< लूका 23 >

1 तब सारी सभा उठकर यीशु को पिलातुस के पास ले गई।
ܘܩܡܘ ܟܠܗ ܟܢܫܗܘܢ ܘܐܝܬܝܘܗܝ ܠܘܬ ܦܝܠܛܘܤ
2 और वे यह कहकर उस पर दोष लगाने लगे, “हमने इसे लोगों को बहकाते और कैसर को कर देने से मना करते, और अपने आपको मसीह, राजा कहते हुए सुना है।”
ܘܫܪܝܘ ܐܟܠܝܢ ܩܪܨܘܗܝ ܘܐܡܪܝܢ ܠܗܢܐ ܐܫܟܚܢ ܕܡܛܥܐ ܥܡܢ ܘܟܠܐ ܕܟܤܦ ܪܫܐ ܠܩܤܪ ܠܐ ܢܬܠ ܘܐܡܪ ܥܠ ܢܦܫܗ ܕܡܠܟܐ ܗܘ ܡܫܝܚܐ
3 पिलातुस ने उससे पूछा, “क्या तू यहूदियों का राजा है?” उसने उसे उत्तर दिया, “तू आप ही कह रहा है।”
ܦܝܠܛܘܤ ܕܝܢ ܫܐܠܗ ܘܐܡܪ ܠܗ ܐܢܬ ܗܘ ܡܠܟܐ ܕܝܗܘܕܝܐ ܐܡܪ ܠܗ ܐܢܬ ܐܡܪܬ
4 तब पिलातुस ने प्रधान याजकों और लोगों से कहा, “मैं इस मनुष्य में कुछ दोष नहीं पाता।”
ܘܐܡܪ ܦܝܠܛܘܤ ܠܪܒܝ ܟܗܢܐ ܘܠܟܢܫܐ ܐܢܐ ܡܕܡ ܥܠܬܐ ܠܐ ܡܫܟܚ ܐܢܐ ܥܠ ܓܒܪܐ ܗܢܐ
5 पर वे और भी दृढ़ता से कहने लगे, “यह गलील से लेकर यहाँ तक सारे यहूदिया में उपदेश दे देकर लोगों को भड़काता है।”
ܗܢܘܢ ܕܝܢ ܡܙܥܩܝܢ ܗܘܘ ܘܐܡܪܝܢ ܕܫܓܫܗ ܠܥܡܢ ܟܕ ܡܠܦ ܒܟܠܗ ܝܗܘܕ ܘܫܪܝ ܡܢ ܓܠܝܠܐ ܘܥܕܡܐ ܠܗܪܟܐ
6 यह सुनकर पिलातुस ने पूछा, “क्या यह मनुष्य गलीली है?”
ܦܝܠܛܘܤ ܕܝܢ ܟܕ ܫܡܥ ܫܡܐ ܕܓܠܝܠܐ ܫܐܠ ܕܐܢ ܓܒܪܐ ܗܘ ܓܠܝܠܝܐ
7 और यह जानकर कि वह हेरोदेस की रियासत का है, उसे हेरोदेस के पास भेज दिया, क्योंकि उन दिनों में वह भी यरूशलेम में था।
ܘܟܕ ܝܕܥ ܕܡܢ ܬܚܝܬ ܫܘܠܛܢܐ ܗܘ ܕܗܪܘܕܤ ܫܕܪܗ ܠܘܬܗ ܕܗܪܘܕܤ ܡܛܠ ܕܒܐܘܪܫܠܡ ܗܘܐ ܒܗܢܘܢ ܝܘܡܬܐ
8 हेरोदेस यीशु को देखकर बहुत ही प्रसन्न हुआ, क्योंकि वह बहुत दिनों से उसको देखना चाहता था: इसलिए कि उसके विषय में सुना था, और उसका कुछ चिन्ह देखने की आशा रखता था।
ܗܪܘܕܤ ܕܝܢ ܟܕ ܚܙܝܗܝ ܠܝܫܘܥ ܚܕܝ ܛܒ ܨܒܐ ܗܘܐ ܓܝܪ ܠܡܚܙܝܗ ܡܢ ܙܒܢܐ ܤܓܝܐܐ ܡܛܠ ܕܫܡܥ ܗܘܐ ܥܠܘܗܝ ܤܓܝܐܬܐ ܘܡܤܒܪ ܗܘܐ ܕܡܕܡ ܐܬܐ ܢܚܙܐ ܡܢܗ
9 वह उससे बहुत सारी बातें पूछता रहा, पर उसने उसको कुछ भी उत्तर न दिया।
ܘܡܠܐ ܤܓܝܐܬܐ ܡܫܐܠ ܗܘܐ ܠܗ ܝܫܘܥ ܕܝܢ ܡܕܡ ܦܬܓܡܐ ܠܐ ܐܬܝܒܗ
10 १० और प्रधान याजक और शास्त्री खड़े हुए तन मन से उस पर दोष लगाते रहे।
ܩܝܡܝܢ ܗܘܘ ܕܝܢ ܪܒܝ ܟܗܢܐ ܘܤܦܪܐ ܘܥܙܝܙܐܝܬ ܐܟܠܝܢ ܗܘܘ ܩܪܨܘܗܝ
11 ११ तब हेरोदेस ने अपने सिपाहियों के साथ उसका अपमान करके उपहास किया, और भड़कीला वस्त्र पहनाकर उसे पिलातुस के पास लौटा दिया।
ܗܪܘܕܤ ܕܝܢ ܫܛܗ ܗܘ ܘܦܠܚܘܗܝ ܘܟܕ ܡܒܙܚ ܐܠܒܫܗ ܢܚܬܐ ܕܙܚܘܪܝܬܐ ܘܫܕܪܗ ܠܘܬ ܦܝܠܛܘܤ
12 १२ उसी दिन पिलातुस और हेरोदेस मित्र हो गए। इसके पहले वे एक दूसरे के बैरी थे।
ܘܒܗܘ ܝܘܡܐ ܗܘܘ ܪܚܡܐ ܦܝܠܛܘܤ ܘܗܪܘܕܤ ܥܡ ܚܕܕܐ ܒܥܠܕܒܒܘܬܐ ܗܘܬ ܓܝܪ ܡܢ ܩܕܝܡ ܒܝܢܬܗܘܢ
13 १३ पिलातुस ने प्रधान याजकों और सरदारों और लोगों को बुलाकर उनसे कहा,
ܩܪܐ ܕܝܢ ܦܝܠܛܘܤ ܠܪܒܝ ܟܗܢܐ ܘܠܐܪܟܘܢܐ ܘܠܥܡܐ
14 १४ “तुम इस मनुष्य को लोगों का बहकानेवाला ठहराकर मेरे पास लाए हो, और देखो, मैंने तुम्हारे सामने उसकी जाँच की, पर जिन बातों का तुम उस पर दोष लगाते हो, उन बातों के विषय में मैंने उसमें कुछ भी दोष नहीं पाया है;
ܘܐܡܪ ܠܗܘܢ ܩܪܒܬܘܢ ܠܝ ܓܒܪܐ ܗܢܐ ܐܝܟ ܡܗܦܟ ܥܡܟܘܢ ܘܗܐ ܐܢܐ ܥܩܒܬܗ ܠܥܢܝܟܘܢ ܘܥܠܬܐ ܡܕܡ ܠܐ ܐܫܟܚܬ ܒܓܒܪܐ ܗܢܐ ܡܢ ܟܠ ܕܡܪܫܝܢ ܐܢܬܘܢ ܒܗ
15 १५ न हेरोदेस ने, क्योंकि उसने उसे हमारे पास लौटा दिया है: और देखो, उससे ऐसा कुछ नहीं हुआ कि वह मृत्यु के दण्ड के योग्य ठहराया जाए।
ܐܠܐ ܐܦܠܐ ܗܪܘܕܤ ܫܕܪܬܗ ܓܝܪ ܠܘܬܗ ܘܗܐ ܠܐ ܡܕܡ ܕܫܘܐ ܠܡܘܬܐ ܤܥܝܪ ܠܗ
16 १६ इसलिए मैं उसे पिटवाकर छोड़ देता हूँ।”
ܐܪܕܝܘܗܝ ܗܟܝܠ ܘܐܫܒܩܝܘܗܝ
17 १७ पिलातुस पर्व के समय उनके लिए एक बन्दी को छोड़ने पर विवश था।
ܥܝܕܐ ܓܝܪ ܐܝܬ ܗܘܐ ܕܢܫܪܐ ܠܗܘܢ ܚܕ ܒܥܕܥܕܐ
18 १८ तब सब मिलकर चिल्ला उठे, “इसका काम तमाम कर, और हमारे लिये बरअब्बा को छोड़ दे।”
ܩܥܘ ܕܝܢ ܟܠܗ ܟܢܫܐ ܘܐܡܪܝܢ ܫܩܘܠܝܗܝ ܠܗܢܐ ܘܫܪܝ ܠܢ ܠܒܪ ܐܒܐ
19 १९ वह किसी बलवे के कारण जो नगर में हुआ था, और हत्या के कारण बन्दीगृह में डाला गया था।
ܗܘ ܐܝܢܐ ܕܡܛܠ ܐܤܛܤܝܤ ܕܗܘܬ ܒܡܕܝܢܬܐ ܘܩܛܠܐ ܪܡܐ ܗܘܐ ܒܝܬ ܐܤܝܪܐ
20 २० पर पिलातुस ने यीशु को छोड़ने की इच्छा से लोगों को फिर समझाया।
ܬܘܒ ܕܝܢ ܡܠܠ ܥܡܗܘܢ ܦܝܠܛܘܤ ܟܕ ܨܒܐ ܕܢܫܪܐ ܠܝܫܘܥ
21 २१ परन्तु उन्होंने चिल्लाकर कहा, “उसे क्रूस पर चढ़ा, क्रूस पर!”
ܗܢܘܢ ܕܝܢ ܩܥܝܢ ܗܘܘ ܘܐܡܪܝܢ ܙܩܘܦܝܗܝ ܙܩܘܦܝܗܝ
22 २२ उसने तीसरी बार उनसे कहा, “क्यों उसने कौन सी बुराई की है? मैंने उसमें मृत्युदण्ड के योग्य कोई बात नहीं पाई! इसलिए मैं उसे पिटवाकर छोड़ देता हूँ।”
ܗܘ ܕܝܢ ܕܬܠܬ ܙܒܢܝܢ ܐܡܪ ܠܗܘܢ ܡܢܐ ܓܝܪ ܕܒܝܫ ܥܒܕ ܗܢܐ ܡܕܡ ܥܠܬܐ ܕܫܘܝܐ ܠܡܘܬܐ ܠܐ ܐܫܟܚܬ ܒܗ ܐܪܕܝܘܗܝ ܗܟܝܠ ܘܐܫܒܩܝܘܗܝ
23 २३ परन्तु वे चिल्ला चिल्लाकर पीछे पड़ गए, कि वह क्रूस पर चढ़ाया जाए, और उनका चिल्लाना प्रबल हुआ।
ܗܢܘܢ ܕܝܢ ܬܟܒܝܢ ܗܘܘ ܒܩܠܐ ܪܡܐ ܘܫܐܠܝܢ ܗܘܘ ܠܗ ܕܢܙܩܦܘܢܝܗܝ ܘܥܫܢ ܗܘܐ ܩܠܗܘܢ ܕܝܠܗܘܢ ܘܕܪܒܝ ܟܗܢܐ
24 २४ अतः पिलातुस ने आज्ञा दी, कि उनकी विनती के अनुसार किया जाए।
ܦܝܠܛܘܤ ܕܝܢ ܦܩܕ ܕܬܗܘܐ ܫܐܠܬܗܘܢ
25 २५ और उसने उस मनुष्य को जो बलवे और हत्या के कारण बन्दीगृह में डाला गया था, और जिसे वे माँगते थे, छोड़ दिया; और यीशु को उनकी इच्छा के अनुसार सौंप दिया।
ܘܫܪܐ ܠܗܘܢ ܠܗܘ ܕܡܛܠ ܐܤܛܤܝܤ ܘܩܛܠܐ ܪܡܐ ܗܘܐ ܒܝܬ ܐܤܝܪܐ ܗܘ ܕܫܐܠܘ ܠܝܫܘܥ ܕܝܢ ܐܫܠܡ ܠܨܒܝܢܗܘܢ
26 २६ जब वे उसे लिए जा रहे थे, तो उन्होंने शमौन नाम एक कुरेनी को जो गाँव से आ रहा था, पकड़कर उस पर क्रूस को लाद दिया कि उसे यीशु के पीछे-पीछे ले चले।
ܘܟܕ ܡܘܒܠܝܢ ܠܗ ܐܚܕܘ ܠܫܡܥܘܢ ܩܘܪܝܢܝܐ ܕܐܬܐ ܡܢ ܩܪܝܬܐ ܘܤܡܘ ܥܠܘܗܝ ܙܩܝܦܐ ܕܢܛܥܢ ܒܬܪܗ ܕܝܫܘܥ
27 २७ और लोगों की बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली: और बहुत सारी स्त्रियाँ भी, जो उसके लिये छाती-पीटती और विलाप करती थीं।
ܘܐܬܐ ܗܘܐ ܒܬܪܗ ܤܘܓܐܐ ܕܥܡܐ ܘܢܫܐ ܐܝܠܝܢ ܕܡܪܩܕܢ ܗܘܝ ܘܐܠܝܢ ܥܠܘܗܝ
28 २८ यीशु ने उनकी ओर फिरकर कहा, “हे यरूशलेम की पुत्रियों, मेरे लिये मत रोओ; परन्तु अपने और अपने बालकों के लिये रोओ।
ܘܐܬܦܢܝ ܝܫܘܥ ܠܘܬܗܝܢ ܘܐܡܪ ܒܢܬ ܐܘܪܫܠܡ ܠܐ ܬܒܟܝܢ ܥܠܝ ܒܪܡ ܥܠ ܢܦܫܟܝܢ ܒܟܝܝܢ ܘܥܠ ܒܢܝܟܝܢ
29 २९ क्योंकि वे दिन आते हैं, जिनमें लोग कहेंगे, ‘धन्य हैं वे जो बाँझ हैं, और वे गर्भ जो न जने और वे स्तन जिन्होंने दूध न पिलाया।’
ܕܗܐ ܐܬܝܢ ܝܘܡܬܐ ܕܒܗܘܢ ܢܐܡܪܘܢ ܛܘܒܝܗܝܢ ܠܥܩܪܬܐ ܘܠܟܪܤܬܐ ܕܠܐ ܝܠܕ ܘܠܬܕܝܐ ܕܠܐ ܐܝܢܩܘ
30 ३० उस समय ‘वे पहाड़ों से कहने लगेंगे, कि हम पर गिरो, और टीलों से कि हमें ढाँप लो।’
ܗܝܕܝܢ ܬܫܪܘܢ ܠܡܐܡܪ ܠܛܘܪܐ ܕܦܠܘ ܥܠܝܢ ܘܠܪܡܬܐ ܕܟܤܝܢܢ
31 ३१ “क्योंकि जब वे हरे पेड़ के साथ ऐसा करते हैं, तो सूखे के साथ क्या कुछ न किया जाएगा?”
ܕܐܢ ܒܩܝܤܐ ܪܛܝܒܐ ܗܠܝܢ ܥܒܕܝܢ ܒܝܒܝܫܐ ܡܢܐ ܢܗܘܐ
32 ३२ वे और दो मनुष्यों को भी जो कुकर्मी थे उसके साथ मार डालने को ले चले।
ܘܐܬܝܢ ܗܘܘ ܥܡܗ ܬܪܝܢ ܐܚܪܢܝܢ ܥܒܕܝ ܒܝܫܬܐ ܕܢܬܩܛܠܘܢ
33 ३३ जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुँचे, तो उन्होंने वहाँ उसे और उन कुकर्मियों को भी एक को दाहिनी और दूसरे को बाईं और क्रूसों पर चढ़ाया।
ܘܟܕ ܐܬܘ ܠܕܘܟܬܐ ܚܕܐ ܕܡܬܩܪܝܐ ܩܪܩܦܬܐ ܙܩܦܘܗܝ ܬܡܢ ܘܠܗܢܘܢ ܥܒܕܝ ܒܝܫܬܐ ܚܕ ܡܢ ܝܡܝܢܗ ܘܚܕ ܡܢ ܤܡܠܗ
34 ३४ तब यीशु ने कहा, “हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये जानते नहीं कि क्या कर रहें हैं?” और उन्होंने चिट्ठियाँ डालकर उसके कपड़े बाँट लिए।
ܗܘ ܕܝܢ ܝܫܘܥ ܐܡܪ ܗܘܐ ܐܒܐ ܫܒܘܩ ܠܗܘܢ ܠܐ ܓܝܪ ܝܕܥܝܢ ܡܢܐ ܥܒܕܝܢ ܘܦܠܓܘ ܢܚܬܘܗܝ ܘܐܪܡܝܘ ܥܠܝܗܘܢ ܦܤܐ
35 ३५ लोग खड़े-खड़े देख रहे थे, और सरदार भी उपहास कर करके कहते थे, “इसने औरों को बचाया, यदि यह परमेश्वर का मसीह है, और उसका चुना हुआ है, तो अपने आपको बचा ले।”
ܩܐܡ ܗܘܐ ܕܝܢ ܥܡܐ ܘܚܙܐ ܘܡܡܝܩܝܢ ܗܘܘ ܒܗ ܐܦ ܐܪܟܘܢܐ ܘܐܡܪܝܢ ܠܐܚܪܢܐ ܐܚܝ ܢܚܐ ܢܦܫܗ ܐܢ ܗܘܝܘ ܡܫܝܚܐ ܓܒܝܗ ܕܐܠܗܐ
36 ३६ सिपाही भी पास आकर और सिरका देकर उसका उपहास करके कहते थे।
ܘܡܒܙܚܝܢ ܗܘܘ ܒܗ ܐܦ ܐܤܛܪܛܝܘܛܐ ܟܕ ܩܪܒܝܢ ܠܘܬܗ ܘܡܩܪܒܝܢ ܠܗ ܚܠܐ
37 ३७ “यदि तू यहूदियों का राजा है, तो अपने आपको बचा!”
ܘܐܡܪܝܢ ܠܗ ܐܢ ܐܢܬ ܗܘ ܡܠܟܐ ܕܝܗܘܕܝܐ ܐܚܐ ܢܦܫܟ
38 ३८ और उसके ऊपर एक दोषपत्र भी लगा था: “यह यहूदियों का राजा है।”
ܐܝܬ ܗܘܐ ܕܝܢ ܐܦ ܟܬܒܐ ܕܟܬܝܒ ܠܥܠ ܡܢܗ ܝܘܢܐܝܬ ܘܪܗܘܡܐܝܬ ܘܥܒܪܐܝܬ ܗܢܘ ܡܠܟܐ ܕܝܗܘܕܝܐ
39 ३९ जो कुकर्मी लटकाए गए थे, उनमें से एक ने उसकी निन्दा करके कहा, “क्या तू मसीह नहीं? तो फिर अपने आपको और हमें बचा!”
ܚܕ ܕܝܢ ܡܢ ܗܢܘܢ ܥܒܕܝ ܒܝܫܬܐ ܕܨܠܝܒܝܢ ܗܘܘ ܥܡܗ ܡܓܕܦ ܗܘܐ ܥܠܘܗܝ ܘܐܡܪ ܐܢ ܐܢܬ ܗܘ ܡܫܝܚܐ ܦܨܐ ܢܦܫܟ ܘܦܨܐ ܐܦ ܠܢ
40 ४० इस पर दूसरे ने उसे डाँटकर कहा, “क्या तू परमेश्वर से भी नहीं डरता? तू भी तो वही दण्ड पा रहा है,
ܘܟܐܐ ܒܗ ܚܒܪܗ ܘܐܡܪ ܠܗ ܐܦ ܠܐ ܡܢ ܐܠܗܐ ܕܚܠ ܐܢܬ ܕܐܦ ܐܢܬ ܒܗ ܐܢܬ ܒܕܝܢܐ
41 ४१ और हम तो न्यायानुसार दण्ड पा रहे हैं, क्योंकि हम अपने कामों का ठीक फल पा रहे हैं; पर इसने कोई अनुचित काम नहीं किया।”
ܘܚܢܢ ܟܐܢܐܝܬ ܐܝܟ ܕܫܘܝܢ ܗܘܝܢ ܓܝܪ ܘܐܝܟ ܕܥܒܕܢ ܐܬܦܪܥܢ ܗܢܐ ܕܝܢ ܡܕܡ ܕܤܢܐ ܠܐ ܥܒܝܕ ܠܗ
42 ४२ तब उसने कहा, “हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना।”
ܘܐܡܪ ܠܝܫܘܥ ܐܬܕܟܪܝܢܝ ܡܪܝ ܡܐ ܕܐܬܐ ܐܢܬ ܒܡܠܟܘܬܟ
43 ४३ उसने उससे कहा, “मैं तुझ से सच कहता हूँ कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोकमें होगा।”
ܐܡܪ ܠܗ ܝܫܘܥ ܐܡܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟ ܕܝܘܡܢܐ ܥܡܝ ܬܗܘܐ ܒܦܪܕܝܤܐ
44 ४४ और लगभग दोपहर से तीसरे पहर तक सारे देश में अंधियारा छाया रहा,
ܐܝܬ ܗܘܝ ܕܝܢ ܐܝܟ ܫܥܐ ܫܬ ܘܗܘܐ ܚܫܘܟܐ ܥܠ ܟܠܗ ܐܪܥܐ ܥܕܡܐ ܠܬܫܥ ܫܥܝܢ
45 ४५ और सूर्य का उजियाला जाता रहा, और मन्दिर का परदा बीच से फट गया,
ܘܫܡܫܐ ܚܫܟ ܘܐܨܛܪܝ ܐܦܝ ܬܪܥܐ ܕܗܝܟܠܐ ܡܢ ܡܨܥܬܗ
46 ४६ और यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ।” और यह कहकर प्राण छोड़ दिए।
ܘܩܥܐ ܝܫܘܥ ܒܩܠܐ ܪܡܐ ܘܐܡܪ ܐܒܝ ܒܐܝܕܝܟ ܤܐܡ ܐܢܐ ܪܘܚܝ ܗܕܐ ܐܡܪ ܘܫܠܡ
47 ४७ सूबेदार ने, जो कुछ हुआ था देखकर परमेश्वर की बड़ाई की, और कहा, “निश्चय यह मनुष्य धर्मी था।”
ܟܕ ܚܙܐ ܕܝܢ ܩܢܛܪܘܢܐ ܡܕܡ ܕܗܘܐ ܫܒܚ ܠܐܠܗܐ ܘܐܡܪ ܫܪܝܪܐܝܬ ܗܢܐ ܓܒܪܐ ܙܕܝܩܐ ܗܘܐ
48 ४८ और भीड़ जो यह देखने को इकट्ठी हुई थी, इस घटना को देखकर छाती पीटती हुई लौट गई।
ܘܟܠܗܘܢ ܟܢܫܐ ܐܝܠܝܢ ܕܟܢܝܫܝܢ ܗܘܘ ܠܚܙܬܐ ܗܕܐ ܟܕ ܚܙܘ ܡܕܡ ܕܗܘܐ ܗܦܟܘ ܟܕ ܛܪܦܝܢ ܥܠ ܚܕܝܗܘܢ
49 ४९ और उसके सब जान-पहचान, और जो स्त्रियाँ गलील से उसके साथ आई थीं, दूर खड़ी हुई यह सब देख रही थीं।
ܘܩܝܡܝܢ ܗܘܘ ܡܢ ܪܘܚܩܐ ܟܠܗܘܢ ܝܕܘܥܘܗܝ ܕܝܫܘܥ ܘܢܫܐ ܐܝܠܝܢ ܕܐܬܝ ܗܘܝ ܥܡܗ ܡܢ ܓܠܝܠܐ ܘܚܙܝܢ ܗܘܘ ܗܠܝܢ
50 ५० और वहाँ, यूसुफ नामक महासभा का एक सदस्य था, जो सज्जन और धर्मी पुरुष था।
ܓܒܪܐ ܕܝܢ ܚܕ ܕܫܡܗ ܝܘܤܦ ܒܘܠܘܛܐ ܡܢ ܪܡܬܐ ܡܕܝܢܬܐ ܕܝܗܘܕ ܓܒܪܐ ܗܘܐ ܛܒܐ ܘܙܕܝܩܐ
51 ५१ और उनके विचार और उनके इस काम से प्रसन्न न था; और वह यहूदियों के नगर अरिमतियाह का रहनेवाला और परमेश्वर के राज्य की प्रतीक्षा करनेवाला था।
ܗܢܐ ܠܐ ܫܠܡ ܗܘܐ ܠܨܒܝܢܗܘܢ ܘܠܤܘܥܪܢܗܘܢ ܘܡܤܟܐ ܗܘܐ ܠܡܠܟܘܬܐ ܕܐܠܗܐ
52 ५२ उसने पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव माँगा,
ܗܢܐ ܩܪܒ ܠܘܬ ܦܝܠܛܘܤ ܘܫܐܠ ܦܓܪܗ ܕܝܫܘܥ
53 ५३ और उसे उतारकर मलमल की चादर में लपेटा, और एक कब्र में रखा, जो चट्टान में खोदी हुई थी; और उसमें कोई कभी न रखा गया था।
ܘܐܚܬܗ ܘܟܪܟܗ ܒܚܝܨܐ ܕܟܬܢܐ ܘܤܡܗ ܒܒܝܬ ܩܒܘܪܐ ܢܩܝܪܐ ܗܘ ܕܠܐ ܐܢܫ ܥܕܟܝܠ ܐܬܬܤܝܡ ܗܘܐ ܒܗ
54 ५४ वह तैयारी का दिन था, और सब्त का दिन आरम्भ होने पर था।
ܘܝܘܡܐ ܥܪܘܒܬܐ ܗܘܬ ܘܫܒܬܐ ܢܓܗܐ ܗܘܬ
55 ५५ और उन स्त्रियों ने जो उसके साथ गलील से आई थीं, पीछे-पीछे, जाकर उस कब्र को देखा और यह भी कि उसका शव किस रीति से रखा गया हैं।
ܩܪܝܒܢ ܗܘܝ ܕܝܢ ܢܫܐ ܗܠܝܢ ܕܐܬܝ ܥܡܗ ܡܢ ܓܠܝܠܐ ܘܚܙܝܝܗܝ ܠܩܒܪܐ ܘܐܝܟܢܐ ܐܬܬܤܝܡ ܦܓܪܗ
56 ५६ और लौटकर सुगन्धित वस्तुएँ और इत्र तैयार किया; और सब्त के दिन तो उन्होंने आज्ञा के अनुसार विश्राम किया।
ܘܗܦܟ ܛܝܒ ܗܪܘܡܐ ܘܒܤܡܐ ܘܒܫܒܬܐ ܫܠܝ ܐܝܟ ܕܦܩܝܕ

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