< नहेमायाह 10 >
1 १ जिन्होंने छाप लगाई वे ये हैं हकल्याह का पुत्र नहेम्याह जो अधिपति था, और सिदकिय्याह;
Und auf der untersiegelten Schrift standen die Namen: Nehemia, der Tirsatha, der Sohn Hakaljas, und Zidkija. -
2 २ सरायाह, अजर्याह, यिर्मयाह;
Seraja, Asarja, Jeremia,
3 ३ पशहूर, अमर्याह, मल्किय्याह;
Paschchur, Amarja, Malkija,
4 ४ हत्तूश, शबन्याह, मल्लूक;
Hattusch, Schebanja, Malluk,
5 ५ हारीम, मरेमोत, ओबद्याह;
Harim, Meremoth, Obadja,
6 ६ दानिय्येल, गिन्नतोन, बारूक;
Daniel, Ginnethon, Baruk,
7 ७ मशुल्लाम, अबिय्याह, मिय्यामीन;
Meschullam, Abija, Mijamin,
8 ८ माज्याह, बिलगै और शमायाह; ये तो याजक थे।
Maasja, Bilgai, Schemaja; das waren die Priester. -
9 ९ लेवी ये थेः आजन्याह का पुत्र येशुअ, हेनादाद की सन्तान में से बिन्नूई और कदमीएल;
Und die Leviten, nämlich Jeschua, der Sohn Asanjas, Binnui, von den Söhnen Henadads, Kadmiel;
10 १० और उनके भाई शबन्याह, होदिय्याह, कलीता, पलायाह, हानान;
und ihre Brüder: Schebanja, Hodija, Kelita, Pelaja, Hanan,
11 ११ मीका, रहोब, हशब्याह;
Micha, Rechob, Haschabja,
12 १२ जक्कूर, शेरेब्याह, शबन्याह।
Sakkur, Scherebja, Schebanja,
13 १३ होदिय्याह, बानी और बनीनू;
Hodija, Bani, Beninu. -
14 १४ फिर प्रजा के प्रधान ये थेः परोश, पहत्मोआब, एलाम, जत्तू, बानी;
Die Häupter des Volkes: Parhosch, Pachath-Moab, Elam, Sattu, Bani,
15 १५ बुन्नी, अजगाद, बेबै;
Bunni, Asgad, Bebai,
16 १६ अदोनिय्याह, बिगवै, आदीन;
Adonija, Bigwai, Adin,
17 १७ आतेर, हिजकिय्याह, अज्जूर;
Ater, Hiskija, Assur,
18 १८ होदिय्याह, हाशूम, बेसै;
Hodija, Haschum, Bezai,
19 १९ हारीफ, अनातोत, नोबै;
Hariph, Anathoth, Nobai, [Nach and. Lesart: Nibai]
20 २० मग्पीआश, मशुल्लाम, हेजीर;
Magpiasch, Meschullam, Hesir,
21 २१ मशेजबेल, सादोक, यद्दू;
Meschesabeel, Zadok, Jaddua,
22 २२ पलत्याह, हानान, अनायाह;
Pelatja, Hanan, Anaja,
23 २३ होशे, हनन्याह, हश्शूब;
Hoschea, Hananja, Haschub,
24 २४ हल्लोहेश, पिल्हा, शोबेक;
Hallochesch, Pilcha, Schobek,
25 २५ रहूम, हशब्ना, मासेयाह;
Rechum, Haschabna, Maaseja,
26 २६ अहिय्याह, हानान, आनान;
und Achija, Hanan, Anan,
27 २७ मल्लूक, हारीम और बानाह।
Malluk, Harim, Baana.
28 २८ शेष लोग अर्थात् याजक, लेवीय, द्वारपाल, गवैये और नतीन लोग, और जितने परमेश्वर की व्यवस्था मानने के लिये देश-देश के लोगों से अलग हुए थे, उन सभी ने अपनी स्त्रियों और उन बेटे-बेटियों समेत जो समझनेवाले थे,
Und das übrige Volk, die Priester, die Leviten, die Torhüter, die Sänger, die Nethinim, und alle, welche sich von den Völkern der Länder zu dem Gesetz Gottes abgesondert hatten, ihre Weiber, ihre Söhne und ihre Töchter, alle, die Erkenntnis und Einsicht hatten,
29 २९ अपने भाई रईसों से मिलकर शपथ खाई, कि हम परमेश्वर की उस व्यवस्था पर चलेंगे जो उसके दास मूसा के द्वारा दी गई है, और अपने प्रभु यहोवा की सब आज्ञाएँ, नियम और विधियाँ मानने में चौकसी करेंगे।
schlossen sich ihren Brüdern, den Vornehmen unter ihnen, an und traten in Eid und Schwur, nach dem Gesetz Gottes, welches durch Mose, den Knecht Gottes, gegeben worden ist, zu wandeln und alle Gebote Jehovas, unseres Herrn, und seine Rechte und seine Satzungen zu beobachten und zu tun;
30 ३० हम न तो अपनी बेटियाँ इस देश के लोगों को ब्याह देंगे, और न अपने बेटों के लिये उनकी बेटियाँ ब्याह लेंगे।
und daß wir unsere Töchter den Völkern des Landes nicht geben, noch ihre Töchter für unsere Söhne nehmen wollten;
31 ३१ और जब इस देश के लोग विश्रामदिन को अन्न या कोई बिकाऊ वस्तुएँ बेचने को ले आएँगे तब हम उनसे न तो विश्रामदिन को न किसी पवित्र दिन को कुछ लेंगे; और सातवें वर्ष में भूमि पड़ी रहने देंगे, और अपने-अपने ॠण की वसूली छोड़ देंगे।
und daß, wenn die Völker des Landes am Sabbathtage Waren und allerlei Getreide zum Verkauf brächten, wir es ihnen am Sabbath oder an einem anderen heiligen Tage nicht abnehmen wollten; und daß wir im siebten Jahre das Land brach liegen lassen und auf das Darlehn einer jeden Hand verzichten wollten. [W. und daß wir das siebte Jahr und das Darlehn einer jeden Hand liegen lassen wollten. Vergl. 2. Mose 23,11; 5. Mose 15, 1. 2]
32 ३२ फिर हम लोगों ने ऐसा नियम बाँध लिया जिससे हमको अपने परमेश्वर के भवन की उपासना के लिये प्रतिवर्ष एक-एक तिहाई शेकेल देना पड़ेगा:
Und wir verpflichteten uns dazu, [W. und wir setzten uns Gebote fest] uns den dritten Teil eines Sekels im Jahre für den Dienst des Hauses unseres Gottes aufzuerlegen:
33 ३३ अर्थात् भेंट की रोटी और नित्य अन्नबलि और नित्य होमबलि के लिये, और विश्रामदिनों और नये चाँद और नियत पर्वों के बलिदानों और अन्य पवित्र भेंटों और इस्राएल के प्रायश्चित के निमित्त पापबलियों के लिये, अर्थात् अपने परमेश्वर के भवन के सारे काम के लिये।
für das Schichtbrot und das beständige Speisopfer, und für das beständige Brandopfer und für dasjenige der Sabbathe und der Neumonde, [Vergl. 4. Mose 28,9-15] für die Feste [S. die Anm. zu 3. Mose 23,2] und für die heiligen [O. geheiligten] Dinge und für die Sündopfer, um Sühnung zu tun für Israel, und für alles Werk des Hauses unseres Gottes.
34 ३४ फिर क्या याजक, क्या लेवीय, क्या साधारण लोग, हम सभी ने इस बात के ठहराने के लिये चिट्ठियाँ डालीं, कि अपने पितरों के घरानों के अनुसार प्रतिवर्ष ठहराए हुए समयों पर लकड़ी की भेंट व्यवस्था में लिखी हुई बातों के अनुसार हम अपने परमेश्वर यहोवा की वेदी पर जलाने के लिये अपने परमेश्वर के भवन में लाया करेंगे।
Und wir, die Priester, die Leviten und das Volk, warfen Lose über die Holzspende, um sie [Eig. es, d. h. das Holz] zum Hause unseres Gottes zu bringen, nach unseren Vaterhäusern, zu bestimmten Zeiten, Jahr für Jahr, zum Verbrennen auf dem Altar Jehovas, unseres Gottes, wie es in dem Gesetz vorgeschrieben ist.
35 ३५ हम अपनी-अपनी भूमि की पहली उपज और सब भाँति के वृक्षों के पहले फल प्रतिवर्ष यहोवा के भवन में ले आएँगे।
Und wir verpflichteten uns, die Erstlinge unseres Landes und die Erstlinge aller Früchte von allerlei Bäumen Jahr für Jahr zum Hause Jehovas zu bringen,
36 ३६ और व्यवस्था में लिखी हुई बात के अनुसार, अपने-अपने पहलौठे बेटों और पशुओं, अर्थात् पहलौठे बछड़ों और मेम्नों को अपने परमेश्वर के भवन में उन याजकों के पास लाया करेंगे, जो हमारे परमेश्वर के भवन में सेवा टहल करते हैं।
und die Erstgeborenen unserer Söhne und unseres Viehes, wie es in dem Gesetz vorgeschrieben ist; und die Erstgeborenen unserer Rinder und unseres Kleinviehes zum Hause unseres Gottes zu den Priestern zu bringen, welche den Dienst verrichten im Hause unseres Gottes.
37 ३७ हम अपना पहला गूँधा हुआ आटा, और उठाई हुई भेंटें, और सब प्रकार के वृक्षों के फल, और नया दाखमधु, और टटका तेल, अपने परमेश्वर के भवन की कोठरियों में याजकों के पास, और अपनी-अपनी भूमि की उपज का दशमांश लेवियों के पास लाया करेंगे; क्योंकि वे लेवीय हैं, जो हमारी खेती के सब नगरों में दशमांश लेते हैं।
Und den Erstling unseres Schrotmehls und unsere Hebopfer, und die Früchte von allerlei Bäumen, Most und Öl wollen wir den Priestern bringen in die Zellen des Hauses unseres Gottes; und den Zehnten unseres Landes den Leviten. Denn sie, die Leviten, sind es, welche den Zehnten erheben in allen Städten unseres Ackerbaues;
38 ३८ जब जब लेवीय दशमांश लें, तब-तब उनके संग हारून की सन्तान का कोई याजक रहा करे; और लेवीय दशमांशों का दशमांश हमारे परमेश्वर के भवन की कोठरियों में अर्थात् भण्डार में पहुँचाया करेंगे।
und der Priester, der Sohn Aarons, soll bei den Leviten sein, wenn die Leviten den Zehnten erheben. Und die Leviten sollen den Zehnten vom Zehnten zum Hause unseres Gottes hinaufbringen, in die Zellen des Schatzhauses.
39 ३९ क्योंकि जिन कोठरियों में पवित्रस्थान के पात्र और सेवा टहल करनेवाले याजक और द्वारपाल और गवैये रहते हैं, उनमें इस्राएली और लेवीय, अनाज, नये दाखमधु, और टटके तेल की उठाई हुई भेंटें पहुँचाएँगे। इस प्रकार हम अपने परमेश्वर के भवन को न छोड़ेंगे।
Denn in die Zellen sollen die Kinder Israel und die Kinder Levi das Hebopfer vom Getreide, vom Most und Öl bringen; denn dort sind die heiligen Geräte und die Priester, welche den Dienst verrichten, und die Torhüter und die Sänger. Und so wollen wir das Haus unseres Gottes nicht verlassen.