< मलाकी 2 >

1 “अब हे याजकों, यह आज्ञा तुम्हारे लिये है।
А тепер до вас за́повідь цяя, священики!
2 यदि तुम इसे न सुनो, और मन लगाकर मेरे नाम का आदर न करो, तो सेनाओं का यहोवा यह कहता है कि मैं तुम को श्राप दूँगा, और जो वस्तुएँ मेरी आशीष से तुम्हें मिलीं हैं, उन पर मेरा श्राप पड़ेगा, वरन् तुम जो मन नहीं लगाते हो इस कारण मेरा श्राप उन पर पड़ चुका है।
Якщо ви не послу́хаєтесь, і не покладе́те на серце собі, щоб Іме́нню Моєму давати хвалу́, — говорить Госпо́дь Савао́т, — то пошлю Я прокля́ття на вас, і прокляну́ благословення ваші, і вже проклина́ю, бо ви не бере́те до серця цього́!
3 देखो, मैं तुम्हारे कारण तुम्हारे वंश को झिड़कूंगा, और तुम्हारे मुँह पर तुम्हारे पर्वों के यज्ञपशुओं का मल फैलाऊँगा, और उसके संग तुम भी उठाकर फेंक दिए जाओगे।
Ось Я обітну́ вам раме́но, і розпоро́шу нечистість на ваших обли́ччях, нечистість свят ваших, і до неї вас ви́несуть.
4 तब तुम जानोगे कि मैंने तुम को यह आज्ञा इसलिए दी है कि लेवी के साथ मेरी बंधी हुई वाचा बनी रहे; सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
І пізнаєте ви, що Я заповідь вам цю послав, щоб був заповіт Мій з Леві́єм, каже Госпо́дь Савао́т.
5 मेरी जो वाचा उसके साथ बंधी थी वह जीवन और शान्ति की थी, और मैंने यह इसलिए उसको दिया कि वह भय मानता रहे; और उसने मेरा भय मान भी लिया और मेरे नाम से अत्यन्त भय खाता था।
Заповіт Мій з ним був для життя та для миру, і Я дав йому страх, і він налякався Мене, та боя́всь перед Іме́нням Моїм.
6 उसको मेरी सच्ची शिक्षा कण्ठस्थ थी, और उसके मुँह से कुटिल बात न निकलती थी। वह शान्ति और सिधाई से मेरे संग-संग चलता था, और बहुतों को अधर्म से लौटा ले आया था।
Закон правди в уста́х його був, і не знайшла́сь на губа́х його кривда, — у мирі й просто́ті ходив він зо Мною, і багато-кого́ відверну́в від вини.
7 क्योंकि याजक को चाहिये कि वह अपने होठों से ज्ञान की रक्षा करे, और लोग उसके मुँह से व्यवस्था खोजे, क्योंकि वह सेनाओं के यहोवा का दूत है।
Бо у́ста священикові знання́ стережу́ть та Зако́на шукають із уст його, бо він ангол Господа Саваота.
8 परन्तु तुम लोग मार्ग से ही हट गए; तुम बहुतों के लिये व्यवस्था के विषय में ठोकर का कारण हुए; तुम ने लेवी की वाचा को तोड़ दिया है, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
А ви відхили́лись з дороги, вчини́ли таке, що багато спіткну́лись в Зако́ні, Леві́євого заповіта пони́щили, говорить Госпо́дь Савао́т.
9 इसलिए मैंने भी तुम को सब लोगों के सामने तुच्छ और नीचा कर दिया है, क्योंकि तुम मेरे मार्गों पर नहीं चलते, वरन् व्यवस्था देने में मुँह देखा विचार करते हो।”
Тому́ то і Я вас зробив пого́рджуваними й низьки́ми для всього наро́ду, бо не стереже́те доріг Моїх ви, та не безсторо́нні в Зако́ні.
10 १० क्या हम सभी का एक ही पिता नहीं? क्या एक ही परमेश्वर ने हमको उत्पन्न नहीं किया? हम क्यों एक दूसरे से विश्वासघात करके अपने पूर्वजों की वाचा को अपवित्र करते हैं?
Чи Оте́ць нам усім не оди́н? Хіба Бог не один нас створи́в? Чому́ ж один о́дного зраджуємо ми, щоб нам зневажа́ти запові́т батькі́в наших?
11 ११ यहूदा ने विश्वासघात किया है, और इस्राएल में और यरूशलेम में घृणित काम किया गया है; क्योंकि यहूदा ने पराए देवता की कन्या से विवाह करके यहोवा के पवित्रस्थान को जो उसका प्रिय है, अपवित्र किया है।
Зраджує Юда, і робиться не́чисть серед Ізраїля та в Єрусалимі, — бо Юда зневажив святиню Господню, яку покохав був, і дочку бога чужого за жінку узя́в.
12 १२ जो पुरुष ऐसा काम करे, उसके तम्बुओं में से याकूब का परमेश्वर उसके घर के रक्षक और सेनाओं के यहोवा की भेंट चढ़ानेवाले को यहूदा से काट डालेगा!
Нехай Господь ви́губить кожного, хто́ таке робить, того, хто чува́є та відповідає з наме́тів Якова, і хто да́р прино́сить Господу Саваоту.
13 १३ फिर तुम ने यह दूसरा काम किया है कि तुम ने यहोवा की वेदी को रोनेवालों और आहें भरनेवालों के आँसुओं से भिगो दिया है, यहाँ तक कि वह तुम्हारी भेंट की ओर दृष्टि तक नहीं करता, और न प्रसन्न होकर उसको तुम्हारे हाथ से ग्रहण करता है। तुम पूछते हो, “ऐसा क्यों?”
І робите й друге таке: Господнього же́ртівника ви слізьми́ покриваєте, плаче́м та стогна́нням, бо до да́рів уже Він не зве́рнеться більше, і милої жертви з рук ваших не ві́зьме.
14 १४ इसलिए, क्योंकि यहोवा तेरे और तेरी उस जवानी की संगिनी और ब्याही हुई स्त्री के बीच साक्षी हुआ था जिससे तूने विश्वासघात किया है।
А ви ще й говорите: „За́що?“— За те, що засві́дчив Господь між тобою й жоною юна́цтва твого́, якій ти невірність вчинив, а вона ж твоя по́друга, і дружи́на умо́ви твоєї!
15 १५ क्या उसने एक ही को नहीं बनाया जबकि और आत्माएँ उसके पास थीं? और एक ही को क्यों बनाया? इसलिए कि वह परमेश्वर के योग्य सन्तान चाहता है। इसलिए तुम अपनी आत्मा के विषय में चौकस रहो, और तुम में से कोई अपनी जवानी की स्त्री से विश्वासघात न करे।
Хіба Бог не один нас учинив? І за́лишок духу — Його́. А що цей один? Насіння від Бога шукав. Тому́ свого духа пильну́йте, і дружи́ну юна́цтва свойо́го не зраджуйте!
16 १६ क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है, “मैं स्त्री-त्याग से घृणा करता हूँ, और उससे भी जो अपने वस्त्र को उपद्रव से ढाँपता है। इसलिए तुम अपनी आत्मा के विषय में चौकस रहो और विश्वासघात मत करो, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।”
Бо нена́виджу ро́звід, — говорить Госпо́дь, Бог Ізраїлів, — і того, хто вкриває наси́льством одежу свою, промовляє Госпо́дь Савао́т. Тому́ свого духа пильнуйте, — і не зраджу́йте!
17 १७ तुम लोगों ने अपनी बातों से यहोवा को थका दिया है। तो भी पूछते हो, “हमने किस बात में उसे थका दिया?” इसमें, कि तुम कहते हो “जो कोई बुरा करता है, वह यहोवा की दृष्टि में अच्छा लगता है, और वह ऐसे लोगों से प्रसन्न रहता है,” और यह, “न्यायी परमेश्वर कहाँ है?”
Словами своїми ви мучите Господа, та й пита́єте ще: „Чим ми мучимо?“— Гово́ренням вашим: „Кожен, хто чинить ли́хе, той добрий у Господніх оча́х, і Він у них уподо́бання має“, або: „Де Бог правосу́ддя?“

< मलाकी 2 >