< मरकुस 6 >

1 वहाँ से निकलकर वह अपने देश में आया, और उसके चेले उसके पीछे हो लिए।
ܘܢܦܩ ܡܢ ܬܡܢ ܘܐܬܐ ܠܡܕܝܢܬܗ ܘܕܒܝܩܝܢ ܗܘܘ ܠܗ ܬܠܡܝܕܘܗܝ
2 सब्त के दिन वह आराधनालय में उपदेश करने लगा; और बहुत लोग सुनकर चकित हुए और कहने लगे, “इसको ये बातें कहाँ से आ गई? और यह कौन सा ज्ञान है जो उसको दिया गया है? और कैसे सामर्थ्य के काम इसके हाथों से प्रगट होते हैं?
ܘܟܕ ܗܘܬ ܫܒܬܐ ܫܪܝ ܠܡܠܦܘ ܒܟܢܘܫܬܐ ܘܤܓܝܐܐ ܕܫܡܥܘ ܐܬܕܡܪܘ ܘܐܡܪܝܢ ܗܘܘ ܐܝܡܟܐ ܠܗ ܗܠܝܢ ܠܗܢܐ ܘܐܝܕܐ ܗܝ ܚܟܡܬܐ ܕܐܬܝܗܒܬ ܠܗ ܕܚܝܠܐ ܕܐܝܟ ܗܠܝܢ ܒܐܝܕܘܗܝ ܢܗܘܘܢ
3 क्या यह वही बढ़ई नहीं, जो मरियम का पुत्र, और याकूब और योसेस और यहूदा और शमौन का भाई है? और क्या उसकी बहनें यहाँ हमारे बीच में नहीं रहतीं?” इसलिए उन्होंने उसके विषय में ठोकर खाई।
ܠܐ ܗܘܐ ܗܢܐ ܢܓܪܐ ܒܪܗ ܕܡܪܝܡ ܘܐܚܘܗܝ ܕܝܥܩܘܒ ܘܕܝܘܤܐ ܘܕܝܗܘܕܐ ܘܕܫܡܥܘܢ ܘܠܐ ܗܐ ܐܚܘܬܗ ܬܢܢ ܠܘܬܢ ܘܡܬܟܫܠܝܢ ܗܘܘ ܒܗ
4 यीशु ने उनसे कहा, “भविष्यद्वक्ता का अपने देश और अपने कुटुम्ब और अपने घर को छोड़ और कहीं भी निरादर नहीं होता।”
ܘܐܡܪ ܠܗܘܢ ܝܫܘܥ ܠܝܬ ܢܒܝܐ ܕܨܥܝܪ ܐܠܐ ܐܢ ܒܡܕܝܢܬܗ ܘܒܝܬ ܐܚܝܢܘܗܝ ܘܒܒܝܬܗ
5 और वह वहाँ कोई सामर्थ्य का काम न कर सका, केवल थोड़े बीमारों पर हाथ रखकर उन्हें चंगा किया।
ܘܠܐ ܡܫܟܚ ܗܘܐ ܕܢܥܒܕ ܬܡܢ ܐܦ ܠܐ ܚܕ ܚܝܠܐ ܐܠܐ ܐܢ ܕܥܠ ܟܪܝܗܐ ܩܠܝܠ ܤܡ ܐܝܕܗ ܘܐܤܝ
6 और उसने उनके अविश्वास पर आश्चर्य किया और चारों ओर से गाँवों में उपदेश करता फिरा।
ܘܡܬܕܡܪ ܗܘܐ ܒܚܤܝܪܘܬ ܗܝܡܢܘܬܗܘܢ ܘܡܬܟܪܟ ܗܘܐ ܒܩܘܪܝܐ ܟܕ ܡܠܦ
7 और वह बारहों को अपने पास बुलाकर उन्हें दो-दो करके भेजने लगा; और उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया।
ܘܩܪܐ ܠܬܪܥܤܪܬܗ ܘܫܪܝ ܕܢܫܕܪ ܐܢܘܢ ܬܪܝܢ ܬܪܝܢ ܘܝܗܒ ܠܗܘܢ ܫܘܠܛܢܐ ܥܠ ܪܘܚܐ ܛܢܦܬܐ ܕܢܦܩܘܢ
8 और उसने उन्हें आज्ञा दी, कि “मार्ग के लिये लाठी छोड़ और कुछ न लो; न तो रोटी, न झोली, न पटुके में पैसे।
ܘܦܩܕ ܐܢܘܢ ܕܠܐ ܢܫܩܠܘܢ ܡܕܡ ܠܐܘܪܚܐ ܐܠܐ ܐܢ ܫܒܛܐ ܒܠܚܘܕ ܠܐ ܬܪܡܠܐ ܘܠܐ ܠܚܡܐ ܘܠܐ ܢܚܫܐ ܒܟܝܤܝܗܘܢ
9 परन्तु जूतियाँ पहनो और दो-दो कुर्ते न पहनो।”
ܐܠܐ ܢܤܐܢܘܢ ܛܠܪܐ ܘܠܐ ܢܠܒܫܘܢ ܬܪܬܝܢ ܟܘܬܝܢܝܢ
10 १० और उसने उनसे कहा, “जहाँ कहीं तुम किसी घर में उतरो, तो जब तक वहाँ से विदा न हो, तब तक उसी घर में ठहरे रहो।
ܘܐܡܪ ܠܗܘܢ ܕܠܐܝܢܐ ܒܝܬܐ ܕܥܐܠܝܢ ܐܢܬܘܢ ܬܡܢ ܗܘܘ ܥܕܡܐ ܕܢܦܩܝܢ ܐܢܬܘܢ ܡܢ ܬܡܢ
11 ११ जिस स्थान के लोग तुम्हें ग्रहण न करें, और तुम्हारी न सुनें, वहाँ से चलते ही अपने तलवों की धूल झाड़ डालो, कि उन पर गवाही हो।”
ܘܟܠ ܡܢ ܕܠܐ ܢܩܒܠܘܢܟܘܢ ܘܠܐ ܢܫܡܥܘܢܟܘܢ ܡܐ ܕܢܦܩܝܢ ܐܢܬܘܢ ܡܢ ܬܡܢ ܦܨܘ ܚܠܐ ܕܒܬܚܬܝܐ ܕܪܓܠܝܟܘܢ ܠܤܗܕܘܬܗܘܢ ܘܐܡܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟܘܢ ܕܢܗܘܐ ܢܝܚ ܠܤܕܘܡ ܘܠܥܡܘܪܐ ܒܝܘܡܐ ܕܕܝܢܐ ܐܘ ܠܡܕܝܢܬܐ ܗܝ
12 १२ और उन्होंने जाकर प्रचार किया, कि मन फिराओ,
ܘܢܦܩܘ ܗܘܘ ܘܐܟܪܙܘ ܕܢܬܘܒܘܢ
13 १३ और बहुत सी दुष्टात्माओं को निकाला, और बहुत बीमारों पर तेल मलकर उन्हें चंगा किया।
ܘܫܐܕܐ ܤܓܝܐܐ ܡܦܩܝܢ ܗܘܘ ܘܡܫܚܝܢ ܗܘܘ ܒܡܫܚܐ ܟܪܝܗܐ ܤܓܝܐܐ ܘܡܐܤܝܢ ܗܘܘ
14 १४ और हेरोदेस राजा ने उसकी चर्चा सुनी, क्योंकि उसका नाम फैल गया था, और उसने कहा, कि “यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला मरे हुओं में से जी उठा है, इसलिए उससे ये सामर्थ्य के काम प्रगट होते हैं।”
ܘܫܡܥ ܗܪܘܕܤ ܡܠܟܐ ܥܠ ܝܫܘܥ ܐܬܝܕܥ ܗܘܐ ܠܗ ܓܝܪ ܫܡܗ ܘܐܡܪ ܗܘܐ ܝܘܚܢܢ ܡܥܡܕܢܐ ܩܡ ܡܢ ܒܝܬ ܡܝܬܐ ܡܛܠ ܗܢܐ ܚܝܠܐ ܡܤܬܥܪܝܢ ܒܗ
15 १५ और औरों ने कहा, “यह एलिय्याह है”, परन्तु औरों ने कहा, “भविष्यद्वक्ता या भविष्यद्वक्ताओं में से किसी एक के समान है।”
ܐܚܪܢܐ ܐܡܪܝܢ ܗܘܘ ܕܐܠܝܐ ܗܘ ܘܐܚܪܢܐ ܕܢܒܝܐ ܗܘ ܐܝܟ ܚܕ ܡܢ ܢܒܝܐ
16 १६ हेरोदेस ने यह सुनकर कहा, “जिस यूहन्ना का सिर मैंने कटवाया था, वही जी उठा है।”
ܟܕ ܫܡܥ ܕܝܢ ܗܪܘܕܤ ܐܡܪ ܝܘܚܢܢ ܗܘ ܕܐܢܐ ܦܤܩܬ ܪܫܗ ܗܘ ܩܡ ܡܢ ܒܝܬ ܡܝܬܐ
17 १७ क्योंकि हेरोदेस ने आप अपने भाई फिलिप्पुस की पत्नी हेरोदियास के कारण, जिससे उसने विवाह किया था, लोगों को भेजकर यूहन्ना को पकड़वाकर बन्दीगृह में डाल दिया था।
ܗܘ ܓܝܪ ܗܪܘܕܤ ܫܕܪ ܗܘܐ ܐܚܕܗ ܠܝܘܚܢܢ ܘܐܤܪܗ ܒܝܬ ܐܤܝܪܐ ܡܛܠ ܗܪܘܕܝܐ ܐܢܬܬ ܦܝܠܝܦܘܤ ܐܚܘܗܝ ܗܝ ܕܢܤܒ
18 १८ क्योंकि यूहन्ना ने हेरोदेस से कहा था, “अपने भाई की पत्नी को रखना तुझे उचित नहीं।”
ܐܡܪ ܗܘܐ ܓܝܪ ܝܘܚܢܢ ܠܗܪܘܕܤ ܕܠܐ ܫܠܝܛ ܠܟ ܕܬܤܒ ܐܢܬܬ ܐܚܘܟ
19 १९ इसलिए हेरोदियास उससे बैर रखती थी और यह चाहती थी, कि उसे मरवा डाले, परन्तु ऐसा न हो सका,
ܗܝ ܕܝܢ ܗܪܘܕܝܐ ܠܚܝܡܐ ܗܘܬ ܠܗ ܘܨܒܝܢ ܗܘܬ ܠܡܩܛܠܗ ܘܠܐ ܡܫܟܚܐ ܗܘܬ
20 २० क्योंकि हेरोदेस यूहन्ना को धर्मी और पवित्र पुरुष जानकर उससे डरता था, और उसे बचाए रखता था, और उसकी सुनकर बहुत घबराता था, पर आनन्द से सुनता था।
ܗܪܘܕܤ ܓܝܪ ܕܚܠ ܗܘܐ ܡܢ ܝܘܚܢܢ ܥܠ ܕܝܕܥ ܗܘܐ ܕܓܒܪܐ ܗܘ ܙܕܝܩܐ ܘܩܕܝܫܐ ܘܡܢܛܪ ܗܘܐ ܠܗ ܘܤܓܝܐܬܐ ܫܡܥ ܗܘܐ ܠܗ ܘܥܒܕ ܘܒܤܝܡܐܝܬ ܫܡܥ ܗܘܐ ܠܗ
21 २१ और ठीक अवसर पर जब हेरोदेस ने अपने जन्मदिन में अपने प्रधानों और सेनापतियों, और गलील के बड़े लोगों के लिये भोज किया।
ܘܗܘܐ ܝܘܡܐ ܝܕܝܥܐ ܟܕ ܗܪܘܕܤ ܒܒܝܬ ܝܠܕܗ ܚܫܡܝܬܐ ܥܒܕ ܗܘܐ ܠܪܘܪܒܢܘܗܝ ܘܠܟܝܠܝܪܟܐ ܘܠܪܫܐ ܕܓܠܝܠܐ
22 २२ और उसी हेरोदियास की बेटी भीतर आई, और नाचकर हेरोदेस को और उसके साथ बैठनेवालों को प्रसन्न किया; तब राजा ने लड़की से कहा, “तू जो चाहे मुझसे माँग मैं तुझे दूँगा।”
ܘܥܠܬ ܒܪܬܗ ܕܗܪܘܕܝܐ ܪܩܕܬ ܘܫܦܪܬ ܠܗ ܠܗܪܘܕܤ ܘܠܐܝܠܝܢ ܕܤܡܝܟܝܢ ܥܡܗ ܘܐܡܪ ܡܠܟܐ ܠܛܠܝܬܐ ܫܐܠܝ ܡܢܝ ܡܕܡ ܕܨܒܝܐ ܐܢܬܝ ܘܐܬܠ ܠܟܝ
23 २३ और उसने शपथ खाई, “मैं अपने आधे राज्य तक जो कुछ तू मुझसे माँगेगी मैं तुझे दूँगा।”
ܘܝܡܐ ܠܗ ܕܡܕܡ ܕܬܫܐܠܝܢ ܐܬܠ ܠܟܝ ܥܕܡܐ ܠܦܠܓܗ ܕܡܠܟܘܬܝ
24 २४ उसने बाहर जाकर अपनी माता से पूछा, “मैं क्या माँगू?” वह बोली, “यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का सिर।”
ܗܝ ܕܝܢ ܢܦܩܬ ܘܐܡܪܐ ܠܐܡܗ ܡܢܐ ܐܫܐܠܝܘܗܝ ܐܡܪܐ ܠܗ ܪܫܗ ܕܝܘܚܢܢ ܡܥܡܕܢܐ
25 २५ वह तुरन्त राजा के पास भीतर आई, और उससे विनती की, “मैं चाहती हूँ, कि तू अभी यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का सिर एक थाल में मुझे मँगवा दे।”
ܘܡܚܕܐ ܥܠܬ ܒܒܛܝܠܘܬܐ ܠܘܬ ܡܠܟܐ ܘܐܡܪܐ ܠܗ ܨܒܝܐ ܐܢܐ ܒܗܕܐ ܫܥܬܐ ܕܬܬܠ ܠܝ ܥܠ ܦܝܢܟܐ ܪܫܗ ܕܝܘܚܢܢ ܡܥܡܕܢܐ
26 २६ तब राजा बहुत उदास हुआ, परन्तु अपनी शपथ के कारण और साथ बैठनेवालों के कारण उसे टालना न चाहा।
ܘܟܪܝܬ ܠܗ ܤܓܝ ܠܡܠܟܐ ܡܛܠ ܕܝܢ ܡܘܡܬܐ ܘܡܛܠ ܤܡܝܟܐ ܠܐ ܨܒܐ ܕܢܓܠܙܝܗ
27 २७ और राजा ने तुरन्त एक सिपाही को आज्ञा देकर भेजा, कि उसका सिर काट लाए।
ܐܠܐ ܡܚܕܐ ܫܕܪ ܡܠܟܐ ܐܤܦܘܩܠܛܪܐ ܘܦܩܕ ܕܢܝܬܐ ܪܫܗ ܕܝܘܚܢܢ ܘܐܙܠ ܦܤܩܗ ܪܫܗ ܕܝܘܚܢܢ ܒܝܬ ܐܤܝܪܐ
28 २८ उसने जेलखाने में जाकर उसका सिर काटा, और एक थाल में रखकर लाया और लड़की को दिया, और लड़की ने अपनी माँ को दिया।
ܘܐܝܬܝ ܒܦܝܢܟܐ ܘܝܗܒ ܠܛܠܝܬܐ ܘܗܝ ܛܠܝܬܐ ܝܗܒܬ ܠܐܡܗ
29 २९ यह सुनकर उसके चेले आए, और उसके शव को उठाकर कब्र में रखा।
ܘܫܡܥܘ ܬܠܡܝܕܘܗܝ ܘܐܬܘ ܫܩܠܘ ܫܠܕܗ ܘܤܡܘ ܒܒܝܬ ܩܒܘܪܐ
30 ३० प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे होकर, जो कुछ उन्होंने किया, और सिखाया था, सब उसको बता दिया।
ܘܐܬܟܢܫܘ ܫܠܝܚܐ ܠܘܬ ܝܫܘܥ ܘܐܡܪܘ ܠܗ ܟܠ ܡܐ ܕܥܒܕܘ ܘܟܠ ܡܐ ܕܐܠܦܘ
31 ३१ उसने उनसे कहा, “तुम आप अलग किसी एकान्त स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो।” क्योंकि बहुत लोग आते-जाते थे, और उन्हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था।
ܘܐܡܪ ܠܗܘܢ ܬܘ ܠܟܘܢ ܢܐܙܠ ܠܕܒܪܐ ܒܠܚܘܕܝܢ ܘܐܬܬܢܝܚܘ ܩܠܝܠ ܐܝܬ ܗܘܘ ܓܝܪ ܤܓܝܐܐ ܕܐܙܠܝܢ ܘܐܬܝܢ ܘܠܝܬ ܗܘܐ ܠܗܘܢ ܐܬܪܐ ܐܦ ܠܐ ܠܡܐܟܠ
32 ३२ इसलिए वे नाव पर चढ़कर, सुनसान जगह में अलग चले गए।
ܘܐܙܠܘ ܠܐܬܪܐ ܚܘܪܒܐ ܒܤܦܝܢܬܐ ܒܠܚܘܕܝܗܘܢ
33 ३३ और बहुतों ने उन्हें जाते देखकर पहचान लिया, और सब नगरों से इकट्ठे होकर वहाँ पैदल दौड़े और उनसे पहले जा पहुँचे।
ܘܚܙܘ ܐܢܘܢ ܤܓܝܐܐ ܟܕ ܐܙܠܝܢ ܘܐܫܬܘܕܥܘ ܐܢܘܢ ܘܒܝܒܫܐ ܪܗܛܘ ܡܢ ܟܠܗܝܢ ܡܕܝܢܬܐ ܩܕܡܘܗܝ ܠܬܡܢ
34 ३४ उसने उतरकर बड़ी भीड़ देखी, और उन पर तरस खाया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान थे, जिनका कोई रखवाला न हो; और वह उन्हें बहुत सी बातें सिखाने लगा।
ܘܢܦܩ ܝܫܘܥ ܚܙܐ ܟܢܫܐ ܤܓܝܐܐ ܘܐܬܪܚܡ ܥܠܝܗܘܢ ܕܕܡܝܢ ܗܘܘ ܠܥܪܒܐ ܕܠܝܬ ܠܗܘܢ ܪܥܝܐ ܘܫܪܝ ܗܘܐ ܠܡܠܦܘ ܐܢܘܢ ܤܓܝܐܬܐ
35 ३५ जब दिन बहुत ढल गया, तो उसके चेले उसके पास आकर कहने लगे, “यह सुनसान जगह है, और दिन बहुत ढल गया है।
ܘܟܕ ܗܘܐ ܥܕܢܐ ܤܓܝܐܐ ܩܪܒܘ ܠܘܬܗ ܬܠܡܝܕܘܗܝ ܘܐܡܪܝܢ ܠܗ ܕܗܢܐ ܐܬܪܐ ܚܘܪܒܐ ܗܘ ܘܥܕܢܐ ܤܓܝ
36 ३६ उन्हें विदा कर, कि चारों ओर के गाँवों और बस्तियों में जाकर, अपने लिये कुछ खाने को मोल लें।”
ܫܪܝ ܐܢܘܢ ܕܢܐܙܠܘܢ ܠܐܓܘܪܤܐ ܕܚܕܪܝܢ ܘܠܩܘܪܝܐ ܘܢܙܒܢܘܢ ܠܗܘܢ ܠܚܡܐ ܠܝܬ ܠܗܘܢ ܓܝܪ ܡܕܡ ܠܡܐܟܠ
37 ३७ उसने उन्हें उत्तर दिया, “तुम ही उन्हें खाने को दो।” उन्होंने उससे कहा, “क्या हम दो सौ दीनार की रोटियाँ मोल लें, और उन्हें खिलाएँ?”
ܗܘ ܕܝܢ ܐܡܪ ܠܗܘܢ ܗܒܘ ܠܗܘܢ ܐܢܬܘܢ ܠܡܠܥܤ ܐܡܪܝܢ ܠܗ ܢܐܙܠ ܢܙܒܢ ܕܡܐܬܝܢ ܕܝܢܪܝܢ ܠܚܡܐ ܘܢܬܠ ܠܗܘܢ ܠܥܤܝܢ
38 ३८ उसने उनसे कहा, “जाकर देखो तुम्हारे पास कितनी रोटियाँ हैं?” उन्होंने मालूम करके कहा, “पाँच रोटी और दो मछली भी।”
ܗܘ ܕܝܢ ܐܡܪ ܠܗܘܢ ܙܠܘ ܚܙܘ ܟܡܐ ܠܚܡܝܢ ܐܝܬ ܠܟܘܢ ܗܪܟܐ ܘܟܕ ܚܙܘ ܐܡܪܝܢ ܠܗ ܚܡܫܐ ܠܚܡܝܢ ܘܬܪܝܢ ܢܘܢܝܢ
39 ३९ तब उसने उन्हें आज्ञा दी, कि सब को हरी घास पर समूह में बैठा दो।
ܘܦܩܕ ܠܗܘܢ ܕܢܤܡܟܘܢ ܠܟܠܢܫ ܤܡܟܝܢ ܤܡܟܝܢ ܥܠ ܥܤܒܐ
40 ४० वे सौ-सौ और पचास-पचास करके समूह में बैठ गए।
ܘܐܤܬܡܟܘ ܤܡܟܝܢ ܤܡܟܝܢ ܕܡܐܐ ܡܐܐ ܘܕܚܡܫܝܢ ܚܡܫܝܢ
41 ४१ और उसने उन पाँच रोटियों को और दो मछलियों को लिया, और स्वर्ग की ओर देखकर धन्यवाद किया और रोटियाँ तोड़-तोड़कर चेलों को देता गया, कि वे लोगों को परोसें, और वे दो मछलियाँ भी उन सब में बाँट दीं।
ܘܢܤܒ ܗܢܘܢ ܚܡܫܐ ܠܚܡܝܢ ܘܬܪܝܢ ܢܘܢܝܢ ܘܚܪ ܒܫܡܝܐ ܘܒܪܟ ܘܩܨܐ ܠܚܡܐ ܘܝܗܒ ܠܬܠܡܝܕܘܗܝ ܕܢܤܝܡܘܢ ܠܗܘܢ ܘܗܢܘܢ ܬܪܝܢ ܢܘܢܝܢ ܦܠܓܘ ܠܟܠܗܘܢ
42 ४२ और सब खाकर तृप्त हो गए,
ܘܐܟܠܘ ܟܠܗܘܢ ܘܤܒܥܘ
43 ४३ और उन्होंने टुकड़ों से बारह टोकरियाँ भरकर उठाई, और कुछ मछलियों से भी।
ܘܫܩܠܘ ܩܨܝܐ ܬܪܥܤܪ ܩܘܦܝܢܝܢ ܟܕ ܡܠܝܢ ܘܡܢ ܢܘܢܐ
44 ४४ जिन्होंने रोटियाँ खाई, वे पाँच हजार पुरुष थे।
ܐܝܬܝܗܘܢ ܗܘܘ ܕܝܢ ܕܐܟܠܘ ܠܚܡܐ ܚܡܫܐ ܐܠܦܝܢ ܓܒܪܝܢ
45 ४५ तब उसने तुरन्त अपने चेलों को विवश किया कि वे नाव पर चढ़कर उससे पहले उस पार बैतसैदा को चले जाएँ, जब तक कि वह लोगों को विदा करे।
ܘܡܚܕܐ ܐܠܨ ܠܬܠܡܝܕܘܗܝ ܕܢܤܩܘܢ ܠܤܦܝܢܬܐ ܘܢܐܙܠܘܢ ܩܕܡܘܗܝ ܠܥܒܪܐ ܠܒܝܬ ܨܝܕܐ ܥܕ ܫܪܐ ܗܘ ܠܟܢܫܐ
46 ४६ और उन्हें विदा करके पहाड़ पर प्रार्थना करने को गया।
ܘܟܕ ܫܪܐ ܐܢܘܢ ܐܙܠ ܠܛܘܪܐ ܠܡܨܠܝܘ
47 ४७ और जब साँझ हुई, तो नाव झील के बीच में थी, और वह अकेला भूमि पर था।
ܟܕ ܗܘܐ ܕܝܢ ܪܡܫܐ ܤܦܝܢܬܐ ܐܝܬܝܗ ܗܘܬ ܡܨܥܬ ܝܡܐ ܘܗܘ ܒܠܚܘܕܘܗܝ ܥܠ ܐܪܥܐ
48 ४८ और जब उसने देखा, कि वे खेते-खेते घबरा गए हैं, क्योंकि हवा उनके विरुद्ध थी, तो रात के चौथे पहर के निकट वह झील पर चलते हुए उनके पास आया; और उनसे आगे निकल जाना चाहता था।
ܘܚܙܐ ܐܢܘܢ ܕܡܫܬܢܩܝܢ ܟܕ ܪܕܝܢ ܪܘܚܐ ܓܝܪ ܠܘܩܒܠܗܘܢ ܗܘܬ ܘܒܡܛܪܬܐ ܪܒܝܥܝܬܐ ܕܠܠܝܐ ܐܬܐ ܠܘܬܗܘܢ ܝܫܘܥ ܟܕ ܡܗܠܟ ܥܠ ܡܝܐ ܘܨܒܐ ܗܘܐ ܕܢܥܒܪ ܐܢܘܢ
49 ४९ परन्तु उन्होंने उसे झील पर चलते देखकर समझा, कि भूत है, और चिल्ला उठे,
ܗܢܘܢ ܕܝܢ ܚܙܐܘܗܝ ܕܡܗܠܟ ܥܠ ܡܝܐ ܘܤܒܪܘ ܠܗܘܢ ܕܚܙܘܐ ܗܘ ܕܓܠܐ ܘܩܥܘ
50 ५० क्योंकि सब उसे देखकर घबरा गए थे। पर उसने तुरन्त उनसे बातें की और कहा, “धैर्य रखो: मैं हूँ; डरो मत।”
ܟܠܗܘܢ ܓܝܪ ܚܙܐܘܗܝ ܘܕܚܠܘ ܘܒܪ ܫܥܬܗ ܡܠܠ ܥܡܗܘܢ ܘܐܡܪ ܠܗܘܢ ܐܬܠܒܒܘ ܐܢܐ ܐܢܐ ܠܐ ܬܕܚܠܘܢ
51 ५१ तब वह उनके पास नाव पर आया, और हवा थम गई: वे बहुत ही आश्चर्य करने लगे।
ܘܤܠܩ ܠܘܬܗܘܢ ܠܤܦܝܢܬܐ ܘܫܠܝܬ ܪܘܚܐ ܘܛܒ ܡܬܕܡܪܝܢ ܗܘܘ ܘܬܗܝܪܝܢ ܒܢܦܫܗܘܢ
52 ५२ क्योंकि वे उन रोटियों के विषय में न समझे थे परन्तु उनके मन कठोर हो गए थे।
ܠܐ ܓܝܪ ܐܤܬܟܠܘ ܗܘܘ ܡܢ ܠܚܡܐ ܗܘ ܡܛܠ ܕܠܒܗܘܢ ܡܥܒܝ ܗܘܐ
53 ५३ और वे पार उतरकर गन्नेसरत में पहुँचे, और नाव घाट पर लगाई।
ܘܟܕ ܥܒܪܘ ܥܒܪܐ ܐܬܘ ܠܐܪܥܐ ܕܓܢܤܪ
54 ५४ और जब वे नाव पर से उतरे, तो लोग तुरन्त उसको पहचानकर,
ܘܟܕ ܢܦܩܘ ܡܢ ܤܦܝܢܬܐ ܒܪ ܫܥܬܗ ܐܤܬܟܠܘܗܝ ܐܢܫܝ ܐܬܪܐ
55 ५५ आस-पास के सारे देश में दौड़े, और बीमारों को खाटों पर डालकर, जहाँ-जहाँ समाचार पाया कि वह है, वहाँ-वहाँ लिए फिरे।
ܘܪܗܛܘ ܒܟܠܗ ܐܪܥܐ ܗܝ ܘܫܪܝܘ ܠܡܝܬܝܘ ܠܐܝܠܝܢ ܕܒܝܫܐܝܬ ܥܒܝܕܝܢ ܟܕ ܫܩܝܠܝܢ ܠܗܘܢ ܒܥܪܤܬܐ ܠܐܝܟܐ ܕܫܡܥܝܢ ܗܘܘ ܕܐܝܬܘܗܝ
56 ५६ और जहाँ कहीं वह गाँवों, नगरों, या बस्तियों में जाता था, तो लोग बीमारों को बाजारों में रखकर उससे विनती करते थे, कि वह उन्हें अपने वस्त्र के आँचल ही को छू लेने दे: और जितने उसे छूते थे, सब चंगे हो जाते थे।
ܘܐܝܟܐ ܕܥܐܠ ܗܘܐ ܠܩܘܪܝܐ ܘܠܡܕܝܢܬܐ ܒܫܘܩܐ ܤܝܡܝܢ ܗܘܘ ܟܪܝܗܐ ܘܒܥܝܢ ܗܘܘ ܡܢܗ ܕܐܦܢ ܠܟܢܦܐ ܕܠܒܘܫܗ ܢܩܪܒܘܢ ܘܟܠܗܘܢ ܐܝܠܝܢ ܕܩܪܒܝܢ ܗܘܘ ܠܗ ܡܬܐܤܝܢ ܗܘܘ

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