< गिनती 16 >

1 कोरह जो लेवी का परपोता, कहात का पोता, और यिसहार का पुत्र था, वह एलीआब के पुत्र दातान और अबीराम, और पेलेत के पुत्र ओन,
وَشَرَعَ قُورَحُ بْنُ يِصْهَارَ بْنِ قَهَاتَ بْنِ لاوِي، وَدَاثَانُ وَأَبِيرَامُ ابْنَا أَلِيَآبَ، وَأُونُ بْنُ فَالَتَ مِنْ سِبْطِ رَأُوبَيْنَ،١
2 इन तीनों रूबेनियों से मिलकर मण्डली के ढाई सौ प्रधान, जो सभासद और नामी थे, उनको संग लिया;
يَتَآمَرُونَ عَلَى مُوسَى، مَعَ مِئَتَيْنِ وَخَمْسِينَ مِنْ رُؤَسَاءِ جَمَاعَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، ذَوِي الْمَكَانَةِ مِمَّنْ تَمَّ تَعْيِينُهُمْ فِي الْمَجْلِسِ.٢
3 और वे मूसा और हारून के विरुद्ध उठ खड़े हुए, और उनसे कहने लगे, “तुम ने बहुत किया, अब बस करो; क्योंकि सारी मण्डली का एक-एक मनुष्य पवित्र है, और यहोवा उनके मध्य में रहता है; इसलिए तुम यहोवा की मण्डली में ऊँचे पदवाले क्यों बन बैठे हो?”
هَؤُلاءِ تَأَلَّبُوا عَلَى مُوسَى وَهَرُونَ وَقَالُوا: «حَسْبُكُمَا! إِنَّ كُلَّ الْجَمَاعَةِ بِأَسْرِهَا مُقَدَّسَةٌ، وَفِي وَسَطِهَا الرَّبُّ. فَمَا بَالُكُمَا تَتَرَفَّعَانِ عَلَى جَمَاعَةِ الرَّبِّ؟»٣
4 यह सुनकर मूसा अपने मुँह के बल गिरा;
فَلَمَّا سَمِعَ مُوسَى هَذَا، أَكَبَّ عَلَى وَجْهِهِ،٤
5 फिर उसने कोरह और उसकी सारी मण्डली से कहा, “सवेरे को यहोवा दिखा देगा कि उसका कौन है, और पवित्र कौन है, और उसको अपने समीप बुला लेगा; जिसको वह आप चुन लेगा उसी को अपने समीप बुला भी लेगा।
ثُمَّ قَالَ لِقُورَحَ وَسَائِرِ جَمَاعَتِهِ: «غَداً يُعْلِنُ الرَّبُّ مَنْ هُوَ لَهُ، وَمَنْ هُوَ الْمُقَدَّسُ فَيُقَرِّبُهُ مِنْهُ.٥
6 इसलिए, हे कोरह, तुम अपनी सारी मण्डली समेत यह करो, अर्थात् अपना-अपना धूपदान ठीक करो;
وَلَكِنْ يَا قُورَحُ افْعَلْ هَذَا أَنْتَ وَجَمَاعَتُكَ: خُذُوا لَكُمْ مَجَامِرَ،٦
7 और कल उनमें आग रखकर यहोवा के सामने धूप देना, तब जिसको यहोवा चुन ले वही पवित्र ठहरेगा। हे लेवियों, तुम भी बड़ी-बड़ी बातें करते हो, अब बस करो।”
وَضَعُوا فِيهَا نَاراً وَبَخُوراً أَمَامَ الرَّبِّ غَداً. وَالرَّجُلُ الَّذِي يَخْتَارُهُ الرَّبُّ يَكُونُ هُوَ الْمُقَدَّسُ، فَحَسْبُكُمْ أَيُّهَا اللّاوِيُّونَ!»٧
8 फिर मूसा ने कोरह से कहा, “हे लेवियों, सुनो,
وَأَضَافَ مُوسَى قَائِلاً لِقُورَحَ: «اسْتَمِعُوا يَا بَنِي لاوِي،٨
9 क्या यह तुम्हें छोटी बात जान पड़ती है कि इस्राएल के परमेश्वर ने तुम को इस्राएल की मण्डली से अलग करके अपने निवास की सेवकाई करने, और मण्डली के सामने खड़े होकर उसकी भी सेवा टहल करने के लिये अपने समीप बुला लिया है;
أَلَمْ يَكْفِكُمْ أَنَّ إِلَهَ إِسْرَائِيلَ قَدْ أَفْرَزَكُمْ مِنْ بَيْنِ الشَّعْبِ لِيُقَرِّبَكُمْ إِلَيْهِ لِكَيْ تَخْدِمُوا مَسْكَنَ الرَّبِّ وَتَقِفُوا فِي حَضْرَةِ الشَّعْبِ كُلِّهِ لِخِدْمَتِهِ.٩
10 १० और तुझे और तेरे सब लेवी भाइयों को भी अपने समीप बुला लिया है? फिर भी तुम याजकपद के भी खोजी हो?
فَقَرَّبَكَ مَعَ بَقِيَّةِ إِخْوَتِكَ مِنْ بَنِي لاوِي، حَتَّى صِرْتُمْ تَطْمَعُونَ فِي الْكَهَنُوتِ.١٠
11 ११ और इसी कारण तूने अपनी सारी मण्डली को यहोवा के विरुद्ध इकट्ठी किया है; हारून कौन है कि तुम उस पर बुड़बुड़ाते हो?”
إِذَنْ أَنْتَ وَكُلُّ جَمَاعَتِكَ قَدْ تَأَلَّبْتُمْ عَلَى الرَّبِّ، لأَنَّهُ مَنْ هُوَ هَرُونُ حَتَّى تَتَذَمَّرُوا عَلَيْهِ؟»١١
12 १२ फिर मूसा ने एलीआब के पुत्र दातान और अबीराम को बुलवा भेजा; परन्तु उन्होंने कहा, “हम तेरे पास नहीं आएँगे।
فَأَرْسَلَ مُوسَى يَسْتَدْعِي دَاثَانَ وَأَبِيرَامَ ابْنَيْ أَلِيآبَ، فَرَدَّا: «لَنْ نَحْضُرَ!١٢
13 १३ क्या यह एक छोटी बात है कि तू हमको ऐसे देश से जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती है इसलिए निकाल लाया है, कि हमें जंगल में मार डालें, फिर क्या तू हमारे ऊपर प्रधान भी बनकर अधिकार जताता है?
أَلَمْ يَكْفِكَ أَنَّكَ أَخْرَجْتَنَا مِنْ أَرْضٍ تُدِرُّ لَبَناً وَعَسَلاً لِتُهْلِكَنَا فِي الصَّحْرَاءِ، ثُمَّ تَتَرَأَّسُ عَلَيْنَا؟١٣
14 १४ फिर तू हमें ऐसे देश में जहाँ दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं नहीं पहुँचाया, और न हमें खेतों और दाख की बारियों का अधिकारी बनाया। क्या तू इन लोगों की आँखों में धूल डालेगा? हम तो नहीं आएँगे।”
فَأَنْتَ لَمْ تَقُدْنَا إِلَى أَرْضٍ تَفِيضُ خَيْرَاتٍ، وَلا أَوْرَثْتَنَا حُقُولاً وَكُرُوماً. فَمَنْ تُحَاوِلُ أَنْ تَخْدَعَ؟ إِنَّنَا لَنْ نَحْضُرَ!»١٤
15 १५ तब मूसा का कोप बहुत भड़क उठा, और उसने यहोवा से कहा, “उन लोगों की भेंट की ओर दृष्टि न कर। मैंने तो उनसे एक गदहा भी नहीं लिया, और न उनमें से किसी की हानि की है।”
فَاحْتَدَمَ غَيْظُ مُوسَى وَقَالَ لِلرَّبِّ: «لا تَقْبَلْ تَقْدِمَتَهُمَا، فَأَنَا لَمْ آخُذْ حَتَّى حِمَاراً وَاحِداً مِنْهُمَا، وَلَمْ أُسِئْ إِلَى أَحَدٍ مِنْهُمَا».١٥
16 १६ तब मूसा ने कोरह से कहा, “कल तू अपनी सारी मण्डली को साथ लेकर हारून के साथ यहोवा के सामने हाजिर होना;
وَقَالَ مُوسَى لِقُورَحَ: «امْثُلْ أَنْتَ وَجَمَاعَتُكَ كُلُّهَا أَمَامَ الرَّبِّ غَداً، وَكَذَلِكَ يَحْضُرُ هَرُونُ أَيْضاً.١٦
17 १७ और तुम सब अपना-अपना धूपदान लेकर उनमें धूप देना, फिर अपना-अपना धूपदान जो सब समेत ढाई सौ होंगे यहोवा के सामने ले जाना; विशेष करके तू और हारून अपना-अपना धूपदान ले जाना।”
وَلْيَأْخُذْ كُلٌّ مِنْكُمْ مَجْمَرَتَهُ وَضَعُوا فِيهَا بَخُوراً، وَلْيُقَدِّمْ كُلُّ وَاحِدٍ مَجْمَرَتَهُ، فَتَكُونَ مِئَتَيْنِ وَخَمْسِينَ مَجْمَرَةً، وَكَذَلِكَ خُذْ أَنْتَ وَهَرُونُ، كُلُّ وَاحِدٍ مَجْمَرَتَهُ».١٧
18 १८ इसलिए उन्होंने अपना-अपना धूपदान लेकर और उनमें आग रखकर उन पर धूप डाला; और मूसा और हारून के साथ मिलापवाले तम्बू के द्वार पर खड़े हुए।
فَجَاءَ كُلُّ وَاحِدٍ بِمَجْمَرَتِهِ وَوَضَعُوا فِيهَا نَاراً وَبَخُوراً، وَمَثَلُوا عِنْدَ مَدْخَلِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ مَعَ مُوسَى وَهَرُونَ.١٨
19 १९ और कोरह ने सारी मण्डली को उनके विरुद्ध मिलापवाले तम्बू के द्वार पर इकट्ठा कर लिया। तब यहोवा का तेज सारी मण्डली को दिखाई दिया।
وَحَشَدَ قُورَحُ عَلَيْهِمَا كُلَّ الْجَمَاعَةِ الْمُتَآمِرَةِ عِنْدَ مَدْخَلِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ، فَتَرَاءَى آنَئِذٍ مَجْدُ الرَّبِّ لِلْجَمَاعَةِ كُلِّهَا.١٩
20 २० तब यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى وَهَرُونَ:٢٠
21 २१ “उस मण्डली के बीच में से अलग हो जाओ कि मैं उन्हें पल भर में भस्म कर डालूँ।”
«افْتَرِزَا مِنْ بَيْنِ هَذِهِ الْجَمَاعَةِ لأَنِّي سَأُفْنِيهِمْ فِي لَحْظَةٍ».٢١
22 २२ तब वे मुँह के बल गिरकर कहने लगे, “हे परमेश्वर, हे सब प्राणियों के आत्माओं के परमेश्वर, क्या एक पुरुष के पाप के कारण तेरा क्रोध सारी मण्डली पर होगा?”
فَانْطَرَحَا عَلَى وَجْهَيْهِمَا وَابْتَهَلا قَائِلَيْنِ: «اللهُمَّ، يَا إِلَهَ أَرْوَاحِ جَمِيعِ الْبَشَرِ، أَتَسْخَطُ عَلَى الْجَمَاعَةِ كُلِّهَا مِنْ أَجْلِ خَطِيئَةِ رَجُلٍ وَاحِدٍ؟»٢٢
23 २३ यहोवा ने मूसा से कहा,
فَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى:٢٣
24 २४ “मण्डली के लोगों से कह कि कोरह, दातान, और अबीराम के तम्बुओं के आस-पास से हट जाओ।”
«اطْلُبْ مِنَ الشَّعْبِ أَنْ يَبْتَعِدُوا مِنْ حَوَالَيْ خِيَامِ قُورَحَ وَدَاثَانَ وَأَبِيرَامَ».٢٤
25 २५ तब मूसा उठकर दातान और अबीराम के पास गया; और इस्राएलियों के वृद्ध लोग उसके पीछे-पीछे गए।
فَذَهَبَ مُوسَى إِلَى دَاثَانَ وَأَبِيرَامَ، وَتَبِعَهُ شُيُوخُ إِسْرَائِيلَ،٢٥
26 २६ और उसने मण्डली के लोगों से कहा, “तुम उन दुष्ट मनुष्यों के डेरों के पास से हट जाओ, और उनकी कोई वस्तु न छूओ, कहीं ऐसा न हो कि तुम भी उनके सब पापों में फँसकर मिट जाओ।”
وَقَالَ لِلْجَمَاعَةِ كُلِّهَا: «ابْتَعِدُوا عَنْ خِيَامِ هَؤُلاءِ الْقَوْمِ الأَشْرَارِ، وَلا تَلْمَسُوا شَيْئاً مِمَّا لَهُمْ لِئَلّا تَهْلِكُوا مِنَ جَرَّاءِ خَطَايَاهُمْ».٢٦
27 २७ यह सुनकर लोग कोरह, दातान, और अबीराम के तम्बुओं के आस-पास से हट गए; परन्तु दातान और अबीराम निकलकर अपनी पत्नियों, बेटों, और बाल-बच्चों समेत अपने-अपने डेरे के द्वार पर खड़े हुए।
فَابْتَعَدُوا مِنْ حَوَالَيْ خِيَامِ قُورَحَ وَدَاثَانَ وَأَبِيرَامَ، وَخَرَجَ دَاثَانُ وَأَبِيرَامُ، وَوَقَفَا أَمَامَ خَيْمَتَيْهِمَا مَعَ زَوْجَاتِهِمَا وَأَوْلادِهِمَا صِغَاراً وَكِبَاراً.٢٧
28 २८ तब मूसा ने कहा, “इससे तुम जान लोगे कि यहोवा ने मुझे भेजा है कि यह सब काम करूँ, क्योंकि मैंने अपनी इच्छा से कुछ नहीं किया।
فَقَالَ مُوسَى: «بِهَذَا تَعْرِفُونَ أَنَّ الرَّبَّ قَدْ أَرْسَلَنِي لأُجْرِيَ كُلَّ هَذِهِ الأَعْمَالِ، وَأَنَّهَا لَيْسَتْ صَادِرَةً عَنْ نَفْسِي:٢٨
29 २९ यदि उन मनुष्यों की मृत्यु और सब मनुष्यों के समान हो, और उनका दण्ड सब मनुष्यों के समान हो, तब जानो कि मैं यहोवा का भेजा हुआ नहीं हूँ।
إِنْ مَاتَ هَؤُلاءِ مَوْتاً طَبِيعِيًّا، أَوِ ابْتُلُوا بِمَا يُبْتَلَى بِهِ النَّاسُ عَادَةً، فَلا يَكُونُ الرَّبُّ قَدْ أَرْسَلَنِي.٢٩
30 ३० परन्तु यदि यहोवा अपनी अनोखी शक्ति प्रगट करे, और पृथ्वी अपना मुँह पसारकर उनको, और उनका सब कुछ निगल जाए, और वे जीते जी अधोलोक में जा पड़ें, तो तुम समझ लो कि इन मनुष्यों ने यहोवा का अपमान किया है।” (Sheol h7585)
وَلَكِنْ إِنْ أَجْرَى الرَّبُّ أَمْراً جَدِيداً، وَانْشَقَّتِ الأَرْضُ وَابْتَلَعَتْهُمْ مَعَ كُلِّ مَالَهُمْ، وَدُفِنُوا فِي بَاطِنِ الأَرْضِ أَحْيَاءَ، عِنْدَئِذٍ تُدْرِكُونَ أَنَّ هَؤُلاءِ الْقَوْمَ قَدِ ازْدَرَوْا بِالرَّبِّ». (Sheol h7585)٣٠
31 ३१ वह ये सब बातें कह ही चुका था कि भूमि उन लोगों के पाँव के नीचे फट गई;
وَحَالَمَا انْتَهَى مِنْ كَلامِهِ انْشَقَّتِ الأَرْضُ تَحْتَهُمْ،٣١
32 ३२ और पृथ्वी ने अपना मुँह खोल दिया और उनको और उनके समस्त घरबार का सामान, और कोरह के सब मनुष्यों और उनकी सारी सम्पत्ति को भी निगल लिया।
وَفَتَحَتْ فَاهَا وَابْتَلَعَتْهُمْ مَعَ بُيُوتِهِمْ، كَمَا ابْتَلَعَتْ رِجَالَ قُورَحَ مَعَ كُلِّ مَا يَمْلِكُونَ.٣٢
33 ३३ और वे और उनका सारा घरबार जीवित ही अधोलोक में जा पड़े; और पृथ्वी ने उनको ढाँप लिया, और वे मण्डली के बीच में से नष्ट हो गए। (Sheol h7585)
فَاخْتَفَوْا هُمْ وَكُلُّ مَا يَمْلِكُونَ أَحْيَاءَ فِي بَاطِنِ الأَرْضِ الَّتِي انْطَبَقَتْ عَلَيْهِمْ، فَبَادُوا مِنْ بَيْنِ الْجَمَاعَةِ. (Sheol h7585)٣٣
34 ३४ और जितने इस्राएली उनके चारों ओर थे वे उनका चिल्लाना सुन यह कहते हुए भागे, “कहीं पृथ्वी हमको भी निगल न ले!”
وَهَرَبَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ الَّذِينَ حَوْلَهُمْ مِنْ صَوْتِ صَرَخَاتِهِمْ قَائِلِينَ: «لِئَلّا تَبْتَلِعَنَا الأَرْضُ».٣٤
35 ३५ तब यहोवा के पास से आग निकली, और उन ढाई सौ धूप चढ़ानेवालों को भस्म कर डाला।
وَانْدَلَعَتْ نَارٌ مِنْ عِنْدِ الرَّبِّ فَالْتَهَمَتِ الْمِئَتَيْنِ وَالْخَمْسِينَ رَجُلاً الَّذِينَ قَرَّبُوا الْبَخُورَ.٣٥
36 ३६ तब यहोवा ने मूसा से कहा,
ثُمَّ قَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى:٣٦
37 ३७ “हारून याजक के पुत्र एलीआजर से कह कि उन धूपदानों को आग में से उठा ले; और आग के अंगारों को उधर ही छितरा दे, क्योंकि वे पवित्र हैं।
«اطْلُبْ مِنْ أَلِعَازَارَ بْنِ هَرُونَ الْكَاهِنِ أَنْ يَجْمَعَ الْمَجَامِرَ مِنَ الْحَرِيقِ، وَلْيَذْرِ مَا فِيهَا مِنْ جَمْرٍ فَإِنَّهَا قَدْ تَقَدَّسَتْ.٣٧
38 ३८ जिन्होंने पाप करके अपने ही प्राणों की हानि की है, उनके धूपदानों के पत्तर पीट-पीट कर बनाए जाएँ जिससे कि वह वेदी के मढ़ने के काम आए; क्योंकि उन्होंने यहोवा के सामने रखा था; इससे वे पवित्र हैं। इस प्रकार वह इस्राएलियों के लिये एक निशान ठहरेगा।”
وَاطْرُقُوا مَجَامِرَ هَؤُلاءِ الَّذِينَ أَخْطَأُوا فِي حَقِّ نُفُوسِهِمْ صَفَائِحَ، لِتَكُونَ غِشَاءً لِلْمَذْبَحِ، لأَنَّهُمْ قَدَّمُوهَا فِي حَضْرَةِ الرَّبِّ فَتَقَدَّسَتْ، فَتَكُونُ عِبْرَةً لِبَنِي إِسْرَائِيلَ».٣٨
39 ३९ इसलिए एलीआजर याजक ने उन पीतल के धूपदानों को, जिनमें उन जले हुए मनुष्यों ने धूप चढ़ाया था, लेकर उनके पत्तर पीटकर वेदी के मढ़ने के लिये बनवा दिए,
فَجَمَعَ أَلِعَازَارُ الْكَاهِنُ مَجَامِرَ النُّحَاسِ الَّتِي قَرَّبَهَا الْمُحْتَرِقُونَ، فَطُرِقَتْ غِشَاءً لِلْمَذْبَحِ،٣٩
40 ४० कि इस्राएलियों को इस बात का स्मरण रहे कि कोई दूसरा, जो हारून के वंश का न हो, यहोवा के सामने धूप चढ़ाने को समीप न जाए, ऐसा न हो कि वह भी कोरह और उसकी मण्डली के समान नष्ट हो जाए, जैसे कि यहोवा ने मूसा के द्वारा उसको आज्ञा दी थी।
عِبْرَةً لِبَنِي إِسْرَائِيلَ لِكَيْ لَا يَدْنُوَ أَحَدٌ مِنْ غَيْرِ نَسْلِ هَرُونَ لِيُبَخِّرَ فِي حَضْرَةِ الرَّبِّ، فَيُصِيبَهُ مَا أَصَابَ قُورَحَ وَجَمَاعَتَهُ، كَمَا كَلَّمَ الرَّبُّ مُوسَى.٤٠
41 ४१ दूसरे दिन इस्राएलियों की सारी मण्डली यह कहकर मूसा और हारून पर बुड़बुड़ाने लगी, “यहोवा की प्रजा को तुम ने मार डाला है।”
وَفِي الْيَوْمِ الثَّانِي تَذَمَّرَ جَمِيعُ بَنِي إِسْرَائِيلَ عَلَى مُوسَى وَهَرُونَ قَائِلِينَ: «لَقَدْ قَتَلْتُمَا شَعْبَ الرَّبِّ».٤١
42 ४२ और जब मण्डली के लोग मूसा और हारून के विरुद्ध इकट्ठे हो रहे थे, तब उन्होंने मिलापवाले तम्बू की ओर दृष्टि की; और देखा, कि बादल ने उसे छा लिया है, और यहोवा का तेज दिखाई दे रहा है।
فَلَمَّا اجْتَمَعَتِ الْجَمَاعَةُ عَلَى مُوسَى وَهَرُونَ مَضَيَا إِلَى خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ، وَإذَا بِالسَّحَابَةِ قَدْ غَطَّتْهَا وَمَجْدُ الرَّبِّ قَدْ تَرَاءَى.٤٢
43 ४३ तब मूसा और हारून मिलापवाले तम्बू के सामने आए,
فَأَقْبَلَ مُوسَى وَهَرُونُ إِلَى أَمَامِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ.٤٣
44 ४४ तब यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
فَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى:٤٤
45 ४५ “तुम उस मण्डली के लोगों के बीच से हट जाओ, कि मैं उन्हें पल भर में भस्म कर डालूँ।” तब वे मुँह के बल गिरे।
«اخْرُجَا مِنْ بَيْنِ هَذِهِ الْجَمَاعَةِ لأَنَّنِي سَأُفْنِيهِمْ فِي لَحْظَةٍ». فَخَرَّا عَلَى وَجْهَيْهِمَا٤٥
46 ४६ और मूसा ने हारून से कहा, “धूपदान को लेकर उसमें वेदी पर से आग रखकर उस पर धूप डाल, मण्डली के पास फुर्ती से जाकर उसके लिये प्रायश्चित कर; क्योंकि यहोवा का कोप अत्यन्त भड़का है, और मरी फैलने लगी है।”
ثُمَّ قَالَ مُوسَى لِهَرُونَ: «خُذِ الْمَجْمَرَةَ وَضَعْ فِيهَا نَاراً مِنْ عَلَى الْمَذْبَحِ، وَأَيْضاً بَخُوراً، وَأَسْرِعْ إِلَى الْجَمَاعَةِ لِتُكَفِّرَ عَنْهُمْ، لأَنَّ الْغَضَبَ الْمُحْتَدِمَ قَدْ صَدَرَ عَنِ الرَّبِّ وَتَفَشَّى فِيهِمِ الْوَبَأُ».٤٦
47 ४७ मूसा की आज्ञा के अनुसार हारून धूपदान लेकर मण्डली के बीच में दौड़ा गया; और यह देखकर कि लोगों में मरी फैलने लगी है, उसने धूप जलाकर लोगों के लिये प्रायश्चित किया।
فَنَفَّذَ هَرُونُ أَمْرَ مُوسَى، وَأَسْرَعَ إِلَى وَسَطِ الْجَمَاعَةِ، وَإذَا بِالْوَبَأِ قَدِ ابْتَدَأَ يَتَفَشَّى فِيهِمْ، فَوَضَعَ الْبَخُورَ وَكَفَّرَ عَنِ الشَّعْبِ.٤٧
48 ४८ और वह मुर्दों और जीवित के मध्य में खड़ा हुआ; तब मरी थम गई।
وَوَقَفَ هَرُونُ بَيْنَ الْمَوْتَى وَالأَحْيَاءِ، فَتَوَقَّفَ الوَبَأُ.٤٨
49 ४९ और जो कोरह के संग भागी होकर मर गए थे, उन्हें छोड़ जो लोग इस मरी से मर गए वे चौदह हजार सात सौ थे।
فَكَانَ الَّذِينَ هَلَكُوا بِالْوَبَإِ أَرْبَعَةَ عَشَرَ أَلْفاً وَسَبْعَ مِئَةٍ، عَدَا الَّذِينَ مَاتُوا بِسَبَبِ قُورَحَ.٤٩
50 ५० तब हारून मिलापवाले तम्बू के द्वार पर मूसा के पास लौट गया, और मरी थम गई।
ثُمَّ رَجَعَ هَرُونُ إِلَى مُوسَى عِنْدَ مَدْخَلِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ وَقَدْ تَوَقَّفَ سَرَيَانُ الْوَبَإِ.٥٠

< गिनती 16 >