< नहेमायाह 12 >

1 जो याजक और लेवीय शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल और येशुअ के संग यरूशलेम को गए थे, वे ये थेः सरायाह, यिर्मयाह, एज्रा,
Voici les sacrificateurs et les Lévites qui montèrent avec Zorobabel, fils de Salathiel, et avec Jéshua: Séraja, Jérémie, Esdras,
2 अमर्याह, मल्लूक, हत्तूश,
Amaria, Malluc, Hattush,
3 शकन्याह, रहूम, मरेमोत,
Shécania, Réhum, Mérémoth,
4 इद्दो, गिन्‍नतोई, अबिय्याह,
Iddo, Guinnéthoï, Abija,
5 मिय्यामीन, माद्याह, बिल्गा,
Mijamin, Maadia, Bilga,
6 शमायाह, योयारीब, यदायाह,
Shémaja, Jojarib, Jédaja,
7 सल्लू, आमोक, हिल्किय्याह और यदायाह। येशुअ के दिनों में याजकों और उनके भाइयों के मुख्य-मुख्य पुरुष, ये ही थे।
Sallu, Amok, Hilkija, Jédaja. C'étaient là les principaux des sacrificateurs et de leurs frères, du temps de Jéshua.
8 फिर ये लेवीय गए: येशुअ, बिन्नूई, कदमीएल, शेरेब्याह, यहूदा और वह मत्तन्याह जो अपने भाइयों समेत धन्यवाद के काम पर ठहराया गया था।
Les Lévites étaient: Jéshua, Binnuï, Kadmiel, Shérébia, Juda et Matthania, qui présidait au chant des louanges, lui et ses frères.
9 और उनके भाई बकबुक्याह और उन्नो उनके सामने अपनी-अपनी सेवकाई में लगे रहते थे।
Bakbukia et Unni, leurs frères, étaient avec eux pour la surveillance.
10 १० येशुअ से योयाकीम उत्पन्न हुआ और योयाकीम से एल्याशीब और एल्याशीब से योयादा,
Et Jéshua engendra Jojakim; Jojakim engendra Éliashib; Éliashib engendra Jojada;
11 ११ और योयादा से योनातान और योनातान से यद्दू उत्पन्न हुआ।
Jojada engendra Jonathan, et Jonathan engendra Jaddua.
12 १२ योयाकीम के दिनों में ये याजक अपने-अपने पितरों के घराने के मुख्य पुरुष थे, अर्थात् सरायाह का तो मरायाह; यिर्मयाह का हनन्याह।
Au temps de Jojakim, étaient sacrificateurs, chefs des pères: pour Séraja, Méraja; pour Jérémie, Hanania;
13 १३ एज्रा का मशुल्लाम; अमर्याह का यहोहानान।
Pour Esdras, Méshullam; pour Amaria, Jochanan;
14 १४ मल्लूकी का योनातान; शबन्याह का यूसुफ।
Pour Méluki, Jonathan; pour Shébania, Joseph;
15 १५ हारीम का अदना; मरायोत का हेलकै।
Pour Harim, Adna; pour Mérajoth, Helkaï;
16 १६ इद्दो का जकर्याह; गिन्‍नतोन का मशुल्लाम;
Pour Iddo, Zacharie; pour Guinnéthon, Méshullam;
17 १७ अबिय्याह का जिक्री; मिन्यामीन के मोअद्याह का पिलतै;
Pour Abija, Zicri; pour Minjamin, et Moadia, Piltaï;
18 १८ बिल्गा का शम्मू; शमायाह का यहोनातान;
Pour Bilga, Shammua; pour Shémaja, Jonathan;
19 १९ योयारीब का मत्तनै; यदायाह का उज्जी;
Pour Jojarib, Matthénaï; pour Jédaja, Uzzi;
20 २० सल्लै का कल्लै; आमोक का एबेर।
Pour Sallaï, Kallaï; pour Amok, Éber;
21 २१ हिल्किय्याह का हशब्याह; और यदायाह का नतनेल।
Pour Hilkija, Hashabia; pour Jédaja, Nathanaël.
22 २२ एल्याशीब, योयादा, योहानान और यद्दू के दिनों में लेवीय पितरों के घरानों के मुख्य पुरुषों के नाम लिखे जाते थे, और दारा फारसी के राज्य में याजकों के भी नाम लिखे जाते थे।
Quant aux Lévites, les chefs des pères furent inscrits au temps d'Éliashib, de Jojada, de Jochanan et de Jaddua; quant aux sacrificateurs, ce fut sous le règne de Darius, le Perse.
23 २३ जो लेवीय पितरों के घरानों के मुख्य पुरुष थे, उनके नाम एल्याशीब के पुत्र योहानान के दिनों तक इतिहास की पुस्तक में लिखे जाते थे।
Les enfants de Lévi, chefs des pères, furent inscrits dans le livre des Chroniques, jusqu'au temps de Jochanan, fils d'Éliashib.
24 २४ और लेवियों के मुख्य पुरुष ये थेः अर्थात् हशब्याह, शेरेब्याह और कदमीएल का पुत्र येशुअ; और उनके सामने उनके भाई परमेश्वर के भक्त दाऊद की आज्ञा के अनुसार आमने-सामने स्तुति और धन्यवाद करने पर नियुक्त थे।
Les chefs des Lévites étaient: Hashabia, Shérébia et Jéshua, fils de Kadmiel; et leurs frères étaient avec eux, pour louer et célébrer l'Éternel, selon le commandement de David, homme de Dieu, un chœur répondant à l'autre.
25 २५ मत्तन्याह, बकबुक्याह, ओबद्याह, मशुल्लाम, तल्मोन और अक्कूब फाटकों के पास के भण्डारों का पहरा देनेवाले द्वारपाल थे।
Matthania, Bakbukia, Obadia, Méshullam, Talmon et Akkub, gardiens, portiers, faisaient la garde aux seuils des portes.
26 २६ योयाकीम के दिनों में जो योसादाक का पोता और येशुअ का पुत्र था, और नहेम्याह अधिपति और एज्रा याजक और शास्त्री के दिनों में ये ही थे।
Ceux-là vivaient au temps de Jojakim, fils de Jéshua, fils de Jotsadak, et au temps de Néhémie, le gouverneur, et d'Esdras, sacrificateur et scribe.
27 २७ यरूशलेम की शहरपनाह की प्रतिष्ठा के समय लेवीय अपने सब स्थानों में ढूँढ़े गए, कि यरूशलेम को पहुँचाए जाएँ, जिससे आनन्द और धन्यवाद करके और झाँझ, सारंगी और वीणा बजाकर, और गाकर उसकी प्रतिष्ठा करें।
Or, à la dédicace de la muraille de Jérusalem, on envoya quérir les Lévites de toutes leurs demeures, pour les faire venir à Jérusalem, afin de célébrer la dédicace avec joie, avec des louanges et des cantiques, avec des cymbales, des lyres et des harpes.
28 २८ तो गवैयों के सन्तान यरूशलेम के चारों ओर के देश से और नतोपातियों के गाँवों से,
Les fils des chantres se rassemblèrent du district qui entoure Jérusalem, des villages des Nétophathites,
29 २९ और बेतगिलगाल से, और गेबा और अज्मावेत के खेतों से इकट्ठे हुए; क्योंकि गवैयों ने यरूशलेम के आस-पास गाँव बसा लिये थे।
De Beth-Guilgal et des campagnes de Guéba et d'Azmaveth; car les chantres s'étaient bâti des villages autour de Jérusalem.
30 ३० तब याजकों और लेवियों ने अपने-अपने को शुद्ध किया; और उन्होंने प्रजा को, और फाटकों और शहरपनाह को भी शुद्ध किया।
Et les sacrificateurs et les Lévites se purifièrent. Ils purifièrent aussi le peuple, les portes et la muraille.
31 ३१ तब मैंने यहूदी हाकिमों को शहरपनाह पर चढ़ाकर दो बड़े दल ठहराए, जो धन्यवाद करते हुए धूमधाम के साथ चलते थे। इनमें से एक दल तो दक्षिण की ओर, अर्थात् कूड़ा फाटक की ओर शहरपनाह के ऊपर-ऊपर से चला;
Puis je fis monter les chefs de Juda sur la muraille, et j'établis deux grands chœurs et des cortèges. L'un s'avança à droite, sur la muraille, vers la porte du fumier.
32 ३२ और उसके पीछे-पीछे ये चले, अर्थात् होशायाह और यहूदा के आधे हाकिम,
Après eux marchait Hoshaja, avec la moitié des chefs de Juda;
33 ३३ और अजर्याह, एज्रा, मशुल्लाम,
Azaria, Esdras, Méshullam,
34 ३४ यहूदा, बिन्यामीन, शमायाह, और यिर्मयाह,
Juda, Benjamin, Shémaja et Jérémie;
35 ३५ और याजकों के कितने पुत्र तुरहियां लिये हुए: जकर्याह जो योनातान का पुत्र था, यह शमायाह का पुत्र, यह मत्तन्याह का पुत्र, यह मीकायाह का पुत्र, यह जक्कूर का पुत्र, यह आसाप का पुत्र था।
Et des fils des sacrificateurs, avec des trompettes: Zacharie, fils de Jonathan, fils de Shémaja, fils de Matthania, fils de Micaja, fils de Zaccur, fils d'Asaph;
36 ३६ और उसके भाई शमायाह, अजरेल, मिललै, गिललै, माऐ, नतनेल, यहूदा और हनानी परमेश्वर के भक्त दाऊद के बाजे लिये हुए थे; और उनके आगे-आगे एज्रा शास्त्री चला।
Et ses frères, Shémaja, Azaréel, Milalaï, Guilalaï, Maaï, Nathanaël, Juda, Hanani, avec les instruments de musique de David, homme de Dieu; Esdras, le scribe, était à leur tête.
37 ३७ ये सोता फाटक से हो सीधे दाऊदपुर की सीढ़ी पर चढ़, शहरपनाह की ऊँचाई पर से चलकर, दाऊद के भवन के ऊपर से होकर, पूरब की ओर जलफाटक तक पहुँचे।
Et à la porte de la fontaine, vis-à-vis d'eux, ils montèrent les degrés de la cité de David, par la montée de la muraille, au-dessus de la maison de David, jusqu'à la porte des eaux, vers l'orient.
38 ३८ और धन्यवाद करने और धूमधाम से चलनेवालों का दूसरा दल, और उनके पीछे-पीछे मैं, और आधे लोग उनसे मिलने को शहरपनाह के ऊपर-ऊपर से भट्ठों के गुम्मट के पास से चौड़ी शहरपनाह तक।
Le second chœur allait à l'opposite, et moi après lui, avec l'autre moitié du peuple, sur la muraille, au-dessus de la tour des fours, jusqu'à la muraille large;
39 ३९ और एप्रैम के फाटक और पुराने फाटक, और मछली फाटक, और हननेल के गुम्मट, और हम्मेआ नामक गुम्मट के पास से होकर भेड़फाटक तक चले, और पहरुओं के फाटक के पास खड़े हो गए।
Et au-dessus de la porte d'Éphraïm, de la vieille porte, de la porte des poissons, de la tour de Hananéel, et de la tour de Shéa, jusqu'à la porte des brebis. On s'arrêta à la porte de la prison.
40 ४० तब धन्यवाद करनेवालों के दोनों दल और मैं और मेरे साथ आधे हाकिम परमेश्वर के भवन में खड़े हो गए।
Puis les deux chœurs s'arrêtèrent dans la maison de Dieu, ainsi que moi, et la moitié des magistrats avec moi;
41 ४१ और एलयाकीम, मासेयाह, मिन्यामीन, मीकायाह, एल्योएनै, जकर्याह और हनन्याह नामक याजक तुरहियां लिये हुए थे।
Et les sacrificateurs Éliakim, Maaséja, Minjamin, Micaja, Eljoénaï, Zacharie, Hanania, avec des trompettes;
42 ४२ मासेयाह, शमायाह, एलीआजर, उज्जी, यहोहानान, मल्किय्याह, एलाम, और एजेर (खड़े हुए थे) और गवैये जिनका मुखिया यिज्रह्याह था, वह ऊँचे स्वर से गाते बजाते रहे।
Et Maaséja, Shémaja, Éléazar, Uzzi, Jochanan, Malkija, Élam et Ézer. Et les chantres se firent entendre; Jizrachia était leur chef.
43 ४३ उसी दिन लोगों ने बड़े-बड़े मेलबलि चढ़ाए, और आनन्द किया; क्योंकि परमेश्वर ने उनको बहुत ही आनन्दित किया था; स्त्रियों ने और बाल-बच्चों ने भी आनन्द किया। यरूशलेम के आनन्द की ध्वनि दूर-दूर तक फैल गई।
On offrit aussi, en ce jour-là, de grands sacrifices, et on se réjouit, parce que Dieu leur avait donné une grande joie; même les femmes et les enfants se réjouirent; et la joie de Jérusalem fut entendue au loin.
44 ४४ उसी दिन खजानों के, उठाई हुई भेंटों के, पहली-पहली उपज के, और दशमांशों की कोठरियों के अधिकारी ठहराए गए, कि उनमें नगर-नगर के खेतों के अनुसार उन वस्तुओं को जमा करें, जो व्यवस्था के अनुसार याजकों और लेवियों के भाग में की थीं; क्योंकि यहूदी उपस्थित याजकों और लेवियों के कारण आनन्दित थे।
Et on établit, en ce jour-là, des hommes sur les chambres des trésors, des offrandes, des prémices et des dîmes, pour y rassembler, du territoire des villes, les portions assignées par la loi aux sacrificateurs et aux Lévites; car Juda fut dans la joie à cause des sacrificateurs et des Lévites qui se trouvaient là,
45 ४५ इसलिए वे अपने परमेश्वर के काम और शुद्धता के विषय चौकसी करते रहे; और गवैये और द्वारपाल भी दाऊद और उसके पुत्र सुलैमान की आज्ञा के अनुसार वैसा ही करते रहे।
Et s'acquittaient de ce qui concernait le service de leur Dieu et le service des purifications, ainsi que les chantres et les portiers, selon le commandement de David et de Salomon, son fils.
46 ४६ प्राचीनकाल, अर्थात् दाऊद और आसाप के दिनों में तो गवैयों के प्रधान थे, और परमेश्वर की स्तुति और धन्यवाद के गीत गाए जाते थे।
Car autrefois, du temps de David et d'Asaph, il y avait des chefs de chantres, et des chants de louange et d'actions de grâces à Dieu.
47 ४७ जरुब्बाबेल और नहेम्याह के दिनों में सारे इस्राएली, गवैयों और द्वारपालों के प्रतिदिन का भाग देते रहे; और वे लेवियों के अंश पवित्र करके देते थे; और लेवीय हारून की सन्तान के अंश पवित्र करके देते थे।
Et tous les Israélites, au temps de Zorobabel et au temps de Néhémie, donnaient les portions des chantres et des portiers, jour par jour; on donnait aux Lévites les choses consacrées, et les Lévites donnaient aux enfants d'Aaron les choses consacrées.

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