< लूका 16 >
1 १ फिर उसने चेलों से भी कहा, “किसी धनवान का एक भण्डारी था, और लोगों ने उसके सामने भण्डारी पर यह दोष लगाया कि यह तेरी सब सम्पत्ति उड़ाए देता है।
Ἔλεγεν δὲ καὶ πρὸς τοὺς μαθητάς Ἄνθρωπός τις ἦν πλούσιος ὃς εἶχεν οἰκονόμον, καὶ οὗτος διεβλήθη αὐτῷ ὡς διασκορπίζων τὰ ὑπάρχοντα αὐτοῦ.
2 २ अतः धनवान ने उसे बुलाकर कहा, ‘यह क्या है जो मैं तेरे विषय में सुन रहा हूँ? अपने भण्डारीपन का लेखा दे; क्योंकि तू आगे को भण्डारी नहीं रह सकता।’
καὶ φωνήσας αὐτὸν εἶπεν αὐτῷ Τί τοῦτο ἀκούω περὶ σοῦ; ἀπόδος τὸν λόγον τῆς οἰκονομίας σου· οὐ γὰρ δύνῃ ἔτι οἰκονομεῖν.
3 ३ तब भण्डारी सोचने लगा, ‘अब मैं क्या करूँ? क्योंकि मेरा स्वामी अब भण्डारी का काम मुझसे छीन रहा है: मिट्टी तो मुझसे खोदी नहीं जाती; और भीख माँगने से मुझे लज्जा आती है।
εἶπεν δὲ ἐν ἑαυτῷ ὁ οἰκονόμος Τί ποιήσω, ὅτι ὁ κύριός μου ἀφαιρεῖται τὴν οἰκονομίαν ἀπ’ ἐμοῦ; σκάπτειν οὐκ ἰσχύω, ἐπαιτεῖν αἰσχύνομαι.
4 ४ मैं समझ गया, कि क्या करूँगा: ताकि जब मैं भण्डारी के काम से छुड़ाया जाऊँ तो लोग मुझे अपने घरों में ले लें।’
ἔγνων τί ποιήσω, ἵνα ὅταν μετασταθῶ ἐκ τῆς οἰκονομίας δέξωνταί με εἰς τοὺς οἴκους ἑαυτῶν.
5 ५ और उसने अपने स्वामी के देनदारों में से एक-एक को बुलाकर पहले से पूछा, कि तुझ पर मेरे स्वामी का कितना कर्ज है?
καὶ προσκαλεσάμενος ἕνα ἕκαστον τῶν χρεοφειλετῶν τοῦ κυρίου ἑαυτοῦ ἔλεγεν τῷ πρώτῳ Πόσον ὀφείλεις τῷ κυρίῳ μου;
6 ६ उसने कहा, ‘सौ मन जैतून का तेल,’ तब उसने उससे कहा, कि अपनी खाता-बही ले और बैठकर तुरन्त पचास लिख दे।
ὁ δὲ εἶπεν Ἑκατὸν βάτους ἐλαίου. ὁ δὲ εἶπεν αὐτῷ Δέξαι σου τὰ γράμματα καὶ καθίσας ταχέως γράψον πεντήκοντα.
7 ७ फिर दूसरे से पूछा, ‘तुझ पर कितना कर्ज है?’ उसने कहा, ‘सौ मन गेहूँ,’ तब उसने उससे कहा, ‘अपनी खाता-बही लेकर अस्सी लिख दे।’
ἔπειτα ἑτέρῳ εἶπεν Σὺ δὲ πόσον ὀφείλεις; ὁ δὲ εἶπεν Ἑκατὸν κόρους σίτου. λέγει αὐτῷ Δέξαι σου τὰ γράμματα καὶ γράψον ὀγδοήκοντα.
8 ८ “स्वामी ने उस अधर्मी भण्डारी को सराहा, कि उसने चतुराई से काम किया है; क्योंकि इस संसार के लोग अपने समय के लोगों के साथ रीति-व्यवहारों मेंज्योति के लोगोंसे अधिक चतुर हैं। (aiōn )
καὶ ἐπῄνεσεν ὁ κύριος τὸν οἰκονόμον τῆς ἀδικίας ὅτι φρονίμως ἐποίησεν· ὅτι οἱ υἱοὶ τοῦ αἰῶνος τούτου φρονιμώτεροι ὑπὲρ τοὺς υἱοὺς τοῦ φωτὸς εἰς τὴν γενεὰν τὴν ἑαυτῶν εἰσιν. (aiōn )
9 ९ और मैं तुम से कहता हूँ, कि अधर्म के धन से अपने लिये मित्र बना लो; ताकि जब वह जाता रहे, तो वे तुम्हें अनन्त निवासों में ले लें। (aiōnios )
Καὶ ἐγὼ ὑμῖν λέγω, ἑαυτοῖς ποιήσατε φίλους ἐκ τοῦ μαμωνᾶ τῆς ἀδικίας, ἵνα ὅταν ἐκλίπῃ δέξωνται ὑμᾶς εἰς τὰς αἰωνίους σκηνάς. (aiōnios )
10 १० जो थोड़े से थोड़े में विश्वासयोग्य है, वह बहुत में भी विश्वासयोग्य है: और जो थोड़े से थोड़े में अधर्मी है, वह बहुत में भी अधर्मी है।
ὁ πιστὸς ἐν ἐλαχίστῳ καὶ ἐν πολλῷ πιστός ἐστιν, καὶ ὁ ἐν ἐλαχίστῳ ἄδικος καὶ ἐν πολλῷ ἄδικός ἐστιν.
11 ११ इसलिए जब तुम सांसारिक धन में विश्वासयोग्य न ठहरे, तो सच्चा धन तुम्हें कौन सौंपेगा?
εἰ οὖν ἐν τῷ ἀδίκῳ μαμωνᾷ πιστοὶ οὐκ ἐγένεσθε, τὸ ἀληθινὸν τίς ὑμῖν πιστεύσει;
12 १२ और यदि तुम पराए धन में विश्वासयोग्य न ठहरे, तो जो तुम्हारा है, उसे तुम्हें कौन देगा?
καὶ εἰ ἐν τῷ ἀλλοτρίῳ πιστοὶ οὐκ ἐγένεσθε, τὸ ἡμέτερον τίς δώσει ὑμῖν;
13 १३ “कोई दास दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता क्योंकि वह तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम रखेगा; या एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा: तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते।”
Οὐδεὶς οἰκέτης δύναται δυσὶ κυρίοις δουλεύειν· ἢ γὰρ τὸν ἕνα μισήσει καὶ τὸν ἕτερον ἀγαπήσει, ἢ ἑνὸς ἀνθέξεται καὶ τοῦ ἑτέρου καταφρονήσει. οὐ δύνασθε Θεῷ δουλεύειν καὶ μαμωνᾷ.
14 १४ फरीसी जो लोभी थे, ये सब बातें सुनकर उसका उपहास करने लगे।
Ἤκουον δὲ ταῦτα πάντα οἱ Φαρισαῖοι φιλάργυροι ὑπάρχοντες, καὶ ἐξεμυκτήριζον αὐτόν.
15 १५ उसने उनसे कहा, “तुम तो मनुष्यों के सामने अपने आपको धर्मी ठहराते हो, परन्तु परमेश्वर तुम्हारे मन को जानता है, क्योंकि जो वस्तु मनुष्यों की दृष्टि में महान है, वह परमेश्वर के निकट घृणित है।
καὶ εἶπεν αὐτοῖς Ὑμεῖς ἐστε οἱ δικαιοῦντες ἑαυτοὺς ἐνώπιον τῶν ἀνθρώπων, ὁ δὲ Θεὸς γινώσκει τὰς καρδίας ὑμῶν· ὅτι τὸ ἐν ἀνθρώποις ὑψηλὸν βδέλυγμα ἐνώπιον τοῦ Θεοῦ.
16 १६ “जब तक यूहन्ना आया, तब तक व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता प्रभाव में थे। उस समय से परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार सुनाया जा रहा है, और हर कोई उसमें प्रबलता से प्रवेश करता है।
Ὁ νόμος καὶ οἱ προφῆται μέχρι Ἰωάνου· ἀπὸ τότε ἡ βασιλεία τοῦ Θεοῦ εὐαγγελίζεται καὶ πᾶς εἰς αὐτὴν βιάζεται.
17 १७ आकाश और पृथ्वी का टल जाना व्यवस्था के एक बिन्दु के मिट जाने से सहज है।
εὐκοπώτερον δέ ἐστιν τὸν οὐρανὸν καὶ τὴν γῆν παρελθεῖν ἢ τοῦ νόμου μίαν κεραίαν πεσεῖν.
18 १८ “जो कोई अपनी पत्नी को त्याग कर दूसरी से विवाह करता है, वह व्यभिचार करता है, और जो कोई ऐसी त्यागी हुई स्त्री से विवाह करता है, वह भी व्यभिचार करता है।
Πᾶς ὁ ἀπολύων τὴν γυναῖκα αὐτοῦ καὶ γαμῶν ἑτέραν μοιχεύει, καὶ ὁ ἀπολελυμένην ἀπὸ ἀνδρὸς γαμῶν μοιχεύει.
19 १९ “एक धनवान मनुष्य था जो बैंगनी कपड़े और मलमल पहनता और प्रतिदिन सुख-विलास और धूम-धाम के साथ रहता था।
Ἄνθρωπος δέ τις ἦν πλούσιος, καὶ ἐνεδιδύσκετο πορφύραν καὶ βύσσον εὐφραινόμενος καθ’ ἡμέραν λαμπρῶς.
20 २० औरलाज़रनाम का एक कंगाल घावों से भरा हुआ उसकी डेवढ़ी पर छोड़ दिया जाता था।
πτωχὸς δέ τις ὀνόματι Λάζαρος ἐβέβλητο πρὸς τὸν πυλῶνα αὐτοῦ εἱλκωμένος
21 २१ और वह चाहता था, कि धनवान की मेज पर की जूठन से अपना पेट भरे; वरन् कुत्ते भी आकर उसके घावों को चाटते थे।
καὶ ἐπιθυμῶν χορτασθῆναι ἀπὸ τῶν πιπτόντων ἀπὸ τῆς τραπέζης τοῦ πλουσίου· ἀλλὰ καὶ οἱ κύνες ἐρχόμενοι ἐπέλειχον τὰ ἕλκη αὐτοῦ.
22 २२ और ऐसा हुआ कि वह कंगाल मर गया, और स्वर्गदूतों ने उसे लेकर अब्राहम की गोद में पहुँचाया। और वह धनवान भी मरा; और गाड़ा गया,
ἐγένετο δὲ ἀποθανεῖν τὸν πτωχὸν καὶ ἀπενεχθῆναι αὐτὸν ὑπὸ τῶν ἀγγέλων εἰς τὸν κόλπον Ἀβραάμ· ἀπέθανεν δὲ καὶ ὁ πλούσιος καὶ ἐτάφη.
23 २३ औरअधोलोकमें उसने पीड़ा में पड़े हुए अपनी आँखें उठाई, और दूर से अब्राहम की गोद में लाज़र को देखा। (Hadēs )
καὶ ἐν τῷ Ἅιδῃ ἐπάρας τοὺς ὀφθαλμοὺς αὐτοῦ, ὑπάρχων ἐν βασάνοις, ὁρᾷ Ἀβραὰμ ἀπὸ μακρόθεν καὶ Λάζαρον ἐν τοῖς κόλποις αὐτοῦ. (Hadēs )
24 २४ और उसने पुकारकर कहा, ‘हे पिता अब्राहम, मुझ पर दया करके लाज़र को भेज दे, ताकि वह अपनी उँगली का सिरा पानी में भिगोकर मेरी जीभ को ठंडी करे, क्योंकि मैं इस ज्वाला में तड़प रहा हूँ।’
καὶ αὐτὸς φωνήσας εἶπεν Πάτερ Ἀβραάμ, ἐλέησόν με καὶ πέμψον Λάζαρον ἵνα βάψῃ τὸ ἄκρον τοῦ δακτύλου αὐτοῦ ὕδατος καὶ καταψύξῃ τὴν γλῶσσάν μου, ὅτι ὀδυνῶμαι ἐν τῇ φλογὶ ταύτῃ.
25 २५ परन्तु अब्राहम ने कहा, ‘हे पुत्र स्मरण कर, कि तू अपने जीवनकाल में अच्छी वस्तुएँ पा चुका है, और वैसे ही लाज़र बुरी वस्तुएँ परन्तु अब वह यहाँ शान्ति पा रहा है, और तू तड़प रहा है।
εἶπεν δὲ Ἀβραάμ Τέκνον, μνήσθητι ὅτι ἀπέλαβες τὰ ἀγαθά σου ἐν τῇ ζωῇ σου, καὶ Λάζαρος ὁμοίως τὰ κακά· νῦν δὲ ὧδε παρακαλεῖται σὺ δὲ ὀδυνᾶσαι.
26 २६ और इन सब बातों को छोड़ हमारे और तुम्हारे बीच एक बड़ी खाई ठहराई गई है कि जो यहाँ से उस पार तुम्हारे पास जाना चाहें, वे न जा सके, और न कोई वहाँ से इस पार हमारे पास आ सके।’
καὶ ἐν πᾶσι τούτοις μεταξὺ ἡμῶν καὶ ὑμῶν χάσμα μέγα ἐστήρικται, ὅπως οἱ θέλοντες διαβῆναι ἔνθεν πρὸς ὑμᾶς μὴ δύνωνται, μηδὲ ἐκεῖθεν πρὸς ἡμᾶς διαπερῶσιν.
27 २७ उसने कहा, ‘तो हे पिता, मैं तुझ से विनती करता हूँ, कि तू उसे मेरे पिता के घर भेज,
εἶπεν δέ Ἐρωτῶ σε οὖν, πάτερ, ἵνα πέμψῃς αὐτὸν εἰς τὸν οἶκον τοῦ πατρός μου·
28 २८ क्योंकि मेरे पाँच भाई हैं; वह उनके सामने इन बातों की चेतावनी दे, ऐसा न हो कि वे भी इस पीड़ा की जगह में आएँ।’
ἔχω γὰρ πέντε ἀδελφούς· ὅπως διαμαρτύρηται αὐτοῖς, ἵνα μὴ καὶ αὐτοὶ ἔλθωσιν εἰς τὸν τόπον τοῦτον τῆς βασάνου.
29 २९ अब्राहम ने उससे कहा, ‘उनके पास तो मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकें हैं, वे उनकी सुनें।’
λέγει δὲ Ἀβραάμ Ἔχουσι Μωϋσέα καὶ τοὺς προφήτας· ἀκουσάτωσαν αὐτῶν.
30 ३० उसने कहा, ‘नहीं, हे पिता अब्राहम; पर यदि कोई मरे हुओं में से उनके पास जाए, तो वे मन फिराएँगे।’
ὁ δὲ εἶπεν Οὐχί, πάτερ Ἀβραάμ, ἀλλ’ ἐάν τις ἀπὸ νεκρῶν πορευθῇ πρὸς αὐτοὺς, μετανοήσουσιν.
31 ३१ उसने उससे कहा, ‘जब वे मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की नहीं सुनते, तो यदि मरे हुओं में से कोई भी जी उठे तो भी उसकी नहीं मानेंगे।’”
εἶπεν δὲ αὐτῷ Εἰ Μωϋσέως καὶ τῶν προφητῶν οὐκ ἀκούουσιν, οὐδὲ ἐάν τις ἐκ νεκρῶν ἀναστῇ πεισθήσονται.