< मत्ती 12 >
1 १ उस समय यीशु सब्त के दिन खेतों में से होकर जा रहा था, और उसके चेलों को भूख लगी, और वे बालें तोड़-तोड़कर खाने लगे।
ཨནནྟརཾ ཡཱིཤུ ཪྻིཤྲཱམཝཱརེ ཤྶྱམདྷྱེན གཙྪཏི, ཏདཱ ཏཙྪིཥྱཱ བུབྷུཀྵིཏཱཿ སནྟཿ ཤྶྱམཉྫརཱིཤྪཏྭཱ ཚིཏྭཱ ཁཱདིཏུམཱརབྷནྟ།
2 २ फरीसियों ने यह देखकर उससे कहा, “देख, तेरे चेले वह काम कर रहे हैं, जो सब्त के दिन करना उचित नहीं।”
ཏད྄ ཝིལོཀྱ ཕིརཱུཤིནོ ཡཱིཤུཾ ཛགདུཿ, པཤྱ ཝིཤྲཱམཝཱརེ ཡཏ྄ ཀརྨྨཱཀརྟྟཝྱཾ ཏདེཝ ཏཝ ཤིཥྱཱཿ ཀུཪྻྭནྟི།
3 ३ उसने उनसे कहा, “क्या तुम ने नहीं पढ़ा, कि दाऊद ने, जब वह और उसके साथी भूखे हुए तो क्या किया?
ས ཏཱན྄ པྲཏྱཱཝདཏ, དཱཡཱུད྄ ཏཏྶངྒིནཤྩ བུབྷུཀྵིཏཱཿ སནྟོ ཡཏ྄ ཀརྨྨཱཀུཪྻྭན྄ ཏཏ྄ ཀིཾ ཡུཥྨཱབྷི རྣཱཔཱཋི?
4 ४ वह कैसे परमेश्वर के घर में गया, औरभेंट की रोटियाँखाई, जिन्हें खाना न तो उसे और न उसके साथियों को, पर केवल याजकों को उचित था?
ཡེ དརྴནཱིཡཱཿ པཱུཔཱཿ ཡཱཛཀཱན྄ ཝིནཱ ཏསྱ ཏཏྶངྒིམནུཛཱནཱཉྩཱབྷོཛནཱིཡཱསྟ ཨཱིཤྭརཱཝཱསཾ པྲཝིཥྚེན ཏེན བྷུཀྟཱཿ།
5 ५ या क्या तुम ने व्यवस्था में नहीं पढ़ा, कि याजक सब्त के दिन मन्दिर में सब्त के दिन की विधि को तोड़ने पर भी निर्दोष ठहरते हैं?
ཨནྱཙྩ ཝིཤྲཱམཝཱརེ མདྷྱེམནྡིརཾ ཝིཤྲཱམཝཱརཱིཡཾ ནིཡམཾ ལངྭནྟོཔི ཡཱཛཀཱ ནིརྡོཥཱ བྷཝནྟི, ཤཱསྟྲམདྷྱེ ཀིམིདམཔི ཡུཥྨཱབྷི རྣ པཋིཏཾ?
6 ६ पर मैं तुम से कहता हूँ, कि यहाँ वह है, जो मन्दिर से भी महान है।
ཡུཥྨཱནཧཾ ཝདཱམི, ཨཏྲ སྠཱནེ མནྡིརཱདཔི གརཱིཡཱན྄ ཨེཀ ཨཱསྟེ།
7 ७ यदि तुम इसका अर्थ जानते कि मैं दया से प्रसन्न होता हूँ, बलिदान से नहीं, तो तुम निर्दोष को दोषी न ठहराते।
ཀིནྟུ དཡཱཡཱཾ མེ ཡཐཱ པྲཱིཏི རྣ ཏཐཱ ཡཛྙཀརྨྨཎི། ཨེཏདྭཙནསྱཱརྠཾ ཡདི ཡུཡམ྄ ཨཛྙཱསིཥྚ ཏརྷི ནིརྡོཥཱན྄ དོཥིཎོ ནཱཀཱརྵྚ།
8 ८ मनुष्य का पुत्र तो सब्त के दिन का भी प्रभु है।”
ཨནྱཙྩ མནུཛསུཏོ ཝིཤྲཱམཝཱརསྱཱཔི པཏིརཱསྟེ།
9 ९ वहाँ से चलकर वह उनके आराधनालय में आया।
ཨནནྟརཾ ས ཏཏྶྠཱནཱཏ྄ པྲསྠཱཡ ཏེཥཱཾ བྷཛནབྷཝནཾ པྲཝིཥྚཝཱན྄, ཏདཱནཱིམ྄ ཨེཀཿ ཤུཥྐཀརཱམཡཝཱན྄ ཨུཔསྠིཏཝཱན྄།
10 १० वहाँ एक मनुष्य था, जिसका हाथ सूखा हुआ था; और उन्होंने उस पर दोष लगाने के लिए उससे पूछा, “क्या सब्त के दिन चंगा करना उचित है?”
ཏཏོ ཡཱིཤུམ྄ ཨཔཝདིཏུཾ མཱནུཥཱཿ པཔྲཙྪུཿ, ཝིཤྲཱམཝཱརེ ནིརཱམཡཏྭཾ ཀརཎཱིཡཾ ན ཝཱ?
11 ११ उसने उनसे कहा, “तुम में ऐसा कौन है, जिसकी एक भेड़ हो, और वह सब्त के दिन गड्ढे में गिर जाए, तो वह उसे पकड़कर न निकाले?
ཏེན ས པྲཏྱུཝཱཙ, ཝིཤྲཱམཝཱརེ ཡདི ཀསྱཙིད྄ ཨཝི རྒརྟྟེ པཏཏི, ཏརྷི ཡསྟཾ གྷྲྀཏྭཱ ན ཏོལཡཏི, ཨེཏཱདྲྀཤོ མནུཛོ ཡུཥྨཱཀཾ མདྷྱེ ཀ ཨཱསྟེ?
12 १२ भला, मनुष्य का मूल्य भेड़ से कितना बढ़कर है! इसलिए सब्त के दिन भलाई करना उचित है।”
ཨཝེ རྨཱནཝཿ ཀིཾ ནཧི ཤྲེཡཱན྄? ཨཏོ ཝིཤྲཱམཝཱརེ ཧིཏཀརྨྨ ཀརྟྟཝྱཾ།
13 १३ तब यीशु ने उस मनुष्य से कहा, “अपना हाथ बढ़ा।” उसने बढ़ाया, और वह फिर दूसरे हाथ के समान अच्छा हो गया।
ཨནནྟརཾ ས ཏཾ མཱནཝཾ གདིཏཝཱན྄, ཀརཾ པྲསཱརཡ; ཏེན ཀརེ པྲསཱརིཏེ སོནྱཀརཝཏ྄ སྭསྠོ྅བྷཝཏ྄།
14 १४ तब फरीसियों ने बाहर जाकर उसके विरोध में सम्मति की, कि उसे किस प्रकार मार डाले?
ཏདཱ ཕིརཱུཤིནོ བཧིརྦྷཱུཡ ཀཐཾ ཏཾ ཧནིཥྱཱམ ཨིཏི ཀུམནྟྲཎཱཾ ཏཏྤྲཱཏིཀཱུལྱེན ཙཀྲུཿ།
15 १५ यह जानकर यीशु वहाँ से चला गया। और बहुत लोग उसके पीछे हो लिये, और उसने सब को चंगा किया।
ཏཏོ ཡཱིཤུསྟད྄ ཝིདིཏྭཱ སྠནཱནྟརཾ གཏཝཱན྄; ཨནྱེཥུ བཧུནརེཥུ ཏཏྤཤྩཱད྄ གཏེཥུ ཏཱན྄ ས ནིརཱམཡཱན྄ ཀྲྀཏྭཱ ཨིཏྱཱཛྙཱཔཡཏ྄,
16 १६ और उन्हें चेतावनी दी, कि मुझे प्रगट न करना।
ཡཱུཡཾ མཱཾ ན པརིཙཱཡཡཏ།
17 १७ कि जो वचन यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो:
ཏསྨཱཏ྄ མམ པྲཱིཡོ མནོནཱིཏོ མནསསྟུཥྚིཀཱརཀཿ། མདཱིཡཿ སེཝཀོ ཡསྟུ ཝིདྱཏེ ཏཾ སམཱིཀྵཏཱཾ། ཏསྱོཔརི སྭཀཱིཡཱཏྨཱ མཡཱ སཾསྠཱཔཡིཥྱཏེ། ཏེནཱནྱདེཤཛཱཏེཥུ ཝྱཝསྠཱ སཾཔྲཀཱཤྱཏེ།
18 १८ “देखो, यह मेरा सेवक है, जिसे मैंने चुना है; मेरा प्रिय, जिससे मेरा मन प्रसन्न है: मैं अपना आत्मा उस पर डालूँगा; और वह अन्यजातियों को न्याय का समाचार देगा।
ཀེནཱཔི ན ཝིརོདྷཾ ས ཝིཝཱདཉྩ ཀརིཥྱཏི། ན ཙ རཱཛཔཐེ ཏེན ཝཙནཾ ཤྲཱཝཡིཥྱཏེ།
19 १९ वह न झगड़ा करेगा, और न चिल्लाएगा; और न बाजारों में कोई उसका शब्द सुनेगा।
ཝྱཝསྠཱ ཙལིཏཱ ཡཱཝཏ྄ ནཧི ཏེན ཀརིཥྱཏེ། ཏཱཝཏ྄ ནལོ ཝིདཱིརྞོ྅པི བྷཾཀྵྱཏེ ནཧི ཏེན ཙ། ཏཐཱ སདྷཱུམཝརྟྟིཉྩ ན ས ནིཪྻྭཱཔཡིཥྱཏེ།
20 २० वह कुचले हुए सरकण्डे को न तोड़ेगा; और धुआँ देती हुई बत्ती को न बुझाएगा, जब तक न्याय को प्रबल न कराए।
པྲཏྱཱཤཱཉྩ ཀརིཥྱནྟི ཏནྣཱམྣི བྷིནྣདེཤཛཱཿ།
21 २१ और अन्यजातियाँ उसके नाम पर आशा रखेंगी।”
ཡཱནྱེཏཱནི ཝཙནཱནི ཡིཤཡིཡབྷཝིཥྱདྭཱདིནཱ པྲོཀྟཱནྱཱསན྄, ཏཱནི སཕལཱནྱབྷཝན྄།
22 २२ तब लोग एक अंधे-गूँगे को जिसमें दुष्टात्मा थी, उसके पास लाए; और उसने उसे अच्छा किया; और वह गूँगा बोलने और देखने लगा।
ཨནནྟརཾ ལོཀཻ སྟཏྶམཱིཔམ྄ ཨཱནཱིཏོ བྷཱུཏགྲསྟཱནྡྷམཱུཀཻཀམནུཛསྟེན སྭསྠཱིཀྲྀཏཿ, ཏཏཿ སོ྅ནྡྷོ མཱུཀོ དྲཥྚུཾ ཝཀྟུཉྩཱརབྡྷཝཱན྄།
23 २३ इस पर सब लोग चकित होकर कहने लगे, “यह क्या दाऊद की सन्तान है?”
ཨནེན སཪྻྭེ ཝིསྨིཏཱཿ ཀཐཡཱཉྩཀྲུཿ, ཨེཥཿ ཀིཾ དཱཡཱུདཿ སནྟཱནོ ནཧི?
24 २४ परन्तु फरीसियों ने यह सुनकर कहा, “यह तो दुष्टात्माओं के सरदार शैतान की सहायता के बिना दुष्टात्माओं को नहीं निकालता।”
ཀིནྟུ ཕིརཱུཤིནསྟཏ྄ ཤྲུཏྭཱ གདིཏཝནྟཿ, བཱལྶིབཱུབྣཱམྣོ བྷཱུཏརཱཛསྱ སཱཧཱཡྻཾ ཝིནཱ ནཱཡཾ བྷཱུཏཱན྄ ཏྱཱཛཡཏི།
25 २५ उसने उनके मन की बात जानकर उनसे कहा, “जिस किसी राज्य में फूट होती है, वह उजड़ जाता है, और कोई नगर या घराना जिसमें फूट होती है, बना न रहेगा।
ཏདཱནཱིཾ ཡཱིཤུསྟེཥཱམ྄ ཨིཏི མཱནསཾ ཝིཛྙཱཡ ཏཱན྄ ཨཝདཏ྄ ཀིཉྩན རཱཛྱཾ ཡདི སྭཝིཔཀྵཱད྄ བྷིདྱཏེ, ཏརྷི ཏཏ྄ ཨུཙྪིདྱཏེ; ཡཙྩ ཀིཉྩན ནགརཾ ཝཱ གྲྀཧཾ སྭཝིཔཀྵཱད྄ ཝིབྷིདྱཏེ, ཏཏ྄ སྠཱཏུཾ ན ཤཀྣོཏི།
26 २६ और यदि शैतान ही शैतान को निकाले, तो वह अपना ही विरोधी हो गया है; फिर उसका राज्य कैसे बना रहेगा?
ཏདྭཏ྄ ཤཡཏཱནོ ཡདི ཤཡཏཱནཾ བཧིཿ ཀྲྀཏྭཱ སྭཝིཔཀྵཱཏ྄ པྲྀཐཀ྄ པྲྀཐཀ྄ བྷཝཏི, ཏརྷི ཏསྱ རཱཛྱཾ ཀེན པྲཀཱརེཎ སྠཱསྱཏི?
27 २७ भला, यदि मैं शैतान की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता हूँ, तो तुम्हारे वंश किसकी सहायता से निकालते हैं? इसलिए वे ही तुम्हारा न्याय करेंगे।
ཨཧཉྩ ཡདི བཱལྶིབཱུབཱ བྷཱུཏཱན྄ ཏྱཱཛཡཱམི, ཏརྷི ཡུཥྨཱཀཾ སནྟཱནཱཿ ཀེན བྷཱུཏཱན྄ ཏྱཱཛཡནྟི? ཏསྨཱད྄ ཡུཥྨཱཀམ྄ ཨེཏདྭིཙཱརཡིཏཱརསྟ ཨེཝ བྷཝིཥྱནྟི།
28 २८ पर यदि मैं परमेश्वर के आत्मा की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता हूँ, तो परमेश्वर का राज्य तुम्हारे पास आ पहुँचा है।
ཀིནྟཝཧཾ ཡདཱིཤྭརཱཏྨནཱ བྷཱུཏཱན྄ ཏྱཱཛཡཱམི, ཏརྷཱིཤྭརསྱ རཱཛྱཾ ཡུཥྨཱཀཾ སནྣིདྷིམཱགཏཝཏ྄།
29 २९ या कैसे कोई मनुष्य किसी बलवन्त के घर में घुसकर उसका माल लूट सकता है जब तक कि पहले उस बलवन्त को न बाँध ले? और तब वह उसका घर लूट लेगा।
ཨནྱཉྩ ཀོཔི བལཝནྟ ཛནཾ པྲཐམཏོ ན བདྭྭཱ ཀེན པྲཀཱརེཎ ཏསྱ གྲྀཧཾ པྲཝིཤྱ ཏདྡྲཝྱཱདི ལོཋཡིཏུཾ ཤཀྣོཏི? ཀིནྟུ ཏཏ྄ ཀྲྀཏྭཱ ཏདཱིཡགྲྀསྱ དྲཝྱཱདི ལོཋཡིཏུཾ ཤཀྣོཏི།
30 ३० जो मेरे साथ नहीं, वह मेरे विरोध में है; और जो मेरे साथ नहीं बटोरता, वह बिखेरता है।
ཡཿ ཀཤྩིཏ྄ མམ སྭཔཀྵཱིཡོ ནཧི ས ཝིཔཀྵཱིཡ ཨཱསྟེ, ཡཤྩ མཡཱ སཱཀཾ ན སཾགྲྀཧླཱཏི, ས ཝིཀིརཏི།
31 ३१ इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, कि मनुष्य का सब प्रकार का पाप और निन्दा क्षमा की जाएगी, पर पवित्र आत्मा की निन्दा क्षमा न की जाएगी।
ཨཏཨེཝ ཡུཥྨཱནཧཾ ཝདཱམི, མནུཛཱནཱཾ སཪྻྭཔྲཀཱརཔཱཔཱནཱཾ ནིནྡཱཡཱཤྩ མརྵཎཾ བྷཝིཏུཾ ཤཀྣོཏི, ཀིནྟུ པཝིཏྲསྱཱཏྨནོ ཝིརུདྡྷནིནྡཱཡཱ མརྵཎཾ བྷཝིཏུཾ ན ཤཀྣོཏི།
32 ३२ जो कोई मनुष्य के पुत्र के विरोध में कोई बात कहेगा, उसका यह अपराध क्षमा किया जाएगा, परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरोध में कुछ कहेगा, उसका अपराध न तो इस युग में और न ही आनेवाले युग में क्षमा किया जाएगा। (aiōn )
ཡོ མནུཛསུཏསྱ ཝིརུདྡྷཱཾ ཀཐཱཾ ཀཐཡཏི, ཏསྱཱཔརཱདྷསྱ ཀྵམཱ བྷཝིཏུཾ ཤཀྣོཏི, ཀིནྟུ ཡཿ ཀཤྩིཏ྄ པཝིཏྲསྱཱཏྨནོ ཝིརུདྡྷཱཾ ཀཐཱཾ ཀཐཡཏི ནེཧལོཀེ ན པྲེཏྱ ཏསྱཱཔརཱདྷསྱ ཀྵམཱ བྷཝིཏུཾ ཤཀྣོཏི། (aiōn )
33 ३३ “यदि पेड़ को अच्छा कहो, तो उसके फल को भी अच्छा कहो, या पेड़ को निकम्मा कहो, तो उसके फल को भी निकम्मा कहो; क्योंकि पेड़ फल ही से पहचाना जाता है।
པཱདཔཾ ཡདི བྷདྲཾ ཝདཐ, ཏརྷི ཏསྱ ཕལམཔི སཱདྷུ ཝཀྟཝྱཾ, ཡདི ཙ པཱདཔཾ ཨསཱདྷུཾ ཝདཐ, ཏརྷི ཏསྱ ཕལམཔྱསཱདྷུ ཝཀྟཝྱཾ; ཡཏཿ སྭཱིཡསྭཱིཡཕལེན པཱདཔཿ པརིཙཱིཡཏེ།
34 ३४ हे साँप के बच्चों, तुम बुरे होकर कैसे अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुँह पर आता है।
རེ བྷུཛགཝཾཤཱ ཡཱུཡམསཱདྷཝཿ སནྟཿ ཀཐཾ སཱདྷུ ཝཱཀྱཾ ཝཀྟུཾ ཤཀྵྱཐ? ཡསྨཱད྄ ཨནྟཿཀརཎསྱ པཱུརྞབྷཱཝཱནུསཱརཱད྄ ཝདནཱད྄ ཝཙོ ནིརྒཙྪཏི།
35 ३५ भला मनुष्य मन के भले भण्डार से भली बातें निकालता है; और बुरा मनुष्य बुरे भण्डार से बुरी बातें निकालता है।
ཏེན སཱདྷུརྨཱནཝོ྅ནྟཿཀརཎརཱུཔཱཏ྄ སཱདྷུབྷཱཎྜཱགཱརཱཏ྄ སཱདྷུ དྲཝྱཾ ནིརྒམཡཏི, ཨསཱདྷུརྨཱནུཥསྟྭསཱདྷུབྷཱཎྜཱགཱརཱད྄ ཨསཱདྷུཝསྟཱུནི ནིརྒམཡཏི།
36 ३६ और मैं तुम से कहता हूँ, कि जो-जो निकम्मी बातें मनुष्य कहेंगे, न्याय के दिन हर एक बात का लेखा देंगे।
ཀིནྟྭཧཾ ཡུཥྨཱན྄ ཝདཱམི, མནུཛཱ ཡཱཝནྟྱཱལསྱཝཙཱཾསི ཝདནྟི, ཝིཙཱརདིནེ ཏདུཏྟརམཝཤྱཾ དཱཏཝྱཾ,
37 ३७ क्योंकि तू अपनी बातों के कारण निर्दोष और अपनी बातों ही के कारण दोषी ठहराया जाएगा।”
ཡཏསྟྭཾ སྭཱིཡཝཙོབྷི རྣིརཔརཱདྷཿ སྭཱིཡཝཙོབྷིཤྩ སཱཔརཱདྷོ གཎིཥྱསེ།
38 ३८ इस पर कुछ शास्त्रियों और फरीसियों ने उससे कहा, “हे गुरु, हम तुझ से एक चिन्ह देखना चाहते हैं।”
ཏདཱནཱིཾ ཀཏིཔཡཱ ཨུཔཱདྷྱཱཡཱཿ ཕིརཱུཤིནཤྩ ཛགདུཿ, ཧེ གུརོ ཝཡཾ བྷཝཏྟཿ ཀིཉྩན ལཀྵྨ དིདྲྀཀྵཱམཿ།
39 ३९ उसने उन्हें उत्तर दिया, “इस युग के बुरे और व्यभिचारी लोग चिन्ह ढूँढ़ते हैं; परन्तु योना भविष्यद्वक्ता के चिन्ह को छोड़ कोई और चिन्ह उनको न दिया जाएगा।
ཏདཱ ས པྲཏྱུཀྟཝཱན྄, དུཥྚོ ཝྱབྷིཙཱརཱི ཙ ཝཾཤོ ལཀྵྨ མྲྀགཡཏེ, ཀིནྟུ བྷཝིཥྱདྭཱདིནོ ཡཱུནསོ ལཀྵྨ ཝིཧཱཡཱནྱཏ྄ ཀིམཔི ལཀྵྨ ཏེ ན པྲདརྴཡིཥྱནྟེ།
40 ४० योना तीन रात-दिन महा मच्छ के पेट में रहा, वैसे ही मनुष्य का पुत्र तीन रात-दिन पृथ्वी के भीतर रहेगा।
ཡཏོ ཡཱུནམ྄ ཡཐཱ ཏྲྱཧོརཱཏྲཾ བྲྀཧནྨཱིནསྱ ཀུཀྵཱཝཱསཱིཏ྄, ཏཐཱ མནུཛཔུཏྲོཔི ཏྲྱཧོརཱཏྲཾ མེདིནྱཱ མདྷྱེ སྠཱསྱཏི།
41 ४१ नीनवे के लोग न्याय के दिन इस युग के लोगों के साथ उठकर उन्हें दोषी ठहराएँगे, क्योंकि उन्होंने योना का प्रचार सुनकर, मन फिराया और यहाँ वह है जोयोना से भी बड़ाहै।
ཨཔརཾ ནཱིནིཝཱིཡཱ མཱནཝཱ ཝིཙཱརདིན ཨེཏདྭཾཤཱིཡཱནཱཾ པྲཏིཀཱུལམ྄ ཨུཏྠཱཡ ཏཱན྄ དོཥིཎཿ ཀརིཥྱནྟི, ཡསྨཱཏྟེ ཡཱུནས ཨུཔདེཤཱཏ྄ མནཱཾསི པརཱཝརྟྟཡཱཉྩཀྲིརེ, ཀིནྟྭཏྲ ཡཱུནསོཔི གུརུཏར ཨེཀ ཨཱསྟེ།
42 ४२ दक्षिण की रानीन्याय के दिन इस युग के लोगों के साथ उठकर उन्हें दोषी ठहराएगी, क्योंकि वह सुलैमान का ज्ञान सुनने के लिये पृथ्वी के छोर से आई, और यहाँ वह है जो सुलैमान से भी बड़ा है।
པུནཤྩ དཀྵིཎདེཤཱིཡཱ རཱཛྙཱི ཝིཙཱརདིན ཨེཏདྭཾཤཱིཡཱནཱཾ པྲཏིཀཱུལམུཏྠཱཡ ཏཱན྄ དོཥིཎཿ ཀརིཥྱཏི ཡཏཿ སཱ རཱཛྙཱི སུལེམནོ ཝིདྱཱཡཱཿ ཀཐཱཾ ཤྲོཏུཾ མེདིནྱཱཿ སཱིམྣ ཨཱགཙྪཏ྄, ཀིནྟུ སུལེམནོཔི གུརུཏར ཨེཀོ ཛནོ྅ཏྲ ཨཱསྟེ།
43 ४३ “जब अशुद्ध आत्मा मनुष्य में से निकल जाती है, तो सूखी जगहों में विश्राम ढूँढ़ती फिरती है, और पाती नहीं।
ཨཔརཾ མནུཛཱད྄ བཧིརྒཏོ ྅པཝིཏྲབྷཱུཏཿ ཤུཥྐསྠཱནེན གཏྭཱ ཝིཤྲཱམཾ གཝེཥཡཏི, ཀིནྟུ ཏདལབྷམཱནཿ ས ཝཀྟི, ཡསྨཱ; ནིཀེཏནཱད྄ ཨཱགམཾ, ཏདེཝ ཝེཤྨ པཀཱཝྲྀཏྱ ཡཱམི།
44 ४४ तब कहती है, कि मैं अपने उसी घर में जहाँ से निकली थी, लौट जाऊँगी, और आकर उसे सूना, झाड़ा-बुहारा और सजा-सजाया पाती है।
པཤྩཱཏ྄ ས ཏཏ྄ སྠཱནམ྄ ཨུཔསྠཱཡ ཏཏ྄ ཤཱུནྱཾ མཱརྫྫིཏཾ ཤོབྷིཏཉྩ ཝིལོཀྱ ཝྲཛན྄ སྭཏོཔི དུཥྚཏརཱན྄ ཨནྱསཔྟབྷཱུཏཱན྄ སངྒིནཿ ཀརོཏི།
45 ४५ तब वह जाकर अपने से और बुरी सात आत्माओं को अपने साथ ले आती है, और वे उसमें पैठकर वहाँ वास करती हैं, और उस मनुष्य की पिछली दशा पहले से भी बुरी हो जाती है। इस युग के बुरे लोगों की दशा भी ऐसी ही होगी।”
ཏཏསྟེ ཏཏ྄ སྠཱནཾ པྲཝིཤྱ ནིཝསནྟི, ཏེན ཏསྱ མནུཛསྱ ཤེཥདཤཱ པཱུཪྻྭདཤཱཏོཏཱིཝཱཤུབྷཱ བྷཝཏི, ཨེཏེཥཱཾ དུཥྚཝཾཤྱཱནཱམཔི ཏཐཻཝ གྷཊིཥྱཏེ།
46 ४६ जब वह भीड़ से बातें कर ही रहा था, तो उसकी माता और भाई बाहर खड़े थे, और उससे बातें करना चाहते थे।
མཱནཝེབྷྱ ཨེཏཱསཱཾ ཀཐནཱཾ ཀཐནཀཱལེ ཏསྱ མཱཏཱ སཧཛཱཤྩ ཏེན སཱཀཾ ཀཱཉྩིཏ྄ ཀཐཱཾ ཀཐཡིཏུཾ ཝཱཉྪནྟོ བཧིརེཝ སྠིཏཝནྟཿ།
47 ४७ किसी ने उससे कहा, “देख तेरी माता और तेरे भाई बाहर खड़े हैं, और तुझ से बातें करना चाहते हैं।”
ཏཏཿ ཀཤྩིཏ྄ ཏསྨཻ ཀཐིཏཝཱན྄, པཤྱ ཏཝ ཛནནཱི སཧཛཱཤྩ ཏྭཡཱ སཱཀཾ ཀཱཉྩན ཀཐཱཾ ཀཐཡིཏུཾ ཀཱམཡམཱནཱ བཧིསྟིཥྛནྟི།
48 ४८ यह सुन उसने कहनेवाले को उत्तर दिया, “कौन हैं मेरी माता? और कौन हैं मेरे भाई?”
ཀིནྟུ ས ཏཾ པྲཏྱཝདཏ྄, མམ ཀཱ ཛནནཱི? ཀེ ཝཱ མམ སཧཛཱཿ?
49 ४९ और अपने चेलों की ओर अपना हाथ बढ़ाकर कहा, “मेरी माता और मेरे भाई ये हैं।
པཤྩཱཏ྄ ཤིཥྱཱན྄ པྲཏི ཀརཾ པྲསཱཪྻྱ ཀཐིཏཝཱན྄, པཤྱ མམ ཛནནཱི མམ སཧཛཱཤྩཻཏེ;
50 ५० क्योंकि जो कोई मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चले, वही मेरा भाई, और बहन, और माता है।”
ཡཿ ཀཤྩིཏ྄ མམ སྭརྒསྠསྱ པིཏུརིཥྚཾ ཀརྨྨ ཀུརུཏེ, སཨེཝ མམ བྷྲཱཏཱ བྷགིནཱི ཛནནཱི ཙ།