< मीका 2 >

1 हाय उन पर, जो बिछौनों पर पड़े हुए बुराइयों की कल्पना करते और दुष्ट कर्म की इच्छा करते हैं, और बलवन्त होने के कारण भोर को दिन निकलते ही वे उसको पूरा करते हैं।
ה֧וֹי חֹֽשְׁבֵי־אָ֛וֶן וּפֹ֥עֲלֵי רָ֖ע עַל־מִשְׁכְּבוֹתָ֑ם בְּא֤וֹר הַבֹּ֙קֶר֙ יַעֲשׂ֔וּהָ כִּ֥י יֶשׁ־לְאֵ֖ל יָדָֽם׃
2 वे खेतों का लालच करके उन्हें छीन लेते हैं, और घरों का लालच करके उन्हें भी ले लेते हैं; और उसके घराने समेत पुरुष पर, और उसके निज भाग समेत किसी पुरुष पर अंधेर और अत्याचार करते हैं।
וְחָמְד֤וּ שָׂדוֹת֙ וְגָזָ֔לוּ וּבָתִּ֖ים וְנָשָׂ֑אוּ וְעָֽשְׁקוּ֙ גֶּ֣בֶר וּבֵית֔וֹ וְאִ֖ישׁ וְנַחֲלָתֽוֹ׃ פ
3 इस कारण, यहोवा यह कहता है, मैं इस कुल पर ऐसी विपत्ति डालने पर हूँ, जिसके नीचे से तुम अपनी गर्दन हटा न सकोगे; न अपने सिर ऊँचे किए हुए चल सकोगे; क्योंकि वह विपत्ति का समय होगा।
לָכֵ֗ן כֹּ֚ה אָמַ֣ר יְהוָ֔ה הִנְנִ֥י חֹשֵׁ֛ב עַל־הַמִּשְׁפָּחָ֥ה הַזֹּ֖את רָעָ֑ה אֲ֠שֶׁר לֹֽא־תָמִ֨ישׁוּ מִשָּׁ֜ם צַוְּארֹֽתֵיכֶ֗ם וְלֹ֤א תֵֽלְכוּ֙ רוֹמָ֔ה כִּ֛י עֵ֥ת רָעָ֖ה הִֽיא׃
4 उस समय यह अत्यन्त शोक का गीत दृष्टान्त की रीति पर गाया जाएगा: “हमारा तो सर्वनाश हो गया; वह मेरे लोगों के भाग को बिगाड़ता है; हाय, वह उसे मुझसे कितनी दूर कर देता है! वह हमारे खेत बलवा करनेवाले को दे देता है।”
בַּיּ֨וֹם הַה֜וּא יִשָּׂ֧א עֲלֵיכֶ֣ם מָשָׁ֗ל וְנָהָ֨ה נְהִ֤י נִֽהְיָה֙ אָמַר֙ שָׁד֣וֹד נְשַׁדֻּ֔נוּ חֵ֥לֶק עַמִּ֖י יָמִ֑יר אֵ֚יךְ יָמִ֣ישׁ לִ֔י לְשׁוֹבֵ֥ב שָׂדֵ֖ינוּ יְחַלֵּֽק׃
5 इस कारण तेरा ऐसा कोई न होगा, जो यहोवा की मण्डली में चिट्ठी डालकर नापने की डोरी डाले।
לָכֵן֙ לֹֽא־יִֽהְיֶ֣ה לְךָ֔ מַשְׁלִ֥יךְ חֶ֖בֶל בְּגוֹרָ֑ל בִּקְהַ֖ל יְהוָֽה׃
6 बकवासी कहा करते हैं, “बकवास न करो। इन बातों के लिये न कहा करो!” ऐसे लोगों में से अपमान न मिटेगा।
אַל־תַּטִּ֖פוּ יַטִּיפ֑וּן לֹֽא־יַטִּ֣פוּ לָאֵ֔לֶּה לֹ֥א יִסַּ֖ג כְּלִמּֽוֹת׃
7 हे याकूब के घराने, क्या यह कहा जाए कि यहोवा का आत्मा अधीर हो गया है? क्या ये काम उसी के किए हुए हैं? क्या मेरे वचनों से उसका भला नहीं होता जो सिधाई से चलता है?
הֶאָמ֣וּר בֵּֽית־יַעֲקֹ֗ב הֲקָצַר֙ ר֣וּחַ יְהוָ֔ה אִם־אֵ֖לֶּה מַעֲלָלָ֑יו הֲל֤וֹא דְבָרַ֨י יֵיטִ֔יבוּ עִ֖ם הַיָּשָׁ֥ר הוֹלֵֽךְ׃
8 परन्तु कल की बात है कि मेरी प्रजा शत्रु बनकर मेरे विरुद्ध उठी है; तुम शान्त और भोले-भाले राहियों के तन पर से वस्त्र छीन लेते हो जो लड़ाई का विचार न करके निधड़क चले जाते हैं।
וְאֶתְמ֗וּל עַמִּי֙ לְאוֹיֵ֣ב יְקוֹמֵ֔ם מִמּ֣וּל שַׂלְמָ֔ה אֶ֖דֶר תַּפְשִׁט֑וּן מֵעֹבְרִ֣ים בֶּ֔טַח שׁוּבֵ֖י מִלְחָמָֽה׃
9 मेरी प्रजा की स्त्रियों को तुम उनके सुखधामों से निकाल देते हो; और उनके नन्हें बच्चों से तुम मेरी दी हुई उत्तम वस्तुएँ सर्वदा के लिये छीन लेते हो।
נְשֵׁ֤י עַמִּי֙ תְּגָ֣רְשׁ֔וּן מִבֵּ֖ית תַּֽעֲנֻגֶ֑יהָ מֵעַל֙ עֹֽלָלֶ֔יהָ תִּקְח֥וּ הֲדָרִ֖י לְעוֹלָֽם׃
10 १० उठो, चले जाओ! क्योंकि यह तुम्हारा विश्रामस्थान नहीं है; इसका कारण वह अशुद्धता है जो कठिन दुःख के साथ तुम्हारा नाश करेगी।
ק֣וּמוּ וּלְכ֔וּ כִּ֥י לֹא־זֹ֖את הַמְּנוּחָ֑ה בַּעֲב֥וּר טָמְאָ֛ה תְּחַבֵּ֖ל וְחֶ֥בֶל נִמְרָֽץ׃
11 ११ यदि कोई झूठी आत्मा में चलता हुआ झूठी और व्यर्थ बातें कहे और कहे कि मैं तुम्हें नित्य दाखमधु और मदिरा के लिये प्रचार सुनाता रहूँगा, तो वही इन लोगों का भविष्यद्वक्ता ठहरेगा।
לוּ־אִ֞ישׁ הֹלֵ֥ךְ ר֙וּחַ֙ וָשֶׁ֣קֶר כִּזֵּ֔ב אַטִּ֣ף לְךָ֔ לַיַּ֖יִן וְלַשֵּׁכָ֑ר וְהָיָ֥ה מַטִּ֖יף הָעָ֥ם הַזֶּֽה׃
12 १२ हे याकूब, मैं निश्चय तुम सभी को इकट्ठा करूँगा; मैं इस्राएल के बचे हुओं को निश्चय इकट्ठा करूँगा; और बोस्रा की भेड़-बकरियों के समान एक संग रखूँगा। उस झुण्ड के समान जो अच्छी चराई में हो, वे मनुष्यों की बहुतायत के मारे कोलाहल मचाएँगे।
אָסֹ֨ף אֶאֱסֹ֜ף יַעֲקֹ֣ב כֻּלָּ֗ךְ קַבֵּ֤ץ אֲקַבֵּץ֙ שְׁאֵרִ֣ית יִשְׂרָאֵ֔ל יַ֥חַד אֲשִׂימֶ֖נּוּ כְּצֹ֣אן בָּצְרָ֑ה כְּעֵ֙דֶר֙ בְּת֣וֹךְ הַדָּֽבְר֔וֹ תְּהִימֶ֖נָה מֵאָדָֽם׃
13 १३ उनके आगे-आगे बाड़े का तोड़नेवाला गया है, इसलिए वे भी उसे तोड़ रहे हैं, और फाटक से होकर निकले जा रहे हैं; उनका राजा उनके आगे-आगे गया अर्थात् यहोवा उनका सरदार और अगुआ है।
עָלָ֤ה הַפֹּרֵץ֙ לִפְנֵיהֶ֔ם פָּֽרְצוּ֙ וַֽיַּעֲבֹ֔רוּ שַׁ֖עַר וַיֵּ֣צְאוּ ב֑וֹ וַיַּעֲבֹ֤ר מַלְכָּם֙ לִפְנֵיהֶ֔ם וַיהוָ֖ה בְּרֹאשָֽׁם׃ פ

< मीका 2 >