< मीका 2 >
1 १ हाय उन पर, जो बिछौनों पर पड़े हुए बुराइयों की कल्पना करते और दुष्ट कर्म की इच्छा करते हैं, और बलवन्त होने के कारण भोर को दिन निकलते ही वे उसको पूरा करते हैं।
ἐγένοντο λογιζόμενοι κόπους καὶ ἐργαζόμενοι κακὰ ἐν ταῖς κοίταις αὐτῶν καὶ ἅμα τῇ ἡμέρᾳ συνετέλουν αὐτά διότι οὐκ ἦραν πρὸς τὸν θεὸν τὰς χεῖρας αὐτῶν
2 २ वे खेतों का लालच करके उन्हें छीन लेते हैं, और घरों का लालच करके उन्हें भी ले लेते हैं; और उसके घराने समेत पुरुष पर, और उसके निज भाग समेत किसी पुरुष पर अंधेर और अत्याचार करते हैं।
καὶ ἐπεθύμουν ἀγροὺς καὶ διήρπαζον ὀρφανοὺς καὶ οἴκους κατεδυνάστευον καὶ διήρπαζον ἄνδρα καὶ τὸν οἶκον αὐτοῦ ἄνδρα καὶ τὴν κληρονομίαν αὐτοῦ
3 ३ इस कारण, यहोवा यह कहता है, मैं इस कुल पर ऐसी विपत्ति डालने पर हूँ, जिसके नीचे से तुम अपनी गर्दन हटा न सकोगे; न अपने सिर ऊँचे किए हुए चल सकोगे; क्योंकि वह विपत्ति का समय होगा।
διὰ τοῦτο τάδε λέγει κύριος ἰδοὺ ἐγὼ λογίζομαι ἐπὶ τὴν φυλὴν ταύτην κακά ἐξ ὧν οὐ μὴ ἄρητε τοὺς τραχήλους ὑμῶν καὶ οὐ μὴ πορευθῆτε ὀρθοὶ ἐξαίφνης ὅτι καιρὸς πονηρός ἐστιν
4 ४ उस समय यह अत्यन्त शोक का गीत दृष्टान्त की रीति पर गाया जाएगा: “हमारा तो सर्वनाश हो गया; वह मेरे लोगों के भाग को बिगाड़ता है; हाय, वह उसे मुझसे कितनी दूर कर देता है! वह हमारे खेत बलवा करनेवाले को दे देता है।”
ἐν τῇ ἡμέρᾳ ἐκείνῃ λημφθήσεται ἐφ’ ὑμᾶς παραβολή καὶ θρηνηθήσεται θρῆνος ἐν μέλει λέγων ταλαιπωρίᾳ ἐταλαιπωρήσαμεν μερὶς λαοῦ μου κατεμετρήθη ἐν σχοινίῳ καὶ οὐκ ἦν ὁ κωλύσων αὐτὸν τοῦ ἀποστρέψαι οἱ ἀγροὶ ἡμῶν διεμερίσθησαν
5 ५ इस कारण तेरा ऐसा कोई न होगा, जो यहोवा की मण्डली में चिट्ठी डालकर नापने की डोरी डाले।
διὰ τοῦτο οὐκ ἔσται σοι βάλλων σχοινίον ἐν κλήρῳ ἐν ἐκκλησίᾳ κυρίου
6 ६ बकवासी कहा करते हैं, “बकवास न करो। इन बातों के लिये न कहा करो!” ऐसे लोगों में से अपमान न मिटेगा।
μὴ κλαίετε δάκρυσιν μηδὲ δακρυέτωσαν ἐπὶ τούτοις οὐ γὰρ ἀπώσεται ὀνείδη
7 ७ हे याकूब के घराने, क्या यह कहा जाए कि यहोवा का आत्मा अधीर हो गया है? क्या ये काम उसी के किए हुए हैं? क्या मेरे वचनों से उसका भला नहीं होता जो सिधाई से चलता है?
ὁ λέγων οἶκος Ιακωβ παρώργισεν πνεῦμα κυρίου εἰ ταῦτα τὰ ἐπιτηδεύματα αὐτοῦ ἐστιν οὐχ οἱ λόγοι αὐτοῦ εἰσιν καλοὶ μετ’ αὐτοῦ καὶ ὀρθοὶ πεπόρευνται
8 ८ परन्तु कल की बात है कि मेरी प्रजा शत्रु बनकर मेरे विरुद्ध उठी है; तुम शान्त और भोले-भाले राहियों के तन पर से वस्त्र छीन लेते हो जो लड़ाई का विचार न करके निधड़क चले जाते हैं।
καὶ ἔμπροσθεν ὁ λαός μου εἰς ἔχθραν ἀντέστη κατέναντι τῆς εἰρήνης αὐτοῦ τὴν δορὰν αὐτοῦ ἐξέδειραν τοῦ ἀφελέσθαι ἐλπίδα συντριμμὸν πολέμου
9 ९ मेरी प्रजा की स्त्रियों को तुम उनके सुखधामों से निकाल देते हो; और उनके नन्हें बच्चों से तुम मेरी दी हुई उत्तम वस्तुएँ सर्वदा के लिये छीन लेते हो।
διὰ τοῦτο ἡγούμενοι λαοῦ μου ἀπορριφήσονται ἐκ τῶν οἰκιῶν τρυφῆς αὐτῶν διὰ τὰ πονηρὰ ἐπιτηδεύματα αὐτῶν ἐξώσθησαν ἐγγίσατε ὄρεσιν αἰωνίοις
10 १० उठो, चले जाओ! क्योंकि यह तुम्हारा विश्रामस्थान नहीं है; इसका कारण वह अशुद्धता है जो कठिन दुःख के साथ तुम्हारा नाश करेगी।
ἀνάστηθι καὶ πορεύου ὅτι οὐκ ἔστιν σοι αὕτη ἡ ἀνάπαυσις ἕνεκεν ἀκαθαρσίας διεφθάρητε φθορᾷ
11 ११ यदि कोई झूठी आत्मा में चलता हुआ झूठी और व्यर्थ बातें कहे और कहे कि मैं तुम्हें नित्य दाखमधु और मदिरा के लिये प्रचार सुनाता रहूँगा, तो वही इन लोगों का भविष्यद्वक्ता ठहरेगा।
κατεδιώχθητε οὐδενὸς διώκοντος πνεῦμα ἔστησεν ψεῦδος ἐστάλαξέν σοι εἰς οἶνον καὶ μέθυσμα καὶ ἔσται ἐκ τῆς σταγόνος τοῦ λαοῦ τούτου
12 १२ हे याकूब, मैं निश्चय तुम सभी को इकट्ठा करूँगा; मैं इस्राएल के बचे हुओं को निश्चय इकट्ठा करूँगा; और बोस्रा की भेड़-बकरियों के समान एक संग रखूँगा। उस झुण्ड के समान जो अच्छी चराई में हो, वे मनुष्यों की बहुतायत के मारे कोलाहल मचाएँगे।
συναγόμενος συναχθήσεται Ιακωβ σὺν πᾶσιν ἐκδεχόμενος ἐκδέξομαι τοὺς καταλοίπους τοῦ Ισραηλ ἐπὶ τὸ αὐτὸ θήσομαι τὴν ἀποστροφὴν αὐτῶν ὡς πρόβατα ἐν θλίψει ὡς ποίμνιον ἐν μέσῳ κοίτης αὐτῶν ἐξαλοῦνται ἐξ ἀνθρώπων
13 १३ उनके आगे-आगे बाड़े का तोड़नेवाला गया है, इसलिए वे भी उसे तोड़ रहे हैं, और फाटक से होकर निकले जा रहे हैं; उनका राजा उनके आगे-आगे गया अर्थात् यहोवा उनका सरदार और अगुआ है।
διὰ τῆς διακοπῆς πρὸ προσώπου αὐτῶν διέκοψαν καὶ διῆλθον πύλην καὶ ἐξῆλθον δῑ αὐτῆς καὶ ἐξῆλθεν ὁ βασιλεὺς αὐτῶν πρὸ προσώπου αὐτῶν ὁ δὲ κύριος ἡγήσεται αὐτῶν