< मीका 3 >
1 १ मैंने कहा: हे याकूब के प्रधानों, हे इस्राएल के घराने के न्यायियों, सुनो! क्या न्याय का भेद जानना तुम्हारा काम नहीं?
Und ich sprach: Höret doch, ihr Häupter Jakobs und ihr Fürsten des Hauses Israel: Ich es nicht an euch, das Recht zu kennen?
2 २ तुम तो भलाई से बैर, और बुराई से प्रीति रखते हो, मानो, तुम, लोगों पर से उनकी खाल उधेड़ लेते, और उनकी हड्डियों पर से उनका माँस नोच लेते हो;
Die ihr das Gute hasset und das Böse liebet; die ihr ihnen die Haut abziehet und das Fleisch von ihren Gebeinen;
3 ३ वरन् तुम मेरे लोगों का माँस खा भी लेते, और उनकी खाल उधेड़ते हो; तुम उनकी हड्डियों को हाण्डी में पकाने के लिये तोड़ डालते और उनका माँस हँडे में पकाने के लिये टुकड़े-टुकड़े करते हो।
und die ihr das Fleisch meines Volkes fresset, und ihre Haut von ihnen abstreifet, und ihre Gebeine zerbrechet und zerstücket wie in einem Topfe und wie Fleisch inmitten des Kessels.
4 ४ वे उस समय यहोवा की दुहाई देंगे, परन्तु वह उनकी न सुनेगा, वरन् उस समय वह उनके बुरे कामों के कारण उनसे मुँह मोड़ लेगा।
Dann werden sie zu Jehova schreien, und er wird ihnen nicht antworten; und er wird sein Angesicht vor ihnen verbergen zu jener Zeit, gleichwie sie ihre Handlungen böse gemacht haben.
5 ५ यहोवा का यह वचन है कि जो भविष्यद्वक्ता मेरी प्रजा को भटका देते हैं, और जब उन्हें खाने को मिलता है तब “शान्ति-शान्ति,” पुकारते हैं, और यदि कोई उनके मुँह में कुछ न दे, तो उसके विरुद्ध युद्ध करने को तैयार हो जाते हैं।
So spricht Jehova über die Propheten, die mein Volk irreführen, welche mit ihren Zähnen beißen, und Frieden rufen [d. h. welche, wenn sie etwas mit ihren Zähnen zu beißen haben, Frieden [od. Wohlfahrt] verkündigen; ] und wer ihnen nichts ins Maul gibt, wider den heiligen sie einen Krieg [S. die Anm. zu Jer. 6,4]:
6 ६ इस कारण तुम पर ऐसी रात आएगी, कि तुम को दर्शन न मिलेगा, और तुम ऐसे अंधकार में पड़ोगे कि भावी न कह सकोगे। भविष्यद्वक्ताओं के लिये सूर्य अस्त होगा, और दिन रहते उन पर अंधियारा छा जाएगा।
Darum soll es euch Nacht werden, ohne Gesicht, und Finsternis werden, ohne Wahrsagung; und die Sonne wird über den Propheten untergehen, und der Tag über ihnen schwarz werden.
7 ७ दर्शी लज्जित होंगे, और भावी कहनेवालों के मुँह काले होंगे; और वे सब के सब अपने होठों को इसलिए ढाँपेंगे कि परमेश्वर की ओर से उत्तर नहीं मिलता।
Und die Seher werden beschämt und die Wahrsager zu Schanden werden, und sie werden allesamt den Bart verhüllen, weil keine Antwort Gottes da ist.
8 ८ परन्तु मैं तो यहोवा की आत्मा से शक्ति, न्याय और पराक्रम पाकर परिपूर्ण हूँ कि मैं याकूब को उसका अपराध और इस्राएल को उसका पाप जता सकूँ।
Ich hingegen, ich bin mit Kraft erfüllt durch den Geist Jehovas, und mit Recht und Stärke, um Jakob seine Übertretung [O. seinen Abfall] kundzutun und Israel seine Sünde.
9 ९ हे याकूब के घराने के प्रधानों, हे इस्राएल के घराने के न्यायियों, हे न्याय से घृणा करनेवालों और सब सीधी बातों को टेढ़ी-मेढ़ी करनेवालों, यह बात सुनो।
Höret doch dieses, ihr Häupter des Hauses Jakob und ihr Fürsten des Hauses Israel, die ihr das Recht verabscheuet und alles Gerade krümmet;
10 १० तुम सिय्योन को हत्या करके और यरूशलेम को कुटिलता करके दृढ़ करते हो।
die ihr Zion mit Blut bauet und Jerusalem mit Unrecht.
11 ११ उसके प्रधान घूस ले लेकर विचार करते, और याजक दाम ले लेकर व्यवस्था देते हैं, और भविष्यद्वक्ता रुपये के लिये भावी कहते हैं; तो भी वे यह कहकर यहोवा पर भरोसा रखते हैं, “यहोवा हमारे बीच में है, इसलिए कोई विपत्ति हम पर न आएगी।”
Seine Häupter richten um Geschenke, und seine Priester lehren um Lohn, und seine Propheten wahrsagen um Geld; und sie stützen sich auf Jehova und sagen: Ist nicht Jehova in unserer Mitte? kein Unglück wird über uns kommen!
12 १२ इसलिए तुम्हारे कारण सिय्योन जोतकर खेत बनाया जाएगा, और यरूशलेम खण्डहरों का ढेर हो जाएगा, और जिस पर्वत पर परमेश्वर का भवन बना है, वह वन के ऊँचे स्थान सा हो जाएगा।
Darum wird euretwegen Zion als Acker gepflügt werden, und Jerusalem wird zu Trümmerhaufen und der Berg des Hauses zu Waldeshöhen werden [Vergl. Jer. 26,18.]