< मलाकी 4 >
1 १ “देखो, वह धधकते भट्ठे के समान दिन आता है, जब सब अभिमानी और सब दुराचारी लोग अनाज की खूँटी बन जाएँगे; और उस आनेवाले दिन में वे ऐसे भस्म हो जाएँगे कि न उनकी जड़ बचेगी और न उनकी शाखा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
Denn wisset wohl: es kommt der Tag, brennend wie ein Ofen, da werden alle Übermütigen und alle, die gesetzlos handeln, wie Stoppeln sein, und verbrennen wird sie der Tag, der da kommt« – so hat der HERR der Heerscharen gesprochen –, »so daß von ihnen weder Wurzel noch Zweig übrigbleibt!
2 २ परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धार्मिकता का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे; और तुम निकलकर पाले हुए बछड़ों के समान कूदोगे और फाँदोगे।
Euch aber, die ihr meinen Namen fürchtet, wird die Sonne der Gerechtigkeit aufgehen mit Heilung in ihren Flügeln; und ihr werdet ausziehen und hüpfen wie Jungvieh (aus dem Stall)
3 ३ तब तुम दुष्टों को लताड़ डालोगे, अर्थात् मेरे उस ठहराए हुए दिन में वे तुम्हारे पाँवों के नीचे की राख बन जाएँगे, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
und werdet die Gottlosen zertreten; denn sie sollen zu Staub werden unter euren Fußsohlen an dem Tage, wo ich es vollführe!« – so hat der HERR der Heerscharen gesprochen.
4 ४ “मेरे दास मूसा की व्यवस्था अर्थात् जो-जो विधि और नियम मैंने सारे इस्राएलियों के लिये उसको होरेब में दिए थे, उनको स्मरण रखो।
»Bleibet (also) eingedenk des Gesetzes meines Knechtes Mose, dem ich am Horeb Satzungen und Verordnungen für ganz Israel aufgetragen habe.
5 ५ “देखो, यहोवा के उस बड़े और भयानक दिन के आने से पहले, मैं तुम्हारे पास एलिय्याह नबी को भेजूँगा।
Wisset wohl: ich sende euch den Propheten Elia, ehe der große und furchtbare Tag des HERRN kommt;
6 ६ और वह माता पिता के मन को उनके पुत्रों की ओर, और पुत्रों के मन को उनके माता-पिता की ओर फेरेगा; ऐसा न हो कि मैं आकर पृथ्वी को सत्यानाश करूँ।”
der wird das Herz der Väter den Söhnen und das Herz der Söhne ihren Vätern wieder zuwenden, damit ich nicht kommen muß und das Land mit dem Bannfluch schlage!«