निकले, और हसरद्दार तक बढ़के अस्मोन तक पहुँचे;
And your border shall turn from the south to the ascent of Akrabbim, and pass on to Zin: and the going forth thereof shall be from the south to Kadeshbarnea, and shall go on to Hazaraddar, and pass on to Azmon:
5 फिर वह सीमा अस्मोन से घूमकर मिस्र के नाले तक पहुँचे, और उसका अन्त समुद्र का तट ठहरे।
And the border shall fetch a compass from Azmon unto the river of Egypt, and the activities out of it shall be at the sea.
6 “फिर पश्चिमी सीमा महासमुद्र हो; तुम्हारी पश्चिमी सीमा यही ठहरे।
And as for the western border, all of you shall even have the great sea for a border: this shall be your west border.
7 “तुम्हारी उत्तरी सीमा यह हो, अर्थात् तुम महासमुद्र से ले होर पर्वत तक सीमा बाँधना;
And this shall be your north border: from the great sea all of you shall point out for you mount Hor:
8 और होर पर्वत से हमात की घाटी तक सीमा बाँधना, और वह सदाद पर निकले;
From mount Hor all of you shall point out your border unto the entrance of Hamath; and the activities out of the border shall be to Zedad:
9 फिर वह सीमा जिप्रोन तक पहुँचे, और हसरेनान पर निकले; तुम्हारी उत्तरी सीमा यही ठहरे।
And the border shall go on to Ziphron, and the activities out of it shall be at Hazarenan: this shall be your north border.
10 १० “फिर अपनी पूर्वी सीमा हसरेनान से शपाम तक बाँधना;
And all of you shall point out your east border from Hazarenan to Shepham:
11 ११ और वह सीमा शपाम से रिबला तक, जो ऐन के पूर्व की ओर है, नीचे को उतरते-उतरते किन्नेरेत नामक ताल के पूर्व से लग जाए;
And the coast shall go down from Shepham to Riblah, on the east side of Ain; and the border shall descend, and shall reach unto the side of the sea of Chinnereth eastward:
12 १२ और वह सीमा यरदन तक उतरकर खारे ताल के तट पर निकले। तुम्हारे देश की चारों सीमाएँ ये ही ठहरें।”
And the border shall go down to Jordan, and the activities out of it shall be at the salt sea: this shall be your land with the coasts thereof round about.
13 १३ तब मूसा ने इस्राएलियों से फिर कहा, “जिस देश के तुम चिट्ठी डालकर अधिकारी होंगे, और यहोवा ने उसे साढ़े नौ गोत्र के लोगों को देने की आज्ञा दी है, वह यही है;
And Moses commanded the children of Israel, saying, This is the land which all of you shall inherit by lot, which the LORD commanded to give unto the nine tribes, and to the half tribe:
14 १४ परन्तु रूबेनियों और गादियों के गोत्र तो अपने-अपने पितरों के कुलों के अनुसार अपना-अपना भाग पा चुके हैं, और मनश्शे के आधे गोत्र के लोग भी अपना भाग पा चुके हैं;
For the tribe of the children of Reuben according to the house of their fathers, and the tribe of the children of Gad according to the house of their fathers, have received their inheritance; and half the tribe of Manasseh have received their inheritance:
15 १५ अर्थात् उन ढाई गोत्रों के लोग यरीहो के पास यरदन के पार पूर्व दिशा में, जहाँ सूर्योदय होता है, अपना-अपना भाग पा चुके हैं।”
The two tribes and the half tribe have received their inheritance on this side Jordan near Jericho eastward, toward the sunrising.
16 १६ फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
And the LORD spoke unto Moses, saying,
17 १७ “जो पुरुष तुम लोगों के लिये उस देश को बाँटेंगे उनके नाम ये हैं एलीआजर याजक और नून का पुत्र यहोशू।
These are the names of the men which shall divide the land unto you: Eleazar the priest, and Joshua the son of Nun.
18 १८ और देश को बाँटने के लिये एक-एक गोत्र का एक-एक प्रधान ठहराना।
And all of you shall take one prince of every tribe, to divide the land by inheritance.
19 १९ और इन पुरुषों के नाम ये हैं यहूदागोत्री यपुन्ने का पुत्र कालेब,
And the names of the men are these: Of the tribe of Judah, Caleb the son of Jephunneh.
20 २० शिमोनगोत्री अम्मीहूद का पुत्र शमूएल,
And of the tribe of the children of Simeon, Shemuel the son of Ammihud.
21 २१ बिन्यामीनगोत्री किसलोन का पुत्र एलीदाद,
Of the tribe of Benjamin, Elidad the son of Chislon.
22 २२ दान के गोत्र का प्रधान योग्ली का पुत्र बुक्की,
And the prince of the tribe of the children of Dan, Bukki the son of Jogli.
23 २३ यूसुफियों में से मनश्शेइयों के गोत्र का प्रधान एपोद का पुत्र हन्नीएल,
The prince of the children of Joseph, for the tribe of the children of Manasseh, Hanniel the son of Ephod.
24 २४ और एप्रैमियों के गोत्र का प्रधान शिप्तान का पुत्र कमूएल,
And the prince of the tribe of the children of Ephraim, Kemuel the son of Shiphtan.
25 २५ जबूलूनियों के गोत्र का प्रधान पर्नाक का पुत्र एलीसापान,
And the prince of the tribe of the children of Zebulun, Elizaphan the son of Parnach.
26 २६ इस्साकारियों के गोत्र का प्रधान अज्जान का पुत्र पलतीएल,
And the prince of the tribe of the children of Issachar, Paltiel the son of Azzan.
27 २७ आशेरियों के गोत्र का प्रधान शलोमी का पुत्र अहीहूद,
And the prince of the tribe of the children of Asher, Ahihud the son of Shelomi.
28 २८ और नप्तालियों के गोत्र का प्रधान अम्मीहूद का पुत्र पदहेल।”
And the prince of the tribe of the children of Naphtali, Pedahel the son of Ammihud.
29 २९ जिन पुरुषों को यहोवा ने कनान देश को इस्राएलियों के लिये बाँटने की आज्ञा दी वे ये ही हैं।
These are they whom the LORD commanded to divide the inheritance unto the children of Israel in the land of Canaan.

< गिनती 34 >