< मीका 5 >

1 अब हे बहुत दलों के नगर, दल बाँध बाँधकर इकट्ठे हो, क्योंकि उसने हम लोगों को घेर लिया है; वे इस्राएल के न्यायी के गाल पर सोंटा मारेंगे।
हे सैन्य-दलों के शहर, अपने सैनिकों को क़तार में कर लो, क्योंकि हमारे विरुद्ध एक घेरा डाला गया है. वे इस्राएल के शासक के गाल पर लाठी से प्रहार करेंगे.
2 हे बैतलहम एप्राता, यदि तू ऐसा छोटा है कि यहूदा के हजारों में गिना नहीं जाता, तो भी तुझ में से मेरे लिये एक पुरुष निकलेगा, जो इस्राएलियों में प्रभुता करनेवाला होगा; और उसका निकलना प्राचीनकाल से, वरन् अनादिकाल से होता आया है।
“पर तुम, हे एफ़राथा के बेथलेहेम, यद्यपि तुम यहूदिया के वंशजों में छोटे हो, तुमसे ही मेरे लिए एक व्यक्ति का आगमन होगा जो इस्राएल के ऊपर शासक होगा, जिसका उद्गम पुराने समय से, प्राचीन काल से है.”
3 इस कारण वह उनको उस समय तक त्यागे रहेगा, जब तक जच्चा उत्पन्न न करे; तब इस्राएलियों के पास उसके बचे हुए भाई लौटकर उनसे मिल जाएँगे।
इसलिये इस्राएल को उस समय तक त्याग दिया जाएगा, जब तक वह जो प्रसव पीड़ा में है, एक बालक को जन्म नहीं दे देती, और उसके बाकी भाई इस्राएलियों से मिल जाने के लिये लौट नहीं जाते.
4 और वह खड़ा होकर यहोवा की दी हुई शक्ति से, और अपने परमेश्वर यहोवा के नाम के प्रताप से, उनकी चरवाही करेगा। और वे सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि अब वह पृथ्वी की छोर तक महान ठहरेगा।
वह याहवेह के बल से, याहवेह अपने परमेश्वर के नाम के प्रताप से उठ खड़ा होगा और अपने झुंड की देखरेख करेगा. और वे सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि तब पृथ्वी की छोर तक लोग उसकी महानता को जानेंगे.
5 और वह शान्ति का मूल होगा, जब अश्शूरी हमारे देश पर चढ़ाई करें, और हमारे राजभवनों में पाँव रखें, तब हम उनके विरुद्ध सात चरवाहे वरन् आठ प्रधान मनुष्य खड़े करेंगे।
और वह हमारी शांति होगा जब अश्शूरवासी हमारे देश पर आक्रमण करेंगे और हमारे गढ़ों में प्रवेश करेंगे. हम उनके विरुद्ध सात चरवाहे, वरन आठ सेनापति खड़े कर देंगे,
6 और वे अश्शूर के देश को वरन् प्रवेश के स्थानों तक निम्रोद के देश को तलवार चलाकर मार लेंगे; और जब अश्शूरी लोग हमारे देश में आएँ, और उसकी सीमा के भीतर पाँव रखें, तब वही पुरुष हमको उनसे बचाएगा।
जो अश्शूर देश पर, निमरोद के देश पर तलवार से शासन करेंगे. वह हमें अश्शूरवासियों से छुड़ाएगा जब वे हमारे देश पर आक्रमण करेंगे और हमारी सीमाओं को पार करेंगे.
7 और याकूब के बचे हुए लोग बहुत राज्यों के बीच ऐसा काम देंगे, जैसा यहोवा की ओर से पड़नेवाली ओस, और घास पर की वर्षा, जो किसी के लिये नहीं ठहरती और मनुष्यों की बाट नहीं जोहती।
याकोब का बचा भाग बहुत से लोगों के बीच होगा. वह याहवेह द्वारा भेजे ओस, घांस पर पड़नेवाली वर्षा के समान होगा, जो किसी का इंतजार नहीं करता और न ही किसी मनुष्य पर निर्भर रहता है.
8 और याकूब के बचे हुए लोग जातियों में और देश-देश के लोगों के बीच ऐसे होंगे जैसे वन-पशुओं में सिंह, या भेड़-बकरियों के झुण्डों में जवान सिंह होता है, क्योंकि जब वह उनके बीच में से जाए, तो लताड़ता और फाड़ता जाएगा, और कोई बचा न सकेगा।
याकोब का बचा भाग जातियों के बीच और लोगों के बीच ऐसा होगा, जैसा एक सिंह जंगली जानवरों के बीच होता है, और एक जवान सिंह जो भेड़ों के झुंड के बीच होता है, और वह उनके मध्य से जाते हुए उन पर झपटता है और उनको फाड़ डालता है, और कोई उन्हें बचा नहीं सकता.
9 तेरा हाथ तेरे द्रोहियों पर पड़े, और तेरे सब शत्रु नष्ट हो जाएँ।
तुम्हारा हाथ अपने शत्रुओं के ऊपर विजय उल्लास में ऊंचा उठेगा, और तुम्हारे सब शत्रु नाश किए जाएंगे.
10 १० यहोवा की यही वाणी है, उस समय मैं तेरे घोड़ों का तेरे बीच में से नाश करूँगा; और तेरे रथों का विनाश करूँगा।
याहवेह की घोषणा यह है, “उस दिन मैं तुम्हारे घोड़ों को तुम्हारे बीच नाश कर दूंगा और तुम्हारे रथों को भी नष्ट कर दूंगा.
11 ११ मैं तेरे देश के नगरों को भी नष्ट करूँगा, और तेरे किलों को ढा दूँगा।
मैं तुम्हारे देश के शहरों को नष्ट कर दूंगा और तुम्हारे गढ़ों को ध्वस्त कर दूंगा.
12 १२ और मैं तेरे तंत्र-मंत्र नाश करूँगा, और तुझ में टोन्हे आगे को न रहेंगे।
मैं तुम्हारे बीच जादू-टोने को समाप्‍त कर दूंगा और तुम फिर कभी ज्योतिष की बात न कर सकोगे.
13 १३ और मैं तेरी खुदी हुई मूरतें, और तेरी लाठें, तेरे बीच में से नष्ट करूँगा; और तू आगे को अपने हाथ की बनाई हुई वस्तुओं को दण्डवत् न करेगा।
मैं तुम्हारे मूर्तियों और तुम्हारे बीच तुम्हारे पवित्र पत्थरों को नाश कर दूंगा; तुम फिर कभी अपने हाथ से बनाये चीज़ों की आराधना नहीं करोगे.
14 १४ और मैं तेरी अशेरा नामक मूरतों को तेरी भूमि में से उखाड़ डालूँगा, और तेरे नगरों का विनाश करूँगा।
जब मैं तुम्हारे शहरों का विनाश करूंगा तो मैं तुम्हारे बीच से तुम्हारे अशेरा-स्तम्भों को उखाड़ फेंकूंगा.
15 १५ और मैं अन्यजातियों से जो मेरा कहा नहीं मानतीं, क्रोध और जलजलाहट के साथ बदला लूँगा।
मैं गुस्सा और क्रोध में उन जनताओं से बदला लूंगा जिन्होंने मेरी बात नहीं मानी है.”

< मीका 5 >