< नहूम 2 >

1 सत्यानाश करनेवाला तेरे विरुद्ध चढ़ आया है। गढ़ को दृढ़ कर; मार्ग देखता हुआ चौकस रह; अपनी कमर कस; अपना बल बढ़ा दे।
হে নীনবী, তোমার বিরুদ্ধে এক আক্রমণকারী এগিয়ে আসছে। দুর্গ পাহারা দাও, পথে নজরদারি চালাও, কোমর বাঁধো, তোমার সব শক্তি একত্রিত করো।
2 यहोवा याकूब की बड़ाई इस्राएल की बड़ाई के समान ज्यों की त्यों कर रहा है, क्योंकि उजाड़नेवालों ने उनको उजाड़ दिया है और दाख की डालियों का नाश किया है।
ইস্রায়েলের সমারোহের মতো সদাপ্রভু যাকোবের সমারোহও ফিরিয়ে আনবেন, যদিও বিনাশকারীরা তাদের ধ্বংস করেছে এবং তাদের দ্রাক্ষালতাগুলি নষ্ট করে দিয়েছে।
3 उसके शूरवीरों की ढालें लाल रंग से रंगी गईं, और उसके योद्धा लाल रंग के वस्त्र पहने हुए हैं। तैयारी के दिन रथों का लोहा आग के समान चमकता है, और भाले हिलाए जाते हैं।
সৈনিকদের ঢালগুলির রং লাল; যোদ্ধারা টকটকে লাল রংয়ের পোশাকে সুসজ্জিত। রথ সাজিয়ে তোলার দিনে রথের ধাতু চকচক করে উঠেছে; দেবদারু কাঠে তৈরি বর্শাগুলি আস্ফালিত হয়েছে।
4 रथ सड़कों में बहुत वेग से हाँके जाते और चौकों में इधर-उधर चलाए जाते हैं; वे मशालों के समान दिखाई देते हैं, और उनका वेग बिजली का सा है।
রথগুলি জোর কদমে রাস্তায় ছুটে বেড়ায়, চকের এদিক-ওদিক তীব্র গতিতে এগিয়ে যায়। সেগুলি দেখে মনে হয় সেগুলি বুঝি জ্বলন্ত মশাল; সেগুলি বজ্রের মতো আছড়ে পড়ে।
5 वह अपने शूरवीरों को स्मरण करता है; वे चलते-चलते ठोकर खाते हैं, वे शहरपनाह की ओर फुर्ती से जाते हैं, और सुरक्षात्मक ढाल तैयार किया जाता है।
নীনবী তার শ্রেষ্ঠ সৈন্যদলকে তলব করল, তাও তারা পথে হোঁচট খেলো। তারা নগর-প্রাচীরে ধাক্কা খেলো; প্রতিরক্ষামূলক ঢাল স্বস্থানে রাখা হল।
6 नहरों के द्वार खुल जाते हैं, और राजभवन गलकर बैठा जाता है।
নদীমুখ খুলে গেল এবং রাজপ্রাসাদের পতন হল।
7 हुसेब नंगी करके बँधुआई में ले ली जाएगी, और उसकी दासियाँ छाती पीटती हुई पिण्डुकों के समान विलाप करेंगी।
হুকুম দেওয়া হল যে নীনবী নির্বাসিত ও দূরে নীত হবে। তার দাসীরা ঘুঘুর মতো বিলাপ করবে ও বুক চাপড়াবে।
8 नीनवे जब से बनी है, तब से तालाब के समान है, तो भी वे भागे जाते हैं, और “खड़े हो; खड़े हो”, ऐसा पुकारे जाने पर भी कोई मुँह नहीं मोड़ता।
নীনবী এমন এক পুকুরের মতো যার জল শুকিয়ে যাচ্ছে। “দাঁড়াও! দাড়াও!” তারা চিৎকার করে, কিন্তু কেউই পিছু ফেরে না।
9 चाँदी को लूटो, सोने को लूटो, उसके रखे हुए धन की बहुतायत, और वैभव की सब प्रकार की मनभावनी सामग्री का कुछ परिमाण नहीं।
রুপো লুট করো! সোনা লুট করো! সরবরাহ অসীম! তার সব কোষাগারের ধনসম্পদ প্রাচুর্যময়!
10 १० वह खाली, छूछी और सूनी हो गई है! मन कच्चा हो गया, और पाँव काँपते हैं; और उन सभी की कमर में बड़ी पीड़ा उठी, और सभी के मुख का रंग उड़ गया है!
সে লুন্ঠিত, অপহৃত, নগ্ন হয়েছে! তার হৃদয় গলে গিয়েছে, হাঁটু ঠকঠক করেছে, শরীর কেঁপে উঠেছে, প্রত্যেকের মুখ ম্লান হয়ে গিয়েছে।
11 ११ सिंहों की वह माँद, और जवान सिंह के आखेट का वह स्थान कहाँ रहा जिसमें सिंह और सिंहनी अपने बच्चों समेत बेखटके फिरते थे?
এখন কোথায় সিংহদের সেই গুহা, সেই স্থান যেখানে তারা যুবসিংহদের খাওয়াতো, যেখানে সিংহ ও সিংহী চলে যেত, ও শাবকেরা নির্ভয়ে বসবাস করত?
12 १२ सिंह तो अपने बच्चों के लिये बहुत आहेर को फाड़ता था, और अपनी सिंहनियों के लिये आहेर का गला घोंट घोंटकर ले जाता था, और अपनी गुफाओं और माँदों को आहेर से भर लेता था।
সিংহ তার শাবকদের জন্য পর্যাপ্ত পশু হত্যা করত ও তার সঙ্গিনীর জন্য শিকার করা পশুদের শ্বাসরোধ করত, তার ডেরাগুলি নিহত পশুদের দিয়ে ও গুহাগুলি শিকার করা পশু দিয়ে পরিপূর্ণ করে রাখত।
13 १३ सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, मैं तेरे विरुद्ध हूँ, और उसके रथों को भस्म करके धुएँ में उड़ा दूँगा, और उसके जवान सिंह सरीखे वीर तलवार से मारे जाएँगे; मैं तेरे आहेर को पृथ्वी पर से नष्ट करूँगा, और तेरे दूतों का बोल फिर सुना न जाएगा।
“আমি তোমার বিপক্ষ,” সর্বশক্তিমান সদাপ্রভু ঘোষণা করছেন। “আমি তোমার রথগুলি পুড়িয়ে ধোঁয়ায় পরিণত করব, ও তরোয়াল তোমার যুবসিংহদের গ্রাস করবে। পৃথিবীতে আমি তোমার জন্য কোনও শিকার ছেড়ে রাখব না। তোমার দূতদের রব আর কখনও শোনা যাবে না।”

< नहूम 2 >