< गिनती 18 >

1 फिर यहोवा ने हारून से कहा, “पवित्रस्थान के विरुद्ध अधर्म का भार तुझ पर, और तेरे पुत्रों और तेरे पिता के घराने पर होगा; और तुम्हारे याजक कर्म के विरुद्ध अधर्म का भार तुझ पर और तेरे पुत्रों पर होगा।
Und der HERR sprach zu Aaron: Du und deine Söhne und deines Vaters Haus mit dir sollt die Missetat des Heiligtums tragen; und du und deine Söhne mit dir sollt die Missetat eures Priestertums tragen.
2 और लेवी का गोत्र, अर्थात् तेरे मूलपुरुष के गोत्रवाले जो तेरे भाई हैं, उनको भी अपने साथ ले आया कर, और वे तुझ से मिल जाएँ, और तेरी सेवा टहल किया करें, परन्तु साक्षीपत्र के तम्बू के सामने तू और तेरे पुत्र ही आया करें।
Aber deine Brüder des Stammes Levis, deines Vaters, sollst du zu dir nehmen, daß sie bei dir seien und dir dienen; du aber und deine Söhne mit dir vor der Hütte des Zeugnisses.
3 जो तुझे सौंपा गया है उसकी और सारे तम्बू की भी वे रक्षा किया करें; परन्तु पवित्रस्थान के पात्रों के और वेदी के समीप न आएँ, ऐसा न हो कि वे और तुम लोग भी मर जाओ।
Und sie sollen deines Dienstes und des Dienstes der ganzen Hütte warten. Doch zu dem Gerät des Heiligtums und zu dem Altar sollen sie nicht nahen, daß nicht beide, sie und ihr, sterbet;
4 अतः वे तुझ से मिल जाएँ, और मिलापवाले तम्बू की सारी सेवकाई की वस्तुओं की रक्षा किया करें; परन्तु जो तेरे कुल का न हो वह तुम लोगों के समीप न आने पाए।
sondern sie sollen bei dir sein, daß sie des Dienstes warten an der Hütte des Stifts in allem Amt der Hütte; und kein Fremder soll sich zu euch tun.
5 और पवित्रस्थान और वेदी की रखवाली तुम ही किया करो, जिससे इस्राएलियों पर फिर मेरा कोप न भड़के।
So wartet nun des Dienstes des Heiligtums und des Dienstes des Altars, daß hinfort nicht mehr ein Wüten komme über die Kinder Israel.
6 परन्तु मैंने आप तुम्हारे लेवी भाइयों को इस्राएलियों के बीच से अलग कर लिया है, और वे मिलापवाले तम्बू की सेवा करने के लिये तुम को और यहोवा को सौंप दिये गए हैं।
Denn siehe, ich habe die Leviten, eure Brüder, genommen aus den Kindern Israel, dem HERRN zum Geschenk, und euch gegeben, daß sie des Amts pflegen an der Hütte des Stifts.
7 पर वेदी की और बीचवाले पर्दे के भीतर की बातों की सेवकाई के लिये तू और तेरे पुत्र अपने याजकपद की रक्षा करना, और तुम ही सेवा किया करना; क्योंकि मैं तुम्हें याजकपद की सेवकाई दान करता हूँ; और जो तेरे कुल का न हो वह यदि समीप आए तो मार डाला जाए।”
Du aber und deine Söhne mit dir sollt eures Priestertums warten, daß ihr dienet in allerlei Geschäft des Altars und inwendig hinter dem Vorhang; denn euer Priestertum gebe ich euch zum Amt, zum Geschenk. Wenn ein Fremder sich herzutut, der soll sterben.
8 फिर यहोवा ने हारून से कहा, “सुन, मैं आप तुझको उठाई हुई भेंट सौंप देता हूँ, अर्थात् इस्राएलियों की पवित्र की हुई वस्तुएँ; जितनी हों उन्हें मैं तेरा अभिषेक वाला भाग ठहराकर तुझे और तेरे पुत्रों को सदा का हक़ करके दे देता हूँ।
Und der HERR sagte zu Aaron: Siehe, ich habe dir gegeben meine Hebopfer von allem, was die Kinder Israel heiligen, als Gebühr dir und deinen Söhnen zum ewigen Recht.
9 जो परमपवित्र वस्तुएँ आग में भस्म न की जाएँगी वे तेरी ही ठहरें, अर्थात् इस्राएलियों के सब चढ़ावों में से उनके सब अन्नबलि, सब पापबलि, और सब दोषबलि, जो वे मुझ को दें, वह तेरे और तेरे पुत्रों के लिये परमपवित्र ठहरें।
Das sollst du haben von dem Hochheiligen: Was nicht angezündet wird von allen ihren Gaben an allen ihren Speisopfern und an allen ihren Sündopfern und an allen ihren Schuldopfern, die sie mir geben, das soll dir und deinen Söhnen ein Hochheiliges sein.
10 १० उनको परमपवित्र वस्तु जानकर खाया करना; उनको हर एक पुरुष खा सकता है; वे तेरे लिये पवित्र हैं।
An einem heiligen Ort sollst du es essen. Was männlich ist, soll davon essen; denn es soll dir heilig sein.
11 ११ फिर ये वस्तुएँ भी तेरी ठहरें, अर्थात् जितनी भेंटें इस्राएली हिलाने के लिये दें, उनको मैं तुझे और तेरे बेटे-बेटियों को सदा का हक़ करके दे देता हूँ; तेरे घराने में जितने शुद्ध हों वह उन्हें खा सकेंगे।
Ich habe auch das Hebopfer ihrer Gabe an allen Webeopfern der Kinder Israel dir gegeben und deinen Söhnen und Töchtern samt dir zum ewigen Recht; wer rein ist in deinem Hause, soll davon essen.
12 १२ फिर उत्तम से उत्तम नया दाखमधु, और गेहूँ, अर्थात् इनकी पहली उपज जो वे यहोवा को दें, वह मैं तुझको देता हूँ।
Alles beste Öl und alles Beste vom Most und Korn, nämlich ihre Erstlinge, die sie dem HERRN geben, habe ich dir gegeben.
13 १३ उनके देश के सब प्रकार की पहली उपज, जो वे यहोवा के लिये ले आएँ, वह तेरी ही ठहरे; तेरे घराने में जितने शुद्ध हों वे उन्हें खा सकेंगे।
Die erste Frucht, die sie dem HERRN bringen von allem, was in ihrem Lande ist, soll dein sein; wer rein ist in deinem Hause, soll davon essen.
14 १४ इस्राएलियों में जो कुछ अर्पण किया जाए वह भी तेरा ही ठहरे।
Alles Verbannte in Israel soll dein sein.
15 १५ सब प्राणियों में से जितने अपनी-अपनी माँ के पहलौठे हों, जिन्हें लोग यहोवा के लिये चढ़ाएँ, चाहे मनुष्य के चाहे पशु के पहलौठे हों, वे सब तेरे ही ठहरें; परन्तु मनुष्यों और अशुद्ध पशुओं के पहिलौठों को दाम लेकर छोड़ देना।
Alles, was die Mutter bricht unter allem Fleisch, das sie dem HERRN bringen, es sei ein Mensch oder Vieh, soll dein sein; doch daß du die erste Menschenfrucht lösen lassest und die erste Frucht eines unreinen Viehs auch lösen lassest.
16 १६ और जिन्हें छुड़ाना हो, जब वे महीने भर के हों तब उनके लिये अपने ठहराए हुए मोल के अनुसार, अर्थात् पवित्रस्थान के बीस गेरा के शेकेल के हिसाब से पाँच शेकेल लेकर उन्हें छोड़ना।
Sie sollen's aber lösen, wenn's einen Monat alt ist; und sollst es zu lösen geben um Geld, um fünf Silberlinge nach dem Lot des Heiligtums, das hat zwanzig Gera.
17 १७ पर गाय, या भेड़ी, या बकरी के पहलौठे को न छोड़ना; वे तो पवित्र हैं। उनके लहू को वेदी पर छिड़क देना, और उनकी चर्बी को बलि करके जलाना, जिससे यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध हो;
Aber die erste Frucht eines Rindes oder Schafes oder einer Ziege sollst du nicht zu lösen geben, denn sie sind heilig; ihr Blut sollst du sprengen auf den Altar, und ihr Fett sollst du anzünden zum Opfer des süßen Geruchs dem HERRN.
18 १८ परन्तु उनका माँस तेरा ठहरे, और हिलाई हुई छाती, और दाहिनी जाँघ भी तेरी ही ठहरे।
Ihr Fleisch soll dein sein, wie auch die Webebrust und die rechte Schulter dein ist.
19 १९ पवित्र वस्तुओं की जितनी भेंटें इस्राएली यहोवा को दें, उन सभी को मैं तुझे और तेरे बेटे-बेटियों को सदा का हक़ करके दे देता हूँ यह तो तेरे और तेरे वंश के लिये यहोवा की सदा के लिये नमक की अटल वाचा है।”
Alle Hebeopfer, die die Kinder Israel heiligen dem HERRN, habe ich dir gegeben und deinen Söhnen und deinen Töchtern samt dir zum ewigen Recht. Das soll ein unverweslicher Bund sein ewig vor dem HERRN, dir und deinem Samen samt dir.
20 २० फिर यहोवा ने हारून से कहा, “इस्राएलियों के देश में तेरा कोई भाग न होगा, और न उनके बीच तेरा कोई अंश होगा; उनके बीच तेरा भाग और तेरा अंश मैं ही हूँ।
Und der HERR sprach zu Aaron: Du sollst in ihrem Lande nichts besitzen, auch kein Teil unter ihnen haben; denn ich bin dein Teil und dein Erbgut unter den Kindern Israel.
21 २१ “फिर मिलापवाले तम्बू की जो सेवा लेवी करते हैं उसके बदले मैं उनको इस्राएलियों का सब दशमांश उनका निज भाग कर देता हूँ।
Den Kindern Levi aber habe ich alle Zehnten gegeben in Israel zum Erbgut für ihr Amt, das sie mir tun an der Hütte des Stifts.
22 २२ और भविष्य में इस्राएली मिलापवाले तम्बू के समीप न आएँ, ऐसा न हो कि उनके सिर पर पाप लगे, और वे मर जाएँ।
Daß hinfort die Kinder Israel nicht zur Hütte des Stifts sich tun, Sünde auf sich zu laden, und sterben;
23 २३ परन्तु लेवी मिलापवाले तम्बू की सेवा किया करें, और उनके अधर्म का भार वे ही उठाया करें; यह तुम्हारी पीढ़ियों में सदा की विधि ठहरे; और इस्राएलियों के बीच उनका कोई निज भाग न होगा।
sondern die Leviten sollen des Amts pflegen an der Hütte des Stifts, und sie sollen jener Missetat tragen zu ewigem Recht bei euren Nachkommen. Und sie sollen unter den Kindern Israel kein Erbgut besitzen;
24 २४ क्योंकि इस्राएली जो दशमांश यहोवा को उठाई हुई भेंट करके देंगे, उसे मैं लेवियों को निज भाग करके देता हूँ, इसलिए मैंने उनके विषय में कहा है, कि इस्राएलियों के बीच कोई भाग उनको न मिले।”
Denn den Zehnten der Kinder Israel, den sie dem HERRN heben, habe ich den Leviten zum Erbgut gegeben. Darum habe ich zu ihnen gesagt, daß sie unter den Kindern Israel kein Erbgut besitzen sollen.
25 २५ फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
Und der HERR redete mit Mose und sprach:
26 २६ “तू लेवियों से कह, कि जब जब तुम इस्राएलियों के हाथ से वह दशमांश लो जिसे यहोवा तुम को तुम्हारा निज भाग करके उनसे दिलाता है, तब-तब उसमें से यहोवा के लिये एक उठाई हुई भेंट करके दशमांश का दशमांश देना।
Sage den Leviten und sprich zu ihnen: Wenn ihr den Zehnten nehmt von den Kindern Israel, den ich euch von ihnen gegeben habe zu eurem Erbgut, so sollt ihr davon ein Hebeopfer dem HERRN tun, je den Zehnten von dem Zehnten;
27 २७ और तुम्हारी उठाई हुई भेंट तुम्हारे हित के लिये ऐसी गिनी जाएगी जैसा खलिहान में का अन्न, या रसकुण्ड में का दाखरस गिना जाता है।
und sollt solch euer Hebeopfer achten, als gäbet ihr Korn aus der Scheune und Fülle aus der Kelter.
28 २८ इस रीति तुम भी अपने सब दशमांशों में से, जो इस्राएलियों की ओर से पाओगे, यहोवा को एक उठाई हुई भेंट देना; और यहोवा की यह उठाई हुई भेंट हारून याजक को दिया करना।
Also sollt auch ihr das Hebeopfer dem HERRN geben von allen euren Zehnten, die ihr nehmt von den Kindern Israel, daß ihr solches Hebopfer des HERRN dem Priester Aaron gebet.
29 २९ जितने दान तुम पाओ उनमें से हर एक का उत्तम से उत्तम भाग, जो पवित्र ठहरा है, उसे यहोवा के लिये उठाई हुई भेंट करके पूरी-पूरी देना।
Von allem, was euch gegeben wird, sollt ihr dem HERRN allerlei Hebopfer geben, von allem Besten das, was davon geheiligt wird.
30 ३० इसलिए तू लेवियों से कह, कि जब तुम उसमें का उत्तम से उत्तम भाग उठाकर दो, तब यह तुम्हारे लिये खलिहान में के अन्न, और रसकुण्ड के रस के तुल्य गिना जाएगा;
Und sprich zu ihnen: Wenn ihr also das Beste davon hebt, so soll's den Leviten gerechnet werden wie ein Einkommen der Scheune und wie ein Einkommen der Kelter.
31 ३१ और उसको तुम अपने घरानों समेत सब स्थानों में खा सकते हो, क्योंकि मिलापवाले तम्बू की जो सेवा तुम करोगे उसका बदला यही ठहरा है।
Ihr möget's essen an allen Stätten, ihr und eure Kinder; denn es ist euer Lohn für euer Amt in der Hütte des Stifts.
32 ३२ और जब तुम उसका उत्तम से उत्तम भाग उठाकर दो तब उसके कारण तुम को पाप न लगेगा। परन्तु इस्राएलियों की पवित्र की हुई वस्तुओं को अपवित्र न करना, ऐसा न हो कि तुम मर जाओ।”
So werdet ihr nicht Sünde auf euch laden an demselben, wenn ihr das Beste davon hebt, und nicht entweihen das Geheiligte der Kinder Israel und nicht sterben.

< गिनती 18 >