< नहेमायाह 7 >
1 १ जब शहरपनाह बन गई, और मैंने उसके फाटक खड़े किए, और द्वारपाल, और गवैये, और लेवीय लोग ठहराये गए,
जब शहरपनाह बनाने का काम पूरा हो गया, मैंने पल्लों को ठीक जगह पर बैठा दिया और द्वारपालों, गायकों और लेवियों को चुना,
2 २ तब मैंने अपने भाई हनानी और राजगढ़ के हाकिम हनन्याह को यरूशलेम का अधिकारी ठहराया, क्योंकि यह सच्चा पुरुष और बहुतेरों से अधिक परमेश्वर का भय माननेवाला था।
मैंने अपने भाई हनानी और गढ़ के हाकिम हननियाह को येरूशलेम का अधिकारी ठहरा दिया, क्योंकि हननियाह विश्वासयोग्य व्यक्ति था और वह परमेश्वर का बहुत भय मानने वाला व्यक्ति था.
3 ३ और मैंने उनसे कहा, “जब तक धूप कड़ी न हो, तब तक यरूशलेम के फाटक न खोले जाएँ और जब पहरुए पहरा देते रहें, तब ही फाटक बन्द किए जाएँ और बेड़े लगाए जाएँ। फिर यरूशलेम के निवासियों में से तू रखवाले ठहरा जो अपना-अपना पहरा अपने-अपने घर के सामने दिया करें।”
उनके लिए मेरा आदेश था, “जब तक सूरज में गर्मी रहे येरूशलेम के फाटक न खोले जाएं और जब तक पहरेदार द्वार पर खड़े ही होंगे, द्वार बंद ही रखे जाएं और उनमें चिटकनी लगी रहे. जो द्वारपाल ठहराए जाएं, वे येरूशलेम के रहनेवाले ही हों; हर एक को अपने-अपने निर्दिष्ट स्थानों पर और शेष अपने घरों के सामने के द्वार पर खड़ा किये जाए.”
4 ४ नगर तो लम्बा चौड़ा था, परन्तु उसमें लोग थोड़े थे, और घर नहीं बने थे।
नगर फैला हुआ और बड़ा था, किंतु निवासियों की गिनती थोड़ी ही थी और अभी घर नहीं बने थे.
5 ५ तब मेरे परमेश्वर ने मेरे मन में यह उपजाया कि रईसों, हाकिमों और प्रजा के लोगों को इसलिए इकट्ठे करूँ, कि वे अपनी-अपनी वंशावली के अनुसार गिने जाएँ। और मुझे पहले-पहल यरूशलेम को आए हुओं का वंशावली पत्र मिला, और उसमें मैंने यह लिखा हुआ पाया।
तब मेरे परमेश्वर ने मेरे मन में यह विचार डाला कि रईसों, अधिकारियों और प्रजा को इकट्ठा किया जाए कि वंशावली के अनुसार उन्हें गिना जाए. मुझे वह पुस्तक भी मिल गई, जिसमें उन व्यक्तियों के नाम लिखे थे, जो सबसे पहले यहां पहुंचे थे. मुझे उस पुस्तक में जो लेखा मिला, वह इस प्रकार था:
6 ६ जिनको बाबेल का राजा, नबूकदनेस्सर बन्दी बना करके ले गया था, उनमें से प्रान्त के जो लोग बँधुआई से छूटकर, यरूशलेम और यहूदा के अपने-अपने नगर को आए।
इस प्रदेश के वे लोग, जो बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र द्वारा बंधुआई में ले जाए गए थे और जो बंधुआई से यहूदिया और येरूशलेम, अपने-अपने नगर को लौट आए थे, वे इस प्रकार हैं
7 ७ वे जरुब्बाबेल, येशुअ, नहेम्याह, अजर्याह, राम्याह, नहमानी, मोर्दकै, बिलशान, मिस्पेरेत, बिगवै, नहूम और बानाह के संग आए। इस्राएली प्रजा के लोगों की गिनती यह है:
वे ज़ेरुब्बाबेल, येशुआ, नेहेमियाह, अज़रियाह, रामियाह, नाहामानी, मोरदकय, बिलषान, मिसपार, बिगवाई, नेहुम और बाअनाह के साथ लौटे थे. कुल-पिताओं के नाम के अनुसार इस्राएल देश के पुरुषों की गिनती थी:
8 ८ परोश की सन्तान दो हजार एक सौ बहत्तर,
पारोश 2,172
9 ९ शपत्याह की सन्तान तीन सौ बहत्तर,
शेपाथियाह 372
10 १० आरह की सन्तान छः सौ बावन।
आराह 652
11 ११ पहत्मोआब की सन्तान याने येशुअ और योआब की सन्तान, दो हजार आठ सौ अठारह।
पाहाथ-मोआब के वंशजों में से येशुआ एवं योआब के वंशज 2,818
12 १२ एलाम की सन्तान बारह सौ चौवन,
एलाम 1,254
13 १३ जत्तू की सन्तान आठ सौ पैंतालीस।
ज़त्तू 845
14 १४ जक्कई की सन्तान सात सौ साठ।
ज़क्काई 760
15 १५ बिन्नूई की सन्तान छः सौ अड़तालीस।
बिन्नूइ 648
16 १६ बेबै की सन्तान छः सौ अट्ठाईस।
बेबाइ 628
17 १७ अजगाद की सन्तान दो हजार तीन सौ बाईस।
अजगाद 2,322
18 १८ अदोनीकाम की सन्तान छः सौ सड़सठ।
अदोनिकम 667
19 १९ बिगवै की सन्तान दो हजार सड़सठ।
बिगवाई 2,067
20 २० आदीन की सन्तान छः सौ पचपन।
आदिन 655
21 २१ हिजकिय्याह की सन्तान आतेर के वंश में से अट्ठानवे।
हिज़किय्याह की ओर से अतेर 98
22 २२ हाशूम, की सन्तान तीन सौ अट्ठाईस।
हाषूम 328
23 २३ बेसै की सन्तान तीन सौ चौबीस।
बेज़ाइ 324
24 २४ हारीफ की सन्तान एक सौ बारह।
हरिफ 112
25 २५ गिबोन के लोग पंचानबे।
गिबयोन 95
26 २६ बैतलहम और नतोपा के मनुष्य एक सौ अट्ठासी।
बेथलेहेम और नेतोपाह के निवासी 188
27 २७ अनातोत के मनुष्य एक सौ अट्ठाईस।
अनाथोथ के निवासी 128
28 २८ बेतजमावत के मनुष्य बयालीस।
बेथ-अज़मावेह के निवासी 42
29 २९ किर्यत्यारीम, कपीरा, और बेरोत के मनुष्य सात सौ तैंतालीस।
किरयथ-यआरीम के कफीराह तथा बएरोथ के निवासी 743
30 ३० रामाह और गेबा के मनुष्य छः सौ इक्कीस।
रामाह तथा गेबा के निवासी 621
31 ३१ मिकमाश के मनुष्य एक सौ बाईस।
मिकमाश के निवासी 122
32 ३२ बेतेल और आई के मनुष्य एक सौ तेईस।
बेथेल तथा अय के निवासी 123
33 ३३ दूसरे नबो के मनुष्य बावन।
अन्य नेबो के निवासी 52
34 ३४ दूसरे एलाम की सन्तान बारह सौ चौवन।
अन्य एलाम के निवासी 1,254
35 ३५ हारीम की सन्तान तीन सौ बीस।
हारिम के निवासी 320
36 ३६ यरीहो के लोग तीन सौ पैंतालीस।
येरीख़ो के निवासी 345
37 ३७ लोद हादीद और ओनो के लोग सात सौ इक्कीस।
लोद, हदिद तथा ओनो के निवासी 721
38 ३८ सना के लोग तीन हजार नौ सौ तीस।
सेनाआह के निवासी 3,930
39 ३९ फिर याजक अर्थात् येशुअ के घराने में से यदायाह की सन्तान नौ सौ तिहत्तर।
पुरोहित: येशुआ के परिवार से येदाइयाह के वंशज, 973
40 ४० इम्मेर की सन्तान एक हजार बावन।
इम्मर के वंशज 1,052
41 ४१ पशहूर की सन्तान बारह सौ सैंतालीस।
पशहूर के वंशज 1,247
42 ४२ हारीम की सन्तान एक हजार सत्रह।
हारिम के वंशज 1,017
43 ४३ फिर लेवीय ये थेः होदवा के वंश में से कदमीएल की सन्तान येशुअ की सन्तान चौहत्तर।
लेवी: होदवियाह के वंशजों में से कदमिएल तथा येशुआ के वंशज 74
44 ४४ फिर गवैये ये थेः आसाप की सन्तान एक सौ अड़तालीस।
गायक: आसफ के वंशज 148
45 ४५ फिर द्वारपाल ये थेः शल्लूम की सन्तान, आतेर की सन्तान, तल्मोन की सन्तान, अक्कूब की सन्तान, हतीता की सन्तान, और शोबै की सन्तान, जो सब मिलकर एक सौ अड़तीस हुए।
द्वारपाल निम्न लिखित वंशों से: शल्लूम, अतेर, तालमोन, अक्कूब, हतिता, शेबाई 138
46 ४६ फिर नतीन अर्थात् सीहा की सन्तान, हसूपा की सन्तान, तब्बाओत की सन्तान,
मंदिर सेवक निम्न लिखित वंशों से: ज़ीहा, हासुफ़ा, तब्बओथ
47 ४७ केरोस की सन्तान, सीआ की सन्तान, पादोन की सन्तान,
केरोस, सिया, पदोन
48 ४८ लबाना की सन्तान, हगाबा की सन्तान, शल्मै की सन्तान।
लेबानाह, हागाबाह, शामलाई
49 ४९ हानान की सन्तान, गिद्देल की सन्तान, गहर की सन्तान,
हनान, गिद्देल, गाहार
50 ५० रायाह की सन्तान, रसीन की सन्तान, नकोदा की सन्तान,
रेआइयाह, रेज़िन, नेकोदा,
51 ५१ गज्जाम की सन्तान, उज्जा की सन्तान, पासेह की सन्तान,
गज्ज़ाम, उज्जा, पासेह,
52 ५२ बेसै की सन्तान, मूनीम की सन्तान, नपूशस की सन्तान,
बेसाई, मिऊनी, नेफिसिम,
53 ५३ बकबूक की सन्तान, हकूपा की सन्तान, हर्हूर की सन्तान,
बकबुक, हकूफा, हरहूर,
54 ५४ बसलीत की सन्तान, महीदा की सन्तान, हर्शा की सन्तान,
बाज़लुथ, मेहिदा, हरषा,
55 ५५ बर्कोस की सन्तान, सीसरा की सन्तान, तेमह की सन्तान,
बारकोस, सीसरा, तेमाह,
56 ५६ नसीह की सन्तान, और हतीपा की सन्तान।
नेज़ीयाह, हातिफा.
57 ५७ फिर सुलैमान के दासों की सन्तान: सोतै की सन्तान, सोपेरेत की सन्तान, परीदा की सन्तान,
शलोमोन के सेवकों के वंशज इन वंशों से: सोताई, हसोफेरेथ, पेरिदा,
58 ५८ याला की सन्तान, दर्कोन की सन्तान, गिद्देल की सन्तान,
याला, दारकोन, गिद्देल,
59 ५९ शपत्याह की सन्तान, हत्तील की सन्तान, पोकरेत-सबायीम की सन्तान, और आमोन की सन्तान।
शेपाथियाह, हत्तील, पोचेरेथ-हज्ज़ेबाइम, अमोन.
60 ६० नतीन और सुलैमान के दासों की सन्तान मिलाकर तीन सौ बानवे थे।
मंदिर के सेवक और शलोमोन के सेवकों की कुल गिनती 392
61 ६१ और ये वे हैं, जो तेल्मेलाह, तेलहर्शा, करूब, अद्दोन, और इम्मेर से यरूशलेम को गए, परन्तु अपने-अपने पितरों के घराने और वंशावली न बता सके, कि इस्राएल के हैं, या नहीं
ये व्यक्ति वे हैं, जो तेल-मेलाह, तेल-हरषा, करूब, अद्दान तथा इम्मर से आए, तथा इनके पास अपनी वंशावली के सबूत नहीं थे, कि वे इस्राएल के वंशज थे भी या नहीं:
62 ६२ दलायाह की सन्तान, तोबियाह की सन्तान, और नकोदा की सन्तान, जो सब मिलाकर छः सौ बयालीस थे।
देलाइयाह के वंशज, तोबियाह के वंशज तथा नेकोदा के वंशज, 642
63 ६३ और याजकों में से हबायाह की सन्तान, हक्कोस की सन्तान, और बर्जिल्लै की सन्तान, जिसने गिलादी बर्जिल्लै की बेटियों में से एक से विवाह कर लिया, और उन्हीं का नाम रख लिया था।
पुरोहितों में: होबाइयाह के वंशज, हक्कोज़ के वंशज तथा बारज़िल्लाई, जिसने गिलआदवासी बारज़िल्लाई की पुत्रियों में से एक के साथ विवाह किया था, और उसने उन्हीं का नाम रख लिया.
64 ६४ इन्होंने अपना-अपना वंशावली पत्र और अन्य वंशावली पत्रों में ढूँढ़ा, परन्तु न पाया, इसलिए वे अशुद्ध ठहरकर याजकपद से निकाले गए।
इन्होंने अपने पुरखों के पंजीकरण की खोज की, किंतु इन्हें सच्चाई मालूम न हो सकी; तब इन्हें सांस्कृतिक रूप से अपवित्र माना गया तथा इन्हें पुरोहित की जवाबदारी से दूर रखा गया.
65 ६५ और अधिपति ने उनसे कहा, कि जब तक ऊरीम और तुम्मीम धारण करनेवाला कोई याजक न उठे, तब तक तुम कोई परमपवित्र वस्तु खाने न पाओगे।
अधिपति ने उन्हें आदेश दिया कि वे उस समय तक अति पवित्र भोजन न खाएं, जब तक वहां कोई ऐसा पुरोहित न हो, जो उरीम तथा थुम्मिन से सलाह न ले लें.
66 ६६ पूरी मण्डली के लोग मिलाकर बयालीस हजार तीन सौ साठ ठहरे।
सारी सभा की पूरी संख्या हुई 42,360.
67 ६७ इनको छोड़ उनके सात हजार तीन सौ सैंतीस दास-दासियाँ, और दो सौ पैंतालीस गानेवाले और गानेवालियाँ थीं।
इनके अलावा 7,337 दास-दासियां तथा 245 गायक-गायिकाएं भी थी.
68 ६८ उनके घोड़े सात सौ छत्तीस, खच्चर दो सौ पैंतालीस,
उनके घोड़ों की गिनती 736 और खच्चरों की 245,
69 ६९ ऊँट चार सौ पैंतीस और गदहे छः हजार सात सौ बीस थे।
ऊंटों की 435 और गधों की गिनती 620 थी.
70 ७० और पितरों के घरानों के कई एक मुख्य पुरुषों ने काम के लिये दान दिया। अधिपति ने तो चन्दे में हजार दर्कमोन सोना, पचास कटोरे और पाँच सौ तीस याजकों के अंगरखे दिए।
पूर्वजों के परिवारों के प्रधानों ने इस काम के लिए आर्थिक सहायता दी. राज्यपाल ने खजाने में 1,000 सोने के द्राखमा, 50 चिलमचियां और पुरोहितों के लिए ठहराए गए 530 अंगरखे दिए.
71 ७१ और पितरों के घरानों के कई मुख्य-मुख्य पुरुषों ने उस काम के चन्दे में बीस हजार दर्कमोन सोना और दो हजार दो सौ माने चाँदी दी।
पूर्वजों के परिवारों के कुछ प्रधानों ने इस काम के लिए खजाने में 20,000 सोने के द्राखमा और 2,200 चांदी मीना दिए.
72 ७२ और शेष प्रजा ने जो दिया, वह बीस हजार दर्कमोन सोना, दो हजार माने चाँदी और सड़सठ याजकों के अंगरखे हुए।
वह सब, जो बाकी लोगों ने भेंट में दिया, वह था कुल 20,000 सोने के द्राखमा, 2,000 चांदी मीना और पुरोहितों के 67 अंगरखे.
73 ७३ इस प्रकार याजक, लेवीय, द्वारपाल, गवैये, प्रजा के कुछ लोग और नतीन और सब इस्राएली अपने-अपने नगर में बस गए।
अब पुरोहित, लेवी, द्वारपाल, गायक, कुछ सामान्य प्रजाजन, मंदिर के सेवक, जो सभी इस्राएल वंशज ही थे, अपने-अपने नगरों में रहने लगे. सातवें महीने तक पूरा इस्राएल अपने-अपने नगर में बस चुका था.