< मरकुस 14 >

1 दो दिन के बाद फसह और अख़मीरी रोटी का पर्व होनेवाला था। और प्रधान याजक और शास्त्री इस बात की खोज में थे कि उसे कैसे छल से पकड़कर मार डालें।
ହେ ନିସ୍ତାର୍‌ ପାର୍ବୁ ଆରି ହଇୱି ରୁଟି ପାର୍ବୁ ଆଦେଂ ରି ଦିନ୍‌ ମାଚାତ୍‌ । ହେ ୱେଡ଼ାଲିଂ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁ ହେବା କିନାକାର୍‌ ଆରି ସାସ୍ତିର୍‌ ଇନେସ୍‌ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ଚାଲାକି କିଜ଼ି ଆସ୍ତେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡ୍‌ନାର୍‌, ହେବେ ନି ଉପାୟ୍‌ ଡେକ୍‌ଚି ମାଚାର୍‌ ।
2 परन्तु कहते थे, “पर्व के दिन नहीं, कहीं ऐसा न हो कि लोगों में दंगा मचे।”
“ଇନେକିଦେଂକି ହେୱାର୍‌ ଇଚାର୍‌,” ପାର୍ବୁ ୱେଡ଼ାଲିଂ ଆକାୟ୍‌, “ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ମାନାୟ୍‌ ବିତ୍ରେ ଗଣ୍ଡ୍‌ଗଲ୍‌ ଆନାତ୍‌ ।”
3 जब वह बैतनिय्याह में शमौन कोढ़ी के घर भोजन करने बैठा हुआ था तब एक स्त्री संगमरमर के पात्र में जटामासी का बहुमूल्य शुद्ध इत्र लेकर आई; और पात्र तोड़कर इत्र को उसके सिर पर उण्डेला।
ଜିସୁ ବେତ୍‌ନିୟାତ ଗାଜାରଗ୍‌ନି ସିମନ୍‌ ଇଞ୍ଜ ତିଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ କୁଚ୍‌ଚି ୱେଡ଼ାଲିଂ ର କଗ୍‌ଲେ ର କଣ୍ଡିତ ବେସି ହାର୍ଦାକା ଜଟାମାଂସି ବାସ୍‌ନା ଚିକାଣ୍‌ ତାସି ଜିସୁ କାପ୍‌ଡ଼ାତ ଚିକାଣ୍‌ କଣ୍ଡି ଡ୍ରିକ୍‌ଚି ୱାକ୍‍ତେଙ୍ଗ୍‍ ଲାଗାତାତ୍‌ ।
4 परन्तु कुछ लोग अपने मन में झुँझलाकर कहने लगे, “इस इत्र का क्यों सत्यानाश किया गया?
ଆରେ କେତେକ୍‌ ହେବେ ମାଚି ମାନାୟ୍‌ ରିସା ଆଜ଼ି ହେୱାର୍‌ ୱେଚ୍‌ପା ଆତାର୍‌, “ବାସ୍‌ନା ଚିକାଣ୍‌ ଇଦେଲ୍‌ ଇନେକିଦେଂ ଆର୍ଲା କିନାତା?
5 क्योंकि यह इत्र तो तीन सौ दीनार से अधिक मूल्य में बेचकर गरीबों को बाँटा जा सकता था।” और वे उसको झिड़कने लगे।
ଇ ବାସ୍‌ନା ଚିକାଣ୍‌ତ ତିନ୍‌ସ ଦିନ୍‌ତି ଟାକାଂ ଆଦିକ୍‌ ମଲ୍‌ତ ପ୍ରସି ହିଲ୍‌ୱାକାରିଂ ହିୟାତାତ୍‌ମା । ଲାଗିଂ ହେୱାର୍‌ ହେ କଗ୍‌ଲେ ହିମ୍‌ଣାତି କେତ୍‌ତେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାର୍‌ ।”
6 यीशु ने कहा, “उसे छोड़ दो; उसे क्यों सताते हो? उसने तो मेरे साथ भलाई की है।
ମାତର୍‌ ଜିସୁ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍ଦେଂଲିଂ ପିହାଟ୍, ଇନେକିଦେଂ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ କସ୍ଟ ହିନାଦେରା? ହେଦେଲ୍‌ତ ନା କାଜିଂ ହାର୍ଦି କାମାୟ୍‌ କିନାତା ।”
7 गरीब तुम्हारे साथ सदा रहते हैं और तुम जब चाहो तब उनसे भलाई कर सकते हो; पर मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूँगा।
ଇନେକିଦେଂକି ଅର୍କିତ୍‌ ଲଗୁ ସବୁୱେଡ଼ାଙ୍ଗ୍‌ ମି “ଲାଗାଂ ମାନାର୍‌, ଆରି ମିଦାଙ୍ଗ୍‌ ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ଇଚା ହେ ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ପା ହେୱାରିଂ ଉପ୍‌କାର୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡ୍‌ନାଦେର୍‌, ମତର୍‌ ଆନ୍‌ ସବୁୱେଡ଼ାଙ୍ଗ୍‌ ମି ତାକେ ମାନୁଙ୍ଗ୍ ।
8 जो कुछ वह कर सकी, उसने किया; उसने मेरे गाड़े जाने की तैयारी में पहले से मेरी देह पर इत्र मला है।
ହେଦେଲ୍‌ ଏଚେକ୍‌ ଆଡ଼୍‌ଦାତାତ୍‌, ହେଦାଂ ହେଦେଲ୍‌ କିତାତ୍‌ନା; ହେଦେଲ୍‌ ଦୁଗେର୍‌ କାଜିଂ ନା ଗାଗାଡ଼୍‌ତିଂ ଆଗେନେ ଚିକାଣ୍‌ କାସ୍‌ଦାତାତ୍‌ ।
9 मैं तुम से सच कहता हूँ, कि सारे जगत में जहाँ कहीं सुसमाचार प्रचार किया जाएगा, वहाँ उसके इस काम की चर्चा भी उसके स्मरण में की जाएगी।”
ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ୱିଜ଼େ ପୁର୍ତି ତାକେ ଇମ୍‌ଣି ବାହାତ ପା ନେକ୍ରିକାବୁର୍‌ ୱେଚ୍‍ଚିୟା ଆନାତ୍‌, ହେ ବାହାତ ଇ କଗ୍‌ଲେଂ ଏତୁ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ତାଦେଲ୍‍ତି ଇ କାମାୟ୍‌ନି କାତା ପା ଇନିୟା ଆନାତ୍‌ ।”
10 १० तब यहूदा इस्करियोती जो बारह में से एक था, प्रधान याजकों के पास गया, कि उसे उनके हाथ पकड़वा दे।
ହେବେ ବାର ଚେଲାର୍‌ ବିତ୍ରେ ଇସ୍କାରିୟତିୟ ଜିହୁଦା ଇଞ୍ଜି ରକାନ୍‌ ହେୱାନ୍‌ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବାକିନାକାର୍‌ କେଇଦ ହେଲାୟ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ କାଜିଂ ହେୱାର୍‌ ତାକେ ହାଚାନ୍‌ ।
11 ११ वे यह सुनकर आनन्दित हुए, और उसको रुपये देना स्वीकार किया, और यह अवसर ढूँढ़ने लगा कि उसे किसी प्रकार पकड़वा दे।
ହେଦାଂ ୱେନ୍‌ଞ୍ଜି ୱାରିୟା ଆତାର୍‌ ଆରି ହେୱାନିଂ ଟାକାଂ ହିଦେଂ ଇଞ୍ଜି ପାର୍ମାଣ୍‌ କିତାର୍‌ । ହେବେତାଂ ହେୱାନ୍‌ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ସୁବିଦା ହୁଡ଼୍‌ଜି ଇନେସ୍‌ ଆହିକିଦେଂ ଆଡ୍‌ନାନ୍‌, ଇଦାଂ ଉପାୟ୍‌ ଡେକ୍‌ତେଂ ଲଗାତାନ୍ ।
12 १२ अख़मीरी रोटी के पर्व के पहले दिन, जिसमें वे फसह का बलिदान करते थे, उसके चेलों ने उससे पूछा, “तू कहाँ चाहता है, कि हम जाकर तेरे लिये फसह खाने की तैयारी करें?”
ପାଚେ ହେ ହଇୱି ରୁଟି ପାର୍ବୁନି ପର୍ତୁମ୍‌ ଦିନ୍ତ, ଇମ୍‌ଣି ଦିନ୍‌ ନିସ୍ତାର୍‌ ପାର୍ବୁନି ମେଣ୍ଡାହିମ୍‌ଣା ପୁଜାକିନାର୍‌, ହେ ଦିନ୍‌ ଜିସୁତି ଚେଲାର୍‌ ହେୱାନିଂ ୱେନ୍‍ବାତାର୍, “ଆସେଙ୍ଗ୍‌ ହାଲ୍‌ଜି ନି କାଜିଂ ନିସ୍ତାର୍‌ ପାର୍ବୁ ତିଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଜାତ୍‌ନାୟ୍‌ କିନାପ୍‌ ଇଞ୍ଜି ନି ଇଚା କିନାୟା?”
13 १३ उसने अपने चेलों में से दो को यह कहकर भेजा, “नगर में जाओ, और एक मनुष्य जल का घड़ा उठाए हुए तुम्हें मिलेगा, उसके पीछे हो लेना।
ହେବେତାଂ ହେ ଚେଲାର୍‌ ବିତ୍ରେ ରିୟାରିଂ ଏଲେଙ୍ଗ୍‌ ୱେଚ୍‌ଚି ପକ୍‌ତାନ୍‌ । “ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଗାଡ଼୍‌ଦ ହାଲାଟ୍‌, ଆରି ରକାନ୍‌ ଗାଗ୍ରି ଆସ୍ତି ହାନି ମାନାୟ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ବେଟା ଆଦ୍‌ନାନ୍‌, ତା ପାଚେ ପାଚେ ହାଲାଟ୍‌;
14 १४ और वह जिस घर में जाए उस घर के स्वामी से कहना: ‘गुरु कहता है, कि मेरी पाहुनशाला जिसमें मैं अपने चेलों के साथ फसह खाऊँ कहाँ है?’
ଇମ୍‌ଣି ଇଞ୍ଜ ହେୱାନ୍‌ ହଣାନ୍‌ । ହେ ଇଞ୍ଜ ନି ମୁଣିକାଙ୍ଗ୍ ଇନାଟ୍‌, ଗୁରୁ ୱେନ୍‌ବା ଆଦ୍‍ନାନା, ଆନ୍‌ ନା ଚେଲାର୍‌ ହୁକେ ଇମେତାକେ ନିସ୍ତାର୍‌ ପାର୍ବୁ ବଜି କିନାଙ୍ଗ୍, ଇମେତ୍‌ ନା ହେ ଗତାଙ୍ଗ୍‍ବାହା ।”
15 १५ वह तुम्हें एक सजी-सजाई, और तैयार की हुई बड़ी अटारी दिखा देगा, वहाँ हमारे लिये तैयारी करो।”
ହେୱାନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହେବେ ଜାତ୍‌ନାୟ୍‌ ଆରି ଜାଲ୍‌ଦି କିିତି ଜପ୍‌ଣି ଗାଜା ବାକ୍ରା ଚଚାନାନ୍, ହେ ବାହାତ ମାକାଜିଂ ଜାଲ୍‌ଦି କିୟାଟ୍‌ ।
16 १६ तब चेले निकलकर नगर में आए और जैसा उसने उनसे कहा था, वैसा ही पाया, और फसह तैयार किया।
ହେବେତାଂ ଚେଲାର୍‌ ହସି ଗାଡ଼୍‌ ବିତ୍ରେ ହଟାର୍, ଆରେ ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇନେସ୍‌ ଇଞ୍ଜି ମାଚାନ୍‌, ହେ ଲାକେ ହୁଡ଼୍‌ଜି ନିସ୍ତାର୍‌ ପାର୍ବୁ ଦିନ୍ତି ବଜି ଜାଲ୍‌ଦି କିତାର୍‌ ।
17 १७ जब साँझ हुई, तो वह बारहों के साथ आया।
ମ୍ଡିତିଲେ ହେୱାନ୍‌ ବାରଜାଣ୍‌ ଚେଲାର୍‌ ହୁକେ ୱାତାନ୍ ।
18 १८ और जब वे बैठे भोजन कर रहे थे, तो यीशु ने कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि तुम में से एक, जो मेरे साथ भोजन कर रहा है, मुझे पकड़वाएगा।”
ହେୱାର୍‌ କୁଚ୍‌ଚି ତିନି ସମୁଦ ଜିସୁ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ମି ବିତ୍ରେ ରକାନ୍‌, ଇନେର୍‌କି ନା ହୁକେ ତିନାନା, ହେୱାନ୍‌ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ସାତ୍ରୁ କେଇଦ ହେଲାୟ୍‌ କିଦ୍‌ନାନ୍‌ ।”
19 १९ उन पर उदासी छा गई और वे एक-एक करके उससे कहने लगे, “क्या वह मैं हूँ?”
ହେବେ ହେୱାର୍‌ ଦୁକ୍‌ ଆଜ଼ି ରକାର୍ ରକାର୍ କିଜ଼ି ହେୱାନିଂ ୱେନ୍‍ବାତାର୍, “ହେୱାନ୍‌ ଇନାକା ଆନ୍‌?”
20 २० उसने उनसे कहा, “वह बारहों में से एक है, जो मेरे साथ थाली में हाथ डालता है।
ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ବାରଜାଣ୍‌ ବିତ୍ରେ ରକାନ୍‌, ଇନେର୍‌କି ନା ହୁକେ ତାଡ଼ିୟାତ ରୁଟି କ୍ଡୁକ୍‍ନାନ୍‍ ହେୱାନ୍‌ ।
21 २१ क्योंकि मनुष्य का पुत्र तो, जैसा उसके विषय में लिखा है, जाता ही है; परन्तु उस मनुष्य पर हाय जिसके द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जाता है! यदि उस मनुष्य का जन्म ही न होता तो उसके लिये भला होता।”
ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ି ବିସ୍ରେ ସାସ୍ତର୍‌ ତାକେ ଇନେସ୍‌ ଲେକା ଆତାତ୍‌ନ୍ନା, ହେ ଲାକେ ହାକି ଡାଣ୍ଡ୍‌ ପାୟାଦେଂ ହାନାନା, ମାତର୍‌ ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ି ସତ୍ରୁ କେଇଦ ହେଲାୟ୍‌ କିୟା ଆନାନ୍‌, ଆ ହେୱାନ୍‌ ଦାଣ୍ଡ୍‌ ପାୟା ଆନାନ୍‌! ହେୱାନ୍‌ ମାନାୟ୍‌ ଜଲମ୍‌ ଆୱାଦାଂ ମାଚିସ୍‌ ହେୱାନ୍‌ ତା ପାକ୍ୟାତ ହାର୍‌ ଆତାତ୍ମା!”
22 २२ और जब वे खा ही रहे थे तो उसने रोटी ली, और आशीष माँगकर तोड़ी, और उन्हें दी, और कहा, “लो, यह मेरी देह है।”
ହେୱାର୍‌ ତିନି ୱେଡ଼ାଲିଂ ହେ ରୁଟି ଅସି ଆସିର୍ବାଦ୍‌ କିଜ଼ି ହେୱାରିଂ ହିତାନ୍‌ ଆରି ହେଦାଂ ଡ୍ରିକ୍‌ଚି ହେୱାରିଂ ହିଜ଼ି ଇଚାନ୍‌, “ଇନ୍ଦାଟ୍‌, ଇଦାଂ ନା ଗାଗାଡ଼୍‌ ।”
23 २३ फिर उसने कटोरा लेकर धन्यवाद किया, और उन्हें दिया; और उन सब ने उसमें से पीया।
ଆରେ, ହେୱାନ୍‌ କଲ୍‌ସି ଆସ୍ତି ଜୁୱାର୍‌ କିସି ହେୱାରିଂ ହିତାନ୍‌ “ଆରି ୱିଜ଼ାକାର୍‌ ହେବେଣ୍ଡାଂ ଉଟାର୍‌ ।”
24 २४ और उसने उनसे कहा, “यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिये बहाया जाता है।
ଆରି, ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, ଇମ୍‌ଣି ନିୟମ୍‌ନି ନେତେର୍‌ ବେସି ଲଗାଂ କାଜିଂ ରାକ୍ୟା ଆନାତା, ଇଦାଂ ନା “ହେ ନେତେର୍‌ ।
25 २५ मैं तुम से सच कहता हूँ, कि दाख का रस उस दिन तक फिर कभी न पीऊँगा, जब तक परमेश्वर के राज्य में नया न पीऊँ।”
ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌, ଆନ୍‌ ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ପୁନି କିଜ଼ି ଇସ୍ୱର୍‌ ରାଜିତ ଅଙ୍ଗୁର୍‌ ପାଡ଼୍‌ନି ରାସ୍‌ ଉଣାଙ୍ଗ୍‌, ହେ ଦିନ୍‌ ପାତେକ୍‌ ଇଦାଂ ଆରି ଇନାୱାଡ଼ାଂପା ଉଣ୍ଡେଙ୍ଗ୍‌ କଙ୍ଗ୍‌ ।”
26 २६ फिर वे भजन गाकर बाहर जैतून के पहाड़ पर गए।
ଆରେ, ହେୱାର୍‌ କେର୍‌ତି ପାଚେ ଜିତ୍‌ମାଡ଼ିତ ହସି ହାଚାର୍‌ ।
27 २७ तब यीशु ने उनसे कहा, “तुम सब ठोकर खाओगे, क्योंकि लिखा है: ‘मैं चरवाहे को मारूँगा, और भेड़ें तितर-बितर हो जाएँगी।’
ହେ ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ୱିଜ଼ାକାଦେର୍‌ ବାଦାପାୟା ଆନାଦେର୍‌, ଇନେକିଦେଂକି ଲେକା ଆତାତ୍‌ନ୍ନା, “ଆସେଙ୍ଗ୍‌ ମେଣ୍ଡା ଗଡ଼ିୟାଙ୍ଗ୍‌ ଅସ୍‌ତିସ୍‌, ଆରି ମେଣ୍ଡାଂ ଜେତ୍‌ କେତ୍‌ ଆଜ଼ି ହାନିକ୍‌ ।”
28 २८ “परन्तु मैं अपने जी उठने के बाद तुम से पहले गलील को जाऊँगा।”
ମାତର୍‌ ଆନ୍‌ ନିଙ୍ଗ୍‌ତି ପାଚେ ମି ଆଗେ ଗାଲିଲିତ ହାନାଙ୍ଗ୍‌ ।
29 २९ पतरस ने उससे कहा, “यदि सब ठोकर खाएँ तो खाएँ, पर मैं ठोकर नहीं खाऊँगा।”
ମତର୍‌ ପିତର୍‌ ହେୱାନିଂ ଇଚାନ୍‌, “ୱିଜ଼ାକାର୍‌ ନିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ପିସ୍ତି ହାନ୍‍ଚିସ୍ପା, ଆନ୍‌ ପିସ୍ତି ହାଞ୍ଜୁଙ୍ଗ୍‌ ।”
30 ३० यीशु ने उससे कहा, “मैं तुझ से सच कहता हूँ, कि आज ही इसी रात को मुर्गे के दो बार बाँग देने से पहले, तू तीन बार मुझसे मुकर जाएगा।”
ଜିସୁ ହେୱାନିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ନିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ନେଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଇ ନାଣା ରିହା କୁଜ଼ୁ କ୍ଡେନି ଆଗେ ଏନ୍‌ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ତିନିହଟ୍‌ ପାର୍ତି କିଦୁୟ୍‌ ।”
31 ३१ पर उसने और भी जोर देकर कहा, “यदि मुझे तेरे साथ मरना भी पड़े फिर भी तेरा इन्कार कभी न करूँगा।” इसी प्रकार और सब ने भी कहा।
ମାତର୍‌ ହେୱାନ୍‌ ଆଟ୍‌ୱା କିଜ଼ି ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌, “ଜଦି ଆନ୍‌ ନି ହୁକେ ହାଦେଂ ଲାଗ୍‌ଦାନାତ୍‌ ଆତିସ୍‌ ପା ଆନ୍‌ ନିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ମୁଡ଼୍‌କେ ଉଡ଼ା ଆଦୁଙ୍ଗ୍ । ଆରି ୱିଜ଼ାକାର୍‌ପା ହେ ଲାକେ ଇଚାର୍‌!”
32 ३२ फिर वे गतसमनी नामक एक जगह में आए; और उसने अपने चेलों से कहा, “यहाँ बैठे रहो, जब तक मैं प्रार्थना करूँ।”
ପାଚେ ହେୱାର୍‌ ଗେତ୍‌ସିମନି ଇନି ତର୍‌ ର ବାହାତ ୱାତାର୍, ଆରି ହେୱାନ୍‌ ହେ ଚେଲାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ପାର୍ତାନା କିନି ପାତେକ୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇବେ କୁଚ୍‌ଚି ମାନାଟ୍‌ ।”
33 ३३ और वह पतरस और याकूब और यूहन्ना को अपने साथ ले गया; और बहुत ही अधीर और व्याकुल होने लगा,
ଆରେ, ହେୱାନ୍‌ ପିତର୍‌, ଜାକୁବ୍‌ ଆରି ଜହନ୍‌ତିଂ ହାଙ୍ଗ୍‌ ଅଜ଼ି ଆଦିକ୍‌ କାବା ଆଜ଼ି ଆରି ବିପ୍ତି ଆଦେଂ ଲାଗାତାନ୍‌ ।
34 ३४ और उनसे कहा, “मेरा मन बहुत उदास है, यहाँ तक कि मैं मरने पर हूँ: तुम यहाँ ठहरो और जागते रहो।”
ହେବେ ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ନା ୱାସ୍କି ହାକି ଲାକେ ବେସି ଦୁକ୍‌ ଆନାତା; ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇବେ ମାନ୍‌ଞ୍ଜି କାସି ମାନାଟ୍‌ ।”
35 ३५ और वह थोड़ा आगे बढ़ा, और भूमि पर गिरकर प्रार्थना करने लगा, कि यदि हो सके तो यह समय मुझ पर से टल जाए।
ଜଦି ଆନାତ୍‌ ହେ ଦୁକ୍‌ ଇନେସ୍‌ ଦେହା ଆନାତ୍‌ ହେବେତାଂ ହେୱାନ୍‌ ଅଲପ୍‍ ଦେହା ହାଲ୍‌ଜି ମେଦ୍‌ନିତ ଗୁର୍‌ଜି, ପାର୍ତାନା କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌ ।
36 ३६ और कहा, “हे अब्बा, हे पिता, तुझ से सब कुछ हो सकता है; इस कटोरे को मेरे पास से हटा ले: फिर भी जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं, पर जो तू चाहता है वही हो।”
ଆରି ଜିସୁ ଇଚାନ୍‌, “ଆବା, ୱିଜ଼ୁ ନି ପୁରା, ଇ ଉଣି ଗିନା ନା ତାଙ୍ଗ୍‌ ଦେହା ଇଟା, ଆତିସ୍‌ପା ନା ଇଚା ଆକାୟ୍‌, ମାତର୍‌ ନି ଇଚା ।”
37 ३७ फिर वह आया और उन्हें सोते पाकर पतरस से कहा, “हे शमौन, तू सो रहा है? क्या तू एक घंटे भी न जाग सका?
ଆରେ, ହେୱାନ୍‌ ୱାଜ଼ି ହେୱାରିଂ ହୁଞ୍ଜ୍‌ନାକା ହୁଡ଼୍‌ତାନ୍‌ ଆରି ପିତର୍‌ତିଂ ଇଚାନ୍‌, “ସିମନ୍‌, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ହୁଞ୍ଜ୍‌ନାଦେରା? ର ଗଣ୍ଟା କାତେଙ୍ଗ୍ ଆଡ୍‌ୱାତାଦେର୍‌?”
38 ३८ जागते और प्रार्थना करते रहो कि तुम परीक्षा में न पड़ो। आत्मा तो तैयार है, पर शरीर दुर्बल है।”
“ପରିକ୍ୟାତ ଇନେସ୍‌ ଆର୍‌ମାଟ୍‌, ଇଦାଂ କାଜିଂ କାସିମାଞ୍ଜି ପାର୍ତାନା କିୟାଟ୍‌, ଜିବୁନ୍‌ ଇଚା, ମାତର୍‌ ଗାଗାଡ଼୍‌ ନାଦାର୍‌ ।”
39 ३९ और वह फिर चला गया, और वही बात कहकर प्रार्थना की।
ହେୱାନ୍‌ ଆରି ଆଗେ ଲାକେ ହାଲ୍‌ଜି କାତା ଇଞ୍ଜି ପାର୍ତାନା କିତାନ୍‌ ।
40 ४० और फिर आकर उन्हें सोते पाया, क्योंकि उनकी आँखें नींद से भरी थीं; और नहीं जानते थे कि उसे क्या उत्तर दें।
ଆରେ ରଗ ୱାଜ଼ି ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ହୁଞ୍ଜ୍‌ନାକା ହୁଡ଼୍‌ତାନ୍‌, ଇନେକିଦେଂକି ହେୱାର୍‌ ହୁଞ୍ଜ୍‍କାଣ୍‍କୁଙ୍ଗ୍‌ ଜୁଚ୍‍ପିୟା ଆଜ଼ି ମାଚିକ୍‌, ଆରି ହେୱାନିଂ ଇନା ଉତର୍‌ ହିନାର୍‌, ହେଦାଂ ପୁନ୍‌ୱାଦାଂ ମାଚାର୍‌ ।
41 ४१ फिर तीसरी बार आकर उनसे कहा, “अब सोते रहो और विश्राम करो, बस, घड़ी आ पहुँची; देखो मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है।
ହେୱାନ୍‌ ତିନିହଟ୍‌ ୱାଜ଼ି ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ଆରି ହୁନ୍‌ଞ୍ଚାଦେର୍ଣ୍ଣା? ଜବର୍‌ ଆତାତେ! ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ି ପାପିର୍‌ କେଇତାକେ ହେଲାୟ୍‌ ଆନାନା ।
42 ४२ उठो, चलें! देखो, मेरा पकड़वानेवाला निकट आ पहुँचा है!”
ନିଙ୍ଗାଟ୍‌, ଆସେଙ୍ଗ୍‌ ହାନାସ୍; ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ଇନେର୍‌ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ସତ୍ରୁ କେଇଦ ହେଲାୟ୍‌ କିଦ୍‌ନାନ୍‌ ହେୱାନ୍‌ ଲାଗାଂ ୱାତାନେ!”
43 ४३ वह यह कह ही रहा था, कि यहूदा जो बारहों में से था, अपने साथ प्रधान याजकों और शास्त्रियों और प्राचीनों की ओर से एक बड़ी भीड़ तलवारें और लाठियाँ लिए हुए तुरन्त आ पहुँची।
ଆରେ ସାଙ୍ଗେ ସାଙ୍ଗେ, ହେୱାନ୍‌ କାତା ଇନି ୱାଡ଼ାଲିଂ ବାରଜାଣ୍ ବିତ୍ରେ ଜିହୁଦା ଇନି ରକାନ୍‌ ଆରି ହେନି ଲକୁ ହେୱାନ୍‌ ହୁକେ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁ ହେବା କିନାକାର୍‌, ସାସ୍ତିର୍‌ ଆରି ପ୍ରାଚିନାର୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଲକୁ କାଣ୍ଡାଂ ଆରି ଟେଙ୍ଗାଙ୍ଗ୍ ଆଜ଼ି ୱାତାର୍ ।
44 ४४ और उसके पकड़वानेवाले ने उन्हें यह पता दिया था, कि जिसको मैं चूमूं वही है, उसे पकड़कर सावधानी से ले जाना।
ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ସତ୍ରୁ କେଇଦ ହେଲାୟ୍‌ କିନାକାନ୍‌ ଏଲେଙ୍ଗ୍‌ ଚଚ୍‌ଚି ହିଜ଼ି ଇଞ୍ଜି ମାଚାନ୍‌ । “ଆନ୍‌ ଇନେରିଂ ଡଞ୍ଜ୍‌ଗାନାଂ, ହେୱାନ୍‌ ହେୱେନ୍‌, ହେୱାନିଂ ଆସ୍ତି ଜାଗ୍ରତ୍‌ ତ ଅନାଦେର୍‌ ।”
45 ४५ और वह आया, और तुरन्त उसके पास जाकर कहा, “हे रब्बी!” और उसको बहुत चूमा।
ଲାଗିଂ ହେୱାନ୍‌ ହେପାଦ୍‌ନା ହେୱାନ୍‌ ଲାଗେ ହାଲ୍‌ଜି, “ଏ ଗୁରୁ!” ଇଞ୍ଜି ହେୱାନିଂ ବେସି ଡନ୍‍ଚାନ୍ ।
46 ४६ तब उन्होंने उस पर हाथ डालकर उसे पकड़ लिया।
ହେବେତାଂ ହେୱାର୍‌ ତା ଜପି କେଇ କିସି ଆସ୍ତାର୍‌ ।
47 ४७ उनमें से जो पास खड़े थे, एक ने तलवार खींचकर महायाजक के दास पर चलाई, और उसका कान उड़ा दिया।
ମାତର୍‌ ଲାଗେ ନିଲ୍‌ଚିମାନି ମାନାୟାର୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ ରକାନ୍‌ କାଣ୍ଡା ହପ୍‌ତାନ୍ ଆରି ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁ ହେବା କିନାକାନ୍‌ ଆଡ଼ିଏନିଂ କେଇ କିଜ଼ି ତା କିତୁଲ୍‌ ହଣ୍‌ଜି ତୁହିତାନ୍‌ ।
48 ४८ यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम डाकू जानकर मुझे पकड़ने के लिये तलवारें और लाठियाँ लेकर निकले हो?
ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, “ଚର୍କୁ ବିରୁଦ୍‌ତ ହତି ଲାକେ କାଣ୍ଡା ଆରି ଟେଙ୍ଗା ଆଜ଼ି ଇନାକା ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଆସ୍ତେଙ୍ଗ୍‌ ୱାତାଦେର୍ଣ୍ଣା?
49 ४९ मैं तो हर दिन मन्दिर में तुम्हारे साथ रहकर उपदेश दिया करता था, और तब तुम ने मुझे न पकड़ा: परन्तु यह इसलिए हुआ है कि पवित्रशास्त्र की बातें पूरी हों।”
ସବୁ ଦିନ୍‌ ଆନ୍‌ ମି ହୁକେ ମନ୍ଦିର୍‌ତ ମାନ୍‌ଞ୍ଜି ସିକ୍ୟା ହିିଜ଼ି ମାଚାଙ୍ଗ୍‌, ମାତର୍‌ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଆସ୍ତାୱାତାଦେର୍‌, ମାତର୍‌ ଦରମ୍‌ ସାସ୍ତର୍‌ କାତା ଗିଟାଆନି କାଦ୍‌ଲିଂ ଇଞ୍ଜି ଇ ସବୁ ଗିଟା ଆନାତା ।”
50 ५० इस पर सब चेले उसे छोड़कर भाग गए।
ହେବେ ୱିଜ଼ାର୍‌ ଚେଲାର୍‌ ହେୱାନିଂ ହେ ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ପିସ୍ତି ହନ୍ତାର୍‌ ।
51 ५१ और एक जवान अपनी नंगी देह पर चादर ओढ़े हुए उसके पीछे हो लिया; और लोगों ने उसे पकड़ा।
ମାତର୍‌ ରକାନ୍‌ ଦାଙ୍ଗ୍‌ଣା ହିମ୍‌ଣେନ୍ ଡୁମ୍‌ଣ୍ଡା କୱାଣ୍‌ ହେନ୍ଦ୍ରା ପର୍‌ଚି ହେୱାନ୍‌ ପାଚେ ପାଚେ ହାଲ୍‌ଜି ମାଚାନ୍‌, ହେୱାର୍‌ ହେୱାନିଂ ଆସ୍ତାର୍‌ ।
52 ५२ पर वह चादर छोड़कर नंगा भाग गया।
ମାତର୍‌ ହେୱାନ୍‌ ହେ କୱାଣ୍‌ ହେନ୍ଦ୍ରା ପିସ୍ତି ଡୁମ୍‌ଣ୍ଡା ଗାଗାଡ଼୍‌ତ ହନ୍‌ତାନ୍ ।
53 ५३ फिर वे यीशु को महायाजक के पास ले गए; और सब प्रधान याजक और पुरनिए और शास्त्री उसके यहाँ इकट्ठे हो गए।
ପାଚେ ହେୱାର୍‌ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବା କିନାକାର୍‌ ତାକେ ଅତାର୍‌, ଆରେ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁ ହେବା କିନାକାର୍‌, ପ୍ରାଚିନାର୍‌ ଆରି ସାସ୍ତିର୍‌ ୱିଜ଼ାକାର୍‌ ୱାଜ଼ି ରୁଣ୍ଡାଆତାର୍‌ ।
54 ५४ पतरस दूर ही दूर से उसके पीछे-पीछे महायाजक के आँगन के भीतर तक गया, और प्यादों के साथ बैठकर आग तापने लगा।
ପିତର୍‌ ଦେହା ମାନ୍‌ଞ୍ଜି ହେୱାର୍‌ ପାଚେ ପାଚେ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁ ହେବା କିନାକାର୍‌ ହାକ୍‌ଡ଼ି ବିତ୍ରେ ହାଚାନ୍‌ ଆରି ପାଦ୍‌ ଆଦିକାରି ହୁକେ କୁଚ୍‌ଚି ନାଣି କାଇଜି ମାଚାର୍‌ ।
55 ५५ प्रधान याजक और सारी महासभा यीशु को मार डालने के लिये उसके विरोध में गवाही की खोज में थे, पर न मिली।
ଇଦାଂ ପାଚେ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବା କିନାକାନ୍‌ ଆରି ଜିହୁଦି ସବାନିକାର୍ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ବିରୁଦ୍‌ତ ସାକି ଡେକ୍‌ତେଂ ଲାଗାତାର୍‌, ମାତର୍‌ ଗାଟା ଆୱାତାର୍‌;
56 ५६ क्योंकि बहुत से उसके विरोध में झूठी गवाही दे रहे थे, पर उनकी गवाही एक सी न थी।
ଇଦାଂ କାଜିଂ ବେସି ମିଚ୍‌ ସାକି ହିତାର୍‌ ମାତର୍‌ ହେୱାର୍‌ ସାକି ଗାଟାୱାତାର୍‌ ।
57 ५७ तब कितनों ने उठकर उस पर यह झूठी गवाही दी,
ପାଚେ କେତେକ୍‌ ଲଗୁ ନିଙ୍ଗ୍‌ଜି ହେୱାନ୍‌ ବେରୁତ ଇ ମିଚ୍‌ ସାକି ହିଜ଼ି ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାର୍‌ ।
58 ५८ “हमने इसे यह कहते सुना है ‘मैं इस हाथ के बनाए हुए मन्दिर को ढा दूँगा, और तीन दिन में दूसरा बनाऊँगा, जो हाथ से न बना हो।’”
“ଆପେଂ ଇୱାନ୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଇ କାତା ଇନାକା ୱେଚାପ୍‌ନା, ‘ଆନ୍‌ ଇ କେଇଦାଂ ରଚ୍‌ଚି ମନ୍ଦିର୍‌ତିଂ ଡ୍ରିକ୍‌ଚି ତିନ୍‌ଦିନ୍‌ ବିତ୍ରେ’ ଆରି ରଞ୍ଜାଙ୍ଗ୍‌ କେଇଦାଂ ରଚ୍‍ୱିିତି ମନ୍ଦିର୍‌ ରଚ୍‌ନାଙ୍ଗ୍ ।”
59 ५९ इस पर भी उनकी गवाही एक सी न निकली।
ମାତର୍‌ ଇବେପା ହେୱାର୍‌ ସାକି ଗାଟାୱାତାର୍‌ ।
60 ६० तब महायाजक ने बीच में खड़े होकर यीशु से पूछा; “तू कोई उत्तर नहीं देता? ये लोग तेरे विरोध में क्या गवाही देते हैं?”
ହେବେ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁ ହେବା କିନାକାନ୍‌ ମାଦି ନିଲ୍‌ଚି ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ୱେନ୍‌ବାତାନ୍‌, ନି ବିରୁଦ୍‌ତ ଇୱାର୍‌ ସାକି ହିନାରା, “ଏନ୍‌ ଇନାକାପା ଉତର୍‌ ହିଉୟା?”
61 ६१ परन्तु वह मौन साधे रहा, और कुछ उत्तर न दिया। महायाजक ने उससे फिर पूछा, “क्या तू उस परमधन्य का पुत्र मसीह है?”
ମାତର୍‌ ହେୱାନ୍‌ ଦୟା ଆତାନ୍‌ ଆରି ଇନାକାପା ଉତର୍‌ ହିୱାତାନ୍ । ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁ ହେବା କିନାକାନ୍‌ ଆରେ ରଗ ୱେନ୍‌ବାତାନ୍‌ ହେୱାନ୍‌ “ଏନ୍‌ ଇନାକା ମଙ୍ଗ୍‌ଲ୍‌ ପାୟାନି ଇସ୍ୱର୍‌ତି ମାଜ଼ି କ୍ରିସ୍ଟ?”
62 ६२ यीशु ने कहा, “हाँ मैं हूँ: और तुम मनुष्य के पुत्र को सर्वशक्तिमान की दाहिनी ओर बैठे, और आकाश के बादलों के साथ आते देखोगे।”
ଜିସୁ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ହେୱାନ୍‌,” ଆରି ଏପେଙ୍ଗ୍‌ “ଆନ୍‌ ଜେ ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ିଙ୍ଗ୍‌ ସାକ୍ତିତାଂ ବୁଜ୍‌ଣି ବାଗାଙ୍ଗ୍‌ କୁଚ୍‌ନାକା ଆରି ଆକାସ୍‌ନି ବାଦାଡ଼୍‌ତ ୱାନାକା ହୁଡ଼୍‌ନାଦେର୍!”
63 ६३ तब महायाजक ने अपने वस्त्र फाड़कर कहा, “अब हमें गवाहों का क्या प्रयोजन है?
ହେବେ ତାଙ୍ଗ୍‌ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁ ହେବା କିନାକାନ୍‌ ତା ହେନ୍ଦ୍ରା କେଚ୍‌ଚି ଇଚାନ୍‌, “ସାକିତାଂ ମାଦାଂ ଆରି ଇନାକା ଲଡ଼ା!
64 ६४ तुम ने यह निन्दा सुनी। तुम्हारी क्या राय है?” उन सब ने कहा यह मृत्युदण्ड के योग्य है।
ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ତ ଇସ୍ୱର୍‌ତି ନିନ୍ଦା ୱେଚାଦେର୍‌, ମି ବିଚାର୍‌ କିନାକା ଇନାକା?” ଇବେ ହେୱାର୍‌ ୱିଜ଼ାକାର୍‌ ହାକି ଦାଣ୍ଡ୍‌ ପାୟା ଆନି ବିଦି ମାନାତ୍‌ ଇଞ୍ଜି ୱିଜ଼ାକାର୍‌ ଇଚାର୍‌ ।
65 ६५ तब कोई तो उस पर थूकने, और कोई उसका मुँह ढाँपने और उसे घूँसे मारने, और उससे कहने लगे, “भविष्यद्वाणी कर!” और पहरेदारों ने उसे पकड़कर थप्पड़ मारे।
ଆରେ ଇନେର୍‌ ଇନେର୍‌ ହେୱାନ୍‌ ଜପି ଚୁବ୍‌ଦେଂ ଲାଗାତାର୍‌ ଆରି ହେୱାନ୍‌ ମୁମ୍‌ଦ ଗୁଗୁର୍‌ ମୁଗି କିଜ଼ି ବିଦା ଇଡ଼୍‌ଜି ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାର୍‌, “ଏନ୍‌ କିନ୍ଦା ବେରଣ୍‌ ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌ କିନାକାୟ୍‌!” ପାର୍ମାଣ୍ ହିଦା । ଆରି ପାଦ୍‌ ଆଦିକାରିର୍‌ ଚାପ୍‌ଡ଼ା ଇଡ଼ୁ ଇଡ଼ୁ ହେୱାନିଂ ଆସ୍ତି ଅତାର୍‌ ।
66 ६६ जब पतरस नीचे आँगन में था, तो महायाजक की दासियों में से एक वहाँ आई।
ଆରି ପିତର୍‌ ତାରେନ୍‌ ହାକ୍‌ଡ଼ିତ ମାନିୱେଡାଲିଂ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁ ହେବା କିନାକାର୍ତି ର ଆଡ଼ିଏଣି ୱାଜ଼ି ପିତର୍‌ ନାଣି କାଇନାକା ହୁୁଡୁତାତ୍,
67 ६७ और पतरस को आग तापते देखकर उस पर टकटकी लगाकर देखा और कहने लगी, “तू भी तो उस नासरी यीशु के साथ था।”
ଆରି ପିତର୍‌ତିଂ ଇଟ୍‌କାଡ଼୍‌ କିଜ଼ି ଇଚାତ୍‌, “ଏନ୍‌ ପା ନାଜରିତିୟନି ଜିସୁ ହୁକେ ମାଚାୟ୍‌ ।”
68 ६८ वह मुकर गया, और कहा, “मैं तो नहीं जानता और नहीं समझता कि तू क्या कह रही है।” फिर वह बाहर डेवढ़ी में गया; और मुर्गे ने बाँग दी।
ମାତର୍‌ ହେୱାନ୍‌ ଉଡ଼ା ଆଜ଼ି ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ହେୱାନିଂ ପୁୁନୁଙ୍ଗ୍, ଆରି ଏନ୍‌ ଇନାକା ଇନାୟା, ଆନ୍‌ ବୁଜା ଆଉଙ୍ଗା ।” ପାଚେ ହାକ୍‌ଡ଼ି ଦୁୱେର୍‌ତାଂ ହସି ହାଚାନ୍‌; କୁଜ଼ୁ କ୍ଡେତାତ୍‌ ।
69 ६९ वह दासी उसे देखकर उनसे जो पास खड़े थे, फिर कहने लगी, कि “यह उनमें से एक है।”
ଆରେ, ହେ ଆଡ଼ିଏଣି ହେୱାନିଂ ହୁଡ଼୍‌ଜି ଲାଗେ ନିଲ୍‌ଚି ମାନିଲୁଗାଂ ଆରି ରଗ ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାତ୍‌, “ଇୱାନ୍‌ ହେୱାର୍‌ ବିତ୍ରେ ରକାନ୍‌!”
70 ७० परन्तु वह फिर मुकर गया। और थोड़ी देर बाद उन्होंने जो पास खड़े थे फिर पतरस से कहा, “निश्चय तू उनमें से एक है; क्योंकि तू गलीली भी है।”
ମାତର୍‌ ଆରେ ପାର୍ତି କିୱାଦାଂ ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌ । ଆରେ ଅଲପ୍‍ ସମୁ ପାଚେ ଲାଗାଂ ନିଲ୍‌ଚି ମାନି ଲଗୁ ପିତର୍‌ତିଂ ଇଚାର୍‌, “ଏନ୍‌ ହାତ୍‌ପାନେ ହେୱାର୍‌ ବିତ୍ରେ ରକାୟ୍‌, ଇଚିସ୍‌ ଏନ୍‌ ତ ଗାଲିଲିୟ୍‌ ଲଗୁ ।”
71 ७१ तब वह स्वयं को कोसने और शपथ खाने लगा, “मैं उस मनुष्य को, जिसकी तुम चर्चा करते हो, नहीं जानता।”
“ମାତର୍‌ ପିତର୍‌ ନିଜେତିଙ୍ଗ୍‌ ରାଣ୍‌ କିଜ଼ି ଆରେ ପାର୍ମାଣ୍‌ କିଜ଼ି ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇମ୍‌ଣି ମାନାୟ୍‌ କାତା ଇନାଦେରା, ଆନ୍‌ ହେୱାନିଂ ପୁନୁଙ୍ଗ୍‌!”
72 ७२ तब तुरन्त दूसरी बार मुर्गे ने बाँग दी पतरस को यह बात जो यीशु ने उससे कही थी याद आई, “मुर्गे के दो बार बाँग देने से पहले तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा।” वह इस बात को सोचकर फूट फूटकर रोने लगा।
ହେ ପାଦ୍‌ନା କୁଜ଼ୁ ରିହା କ୍ଡେତାତ୍‌, ଇବେତାଂ କୁଜ଼ୁ ରିହା କ୍ଡେନିହିଂ ଆଗେ ଏନ୍‌ “ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ତିନିହଟ୍‌ ପାର୍ତି କିଦୁୟ୍‌,” ଇ ଇମ୍‌ଣି କାତା ଜିସୁ ପିତର୍‌ତିଂ ଇଞ୍ଜି ମାଚାନ୍‌, ହେଦାଂ ପିତର୍‌ତିଂ ଏତୁ ୱାତାତ୍, ଆରି ହେୱାନ୍‌ ହେ କାତା ବାବିକିଜ଼ି ଆଡ଼୍‌ବେଦେଂ ଲାଗାତାନ୍‌ ।

< मरकुस 14 >