< मीका 5 >
1 १ अब हे बहुत दलों के नगर, दल बाँध बाँधकर इकट्ठे हो, क्योंकि उसने हम लोगों को घेर लिया है; वे इस्राएल के न्यायी के गाल पर सोंटा मारेंगे।
Now gather thyself together, O daughter of troops, A siege he hath laid against us, With a rod they smite on the cheek the judge of Israel.
2 २ हे बैतलहम एप्राता, यदि तू ऐसा छोटा है कि यहूदा के हजारों में गिना नहीं जाता, तो भी तुझ में से मेरे लिये एक पुरुष निकलेगा, जो इस्राएलियों में प्रभुता करनेवाला होगा; और उसका निकलना प्राचीनकाल से, वरन् अनादिकाल से होता आया है।
And thou, Beth-Lehem Ephratah, Little to be among the chiefs of Judah! From thee to Me he cometh forth — to be ruler in Israel, And his comings forth [are] of old, From the days of antiquity.
3 ३ इस कारण वह उनको उस समय तक त्यागे रहेगा, जब तक जच्चा उत्पन्न न करे; तब इस्राएलियों के पास उसके बचे हुए भाई लौटकर उनसे मिल जाएँगे।
Therefore he doth give them out till the time She who bringeth forth hath brought forth, And the remnant of his brethren return to the sons of Israel.
4 ४ और वह खड़ा होकर यहोवा की दी हुई शक्ति से, और अपने परमेश्वर यहोवा के नाम के प्रताप से, उनकी चरवाही करेगा। और वे सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि अब वह पृथ्वी की छोर तक महान ठहरेगा।
And he hath stood and delighted in the strength of Jehovah, In the excellency of the name of Jehovah his God, And they have remained, For now he is great unto the ends of earth.
5 ५ और वह शान्ति का मूल होगा, जब अश्शूरी हमारे देश पर चढ़ाई करें, और हमारे राजभवनों में पाँव रखें, तब हम उनके विरुद्ध सात चरवाहे वरन् आठ प्रधान मनुष्य खड़े करेंगे।
And this [one] hath been peace, Asshur! when he doth come into our land, And when he doth tread in our palaces, We have raised against him seven shepherds, And eight anointed of man.
6 ६ और वे अश्शूर के देश को वरन् प्रवेश के स्थानों तक निम्रोद के देश को तलवार चलाकर मार लेंगे; और जब अश्शूरी लोग हमारे देश में आएँ, और उसकी सीमा के भीतर पाँव रखें, तब वही पुरुष हमको उनसे बचाएगा।
And they have afflicted the land of Asshur with the sword, And the land of Nimrod at its openings, And he hath delivered from Asshur when he doth come into our land, And when he treadeth in our borders.
7 ७ और याकूब के बचे हुए लोग बहुत राज्यों के बीच ऐसा काम देंगे, जैसा यहोवा की ओर से पड़नेवाली ओस, और घास पर की वर्षा, जो किसी के लिये नहीं ठहरती और मनुष्यों की बाट नहीं जोहती।
And the remnant of Jacob hath been in the midst of many peoples, As dew from Jehovah — as showers on the herb, That waiteth not for man, nor stayeth for the sons of men.
8 ८ और याकूब के बचे हुए लोग जातियों में और देश-देश के लोगों के बीच ऐसे होंगे जैसे वन-पशुओं में सिंह, या भेड़-बकरियों के झुण्डों में जवान सिंह होता है, क्योंकि जब वह उनके बीच में से जाए, तो लताड़ता और फाड़ता जाएगा, और कोई बचा न सकेगा।
Yea, the remnant of Jacob hath been among nations, In the midst of many peoples, As a lion among beasts of a forest, As a young lion among ranks of a flock, Which if it hath passed through, Hath both trodden down and hath torn, And there is no deliverer.
9 ९ तेरा हाथ तेरे द्रोहियों पर पड़े, और तेरे सब शत्रु नष्ट हो जाएँ।
High is thy hand above thine adversaries, And all thine enemies are cut off.
10 १० यहोवा की यही वाणी है, उस समय मैं तेरे घोड़ों का तेरे बीच में से नाश करूँगा; और तेरे रथों का विनाश करूँगा।
And it hath come to pass in that day, An affirmation of Jehovah, I have cut off thy horses from thy midst, And I have destroyed thy chariots,
11 ११ मैं तेरे देश के नगरों को भी नष्ट करूँगा, और तेरे किलों को ढा दूँगा।
And I have cut off the cities of thy land, And I have thrown down all thy fortresses,
12 १२ और मैं तेरे तंत्र-मंत्र नाश करूँगा, और तुझ में टोन्हे आगे को न रहेंगे।
And have cut off sorcerers out of thy hand, And observers of clouds thou hast none.
13 १३ और मैं तेरी खुदी हुई मूरतें, और तेरी लाठें, तेरे बीच में से नष्ट करूँगा; और तू आगे को अपने हाथ की बनाई हुई वस्तुओं को दण्डवत् न करेगा।
And I have cut off thy graven images, And thy standing-pillars out of thy midst, And thou dost not bow thyself any more To the work of thy hands.
14 १४ और मैं तेरी अशेरा नामक मूरतों को तेरी भूमि में से उखाड़ डालूँगा, और तेरे नगरों का विनाश करूँगा।
And I have plucked up thy shrines out of thy midst, And I have destroyed thine enemies.
15 १५ और मैं अन्यजातियों से जो मेरा कहा नहीं मानतीं, क्रोध और जलजलाहट के साथ बदला लूँगा।
And I have done vengeance in anger and in fury, With the nations who have not hearkened!