< मत्ती 24 >
1 १ जब यीशु मन्दिर से निकलकर जा रहा था, तो उसके चेले उसको मन्दिर की रचना दिखाने के लिये उसके पास आए।
ᏥᏌᏃ ᎤᏄᎪᏨᎩ ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ ᎤᏓᏅᏒᎩ, ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯᏃ ᎬᏩᎷᏤᎸ ᎬᏩᏃᏁᎸᎩ ᏂᏚᏍᏛ ᏓᏓᏁᎸ ᎤᏛᎾᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ.
2 २ उसने उनसे कहा, “क्या तुम यह सब नहीं देखते? मैं तुम से सच कहता हूँ, यहाँ पत्थर पर पत्थर भी न छूटेगा, जो ढाया न जाएगा।”
ᏥᏌᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᏝᏍᎪ ᏂᎦᏛ ᎯᎠ ᏱᏗᏥᎪᏩᏘᎭ? ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᎯᎠ ᏂᏨᏪᏎᎭ; ᎥᏝ ᏌᏉᎤᏅ ᏅᏯ ᎠᏂ ᏱᏚᏓᏌᏝᎮᏍᏗ ᎾᏍᎩ ᏂᎪᎲᏔᏅᎾ ᏱᎨᏎᏍᏗ.
3 ३ और जब वह जैतून पहाड़ पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, “हम से कह कि ये बातें कब होंगी? और तेरे आने का, और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?” (aiōn )
ᎣᎵᏩᏲᏃ ᎤᏌᎯᎸ ᎤᏬᎸᎢ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎤᏅᏒ ᎨᏒ ᎬᏩᎷᏤᎸᎩ, ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏒᎩ; ᏍᎩᏃᎲᏏ ᎯᎳᎪ ᎢᏳ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏅᏓᎦᎵᏍᏔᏂ; ᎠᎴ ᎦᏙ ᎤᏍᏗ ᎤᏰᎸᏛ ᎨᏎᏍᏗ ᏣᎷᎯᏍᏗᏱ, ᎠᎴ ᎪᎯ ᎨᏒ ᎤᎵᏍᏆᏗᏍᏗᏱ? (aiōn )
4 ४ यीशु ने उनको उत्तर दिया, “सावधान रहो! कोई तुम्हें न बहकाने पाए।
ᏥᏌᏃ ᎤᏁᏨ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᎢᏤᏯᏔᎮᏍᏗ ᏞᏍᏗ ᎩᎶ ᏥᏥᎶᏄᎮᎵ;
5 ५ क्योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे, ‘मैं मसीह हूँ’, और बहुतों को बहका देंगे।
ᎤᏂᏣᏖᏍᏗᏰᏃ ᎠᏴ ᏓᏆᏙᎥ ᎠᏂᎷᎯᏍᏗᏍᎨᏍᏗ, ᎠᏴ ᎦᎶᏁᏛ, ᎠᎾᏗᏍᎨᏍᏗ; ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏓᏍᏗ ᏓᏂᎶᏄᎮᏍᎨᏍᏗ.
6 ६ तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे; देखो घबरा न जाना क्योंकि इनका होना अवश्य है, परन्तु उस समय अन्त न होगा।
ᎠᎴ ᎢᏣᏛᎩᏍᎨᏍᏗ ᏓᎿᎭᏩ ᎠᎴ ᎠᏂᏃᎮᎵᏙᎲ ᏓᎿᎭᏯ; ᎢᏤᏯᏔᎮᏍᏗ ᏞᏍᏗ ᎤᏪᎵᎯᏍᏗ ᏱᏂᏣᎵᏍᏓᏁᎴᏍᏗ; ᎾᏍᎩᏰᏃ ᏂᎦᏗᏳ ᎠᏎ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗ, ᎠᏎᏃ ᎤᎵᏍᏆᏗᏍᏗᏱ ᎨᏒ ᎠᏏ ᎨᏎᏍᏗ.
7 ७ क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और जगह-जगह अकाल पड़ेंगे, और भूकम्प होंगे।
ᏧᎾᏓᎴᏅᏛᏰᏃ ᏴᏫ ᏙᏛᎾᎴᏂ ᏙᏛᎾᏓᏡᏔᏂ, ᎠᎴ ᎠᏰᎵ ᏚᏃᏢᏩᏗᏒ ᏙᏛᎾᏓᏡᏔᏂ, ᎠᎴ ᏓᎪᏄᎶᏏᏙᎮᏍᏗ, ᎠᎴ ᎥᏳᎩᎯᏳ ᏂᎦᎵᏍᏔᏂᏙᎮᏍᏗ, ᎠᎴ ᎦᏙᎯ ᏓᎵᏖᎸᏂᏙᎮᏍᏗ.
8 ८ ये सब बातेंपीड़ाओं का आरम्भहोंगी।
ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏂᎦᏛ ᎠᎴᏂᏍᎬ ᎨᏒ ᎠᎩᎵᏯ ᎨᏒᎢ.
9 ९ तब वे क्लेश दिलाने के लिये तुम्हें पकड़वाएँगे, और तुम्हें मार डालेंगे और मेरे नाम के कारण सब जातियों के लोग तुम से बैर रखेंगे।
ᎿᎭᏉᏃ ᏂᎯ ᏫᏙᏓᎨᏥᏲᏏ ᎢᏥᎩᎵᏲᎢᏍᏗᏱ, ᎠᎴ ᏙᏓᎨᏥᎵ; ᎠᎴ ᏂᎦᏗᏳ ᏄᎾᏓᎴᏒ ᏴᏫ ᎨᏥᏍᎦᎨᏍᏗ ᎠᏴ ᏓᏆᏙᎥ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎨᏍᏗ.
10 १० तब बहुत सारे ठोकर खाएँगे, और एक दूसरे को पकड़वाएँगे और एक दूसरे से बैर रखेंगे।
ᎿᎭᏉᏃ ᎤᏂᏣᏖᏍᏗ ᏚᏃᏕᎯᎮᏍᏗ, ᎠᎴ ᏓᎾᏓᏡᏗᏍᎨᏍᏗ ᎠᎴ ᏓᎾᏓᏍᎦᎨᏍᏗ.
11 ११ बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे, और बहुतों को बहकाएँगे।
ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏖᏍᏗ ᎤᎾᏠᎾᏍᏗ ᎠᎾᏙᎴᎰᏍᎩ ᎠᏂᎾᏄᎪᎨᏍᏗ, ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏖᏍᏗ ᏓᏂᎶᏄᎮᏍᎨᏍᏗ.
12 १२ और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठंडा हो जाएगा।
ᎠᎴ ᎤᏣᏛ ᎠᏍᎦᏅᎢᏍᏗ ᎨᏒ ᎡᎲ ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎤᏂᏣᏖᏍᏗ ᎠᏓᎨᏳᏗ ᎨᏒ ᎤᏁᎲ ᏛᏴᏜᏓᏗ.
13 १३ परन्तु जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा।
ᎠᏎᏃ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎬᎵᏍᏆᏗᏍᎩ ᎠᏟᏂᎬᏁᎯ ᎾᏍᎩ ᎠᏥᏍᏕᎸᏗ ᎨᏎᏍᏗ.
14 १४ और राज्य का यह सुसमाचारसारे जगत में प्रचारकिया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा।
ᎯᎠᏃ ᎾᏍᎩ ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ ᎦᎸᎳᏗ ᎤᏤᎵᎪᎯ ᎡᎳᏂᎬ ᎤᎾᎵᏥᏙᏂᏂᏓᏍᏗ ᎨᏎᏍᏗ ᎤᎾᏙᎴᎰᎯᏍᏗᏱ ᎾᏂᎥ ᏧᎾᏓᎴᏅᏛ ᏴᏫ, ᎩᎳᏃ ᎿᎭᏉ ᏛᎵᏍᏆᏗᎵ.
15 १५ “इसलिए जब तुम उस उजाड़नेवाली घृणित वस्तु को जिसकी चर्चा दानिय्येल भविष्यद्वक्ता के द्वारा हुई थी, पवित्रस्थान में खड़ी हुई देखो, (जो पढ़े, वह समझे)।
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎿᎭᏉ ᎢᏥᎪᎲᎭ ᎤᏍᎦᎢᏍᏗᏳ ᎬᏃᏌᏛᎯ ᎢᎬᏁᎯ, ᎾᏍᎩ ᏕᏂᎵ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᏧᏁᎢᏍᏔᏁᎢ, ᎦᏙᎨᏍᏗ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎨᏒᎢ, ( ᎩᎶ ᎠᎪᎵᏰᏍᎨᏍᏗ ᎪᎵᎨᏍᏗ, )
16 १६ तब जो यहूदिया में हों वे पहाड़ों पर भाग जाएँ।
ᎿᎭᏉ ᏧᏗᏱ ᎠᏂᏂ ᎠᎾᎵᏒᎭ ᏙᏦᏓᎸ ᏩᏂᎶᏒᎭ.
17 १७ जो छत पर हो, वह अपने घर में से सामान लेने को न उतरे।
ᎩᎶᏃ ᎦᏌᎾᎵ ᎤᎩᎴᏍᏗ ᏞᏍᏗ ᏴᏗᎤᏠᎠᏎᏍᏗ ᏳᎩᏐᎴᏍᏗ ᎪᎱᏍᏗ ᎤᎲ ᎦᏁᎸᎢ;
18 १८ और जो खेत में हो, वह अपना कपड़ा लेने को पीछे न लौटे।
ᎠᎴ ᎩᎶ ᏠᎨᏏ ᏪᏙᎯ ᏞᏍᏗ ᏴᏗᎤᏨᏎᏍᏗ ᏧᏄᏬ ᏱᏚᏁᏐᎴᏍᏗ.
19 १९ “उन दिनों में जो गर्भवती और दूध पिलाती होंगी, उनके लिये हाय, हाय।
ᎠᎴ ᎤᏲᎢᏳ ᎢᏳᎾᎵᏍᏓᏁᏗ ᏗᏂᏁᎵᏛ ᎠᎴ ᏧᏂᏍᏓᎢ ᎾᎯᏳ ᎨᏒᎢ.
20 २० और प्रार्थना करो; कि तुम्हें जाड़े में या सब्त के दिन भागना न पड़े।
ᎠᎴ ᎢᏣᏓᏙᎵᏍᏗᏍᎨᏍᏗ ᎢᏥᏔᏲᎯᎮᏍᏗ ᎪᎳ ᎠᎴ ᎤᎾᏙᏓᏆᏍᎬ ᎢᏣᎵᏍᏗᏱ ᏂᎨᏒᎾ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ.
21 २१ क्योंकि उस समय ऐसा भारी क्लेश होगा, जैसा जगत के आरम्भ से न अब तक हुआ, और न कभी होगा।
ᎾᎯᏳᏰᏃ ᎤᏣᏖᏍᏗ ᎠᎩᎵᏯ, ᎾᏍᎩ ᎢᎦᎢ ᎥᏝ ᎢᎸᎯᏳ ᏱᏄᎵᏍᏔᏃ ᎡᎶᎯ ᏧᏙᏢᏅ ᏅᏓᎬᏩᏓᎴᏅᏛ ᎪᎯ ᎢᏯᏍᏘ, ᎥᏝ ᎠᎴ ᎢᎸᎯᏳ ᎾᏍᎩ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗ ᏱᎨᏎᏍᏗ.
22 २२ और यदि वे दिन घटाए न जाते, तो कोई प्राणी न बचता; परन्तु चुने हुओं के कारण वे दिन घटाए जाएँगे।
ᎠᎴ ᎾᎯᏳ ᎢᎦ ᏂᏓᏍᏆᎳᏅᎾ ᏱᎩ, ᎥᏝ ᎤᏇᏓᎵ ᎦᏰᏥᏍᏕᎸᏗ ᏱᎦᎩ; ᎠᏎᏃ ᎨᎦᏑᏰᏛ ᎨᏒ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎨᏍᏗ ᎾᎯᏳ ᎢᎦ ᏗᏍᏆᎶᏗ ᎨᏎᏍᏗ
23 २३ उस समय यदि कोई तुम से कहे, कि देखो, मसीह यहाँ हैं! या वहाँ है! तो विश्वास न करना।
ᎾᎯᏳ ᎨᏒ ᎢᏳᏃ ᎩᎶ ᎯᎠ ᏂᏥᏪᏎᎮᏍᏗ, ᎬᏂᏳᏉ ᎠᏂ ᎦᎶᏁᏛ ᎡᏙᎭ; ᎠᎴ ᎠᏂ; ᏞᏍᏗ ᏥᏦᎯᏳᏂ
24 २४ “क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे, और बड़े चिन्ह और अद्भुत काम दिखाएँगे, कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी बहका दें।
ᏛᏂᎾᏄᎪᏥᏰᏃ ᎤᎾᏠᎾᏍᏗ ᎦᎶᏁᏛ ᎠᎴ ᎤᎾᏠᎾᏍᏗ ᎠᎾᏙᎴᎰᏍᎩ, ᎠᎴ ᎠᏂᎾᏄᎪᏫᏍᎨᏍᏗ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎤᏰᎸᏛ ᎠᎴ ᎤᏍᏆᏂᎪᏗ; ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎢᏳᏃ ᏰᎵ ᎢᎬᏩᎵᏍᏙᏗ ᏱᎩ ᏱᏓᏂᎶᏄᎲᎵ ᎾᏍᏉ ᎨᎦᏑᏰᏛ.
25 २५ देखो, मैंने पहले से तुम से यह सब कुछ कह दिया है।
ᎬᏂᏳᏉ ᏂᏨᏃᏁᎸ.
26 २६ इसलिए यदि वे तुम से कहें, ‘देखो, वह जंगल में है’, तो बाहर न निकल जाना; ‘देखो, वह कोठरियों में है’, तो विश्वास न करना।
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎢᏳᏃ ᎯᎠ ᏂᎨᏥᏪᏎᎸᎭ; ᎢᎾᎨ ᎡᏙᎭ; ᏞᏍᏗ ᎾᎿᎭᏫᏥᎶᏒᎩ; ᎬᏂᏳᏉ ᎤᏕᎵᏒ ᎧᏅᏑᎸ ᎠᏯᎠ; ᏞᏍᏗ ᏥᏦᎯᏳᏂ.
27 २७ “क्योंकि जैसे बिजली पूर्व से निकलकर पश्चिम तक चमकती जाती है, वैसा ही मनुष्य के पुत्र का भी आना होगा।
ᎠᎾᎦᎵᏍᎩᏰᏃ ᏗᎧᎸᎬ ᏨᏗᎦᎾᏄᎪᎪᎢ, ᏭᏕᎵᎬᏃ ᎢᏴᏛ ᏥᏫᏗᎦᎸᏌᏓᏗᏍᎪᎢ, ᎾᏍᎩᏯ ᎾᏍᏉ ᏄᏍᏕᏍᏗ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᎦᎷᏥᎸᎭ.
28 २८ जहाँ लाश हो, वहीं गिद्ध इकट्ठे होंगे।
ᎢᎸᎯᏢᏰᏃ ᎪᎱᏍᏗ ᎤᎵᏬᏨᎯ ᏥᎦᏃᎢ, ᎾᎿᎭᎠᏬᎭᎵ ᎠᎾᏓᏟᏏᏍᎪᎢ.
29 २९ “उन दिनों के क्लेश के बाद तुरन्त सूर्य अंधियारा हो जाएगा, और चाँद का प्रकाश जाता रहेगा, और तारे आकाश से गिर पड़ेंगे और आकाश की शक्तियाँ हिलाई जाएँगी।
ᎢᎬᏪᏅᏓᏉ ᎣᏂ ᎾᏍᎩ ᎾᎯᏳ ᎠᎩᎵᏯ ᎦᎶᏐᏅᎭ, ᏅᏙ ᎢᎦ ᎡᎯ ᏛᎵᏏᎲᏏ, ᎠᎴ ᏅᏙ ᏒᏃᏱ ᎡᎯ ᎥᏝ ᎢᎦ ᏳᏘᏍᏕᏍᏗ, ᎠᎴ ᏃᏈᏏ ᏛᏂᏅᎪᎠᏏ, ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏘ ᎦᎸᎶᎢ ᏣᏂᎧᎳ ᏛᎾᎵᏖᎸᏂ.
30 ३० तब मनुष्य के पुत्र का चिन्ह आकाश में दिखाई देगा, और तब पृथ्वी के सब कुलों के लोग छाती पीटेंगे; और मनुष्य के पुत्र को बड़ी सामर्थ्य और ऐश्वर्य के साथ आकाश के बादलों पर आते देखेंगे।
ᎿᎭᏉᏃ ᎦᎸᎶᎢ ᏓᎦᎾᏄᎪᏥ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᎤᏤᎵ ᎤᏰᎸᏛᎢ, ᎠᎴ ᎿᎭᏉ ᏂᎦᏛ ᏓᏂᎳᏍᏓᎸ ᎡᎶᎯ ᏙᏛᏂᏴᎳᏏ, ᎠᎴ ᏛᏂᎪᎯ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᏣᎢᏎᏍᏗ ᎤᎶᎩᎸ ᎦᎸᎶᎢ, ᎤᎵᏂᎩᏗᏳ ᎨᏒ ᎠᎴ ᎤᏣᏘ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎨᏒ ᎤᏄᏬᏍᏕᏍᏗ.
31 ३१ और वह तुरही के बड़े शब्द के साथ, अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा, और वे आकाश के इस छोर से उस छोर तक, चारों दिशा से उसके चुने हुओं को इकट्ठा करेंगे।
ᎿᎭᏉᏃ ᏙᏓᎦᏅᏏ ᏧᏅᏏᏓᏍᏗ, ᎠᎴ ᎠᏍᏓᏱᏳ ᏛᏂᏤᎷᎯᏏ, ᎠᎴ ᏙᏛᏂᏟᏌᏂ ᎨᎦᏑᏰᏛ ᏅᎩ ᏂᏙᏗᎦᎶᏍᎬ ᎤᏃᎴ, ᎦᎸᎶ ᎢᏴᏛ ᏫᏚᎵᏍᏘᏂᎸ.
32 ३२ “अंजीर के पेड़ से यह दृष्टान्त सीखो जब उसकी डाली कोमल हो जाती और पत्ते निकलने लगते हैं, तो तुम जान लेते हो, कि ग्रीष्मकाल निकट है।
Ꭷ, ᎢᏣᏕᎶᏆ ᏓᏟᎶᏍᏛ ᏒᎦᏔᎢᏳᏍᏗ ᏡᎬᎢ; ᎢᏳᏰᏃ ᏚᏩᏂᎦᎸ ᏗᏓᎨ ᏂᏕᎦᎵᏍᏓ, ᎠᎴ ᎩᎳᎢ ᏥᎦᎳᏍᏚᎲᏍᎪᎢ, ᎢᏥᎦᏔᎰ ᎪᎩ ᎾᎥᏂᏳ ᎨᏒᎢ.
33 ३३ इसी रीति से जब तुम इन सब बातों को देखो, तो जान लो, कि वह निकट है, वरन् द्वार पर है।
ᎾᏍᎩᏯᏍᎩᏂ ᎾᏍᏉ ᏂᎯ, ᎢᏳᏃ ᎿᎭᏉ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎢᏥᎪᎲᎭ, ᎢᏥᎦᏔᎮᏍᏗ ᎡᏍᎦᏂᏳ ᎨᏒᎢ, ᎦᎶᎯᏍᏗᏱᏉ ᎨᏒᎢ.
34 ३४ मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जब तक ये सब बातें पूरी न हो लें, तब तक इस पीढ़ी का अन्त नहीं होगा।
ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᎯᎠ ᏂᏨᏪᏎᎭ; ᎯᎠ ᎪᎯ ᏣᏁᎭ ᎥᏝ ᏴᏛᏂᎶᏐᏂ, ᎬᏂ ᏂᎦᏛ ᎯᎠ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᏂᎦᎵᏍᏔᏅᎭ.
35 ३५ आकाश और पृथ्वी टल जाएँगे, परन्तु मेरे शब्द कभी न टलेंगे।
ᎦᎸᎶ ᎠᎴ ᎡᎶᎯ ᏙᏓᎦᎶᏐᏂ, ᎠᏴᏍᎩᏂ ᎠᎩᏁᏨᎢ ᎥᏝ ᏴᏓᎦᎶᏐᏂ.
36 ३६ “उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत, और न पुत्र, परन्तु केवल पिता।
ᎠᏎᏃ ᎾᎯᏳ ᎢᎦ ᎨᏒ ᎠᎴ ᎢᏳᏟᎶᏛ ᎧᎳᏩᏗᏒ ᎥᏝ ᎩᎶ ᏯᎦᏔᎭ, Ꮭ ᎾᏍᏉ ᏗᏂᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ ᎦᎸᎳᏗ ᎠᏁᎯ, ᎡᏙᏓᏍᎩᏂ ᎤᏩᏒᎯᏳ.
37 ३७ जैसे नूह के दिन थे, वैसा ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा।
ᎾᏍᎩᏰᏃ ᏥᏄᏍᏕ ᎾᎯᏳ ᏃᏯ ᏤᎮᎢ, ᎾᏍᎩᏯ ᏄᏍᏕᏍᏗ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᎦᎷᏨᎭ.
38 ३८ क्योंकि जैसे जल-प्रलय से पहले के दिनों में, जिस दिन तक कि नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते-पीते थे, और उनमें विवाह-शादी होती थी।
ᎾᎯᏳᎡᏃ ᎠᏏ ᏂᎦᏃᎱᎩᏍᎬᎾ ᏥᎨᏎᎢ, ᏓᎾᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎨᎢ, ᎠᎴ ᏓᎾᏗᏔᏍᎨᎢ, ᎠᎴ ᏓᎾᏕᏒᎲᏍᎨᎢ ᎠᎴ ᏕᎨᏥᏰᎨᎢ, ᎬᏂ ᎾᎯᏳ ᎢᎦ ᏃᏯ ᎤᏣᏅ ᏥᏳᎯ,
39 ३९ और जब तक जल-प्रलय आकर उन सब को बहा न ले गया, तब तक उनको कुछ भी मालूम न पड़ा; वैसे ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा।
ᎠᎴ ᎾᏁᎵᏍᎬᎾ ᏥᎨᏎᎢ, ᎬᏂ ᎤᏃᎱᎦᏂᎸ, ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᏚᏂᎬᏨ, ᎾᏍᎩᏯᏉᏍᎩᏂ ᎾᏍᏉ ᏄᏍᏕᏍᏗ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᎦᎷᏨᎭ.
40 ४० उस समय दो जन खेत में होंगे, एक ले लिया जाएगा और दूसरा छोड़ दिया जाएगा।
ᎿᎭᏉᏃ ᎠᏂᏔᎵ ᏠᎨᏏ ᎠᏁᏙᎮᏍᏗ, ᎠᏏᏴᏫ ᎠᏥᏯᏅᏗ ᎨᏎᏍᏗ ᏐᎢᏃ ᎠᏥᎧᎯᏯᏍᏗ ᎨᏎᏍᏗ;
41 ४१ दो स्त्रियाँ चक्की पीसती रहेंगी, एक ले ली जाएगी, और दूसरी छोड़ दी जाएगी।
ᎠᏂᏔᎵ ᎠᏂᎨᏴ ᎠᏂᏍᏙᏍᎨᏍᏗ ᎠᏍᏙᏍᎩᏱ, ᎠᏏᏴᏫ ᎠᏥᏯᏅᏗ ᎨᏎᏍᏗ ᏐᎢᏃ ᎠᏥᎧᎯᏯᏍᏗ ᎨᏎᏍᏗ.
42 ४२ इसलिए जागते रहो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा प्रभु किस दिन आएगा।
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎢᏥᏯᏫᏍᎨᏍᏗ, ᎥᏝᏰᏃ ᏱᏥᎦᏔᎭ ᎢᏳᏉ ᎤᎷᎯᏍᏗᏱ ᎢᏣᏤᎵ ᎤᎬᏫᏳᎯ.
43 ४३ परन्तु यह जान लो कि यदि घर का स्वामी जानता होता कि चोर किस पहर आएगा, तो जागता रहता; और अपने घर में चोरी नहीं होने देता।
ᎯᎠᏃ ᎢᏣᏅᏖᏍᏗ, ᎢᏳᏃ ᎠᏍᎦᏯ ᎦᏁᎳ ᏱᎠᎦᏔᎮ ᎢᏳᏉ ᎦᏃᏍᎩᏍᎩ ᎤᎷᎯᏍᏗᏱ, ᏳᏯᏫᏎᎢ, ᎠᎴ ᎥᏝ ᎤᏁᎳᎩ ᏩᎩᏴᏏ ᎦᎵᏦᏕ ᏱᎬᏪᎵᏎᎢ.
44 ४४ इसलिए तुम भीतैयार रहो, क्योंकि जिस समय के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो, उसी समय मनुष्य का पुत्र आ जाएगा।
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᏂᎯ ᎾᏍᏉ ᎢᏣᏛᏅᎢᏍᏕᏍᏗ, ᏂᏤᎵᏍᎬᎾᏉᏰᏃ ᎨᏒ ᎢᏳ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᏓᎦᎷᏥ.
45 ४५ “अतः वह विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास कौन है, जिसे स्वामी ने अपने नौकर-चाकरों पर सरदार ठहराया, कि समय पर उन्हें भोजन दे?
ᎦᎪᎨᏃ ᎠᎦᎵᏯ ᎠᎴ ᎠᏏᎾᏌᏂ ᎠᏥᏅᏏᏓᏍᏗ, ᎾᏍᎩ ᎤᏅᏏᏙᎯ ᏄᎬᏫᏳᏒ ᎢᏳᏩᏁᎸᎯ ᎦᏁᎸ ᏚᏓᏘᎿᎭᎥᎢ, ᎾᏍᎩ ᎤᎾᎵᏍᏓᏴᏗ ᏧᏁᏗᏱ ᎤᎾᎵᏍᏓᏴᏗᏱ ᏂᎦᎵᏍᏔᏂᏒᎢ?
46 ४६ धन्य है, वह दास, जिसे उसका स्वामी आकर ऐसा ही करते पाए।
ᎣᏏᏳ ᎢᏳᎵᏍᏓᏁᏗ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎠᏥᏅᏏᏓᏍᏗ ᎤᏅᏏᏙᎯ ᎦᎷᏨᎭ ᎤᏩᏛᎲᎭ ᎾᏍᎩ ᎾᏛᏁᎲᎢ.
47 ४७ मैं तुम से सच कहता हूँ; वह उसे अपनी सारी सम्पत्ति पर अधिकारी ठहराएगा।
ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᎯᎠ ᏂᏨᏪᏎᎭ; ᏂᎦᏛ ᎤᎿᎭᎥᎢ ᏛᎦᏘᏗᏍᏔᏂ.
48 ४८ परन्तु यदि वह दुष्ट दास सोचने लगे, कि मेरे स्वामी के आने में देर है।
ᎢᏳᏍᎩᏂᏃ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎤᏁᎫᏥᏛ ᎠᏥᏅᏏᏓᏍᏗ ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎨᏍᏗ ᏧᏓᏅᏛᎢ; ᎠᎩᏅᏏᏙᎯ ᎪᎯᏗᎭ ᎤᎷᎯᏍᏗᏱ;
49 ४९ और अपने साथी दासों को पीटने लगे, और पियक्कड़ों के साथ खाए-पीए।
ᎠᎴ ᎠᎴᏂᏍᎨᏍᏗ ᏙᎦᎸᏂᎮᏍᏗ ᎢᏧᎳᎭ ᎨᏥᏅᏏᏓᏍᏗ, ᎠᎴ ᎢᏧᎳᎭ ᎠᎾᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎨᏍᏗ ᎠᎴ ᏓᎾᏗᏔᏍᎨᏍᏗ ᏧᏂᏴᏍᏕᏍᎩ,
50 ५० तो उस दास का स्वामी ऐसे दिन आएगा, जब वह उसकी प्रतीक्षा नहीं कर रहा होगा, और ऐसी घड़ी कि जिसे वह न जानता हो,
ᎾᏍᎩ ᎠᏥᏅᏏᏓᏍᏗ ᎤᏅᏏᏙᎯ ᏓᎦᎷᏥ ᎾᎯᏳ ᎢᎦ ᎾᏓᎦᏖᏃᎲᎾ ᎨᏒᎢ, ᎠᎴ ᎢᏳ ᏁᎵᏍᎬᎾ ᎨᏒᎢ,
51 ५१ और उसे कठोर दण्ड देकर, उसका भाग कपटियों के साथ ठहराएगा: वहाँ रोना और दाँत पीसना होगा।
ᎠᎴ ᏙᏓᏳᎦᎵᏏ, ᎠᎴ ᎤᎾᏠᎾᏍᏗ ᏩᏁᎲ ᏮᏓᏳᏎᎮᎵ; ᎾᎿᎭᏓᏂᏴᎨᏍᏗ ᎠᎴ ᏓᏂᎸᏓᎩᏍᎨᏍᏗ ᏓᏂᏄᏙᎬᎢ.