< गिनती 10 >

1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
Fallou mais o Senhor a Moysés, dizendo:
2 “चाँदी की दो तुरहियां गढ़कर बनाई जाए; तू उनको मण्डली के बुलाने, और छावनियों के प्रस्थान करने में काम में लाना।
Faze-te duas trombetas de prata: d'obra batida as farás: e te serão para a convocação da congregação, e para a partida dos arraiaes.
3 और जब वे दोनों फूँकी जाएँ, तब सारी मण्डली मिलापवाले तम्बू के द्वार पर तेरे पास इकट्ठी हो जाएँ।
E, quando as tocarem ambas, então toda a congregação se congregará a ti á porta da tenda da congregação.
4 यदि एक ही तुरही फूँकी जाए, तो प्रधान लोग जो इस्राएल के हजारों के मुख्य पुरुष हैं तेरे पास इकट्ठे हो जाएँ।
Mas, quando tocar uma só, então a ti se congregarão os principes, os Cabeças dos milhares de Israel.
5 जब तुम लोग साँस बाँधकर फूँको, तो पूर्व दिशा की छावनियों का प्रस्थान हो।
Quando, retinindo, as tocardes, então partirão os arraiaes que alojados estão da banda do oriente.
6 और जब तुम दूसरी बार साँस बाँधकर फूँको, तब दक्षिण दिशा की छावनियों का प्रस्थान हो। उनके प्रस्थान करने के लिये वे साँस बाँधकर फूँकें।
Mas, quando a segunda vez, retinindo, as tocardes, então partirão os arraiaes que se alojam da banda do sul: retinindo, as tocarão para as suas partidas.
7 जब लोगों को इकट्ठा करके सभा करनी हो तब भी फूँकना परन्तु साँस बाँधकर नहीं।
Porém, ajuntando a congregação, as tocareis; mas sem retinir.
8 और हारून के पुत्र जो याजक हैं वे उन तुरहियों को फूँका करें। यह बात तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी के लिये सर्वदा की विधि रहे।
E os filhos d'Aarão, sacerdotes, tocarão as trombetas: e a vós serão por estatuto perpetuo nas vossas gerações.
9 और जब तुम अपने देश में किसी सतानेवाले बैरी से लड़ने को निकलो, तब तुरहियों को साँस बाँधकर फूँकना, तब तुम्हारे परमेश्वर यहोवा को तुम्हारा स्मरण आएगा, और तुम अपने शत्रुओं से बचाए जाओगे।
E, quando na vossa terra sairdes a pelejar contra o inimigo, que vos aperta, tambem tocareis as trombetas retinindo, e perante o Senhor vosso Deus haverá lembrança de vós, e sereis salvos de vossos inimigos.
10 १० अपने आनन्द के दिन में, और अपने नियत पर्वों में, और महीनों के आदि में, अपने होमबलियों और मेलबलियों के साथ उन तुरहियों को फूँकना; इससे तुम्हारे परमेश्वर को तुम्हारा स्मरण आएगा; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।”
Similhantemente, no dia da vossa alegria, e nas vossas solemnidades, e nos principios dos vossos mezes, tambem tocareis as trombetas sobre os vossos holocaustos, sobre os vossos sacrificios pacificos, e vos serão por memorial perante vosso Deus: Eu sou o Senhor vosso Deus.
11 ११ दूसरे वर्ष के दूसरे महीने के बीसवें दिन को बादल साक्षी के निवास के तम्बू पर से उठ गया,
E aconteceu, no anno segundo, no segundo mez, aos vinte do mez, que a nuvem se alçou de sobre o tabernaculo da congregação.
12 १२ तब इस्राएली सीनै के जंगल में से निकलकर प्रस्थान करके निकले; और बादल पारान नामक जंगल में ठहर गया।
E os filhos d'Israel se partiram segundo as suas partidas do deserto de Sinai: e a nuvem parou no deserto de Paran.
13 १३ उनका प्रस्थान यहोवा की उस आज्ञा के अनुसार जो उसने मूसा को दी थी आरम्भ हुआ।
Assim partiram pela primeira vez segundo o dito do Senhor, pela mão de Moysés.
14 १४ और सबसे पहले तो यहूदियों की छावनी के झण्डे का प्रस्थान हुआ, और वे दल बाँधकर चले; और उनका सेनापति अम्मीनादाब का पुत्र नहशोन था।
Porque primeiramente partiu a bandeira do arraial dos filhos de Judah segundo os seus exercitos: e sobre o seu exercito estava Naasson, filho d'Amminadab.
15 १५ और इस्साकारियों के गोत्र का सेनापति सूआर का पुत्र नतनेल था।
E sobre o exercito da tribu dos filhos d'Issacar, Nathanael, filho de Suhar.
16 १६ और जबूलूनियों के गोत्र का सेनापति हेलोन का पुत्र एलीआब था।
E sobre o exercito da tribu dos filhos de Zebulon, Eliab, filho de Helon.
17 १७ तब निवास का तम्बू उतारा गया, और गेर्शोनियों और मरारियों ने जो निवास के तम्बू को उठाते थे प्रस्थान किया।
Então desarmaram o tabernaculo, e os filhos de Gerson e os filhos de Merari partiram, levando o tabernaculo.
18 १८ फिर रूबेन की छावनी के झण्डे का कूच हुआ, और वे भी दल बनाकर चले; और उनका सेनापति शदेऊर का पुत्र एलीसूर था।
Depois partiu a bandeira do arraial de Ruben segundo os seus exercitos: e sobre o seu exercito estava Elizur, filho de Sedeur.
19 १९ और शिमोनियों के गोत्र का सेनापति सूरीशद्दै का पुत्र शलूमीएल था।
E sobre o exercito da tribu dos filhos de Simeão, Selumiel, filho de Surisaddai.
20 २० और गादियों के गोत्र का सेनापति दूएल का पुत्र एल्यासाप था।
E sobre o exercito da tribu dos filhos de Gad, Eliasaph, filho de Dehuel.
21 २१ तब कहातियों ने पवित्र वस्तुओं को उठाए हुए प्रस्थान किया, और उनके पहुँचने तक गेर्शोनियों और मरारियों ने निवास के तम्बू को खड़ा कर दिया।
Então partiram os kohathitas, levando o sanctuario; e os outros levantaram o tabernaculo, entretanto que estes vinham.
22 २२ फिर एप्रैमियों की छावनी के झण्डे का कूच हुआ, और वे भी दल बनाकर चले; और उनका सेनापति अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा था।
Depois partiu a bandeira do arraial dos filhos d'Ephraim segundo os seus exercitos: e sobre o seu exercito estava Elisama, filho d'Ammihud.
23 २३ और मनश्शेइयों के गोत्र का सेनापति पदासूर का पुत्र गम्लीएल था।
E sobre o exercito da tribu dos filhos de Manasseh, Gamaliel, filho de Pedazur.
24 २४ और बिन्यामीनियों के गोत्र का सेनापति गिदोनी का पुत्र अबीदान था।
E sobre o exercito da tribu dos filhos de Benjamin, Abidan, filho de Gideoni.
25 २५ फिर दानियों की छावनी जो सब छावनियों के पीछे थी, उसके झण्डे का प्रस्थान हुआ, और वे भी दल बनाकर चले; और उनका सेनापति अम्मीशद्दै का पुत्र अहीएजेर था।
Então partiu a bandeira do arraial dos filhos de Dan, fechando todos os arraiaes segundo os seus exercitos: e sobre o seu exercito estava Ahiezer, filho de Ammisaddai.
26 २६ और आशेरियों के गोत्र का सेनापति ओक्रान का पुत्र पगीएल था।
E sobre o exercito da tribu dos filhos d'Aser, Pagiel, filho de Ochran.
27 २७ और नप्तालियों के गोत्र का सेनापति एनान का पुत्र अहीरा था।
E sobre o exercito da tribu dos filhos de Naphtali, Ahira, filho d'Enan.
28 २८ इस्राएली इसी प्रकार अपने-अपने दलों के अनुसार प्रस्थान करते, और आगे बढ़ा करते थे।
Estas eram as partidas dos filhos d'Israel segundo os seus exercitos, quando partiam.
29 २९ मूसा ने अपने ससुर रूएल मिद्यानी के पुत्र होबाब से कहा, “हम लोग उस स्थान की यात्रा करते हैं जिसके विषय में यहोवा ने कहा है, ‘मैं उसे तुम को दूँगा’; इसलिए तू भी हमारे संग चल, और हम तेरी भलाई करेंगे; क्योंकि यहोवा ने इस्राएल के विषय में भला ही कहा है।”
Disse então Moysés a Hobab, filho de Reguel o midianita, sogro de Moysés: Nós caminhamos para aquelle logar, de que o Senhor disse: Vol-o darei: vae comnosco, e te faremos bem; porque o Senhor fallou bem sobre Israel.
30 ३० होबाब ने उसे उत्तर दिया, “मैं नहीं जाऊँगा; मैं अपने देश और कुटुम्बियों में लौट जाऊँगा।”
Porém elle lhe disse: Não irei; antes irei á minha terra e á minha parentela.
31 ३१ फिर मूसा ने कहा, “हमको न छोड़, क्योंकि जंगल में कहाँ-कहाँ डेरा खड़ा करना चाहिये, यह तुझे ही मालूम है, तू हमारे लिए आँखों का काम करना।
E elle disse: Ora não nos deixes: porque tu sabes que nós nos alojamos no deserto; nos servirás d'olhos.
32 ३२ और यदि तू हमारे संग चले, तो निश्चय जो भलाई यहोवा हम से करेगा उसी के अनुसार हम भी तुझ से वैसा ही करेंगे।”
E será que, vindo tu comnosco, e succedendo o bem, com que o Senhor nos fará bem, tambem nós te faremos bem.
33 ३३ फिर इस्राएलियों ने यहोवा के पर्वत से प्रस्थान करके तीन दिन की यात्रा की; और उन तीनों दिनों के मार्ग में यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके लिये विश्राम का स्थान ढूँढ़ता हुआ उनके आगे-आगे चलता रहा।
Assim partiram do monte do Senhor caminho de tres dias: e a arca do concerto do Senhor caminhou diante d'elles caminho de tres dias, para lhes buscar logar de descanço.
34 ३४ और जब वे छावनी के स्थान से प्रस्थान करते थे तब दिन भर यहोवा का बादल उनके ऊपर छाया रहता था।
E a nuvem do Senhor ia sobre elles de dia, quando partiam do arraial.
35 ३५ और जब जब सन्दूक का प्रस्थान होता था तब-तब मूसा यह कहा करता था, “हे यहोवा, उठ, और तेरे शत्रु तितर-बितर हो जाएँ, और तेरे बैरी तेरे सामने से भाग जाएँ।”
Era pois que, partindo a arca, Moysés dizia: Levanta-te, Senhor, e dissipados sejam os teus inimigos, e fujam diante de ti os aborrecedores.
36 ३६ और जब जब वह ठहर जाता था तब-तब मूसा कहा करता था, “हे यहोवा, हजारों-हजार इस्राएलियों में लौटकर आ जा।”
E, pousando ella, dizia: Torna-te, ó Senhor, para os muitos milhares d'Israel.

< गिनती 10 >