< लूका 5 >
1 १ जब भीड़ उस पर गिरी पड़ती थी, और परमेश्वर का वचन सुनती थी, और वह गन्नेसरत की झील के किनारे पर खड़ा था, तो ऐसा हुआ।
On one occasion when he was standing by the lake of Gennesaret, the crowd pressed upon him to listen to the word of God.
2 २ कि उसने झील के किनारे दो नावें लगी हुई देखीं, और मछुए उन पर से उतरकर जाल धो रहे थे।
But he saw two fishing-boats on the shore of the lake; the fishermen had disembarked and were washing their nets.
3 ३ उन नावों में से एक पर, जो शमौन की थी, चढ़कर, उसने उससे विनती की, कि किनारे से थोड़ा हटा ले चले, तब वह बैठकर लोगों को नाव पर से उपदेश देने लगा।
He went on board one of the boats which belonged to Simon, and asked him to push out a little way from land. Then he sat down and continued to teach the crowd from the boat.
4 ४ जब वह बातें कर चुका, तो शमौन से कहा, “गहरे में ले चल, और मछलियाँ पकड़ने के लिये अपने जाल डालो।”
When he had finished speaking, he said to Simon, "Push out into deep water, and let down your nets for a haul."
5 ५ शमौन ने उसको उत्तर दिया, “हे स्वामी, हमने सारी रात मेहनत की और कुछ न पकड़ा; तो भी तेरे कहने से जाल डालूँगा।”
"Master," answered Simon, "although we toiled all night, we took nothing; but at your bidding I will let down the nets."
6 ६ जब उन्होंने ऐसा किया, तो बहुत मछलियाँ घेर लाए, और उनके जाल फटने लगे।
And when they had done this they enclosed a great multitude of fish; and their nets began to break.
7 ७ इस पर उन्होंने अपने साथियों को जो दूसरी नाव पर थे, संकेत किया, कि आकर हमारी सहायता करो: और उन्होंने आकर, दोनों नाव यहाँ तक भर लीं कि वे डूबने लगीं।
So they motioned to their partners in the other boat to come and help them. They came and filled both boats, so that they began to sink.
8 ८ यह देखकर शमौन पतरस यीशु के पाँवों पर गिरा, और कहा, “हे प्रभु, मेरे पास से जा, क्योंकि मैं पापी मनुष्य हूँ!”
When Simon Peter saw this he fell down at the knees of Jesus, exclaiming, "Depart from me, O Lord, for I am a sinful man!"
9 ९ क्योंकि इतनी मछलियों के पकड़े जाने से उसे और उसके साथियों को बहुत अचम्भा हुआ;
(For he was amazed, and all who were with him, at the haul of fish which they had made;
10 १० और वैसे ही जब्दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना को भी, जो शमौन के सहभागी थे, अचम्भा हुआ तब यीशु ने शमौन से कहा, “मत डर, अब से तू मनुष्यों को जीविता पकड़ा करेगा।”
and so were Simon’s partners, Jamesand John, sons of Zebedee.) But Jesus answered Simon. "Fear not; from this time on, you will be catching men."
11 ११ और वे नावों को किनारे पर ले आए और सब कुछ छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
So when they had brought their boats to land they left everything and followed him.
12 १२ जब वह किसी नगर में था, तो वहाँ कोढ़ से भरा हुआ एक मनुष्य आया, और वह यीशु को देखकर मुँह के बल गिरा, और विनती की, “हे प्रभु यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है।”
Another time when he was in one of their cities, there was a man there full of leprosy. And he, upon seeing Jesus, fell on his face and implored him. "Lord," he said, "if only you choose you can make me clean."
13 १३ उसने हाथ बढ़ाकर उसे छुआ और कहा, “मैं चाहता हूँ, तू शुद्ध हो जा।” और उसका कोढ़ तुरन्त जाता रहा।
And he stretched out his hand and touching him, said. "I do choose; be made clean."
14 १४ तब उसने उसे चिताया, “किसी से न कह, परन्तु जा के अपने आपको याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा कि उन पर गवाही हो।”
And instantly the leprosy left him. Jesus ordered him to tell no one, "But be off," he said, "show yourself to the priest, and make the offering for your cleansing, as Moses commanded, for a testimony to them."
15 १५ परन्तु उसकी चर्चा और भी फैलती गई, और बड़ी भीड़ उसकी सुनने के लिये और अपनी बीमारियों से चंगे होने के लिये इकट्ठी हुई।
But all the more the report about him continued to spread; and great crowds began to come together to hear him, and to be healed of their infirmities.
16 १६ परन्तु वह निर्जन स्थानों में अलग जाकर प्रार्थना किया करता था।
But Jesus himself habitually withdrew into solitary places, and there used to pray.
17 १७ और एक दिन ऐसा हुआ कि वह उपदेश दे रहा था, और फरीसी और व्यवस्थापक वहाँ बैठे हुए थे, जो गलील और यहूदिया के हर एक गाँव से, और यरूशलेम से आए थे; और चंगा करने के लिये प्रभु की सामर्थ्य उसके साथ थी।
One day he was teaching, and near to him were seated Pharisees and teachers of the Law, who had come from every village of Galilee and Judea and from Jerusalem; and the power of the Lord was with him to heal.
18 १८ और देखो कई लोग एक मनुष्य को जो लकवे का रोगी था, खाट पर लाए, और वे उसे भीतर ले जाने और यीशु के सामने रखने का उपाय ढूँढ़ रहे थे।
And behold there came men carrying a paralytic on a bed; and they tried to bring him and lay him before Jesus, but they could not because of the crowd.
19 १९ और जब भीड़ के कारण उसे भीतर न ले जा सके तो उन्होंने छत पर चढ़कर और खपरैल हटाकर, उसे खाट समेत बीच में यीशु के सामने उतार दिया।
So they went up on the roof, and let him down through the tiling, with his bed, into the crowd, before Jesus.
20 २० उसने उनका विश्वास देखकर उससे कहा, “हे मनुष्य, तेरे पाप क्षमा हुए।”
When Jesus saw their faith, he said to him, "Man, your sins are forgiven you!"
21 २१ तब शास्त्री और फरीसी विवाद करने लगे, “यह कौन है, जो परमेश्वर की निन्दा करता है? परमेश्वर को छोड़ कौन पापों की क्षमा कर सकता है?”
And the Scribes and Pharisees began to cavil. "Who is this?" they asked, "speaking blasphemies? Who can forgive sins but God alone?"
22 २२ यीशु ने उनके मन की बातें जानकर, उनसे कहा, “तुम अपने मनों में क्या विवाद कर रहे हो?
Conscious of their cavilings, Jesus answered, saying.
23 २३ सहज क्या है? क्या यह कहना, कि ‘तेरे पाप क्षमा हुए,’ या यह कहना कि ‘उठ और चल फिर?’
"What is this caviling in your hearts? Which is easier to say, "Your sins are forgiven," or to say, "Rise and walk?"
24 २४ परन्तु इसलिए कि तुम जानो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का भी अधिकार है।” उसने उस लकवे के रोगी से कहा, “मैं तुझ से कहता हूँ, उठ और अपनी खाट उठाकर अपने घर चला जा।”
But that you may know that the Son of man has authority on earth to forgive sins (he said to the paralytic), "I bid you rise, take up your bed, and go to your house."
25 २५ वह तुरन्त उनके सामने उठा, और जिस पर वह पड़ा था उसे उठाकर, परमेश्वर की बड़ाई करता हुआ अपने घर चला गया।
And instantly he arose up before them, took up what he had been lying on, and went away to his house, glorifying God.
26 २६ तब सब चकित हुए और परमेश्वर की बड़ाई करने लगे, और बहुत डरकर कहने लगे, “आज हमने अनोखी बातें देखी हैं।”
Astonishment fell upon them all, and they began to glorify God, and they were filled with awe, and they said, "We have seen strange things today."
27 २७ और इसके बाद वह बाहर गया, और लेवी नाम एक चुंगी लेनेवाले को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।”
After this he went forth and noticed a tax-gatherer, named Levi, sitting at the tax-office, and said to him, "Follow me."
28 २८ तब वह सब कुछ छोड़कर उठा, और उसके पीछे हो लिया।
He rose, left everything, and followed him.
29 २९ और लेवी ने अपने घर में उसके लिये एक बड़ा भोज दिया; और चुंगी लेनेवालों की और अन्य लोगों की जो उसके साथ भोजन करने बैठे थे एक बड़ी भीड़ थी।
Levi also made him a great reception at his house. There was a large party of tax-gatherers and others who were dining with them.
30 ३० और फरीसी और उनके शास्त्री उसके चेलों से यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, “तुम चुंगी लेनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?”
And the Pharisees and their scribes began complaining to his disciples, saying, "Why are you eating and drinking with tax- gatherers and sinners?"
31 ३१ यीशु ने उनको उत्तर दिया, “वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है।
Jesus answered them saying. "They who are well have no need of a physician, but they who are ill.
32 ३२ मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ।”
I am not come to call the righteous but sinners, to repentance."
33 ३३ और उन्होंने उससे कहा, “यूहन्ना के चेले तो बराबर उपवास रखते और प्रार्थना किया करते हैं, और वैसे ही फरीसियों के भी, परन्तु तेरे चेले तो खाते-पीते हैं।”
Again they said unto him. "Why do the disciples of Johnfast frequently, and make supplications, as also do the disciples of the Pharisees, but your disciples are eating and drinking?"
34 ३४ यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम बारातियों से जब तक दूल्हा उनके साथ रहे, उपवास करवा सकते हो?
"Can you make the bridal party fast," he asked, while the bridegroom is still with them?
35 ३५ परन्तु वे दिन आएँगे, जिनमें दूल्हा उनसे अलग किया जाएगा, तब वे उन दिनों में उपवास करेंगे।”
"But there is coming a day when the Bridegroom will have been taken away from them; then at that time they will fast."
36 ३६ उसने एक और दृष्टान्त भी उनसे कहा: “कोई मनुष्य नये वस्त्र में से फाड़कर पुराने वस्त्र में पैबन्द नहीं लगाता, नहीं तो नया फट जाएगा और वह पैबन्द पुराने में मेल भी नहीं खाएगा।
He also told them a parable. "No one," he said, "tears a piece from a new garment, and patches it upon an old one; otherwise he will tear the new garment, and the patch from the new will not mend the old.
37 ३७ और कोई नया दाखरस पुरानी मशकों में नहीं भरता, नहीं तो नया दाखरस मशकों को फाड़कर बह जाएगा, और मशकें भी नाश हो जाएँगी।
"Nor does any one pour new wine into old wine-skins; otherwise the new wine will burst the skins, and will itself be spilled, and the skins be destroyed
38 ३८ परन्तु नया दाखरस नई मशकों में भरना चाहिये।
"But new wine must be put into fresh wine-skins
39 ३९ कोई मनुष्य पुराना दाखरस पीकर नया नहीं चाहता क्योंकि वह कहता है, कि पुराना ही अच्छा है।”
"And no man after drinking old wine, wishes for new; for he says, "The old is better.""