< लूका 13 >

1 उस समय कुछ लोग आ पहुँचे, और यीशु से उन गलीलियों की चर्चा करने लगे, जिनका लहू पिलातुस ने उन ही के बलिदानों के साथ मिलाया था।
ହେ ସମୁତ କେତ୍‌ଜାଣ୍ ମାନି କେତେକ୍‌ ଲକ୍‌ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ଇଚାର୍‌ ଜେ ଲକୁ ୱାଜ଼ି, ପିଲାତ ଇମ୍‌ଣି ଗାଲିଲିୟର୍‌ତି ନେତେର୍‌ ହେୱାର୍‌ତି ପୁଜା ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ମେହାୟ୍‌କିଜ଼ି ମାଚାର୍‌, ହେୱାର୍‌ ବିସ୍ରେ ହେୱାନିଂ ଜାଣାଇ କିତାର୍‌ ।
2 यह सुनकर यीशु ने उनको उत्तर में यह कहा, “क्या तुम समझते हो, कि ये गलीली बाकी गलीलियों से पापी थे कि उन पर ऐसी विपत्ति पड़ी?
ହେବେତାଂ ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, “ଇଦାଂ ୱିଜ଼ୁ ବଗ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଇ ଗାଲିଲିୟର୍‌ ଜେକନି ୱିଜ଼ାର୍‌ ଗାଲିଲିୟର୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଆଦିକ୍‌ ପାପିର୍‌ ଇଞ୍ଜି କି ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ମାନେକିନାଦେରା?
3 मैं तुम से कहता हूँ, कि नहीं; परन्तु यदि तुम मन न फिराओगेतो तुम सब भी इसी रीति से नाश होंगे।
କି ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ୱେଚ୍‍ନାଙ୍ଗା, ମାତର୍‌ ପାପ୍‌ ମାନ୍‌ବାଦ୍‌ଲାୟ୍‌ କିୱିତିସ୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ୱିଜ଼ାକାଦେର୍‍ ହେ ଲାକେ ନସ୍ଟ ଅନାଦେର୍‌ ।
4 या क्या तुम समझते हो, कि वे अठारह जन जिन पर शीलोह का गुम्मट गिरा, और वे दबकर मर गए: यरूशलेम के और सब रहनेवालों से अधिक अपराधी थे?
ଇଚିସ୍‌ ସିଲହତ ହେ ଅଟର ଜାଣ୍‌ ଜପି ମାଚା କାଡ଼୍‌ଜି ହେୱାର୍‌ତି ଜିବୁନ୍‌ ହାଚାତ୍‌, ହେୱାର୍‌ ବିସ୍ରେ ଇନାକା ବାବି କିନାଦେର୍‌? ହେୱାର୍‌ ୱିଜ଼ାର୍‌ ଜିରୁସାଲମ୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଆଦିକ୍‌ ପାପିର୍‌ ଇଞ୍ଜି କି ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ମାନେ କିନାଦେରା?
5 मैं तुम से कहता हूँ, कि नहीं; परन्तु यदि तुम मन न फिराओगे तो तुम भी सब इसी रीति से नाश होंगे।”
ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ୱେଚ୍‍ଚାନାଙ୍ଗ୍‌, ମାତର୍‌ ପାପ୍‌ତାଂ ମାନ୍‌ବାଦ୍‌ଲାୟ୍‌ କିୱିତିସ୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ୱିଜ଼ାକାଦେର୍‌ ହେ ଲାକେ ନସ୍ଟ ଆନାଦେର୍‌ ।”
6 फिर उसने यह दृष्टान्त भी कहा, “किसी कीअंगूर की बारीमें एक अंजीर का पेड़ लगा हुआ था: वह उसमें फल ढूँढ़ने आया, परन्तु न पाया।
ଆରେ, ଜିସୁ ଇ ଉତର୍‌ମୁଡ଼୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ରକାନ୍ତି ଅଙ୍ଗୁର୍‌ ବାଡ଼୍‌ଦ ର ତଗା ମାର୍‌ ରୁଜ଼୍‌ଦି ମାଚାନ୍‌ । ମାଲିକ୍‌ ୱାଜ଼ି ହେବେନି ପାଡ଼୍ ଡେକ୍‌ତାନ୍‌, ମାତର୍‌ ଗାଟା ଆୱାତାନ୍‌ ।
7 तब उसने बारी के रखवाले से कहा, ‘देख तीन वर्ष से मैं इस अंजीर के पेड़ में फल ढूँढ़ने आता हूँ, परन्तु नहीं पाता, इसे काट डाल कि यह भूमि को भी क्यों रोके रहे?’
ଲାଗିଂ ହେୱାନ୍‌ କାନାକାନ୍‌ ଇଚାନ୍‌, ହୁଡ଼ା, ଇ ତିନି ବାର୍ହୁ ଆତାତ୍‌ ଆନ୍‌ ୱାଜ଼ି ଇ ତଗା ମାର୍‌ତି ପାଡ଼୍ ଡେକ୍‍ନାଙ୍ଗା, ମାତର୍‌ ଗାଟା ଆଉଙ୍ଗା, ଇଦେଲିଂ କାଦିତୁସିୟା, ଇଦାଂ ଇନେକିଦେଂ ମେଦ୍‌ନିତିଂ ଆବାର୍‌ ଆହ୍‌ନାତା?
8 उसने उसको उत्तर दिया, कि हे स्वामी, इसे इस वर्ष तो और रहने दे; कि मैं इसके चारों ओर खोदकर खाद डालूँ।
ମାତର୍‌ ମାଲିକ୍‌ତିଂ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, ମାପ୍ରୁ, ଇଦେଲିଂ ଇ ବାର୍ହୁ ପା ପିସ୍ତିହିଦା, ଆନ୍‌ ଇବେତାଂ ଇଦାଂ ଚାରିବେଣ୍‌ତାଂ କାର୍ଚି ଗାତ୍ ହିନାଙ୍ଗ୍,
9 अतः आगे को फले तो भला, नहीं तो उसे काट डालना।”
ଆରେ ପାଚେ ପାଡ଼୍ ୱାତିସ୍‍ ହାର୍‌, ଆୱିତିସ୍‌ ହେଦେଲିଂ କାଦ୍‌ଦି ତୁସିହିନାଙ୍ଗ୍ ।”
10 १० सब्त के दिन वह एक आराधनालय में उपदेश दे रहा था।
ରଗ ଜିସୁ ଜମ୍‌ନିବାର୍‌ତ ର କୁଟୁମ୍‌ ଇଞ୍ଜ ହିକ୍ୟା ହିଜ଼ିମାଚାନ୍‌ ।
11 ११ वहाँ एक स्त्री थी, जिसे अठारह वर्ष से एक दुर्बल करनेवाली दुष्टात्मा लगी थी, और वह कुबड़ी हो गई थी, और किसी रीति से सीधी नहीं हो सकती थी।
ଆରେ ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ଅଟର ବାର୍ହୁ ପାତେକ୍‌ ବାନ୍ୟା ଜିବୁନ୍‌ କାଜିଂ ପାପିୟା ର କଗ୍‌ଲେ ହେବେ ମାଚାତ୍‌, ହେଦେଲ୍‌ କୁବ୍‍ଡ଼ି ଆଜ଼ି ଇନେସ୍‌ ଆଜ଼ି ପା ଜାରତିଂ ହାଣ୍‍କୁ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡ୍‌ୱାଦାଂ ମାଚାତ୍‌ ।
12 १२ यीशु ने उसे देखकर बुलाया, और कहा, “हे नारी, तू अपनी दुर्बलता से छूट गई।”
ଜିସୁ ହେଦେଲିଂ ହୁଡ଼୍‌ଜି ଲାଗାୟ୍‌ କୁକ୍‌ଚି ଇଚାନ୍‌, “ଏ କଗ୍‌ଲେ ନି ବେମାର୍‍ତାଂ ଉଜ୍‌ ଆତାୟ୍‌ ।”
13 १३ तब उसने उस पर हाथ रखे, और वह तुरन्त सीधी हो गई, और परमेश्वर की बड़ाई करने लगी।
ଆରେ, ଜିସୁ ହେ ଜପି କେଇ ଇଡ଼୍‌ତାନ୍‌, ହେବେତାଂ ହେଦେଲ୍‌ ହେ ଦାପ୍ରେ ହାଣ୍‍କୁ ଆଜ଼ି ଇସ୍ୱର୍‌ତିଂ ପାର୍ତାନା କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାତ୍‌ ।
14 १४ इसलिए कि यीशु ने सब्त के दिन उसे अच्छा किया था, आराधनालय का सरदार रिसियाकर लोगों से कहने लगा, “छः दिन हैं, जिनमें काम करना चाहिए, अतः उन ही दिनों में आकर चंगे हो; परन्तु सब्त के दिन में नहीं।”
ମାତର୍‌ ଜିସୁ ଜମ୍‌ନିବାର୍‌ତ ଉଜ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ କୁଟୁମ୍‌ ଇଲ୍‌ନି ମୁଡ଼୍‌ଦାକାନ୍‌ ରିସା ଆଜ଼ି ମାନାୟାର୍‌ ତାକେ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, “କାମାୟ୍‌ କିନି କାଜିଂ ଚଅ ଦିନ୍‌ ମାନାତ୍‌, ଲାଗିଂ ହେ ୱିଜ଼ୁନାଞ୍ଜିଙ୍ଗ୍ ୱାଜ଼ି ଉଜ୍‌ ଆଡୁ, ଜମ୍‌ନିବାର୍‌ ୱାମାଟ୍ ।”
15 १५ यह सुनकर प्रभु ने उत्तर देकर कहा, “हे कपटियों, क्या सब्त के दिन तुम में से हर एक अपने बैल या गदहे को थान से खोलकर पानी पिलाने नहीं ले जाता?
ମାତର୍‌ ମାପ୍ରୁ ହେୱାରିଂ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, “ଏ କାପ୍‌ଟିୟାର୍‌, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ୱିଜ଼ୁ ଇନାକା ଜମ୍‌ନିବାର୍‌ତ ଜାର୍‌ ଜାର୍‌ ବାଡ଼୍‌ଦୁ କି ଗଦ ହାଡ଼ାତାଂ ରିକ୍‌ଚି ତାସି ଏଜ଼ୁଂ ଉଟ୍‌ପାମାଡୁ?
16 १६ और क्या उचित न था, कि यह स्त्री जो अब्राहम की बेटी है, जिसे शैतान ने अठारह वर्ष से बाँध रखा था, सब्त के दिन इस बन्धन से छुड़ाई जाती?”
ଲାଗିଂ ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ଅଟର ବାର୍ହୁ ପାତେକ୍‌ ସୟ୍‌ତାନ୍‌ ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ଇଚିସ୍‌ ଅବ୍ରାହାମ୍‌ ଗାଡ଼୍‌ହି ଇ କଗ୍‌ଲେ ଇନାକା ଜମ୍‌ନିବାର୍‌ ଜାର୍‌ ଗାଚ୍‌ଚି ତାଙ୍ଗ୍‌ ଉଜ୍‌ ଆନାକା ଇନାକା ହିଲ୍‌ୱାତାତ୍‌?”
17 १७ जब उसने ये बातें कहीं, तो उसके सब विरोधी लज्जित हो गए, और सारी भीड़ उन महिमा के कामों से जो वह करता था, आनन्दित हुई।
ଆରେ, ଜିସୁ ଇ କାତା ଇଚିଲେ, ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ବେରିୟାର୍‌ ୱିଜ଼ାର୍‌ ଲାଜୁ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାର୍‌, ମାତର୍‌ ମାନାୟାର୍‌ ଜିସୁ ଇଞ୍ଜି ମାନି ୱିଜ଼ୁ ଜାଜ୍‌ମାଲ୍‌ ଗାଜା କାମାୟ୍‌ ସାକାତାଂ ୱାରି କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାର୍‌ ।
18 १८ फिर उसने कहा, “परमेश्वर का राज्य किसके समान है? और मैं उसकी उपमा किस से दूँ?
ହେବେତାଂ ଜିସୁ ଇଚାନ୍‌, “ଇସ୍ୱର୍ତି ରାଜି ଇନେର୍‌ ଲାକେ? ଆରି ଇନେର୍‌ ହାଙ୍ଗ୍‌ତାଂ ଆନ୍‌ ହେଦାଂ ତୁଲାୟ୍‌ କିନାଙ୍ଗ୍‌?
19 १९ वह राई के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपनी बारी में बोया: और वह बढ़कर पेड़ हो गया; और आकाश के पक्षियों ने उसकी डालियों पर बसेरा किया।”
ହେଦାଂ ଇ ଲାକେ ରଞ୍ଜାଙ୍ଗ୍‌ ହାର୍‌ହୁ ମାଞ୍ଜି ଲାକେ, ହେଦାଂ ଅଜ଼ି ରକାନ୍‌ ମାନାୟ୍‌ ଜାର୍‌ ବାଡ଼୍‌ଦ ୱିତ୍‌ତାନ୍, ଆରେ ହେଦାଂ ପାନ୍‌ଚି ମାର୍‌ ଆତାତ୍‌, ଆରି ବାଦାଡ଼୍‌ତାଂ ପଟିଂ ୱାଜ଼ି ହେ ଡାଡ଼୍‌ଦ ବାହା କିତିଂ ।”
20 २० उसने फिर कहा, “मैं परमेश्वर के राज्य कि उपमा किस से दूँ?
ଜିସୁ ଆରେ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ଇନେର୍‌ ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ରାଜିତିଂ ତୁଲାୟ୍‌ କିନାଙ୍ଗ୍‌?
21 २१ वह ख़मीर के समान है, जिसको किसी स्त्री ने लेकर तीन पसेरी आटे में मिलाया, और होते-होते सब आटा ख़मीर हो गया।”
ହେଦାଂ ହଇନିରୁଟି ଲାକେ, ର କଗ୍‌ଲେ ହେଦାଂ ତାସି ମଣାତ ମଇଦା ବିତ୍ରେ ପ୍ଡାକ୍‌ଚି ଇଟ୍‌ତାତ୍‌, ଆରେ ହାରିହାରା ୱିଜ଼ୁ ହଇନି ଲାକେ ଆତାତ୍‌ ।”
22 २२ वह नगर-नगर, और गाँव-गाँव होकर उपदेश देता हुआ यरूशलेम की ओर जा रहा था।
ଇବେତାଂ ହେୱାନ୍‌ ଗାଡ଼୍ ଗାଡ଼୍‌ଦ ଆରି ନାସ୍‌କୁ ନାସ୍‌କୁ ବୁଲାଆଜ଼ି ହିକ୍ୟା ହିଉ ହିଉ ଜିରୁସାଲମ୍‌ ନିପ ହାଲ୍‌ଜି ମାଚାନ୍‌ ।
23 २३ और किसी ने उससे पूछा, “हे प्रभु, क्या उद्धार पानेवाले थोड़े हैं?” उसने उनसे कहा,
ଆରେ, ରକାନ୍‌ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ମାପ୍ରୁଙ୍ଗ୍‌, ମୁକ୍ତି ଆନାକା ପାୟା ଆନି ମାନାୟାର୍‌ ହିସାବ୍ ଇନାକା ଅଲପ୍‍? ହେବେତାଂ ହେୱାନ୍‌ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌,”
24 २४ “सकेत द्वार से प्रवेश करने का यत्न करो, क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ, कि बहुत से प्रवेश करना चाहेंगे, और न कर सकेंगे।
ହିରୁ ଦୁୱେର୍‌ତିଂ ହଣ୍ଡେଙ୍ଗ୍‌ କସ୍ଟକିୟାଟ୍‌, ଇନେକିଦେଂକି ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, “ବେସି ହେନି ହଣ୍‌ଗିନି କାଜିଂ ସେସ୍ଟା କିନାର୍‌, ମାତର୍‌ ଆଡୁର୍‌ ।
25 २५ जब घर का स्वामी उठकर द्वार बन्द कर चुका हो, और तुम बाहर खड़े हुए द्वार खटखटाकर कहने लगो, ‘हे प्रभु, हमारे लिये खोल दे,’ और वह उत्तर दे कि मैं तुम्हें नहीं जानता, तुम कहाँ के हो?
ଇଲ୍‌ ମୁଣିକା ନିଞ୍ଜି କାପାଟ୍‌ ବନ୍ଦ୍‌ କିତି ପାଚେ ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ବାର୍ତ ନିଲ୍‌ଚି ମାନାଦେର୍‌ ଆରି ଏ ମାପ୍ରୁ, ମା କାଜିଂ ଦୁୱେର୍‌ ଜେତା, ଇଦାଂ ଇଞ୍ଜି କାପାଟ୍‌ତ ଇଡ଼ିଦେଂ ଲାଗାନାଦେର୍, ହେ ପାଦ୍‌ନା ହେୱାନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଉତର୍‌ ହିଦ୍‌ନାନ୍‌, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇମ୍‌ଣି ବାହାନି ମାନାୟ୍‌ ହେଦାଂ ଆନ୍‌ ପୁନୁଙ୍ଗ୍‌ ।”
26 २६ तब तुम कहने लगोगे, ‘कि हमने तेरे सामने खाया-पीया और तूने हमारे बजारों में उपदेश दिया।’
ହେ ସମୁତ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାନାଦେର୍, “ଆପେଂ ନି ମୁମ୍‌ଦ ଉଟାପ୍ ଚିଚାପ୍‌, ଆରି ଏନ୍‌ ମାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାକ୍ଡିତ ହିକ୍ୟା ହିତାୟ୍ ।”
27 २७ परन्तु वह कहेगा, मैं तुम से कहता हूँ, ‘मैं नहीं जानता तुम कहाँ से हो। हे कुकर्म करनेवालों, तुम सब मुझसे दूर हो।’
ଆରେ, ହେୱାନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାନ୍‌, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇମ୍‌ଣି ବାହାନି ମାନାୟ୍‌, ହେଦାଂ “ଆନ୍‌ ପୁନୁଙ୍ଗ୍‌; ଏ ଅଦାର୍ମି ୱିଜ଼ାକାଦେର୍ ନା କଚଣ୍‌ତାଂ ଦେହାଆଡୁ ।
28 २८ वहाँ रोना और दाँत पीसना होगा, जब तुम अब्राहम और इसहाक और याकूब और सब भविष्यद्वक्ताओं को परमेश्वर के राज्य में बैठे, और अपने आपको बाहर निकाले हुए देखोगे।
ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଅବ୍ରାହାମ୍‌, ଇସ୍‌ହାକ୍‌, ଜାକୁବ୍‌, ଆରି ୱିଜ଼ାର୍‌ ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌କିନାକାରିଂ ଇସ୍ୱର୍‌ ରାଜିତ ମାନି ଆରି ଜାର୍‌ ଜାର୍‌ତିଂ ବାର୍‌ତ ତୁସିହିତାକା ହୁଡ଼୍‌ନାଦେର୍, ହେପାଦ୍‌ନା ହେବେ ଆଡ଼୍‌ବିସ୍‌ ଆରି ଟାଡାଙ୍ଗ୍‌ କାଟ୍‍ନାଦେର୍‌ ।
29 २९ और पूर्व और पश्चिम; उत्तर और दक्षिण से लोग आकर परमेश्वर के राज्य के भोज में भागी होंगे।
ଆରେ, ୱେଡ଼ାହତ୍‌ନି ଆରି ୱେଡାହାନି ନିପ, ତିନିପାଡ଼୍‌କା ଆରି ଡେବାପାଡ଼୍‍କାନି ଲକୁ ୱାଜ଼ି ଇସ୍ୱର୍‌ ରାଜିତିଂ ତିଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ କୁଚ୍‌ନାର୍‌ ।
30 ३० यह जान लो, कितने पिछले हैं वे प्रथम होंगे, और कितने जो प्रथम हैं, वे पिछले होंगे।”
ଆରେ ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ଇମ୍‌ଣାକାର୍‌ ନଙ୍ଗୟ୍‌ ପାଚେ ମାନି କେତେକ୍‌ ପର୍ତୁମ୍‌ ଆନାର୍‌ ଆରି ପର୍ତୁମ୍‌ ମାନି କେତେକ୍‌ ପାଚେ ଆର୍ନାର୍‌ ।”
31 ३१ उसी घड़ी कितने फरीसियों ने आकर उससे कहा, “यहाँ से निकलकर चला जा; क्योंकि हेरोदेस तुझे मार डालना चाहता है।”
ହେ ପାଦ୍‌ନା କେତେକ୍‌ ପାରୁସିର୍‌ ଜିସୁ ଲାଗେ ୱାଜ଼ି ଇଚାର୍‌, “ଇ ବାହା ପିସ୍ତି ହସି ହାଲାଟ୍‌, ଇନାକିଦେଂକି ହେରଦ୍‌ ନିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଅସ୍ତେଦେଂ ମାନ୍‌ କିନାନା ।”
32 ३२ उसने उनसे कहा, “जाकर उस लोमड़ी से कह दो, कि देख मैं आज और कल दुष्टात्माओं को निकालता और बीमारों को चंगा करता हूँ और तीसरे दिन अपना कार्य पूरा करूँगा।
ହେବେତାଂ ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ହାଲ୍‌ଜି ହେ କଲ୍ୟାତିଂ ୱେଚାଟ୍‌, ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ଆନ୍‌ ନେଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଆରି ୱିଗା ପୁଦା ପିହିକିନାଙ୍ଗା ଆରି ଉଜ୍‌ କିନାଙ୍ଗା, ଆରେ ତିନି ଦିନ୍‌ତାଂ ଆନ୍‌ ପଡ଼୍‌କ୍‌ ଇନାଙ୍ଗ୍‌ ।
33 ३३ तो भी मुझे आज और कल और परसों चलना अवश्य है, क्योंकि हो नहीं सकता कि कोई भविष्यद्वक्ता यरूशलेम के बाहर मारा जाए।
ଇନାକା ଆୟେତ୍‌, ନେଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌, ୱିଗା ଆରି ମାହିଙ୍ଗ୍ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଆନାତ୍‌, ଇନାକିଦେଂକି ଜିରୁସାଲମ୍‌ନି ବାର୍ତ ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌କିନାକାର୍ ନାସ୍‌ ଆନାକା ହାର୍‌ ଆକାୟ୍‌ ।”
34 ३४ “हे यरूशलेम! हे यरूशलेम! तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालता है, और जो तेरे पास भेजे गए उन्हें पथराव करता है; कितनी ही बार मैंने यह चाहा, कि जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे इकट्ठे करती है, वैसे ही मैं भी तेरे बालकों को इकट्ठे करूँ, पर तुम ने यह न चाहा।
“ଏ ଜିରୁସାଲମ୍‌, ଏ ଜିରୁସାଲମ୍‌, ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌ କିନାକାର୍‌ତି ଟୁଣାକାୟ୍ ଆରି ଜାର୍‌ ତାକେ ପକ୍ୟାତାକାରିଂ କାଲ୍ଅହିୟାନି । କୁଜ଼ୁ ଇନେସ୍‌ ମାରା ତାରେନ୍‌ ଜାର୍‌ ହିମ୍‌ଣାକାଂ ରବେ କିନାତ୍‌, ହେ ଲାକେ ଆନ୍‌ ଏଚେହଟ୍ ନି ହିମ୍‌ଣାକାଂ ରବେ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ମାନ୍‌ କିତାଙ୍ଗ୍‌, ମାତର୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ମାନ୍‌ କିୱାତାଦେର୍‌ ।
35 ३५ देखो, तुम्हारा घर तुम्हारे लिये उजाड़ छोड़ा जाता है, और मैं तुम से कहता हूँ; जब तक तुम न कहोगे, ‘धन्य है वह, जो प्रभु के नाम से आता है,’ तब तक तुम मुझे फिर कभी न देखोगे।”
ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ମି ଇଲ୍‌ ମି କେଇଦ ପିସ୍ତାତାର୍ଣ୍ଣା; ଆରେ ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ମାପ୍ରୁ ତର୍‌ଦ ଇନେନ୍‌ ୱାନାନା, ହେୱାନ୍‌ ଦନ୍ୟ, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇମ୍‌ଣି ନାଜିଂ ଇ କାତା ଇନାଦେର୍‌, ହେ ଦିନ୍‍ୱାୱି ପାତେକ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ହାତେନେ ଆରେ ହୁଡ଼୍‍ଦୁଦେର୍‍ ।”

< लूका 13 >