< गिनती 16 >
1 १ कोरह जो लेवी का परपोता, कहात का पोता, और यिसहार का पुत्र था, वह एलीआब के पुत्र दातान और अबीराम, और पेलेत के पुत्र ओन,
Or voilà que Corée, fils d’Isaar, fils de Caath, fils de Lévi, et Dathan et Abiron, les fils d’Eliab, et de plus Hon, fils de Phéleth d’entre les fils de Ruben,
2 २ इन तीनों रूबेनियों से मिलकर मण्डली के ढाई सौ प्रधान, जो सभासद और नामी थे, उनको संग लिया;
S’élevèrent contre Moïse, ainsi que deux cent cinquante autres hommes des enfants d’Israël, princes de la synagogue, et qui, au temps du conseil, étaient nommément appelés.
3 ३ और वे मूसा और हारून के विरुद्ध उठ खड़े हुए, और उनसे कहने लगे, “तुम ने बहुत किया, अब बस करो; क्योंकि सारी मण्डली का एक-एक मनुष्य पवित्र है, और यहोवा उनके मध्य में रहता है; इसलिए तुम यहोवा की मण्डली में ऊँचे पदवाले क्यों बन बैठे हो?”
Comme donc ils résistaient à Moïse et à Aaron, ils dirent: Qu’il vous suffise que toute la multitude soit une multitude de saints, et que le Seigneur soit au milieu d’eux. Pourquoi vous élevez-vous au-dessus du peuple du Seigneur?
4 ४ यह सुनकर मूसा अपने मुँह के बल गिरा;
Ce qu’ayant entendu Moïse, il tomba incliné sur sa face,
5 ५ फिर उसने कोरह और उसकी सारी मण्डली से कहा, “सवेरे को यहोवा दिखा देगा कि उसका कौन है, और पवित्र कौन है, और उसको अपने समीप बुला लेगा; जिसको वह आप चुन लेगा उसी को अपने समीप बुला भी लेगा।
Et parlant à Coré et à toute la troupe: Demain matin, dit-il, le Seigneur fera connaître ceux qui lui appartiennent, et il attachera à lui les saints; et ceux qu’il aura choisis s’approcheront de lui.
6 ६ इसलिए, हे कोरह, तुम अपनी सारी मण्डली समेत यह करो, अर्थात् अपना-अपना धूपदान ठीक करो;
Faites donc ceci: Que chacun prenne son encensoir, toi, Coré, et tout ton conseil.
7 ७ और कल उनमें आग रखकर यहोवा के सामने धूप देना, तब जिसको यहोवा चुन ले वही पवित्र ठहरेगा। हे लेवियों, तुम भी बड़ी-बड़ी बातें करते हो, अब बस करो।”
Et ayant pris demain du feu, mettez dessus de l’encens devant le Seigneur, et celui qu’il aura choisi, celui-là même sera saint. Vous vous élevez beaucoup, fils de Lévi.
8 ८ फिर मूसा ने कोरह से कहा, “हे लेवियों, सुनो,
Il dit encore à Coré: Ecoutez, fils de Lévi;
9 ९ क्या यह तुम्हें छोटी बात जान पड़ती है कि इस्राएल के परमेश्वर ने तुम को इस्राएल की मण्डली से अलग करके अपने निवास की सेवकाई करने, और मण्डली के सामने खड़े होकर उसकी भी सेवा टहल करने के लिये अपने समीप बुला लिया है;
Est-ce peu pour vous, que le Dieu d’Israël vous ait séparé de tout le peuple, et vous ait attaché à lui, afin que vous le serviez dans le culte du tabernacle, que vous assistiez devant la foule du peuple, et que vous exerciez le ministère pour le Seigneur?
10 १० और तुझे और तेरे सब लेवी भाइयों को भी अपने समीप बुला लिया है? फिर भी तुम याजकपद के भी खोजी हो?
Est-ce pour cela qu’il t’a fait approcher de lui, toi et tous tes frères, enfants de Lévi, afin que vous vous arrogiez même le sacerdoce,
11 ११ और इसी कारण तूने अपनी सारी मण्डली को यहोवा के विरुद्ध इकट्ठी किया है; हारून कौन है कि तुम उस पर बुड़बुड़ाते हो?”
Et que toute ta troupe résiste au Seigneur? Qu’est-ce, en effet, qu’Aaron, pour que vous murmuriez contre lui?
12 १२ फिर मूसा ने एलीआब के पुत्र दातान और अबीराम को बुलवा भेजा; परन्तु उन्होंने कहा, “हम तेरे पास नहीं आएँगे।
Moïse envoya donc appeler Dathan et Abiron, fils d’Eliab. Ils répondirent: Nous n’irons pas.
13 १३ क्या यह एक छोटी बात है कि तू हमको ऐसे देश से जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती है इसलिए निकाल लाया है, कि हमें जंगल में मार डालें, फिर क्या तू हमारे ऊपर प्रधान भी बनकर अधिकार जताता है?
Est-ce peu pour vous, que vous nous ayez retirés d’une terre où coulaient du lait et du miel, pour nous faire mourir dans le désert, si de plus vous ne nous dominez point?
14 १४ फिर तू हमें ऐसे देश में जहाँ दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं नहीं पहुँचाया, और न हमें खेतों और दाख की बारियों का अधिकारी बनाया। क्या तू इन लोगों की आँखों में धूल डालेगा? हम तो नहीं आएँगे।”
À la vérité, vous nous avez conduits dans une terre, où coulent des ruisseaux de lait et de miel, et vous nous avez donné des possessions de champs et de vignes; est-ce que vous voulez aussi nous arracher les yeux? Nous n’irons pas.
15 १५ तब मूसा का कोप बहुत भड़क उठा, और उसने यहोवा से कहा, “उन लोगों की भेंट की ओर दृष्टि न कर। मैंने तो उनसे एक गदहा भी नहीं लिया, और न उनमें से किसी की हानि की है।”
Or, Moïse fort irrité, dit au Seigneur: Ne regardez point leurs sacrifices; vous savez que je n’ai jamais reçu d’eux pas même un ânon, et que je n’ai affligé aucun deux.
16 १६ तब मूसा ने कोरह से कहा, “कल तू अपनी सारी मण्डली को साथ लेकर हारून के साथ यहोवा के सामने हाजिर होना;
Et il dit à Coré: Toi et toute ton assemblée, tenez-vous demain d’un côté devant le Seigneur, et Aaron d’un autre.
17 १७ और तुम सब अपना-अपना धूपदान लेकर उनमें धूप देना, फिर अपना-अपना धूपदान जो सब समेत ढाई सौ होंगे यहोवा के सामने ले जाना; विशेष करके तू और हारून अपना-अपना धूपदान ले जाना।”
Prenez chacun vos encensoirs, et mettez-y de l’encens, offrant au Seigneur deux cent cinquante encensoirs; qu’Aaron tienne aussi son encensoir.
18 १८ इसलिए उन्होंने अपना-अपना धूपदान लेकर और उनमें आग रखकर उन पर धूप डाला; और मूसा और हारून के साथ मिलापवाले तम्बू के द्वार पर खड़े हुए।
Lorsqu’ils eurent fait cela, Moïse et Aaron étant présents,
19 १९ और कोरह ने सारी मण्डली को उनके विरुद्ध मिलापवाले तम्बू के द्वार पर इकट्ठा कर लिया। तब यहोवा का तेज सारी मण्डली को दिखाई दिया।
Et qu’ils eurent réuni contre eux toute la multitude à la porte du tabernacle, la gloire du Seigneur apparut à tous.
20 २० तब यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
Et le Seigneur ayant parlé à Moïse et à Aaron, dit:
21 २१ “उस मण्डली के बीच में से अलग हो जाओ कि मैं उन्हें पल भर में भस्म कर डालूँ।”
Séparez-vous du milieu de cette assemblée, afin que je les détruise soudain.
22 २२ तब वे मुँह के बल गिरकर कहने लगे, “हे परमेश्वर, हे सब प्राणियों के आत्माओं के परमेश्वर, क्या एक पुरुष के पाप के कारण तेरा क्रोध सारी मण्डली पर होगा?”
Ceux-ci tombèrent inclinés sur leur face et dirent: Dieu très fort des esprits de toute chair, est-ce qu’un seul péchant, votre colère sévira contre tous.
23 २३ यहोवा ने मूसा से कहा,
Et le Seigneur repartit à Moïse:
24 २४ “मण्डली के लोगों से कह कि कोरह, दातान, और अबीराम के तम्बुओं के आस-पास से हट जाओ।”
Ordonne à tout le peuple qu’il se sépare des tentes de Coré, de Dathan et d’Abiron.
25 २५ तब मूसा उठकर दातान और अबीराम के पास गया; और इस्राएलियों के वृद्ध लोग उसके पीछे-पीछे गए।
Et Moïse se leva, alla vers Dathan et Abiron, et les anciens d’Israël le suivant,
26 २६ और उसने मण्डली के लोगों से कहा, “तुम उन दुष्ट मनुष्यों के डेरों के पास से हट जाओ, और उनकी कोई वस्तु न छूओ, कहीं ऐसा न हो कि तुम भी उनके सब पापों में फँसकर मिट जाओ।”
Il dit à la multitude: Retirez-vous des tentes de ces hommes impies et ne touchez pas ce qui leur appartient, de peur que vous ne soyez enveloppés dans leurs péchés.
27 २७ यह सुनकर लोग कोरह, दातान, और अबीराम के तम्बुओं के आस-पास से हट गए; परन्तु दातान और अबीराम निकलकर अपनी पत्नियों, बेटों, और बाल-बच्चों समेत अपने-अपने डेरे के द्वार पर खड़े हुए।
Or lorsqu’ils se furent retirés de leurs tentes tout autour, Dathan et Abiron, sortis se tenaient à l’entrée de leurs pavillons avec leurs femmes, leurs enfants, et tous les leurs.
28 २८ तब मूसा ने कहा, “इससे तुम जान लोगे कि यहोवा ने मुझे भेजा है कि यह सब काम करूँ, क्योंकि मैंने अपनी इच्छा से कुछ नहीं किया।
Alors Moïse dit: En ceci vous connaîtrez que le Seigneur m’a envoyé pour faire tout ce que vous voyez, et que je n’ai rien produit de mon propre esprit:
29 २९ यदि उन मनुष्यों की मृत्यु और सब मनुष्यों के समान हो, और उनका दण्ड सब मनुष्यों के समान हो, तब जानो कि मैं यहोवा का भेजा हुआ नहीं हूँ।
S’ils meurent d’une mort ordinaire aux hommes, et s’ils sont visités de la plaie dont tous les autres ont coutume d’être visités, le Seigneur ne ma pas envoyé;
30 ३० परन्तु यदि यहोवा अपनी अनोखी शक्ति प्रगट करे, और पृथ्वी अपना मुँह पसारकर उनको, और उनका सब कुछ निगल जाए, और वे जीते जी अधोलोक में जा पड़ें, तो तुम समझ लो कि इन मनुष्यों ने यहोवा का अपमान किया है।” (Sheol )
Mais si le Seigneur fait une chose nouvelle: si la terre ouvrant sa bouche les engloutit, eux et tout ce qui leur appartient, et qu’ils descendent vivants dans l’enfer, vous saurez qu’ils ont blasphémé le Seigneur. (Sheol )
31 ३१ वह ये सब बातें कह ही चुका था कि भूमि उन लोगों के पाँव के नीचे फट गई;
Aussitôt qu’il cessa de parler, la terre se fendit sous leurs pieds;
32 ३२ और पृथ्वी ने अपना मुँह खोल दिया और उनको और उनके समस्त घरबार का सामान, और कोरह के सब मनुष्यों और उनकी सारी सम्पत्ति को भी निगल लिया।
Et ouvrant sa bouche, elle les dévora avec leurs tentes et tout leur avoir;
33 ३३ और वे और उनका सारा घरबार जीवित ही अधोलोक में जा पड़े; और पृथ्वी ने उनको ढाँप लिया, और वे मण्डली के बीच में से नष्ट हो गए। (Sheol )
Et ils descendirent vivants dans l’enfer, recouverts par la terre, et ils périrent du milieu de la multitude. (Sheol )
34 ३४ और जितने इस्राएली उनके चारों ओर थे वे उनका चिल्लाना सुन यह कहते हुए भागे, “कहीं पृथ्वी हमको भी निगल न ले!”
Cependant tout Israël qui se tenait là autour, s’enfuit au cri de ceux qui périssaient, disant: C’est de peur que la terre ne nous engloutisse aussi.
35 ३५ तब यहोवा के पास से आग निकली, और उन ढाई सौ धूप चढ़ानेवालों को भस्म कर डाला।
En même temps un feu sorti du Seigneur tua les deux cent cinquante hommes qui offraient de l’encens.
36 ३६ तब यहोवा ने मूसा से कहा,
Et le Seigneur parla à Moïse, disant:
37 ३७ “हारून याजक के पुत्र एलीआजर से कह कि उन धूपदानों को आग में से उठा ले; और आग के अंगारों को उधर ही छितरा दे, क्योंकि वे पवित्र हैं।
Ordonne à Éléazar, fils d’Aaron, le prêtre, qu’il prenne les encensoirs, qui sont par terre au milieu de l’embrasement, et qu’il disperse le feu çà et là, parce qu’ils ont été sanctifiés
38 ३८ जिन्होंने पाप करके अपने ही प्राणों की हानि की है, उनके धूपदानों के पत्तर पीट-पीट कर बनाए जाएँ जिससे कि वह वेदी के मढ़ने के काम आए; क्योंकि उन्होंने यहोवा के सामने रखा था; इससे वे पवित्र हैं। इस प्रकार वह इस्राएलियों के लिये एक निशान ठहरेगा।”
Par la mort des pécheurs; qu’il les réduise en lames, et qu’il les attache à l’autel, parce qu’on y a offert de l’encens au Seigneur, et qu’ils ont été sanctifiés, afin que les enfants d’Israël les voient comme un signe et un monument.
39 ३९ इसलिए एलीआजर याजक ने उन पीतल के धूपदानों को, जिनमें उन जले हुए मनुष्यों ने धूप चढ़ाया था, लेकर उनके पत्तर पीटकर वेदी के मढ़ने के लिये बनवा दिए,
Eléazar, le prêtre, prit donc les encensoirs d’airain dans lesquels avaient offert de l’encens ceux que l’embrasement dévora, et il les réduisit en lames, les attachant à l’autel,
40 ४० कि इस्राएलियों को इस बात का स्मरण रहे कि कोई दूसरा, जो हारून के वंश का न हो, यहोवा के सामने धूप चढ़ाने को समीप न जाए, ऐसा न हो कि वह भी कोरह और उसकी मण्डली के समान नष्ट हो जाए, जैसे कि यहोवा ने मूसा के द्वारा उसको आज्ञा दी थी।
Afin que les enfants d’Israël eussent dans la suite de quoi les avertir, que quelqu’un d’étranger et qui n’était pas de la race d’Aaron, ne devait pas offrir de l’encens au Seigneur, de peur qu’il ne lui arrivât ce qui arriva à Coré et à toute sa troupe, lorsque le Seigneur parla à Moïse.
41 ४१ दूसरे दिन इस्राएलियों की सारी मण्डली यह कहकर मूसा और हारून पर बुड़बुड़ाने लगी, “यहोवा की प्रजा को तुम ने मार डाला है।”
Or toute la multitude des enfants d’Israël murmura le jour suivant contre Moïse et Aaron, disant: C’est vous qui avez tué le peuple du Seigneur.
42 ४२ और जब मण्डली के लोग मूसा और हारून के विरुद्ध इकट्ठे हो रहे थे, तब उन्होंने मिलापवाले तम्बू की ओर दृष्टि की; और देखा, कि बादल ने उसे छा लिया है, और यहोवा का तेज दिखाई दे रहा है।
Et comme la sédition s’élevait et que le tumulte croissait,
43 ४३ तब मूसा और हारून मिलापवाले तम्बू के सामने आए,
Moïse et Aaron s’enfuirent au tabernacle d’alliance. Lorsqu’ils furent entrés, la nuée se couvrit, et la gloire du Seigneur apparut,
44 ४४ तब यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
Et le Seigneur dit à Moïse:
45 ४५ “तुम उस मण्डली के लोगों के बीच से हट जाओ, कि मैं उन्हें पल भर में भस्म कर डालूँ।” तब वे मुँह के बल गिरे।
Retirez-vous du milieu de cette multitude, maintenant même je les détruirai. Et comme ils étaient couchés sur la terre,
46 ४६ और मूसा ने हारून से कहा, “धूपदान को लेकर उसमें वेदी पर से आग रखकर उस पर धूप डाल, मण्डली के पास फुर्ती से जाकर उसके लिये प्रायश्चित कर; क्योंकि यहोवा का कोप अत्यन्त भड़का है, और मरी फैलने लगी है।”
Moïse dit à Aaron: Prends l’encensoir, et ayant pris, du feu de l’autel, mets de l’encens par dessus, et va aussitôt vers le peuple, afin que tu pries pour lui; car déjà la colère est sortie du Seigneur, et la plaie sévit avec violence,
47 ४७ मूसा की आज्ञा के अनुसार हारून धूपदान लेकर मण्डली के बीच में दौड़ा गया; और यह देखकर कि लोगों में मरी फैलने लगी है, उसने धूप जलाकर लोगों के लिये प्रायश्चित किया।
Aaron l’ayant fait, et ayant couru au milieu de la multitude que déjà ravageait l’embrasement, offrit de l’encens.
48 ४८ और वह मुर्दों और जीवित के मध्य में खड़ा हुआ; तब मरी थम गई।
Et se tenant entre les morts et les vivants, il pria pour le peuple, et la plaie cessa.
49 ४९ और जो कोरह के संग भागी होकर मर गए थे, उन्हें छोड़ जो लोग इस मरी से मर गए वे चौदह हजार सात सौ थे।
Or il y eut de ceux qui furent frappés, quatorze mille et sept cents hommes, outre ceux qui avaient péri dans la sédition de Coré.
50 ५० तब हारून मिलापवाले तम्बू के द्वार पर मूसा के पास लौट गया, और मरी थम गई।
Et Aaron retourna vers Moïse à la porte du tabernacle d’alliance, après que la mort se fut arrêté.