< गिनती 17 >

1 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى:١
2 “इस्राएलियों से बातें करके उनके पूर्वजों के घरानों के अनुसार, उनके सब प्रधानों के पास से एक-एक छड़ी ले; और उन बारह छड़ियों में से एक-एक पर एक-एक के मूलपुरुष का नाम लिख,
«كَلِّمْ بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَخُذْ مِنْهُمْ اثْنَتَيْ عَشْرَةَ عَصاً، وَاحِدَةً مِنْ كُلِّ رَئِيسِ سِبْطٍ مِنْ أَسْبَاطِ آبَائِهِمْ، وَاحْفُرِ اسْمَ كُلِّ وَاحِدٍ مِنْهُمْ عَلَى عَصَاهُ.٢
3 और लेवियों की छड़ी पर हारून का नाम लिख। क्योंकि इस्राएलियों के पूर्वजों के घरानों के एक-एक मुख्य पुरुष की एक-एक छड़ी होगी।
وَاحْفُرِ اسْمَ هَرُونَ عَلَى عَصَا لاوِي، لأَنَّ لِرَئِيسِ بَيْتِ آبَائِهِمْ عَصاً وَاحِدَةً.٣
4 और उन छड़ियों को मिलापवाले तम्बू में साक्षीपत्र के आगे, जहाँ मैं तुम लोगों से मिला करता हूँ, रख दे।
وَضَعِ الْعِصِيَّ فِي خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ أَمَامَ الشَّهَادَةِ حَيْثُ أَجْتَمِعُ بِكُمْ.٤
5 और जिस पुरुष को मैं चुनूँगा उसकी छड़ी में कलियाँ फूट निकलेंगी; और इस्राएली जो तुम पर बुड़बुड़ाते रहते हैं, वह बुड़बुड़ाना मैं अपने ऊपर से दूर करूँगा।”
فَالرَّجُلُ الَّذِي أَخْتَارُهُ تُوْرِقُ عَصَاهُ، وَبِذَلِكَ أَضَعُ حَدّاً لِتَذَمُّرَاتِ بَنِي إِسْرَائِيلَ الَّتِي تَرْتَفِعُ ضِدَّكُمَا».٥
6 अतः मूसा ने इस्राएलियों से यह बात कही; और उनके सब प्रधानों ने अपने-अपने लिए, अपने-अपने पूर्वजों के घरानों के अनुसार, एक-एक छड़ी उसे दी, सो बारह छड़ियाँ हुई; और उन छड़ियों में हारून की भी छड़ी थी।
فَأَبْلَغَ مُوسَى ذَلِكَ بَنِي إِسْرَائِيلَ، فَأَعْطَاهُ كُلُّ وَاحِدٍ مِنْ رُؤَسَائِهِمْ عَصاً بِحَسَبِ أَسْبَاطِهِمْ فَكَانَتِ اثْنَتَيْ عَشْرَةَ عَصاً. وَكَانَتْ عَصَا هَرُونَ مِنْ بَيْنِ عِصِيِّهِمْ.٦
7 उन छड़ियों को मूसा ने साक्षीपत्र के तम्बू में यहोवा के सामने रख दिया।
فَوَضَعَ مُوسَى الْعِصِيَّ أَمَامَ الرَّبِّ فِي خَيْمَةِ الشَّهَادَةِ.٧
8 दूसरे दिन मूसा साक्षीपत्र के तम्बू में गया; तो क्या देखा, कि हारून की छड़ी जो लेवी के घराने के लिये थी उसमें कलियाँ फूट निकली, उसमें कलियाँ लगीं, और फूल भी फूले, और पके बादाम भी लगे हैं।
وَفِي الْيَوْمِ التَّالِي دَخَلَ مُوسَى إِلَى خَيْمَةِ الشَّهَادَةِ فَوَجَدَ أَنَّ عَصَا هَرُونَ الَّتِي تُمَثِّلُ سِبْطَ لاوِي قَدْ أَوْرَقَتْ، إِذْ أَخْرَجَتْ فُرُوخاً وَأَزْهَرَتْ وَأَثْمَرَتْ لَوْزاً نَاضِجاً.٨
9 तब मूसा उन सब छड़ियों को यहोवा के सामने से निकालकर सब इस्राएलियों के पास ले गया; और उन्होंने अपनी-अपनी छड़ी पहचानकर ले ली।
فَأَخْرَجَ مُوسَى جَمِيعَ الْعِصِيِّ مِنْ حَضْرَةِ الرَّبِّ لِيَتَفَحَّصَهَا بَنُو إِسْرَائِيلَ كُلُّهُمْ، فَأَخَذَ كُلُّ وَاحِدٍ عَصَاهُ.٩
10 १० फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून की छड़ी को साक्षीपत्र के सामने फिर रख दे, कि यह उन बलवा करनेवालों के लिये एक निशान बनकर रखी रहे, कि तू उनका बुड़बुड़ाना जो मेरे विरुद्ध होता रहता है भविष्य में रोक सके, ऐसा न हो कि वे मर जाएँ।”
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: «رُدَّ عَصَا هَرُونَ إِلَى أَمَامِ تَابُوتِ الْعَهْدِ وَاحْفَظْهَا لِتَكُونَ عِبْرَةً لِلْمُتَمَرِّدِينَ، فَتَكُفَّ تَذَمُّرَاتُهُمْ عَنِّي لِئَلّا يَهْلِكُوا».١٠
11 ११ और मूसा ने यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार ही किया।
فَفَعَلَ مُوسَى بِمُقْتَضَى أَمْرِ الرَّبِّ.١١
12 १२ तब इस्राएली मूसा से कहने लगे, देख, “हमारे प्राण निकलने वाले हैं, हम नष्ट हुए, हम सब के सब नष्ट हुए जाते हैं।
وَقَالَ بَنُو إِسْرَائِيلَ لِمُوسَى: «إِنَّنَا انْقَرَضْنَا وَهَلَكْنَا جَمِيعاً،١٢
13 १३ जो कोई यहोवा के निवास के तम्बू के समीप जाता है वह मारा जाता है। तो क्या हम सब के सब मर ही जाएँगे?”
لأَنَّ كُلَّ مَنِ اقْتَرَبَ إِلَى مَسْكَنِ الرَّبِّ يَمُوتُ. تُرَى أَنَفْنَى كُلُّنَا؟»١٣

< गिनती 17 >