< लूका 12 >

1 इतने में जब हजारों की भीड़ लग गई, यहाँ तक कि एक दूसरे पर गिरे पड़ते थे, तो वह सबसे पहले अपने चेलों से कहने लगा, “फरीसियों के कपटरूपी ख़मीर से सावधान रहना।
ଇବେତାଂ ହେନି ମାନାୟ୍‌ ରୁଣ୍ଡା ଆଜ଼ି ହାରି ଜପି କ୍ଡୁସ୍‌ପ୍ପା ଆତାର୍‌; ହେ ପାଦ୍‌ନା ହେୱାନ୍‌ ପର୍ତୁମ୍‌ ଜାର୍‌ ଚେଲାରିଂ ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌, “ପାରୁସିର୍‌ତି ହଇନି ଲାଗ୍‌ଦି କୁଟ୍‌ ବିସ୍ରେ ଜାଗ୍ରତ୍‌ ଆଜ଼ି ମାନାଟ୍‌ ।
2 कुछ ढँपा नहीं, जो खोला न जाएगा; और न कुछ छिपा है, जो जाना न जाएगा।
ଇନାକା ଡ଼ୁକ୍‌ତାତ୍‌ନ୍ନା ହେଦାଂ ଚନ୍‌ଞ୍ଜାନାତ୍‌ ଆରି ୱିଜ଼ୁ ଡ଼ୁକ୍‌ତାକା ବିସ୍ରେ ହପ୍‌ୟାନାତ୍‌ ।
3 इसलिए जो कुछ तुम ने अंधेरे में कहा है, वह उजाले में सुना जाएगा; और जो तुम ने भीतर के कमरों में कानों कान कहा है, वह छतों पर प्रचार किया जाएगा।
ଇଚିସ୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇନା ଇନାକା ମାଜ୍‌ଗାତାଂ ଇନାଦେରା, ହେଦାଂ ୱିଜ଼ୁ ଅଜଡ଼୍‌ ତାକେ ୱେନ୍‍ୟାଆନାତ୍‍, ଆରି ଇନାକା ଡ଼ୁକ୍‌ତି ବିତ୍ରେ କାଲେତାଂ ଇଚାଦେର୍ଣ୍ଣା, ହେଦାଂ ବାକ୍ରାତ ଜେଗନ୍‌ ଜପି ସୁଣାୟ୍‌ କିୟା ଆନାତ୍‌ ।”
4 “परन्तु मैं तुम से जो मेरे मित्र हो कहता हूँ, कि जो शरीर को मार सकते हैं और उससे ज्यादा और कुछ नहीं कर सकते, उनसे मत डरो।
“ମାତର୍‌ ନା ସାଙ୍ଗ ଜେ ଏପେଙ୍ଗ୍‌, ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଆନ୍‌ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ଇମ୍‍ଣାକାର୍‌କି ଗାଗାଡ଼୍‌ତିଂ ଅହ୍‌ନାର୍‌, ମତର୍‌ ତା ପାଚେ ଆରେ ବେସି ନସ୍ଟ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡୁର୍‌, ହେୱାରିଂ ପାଣ୍ଡ୍ରୁ ଆମାଟ୍‌ ।
5 मैं तुम्हें चेतावनी देता हूँ कि तुम्हें किस से डरना चाहिए, मारने के बाद जिसको नरक में डालने का अधिकार है, उसी से डरो; वरन् मैं तुम से कहता हूँ उसी से डरो। (Geenna g1067)
ମାତର୍‌ ଇନେରିଂ ପାଣ୍ଡ୍ରା ଆନାଦେର୍‌, ହେଦାଂ ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ୱେଚ୍‌ଚାନାଂ; ଅସ୍ତି ପାଚେ ନରକ୍‌ତ ତୁସିହିନି କାସି ଇନେର୍‌ତି ଆଦିକାର୍‌ ମାନାତ୍‌, ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ପାଣ୍ଡ୍ରା ଆଡୁ; ଆଁ ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ପାଣ୍ଡ୍ରା ଆଡୁ ।” (Geenna g1067)
6 क्या दो पैसे की पाँच गौरैयाँ नहीं बिकती? फिर भी परमेश्वर उनमें से एक को भी नहीं भूलता।
“ପାଞ୍ଚ୍‌ଗଟା କଡିହାଡ଼ା ପଟିଂ ଇନାକା ଦୁଇ ଟାକା ଡାବୁକାଂ ପ୍ରୟାଆଉତ୍‌? ଆରି, ହେୱାଙ୍ଗ୍‌ ବିତ୍ରେତାଂ ରଞ୍ଜାଙ୍ଗ୍‌ ପା ଇସ୍ୱର୍‌ ବାଣାଆଉନ୍‌ ।
7 वरन् तुम्हारे सिर के सब बाल भी गिने हुए हैं, अतः डरो नहीं, तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो।
ମାତର୍‌ ମି କାପ୍‌ଡ଼ାନି ୱିଜ଼ୁ ତେମୁଲ୍‌ ଗାଣା କିତ୍‌ତାନ୍‌ନା ପାଣ୍ଡ୍ରା ଆମାଟ୍‌; ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ବେସି କଡିହାଡ଼ା ପଟିଂତାଂ ଆଦିକ୍‌ ଗାଜା ।”
8 “मैं तुम से कहता हूँ जो कोई मनुष्यों के सामने मुझे मान लेगा उसे मनुष्य का पुत्र भी परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने मान लेगा।
“ଆରେ, ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ଇମ୍‌ଣି ମାନାୟାରିଂ ମୁମ୍‌ଦ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଏତୁ କିଦ୍‌ନାଦେର୍‌, ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ି ପା ଇସ୍ୱର୍‌ ଦୁତ୍‌ର୍‌ ମୁମ୍‌ଦ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଏତୁ କିତାର୍‌;
9 परन्तु जो मनुष्यों के सामने मुझे इन्कार करे उसका परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने इन्कार किया जाएगा।
ମାତର୍‌ ଜେ ଲକୁ ମୁମ୍‌ଦ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଏତୁ କିଦୁଦେର୍‍, ହେୱାନ୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ତି ଦୁତ୍‌ର୍‌ ମୁମ୍‌ଦ ମାନି କିୟା ଆଉଦେର୍‌ ।”
10 १० “जो कोई मनुष्य के पुत्र के विरोध में कोई बात कहे, उसका वह अपराध क्षमा किया जाएगा। परन्तु जो पवित्र आत्मा की निन्दा करें, उसका अपराध क्षमा नहीं किया जाएगा।
“ଆରେ, ଇନେର୍‌ ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ି ବିରତ୍‌ତାଂ କାତା ଇନାଦେର୍‌, ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ କେମା ହିୟାନାତ୍‌; ମତର୍‌ ଜେ ପୁଇପୁୟା ଜିବୁନ୍‌ ବିରୁତ୍‌ତାଂ ନିନ୍ଦା କାତା ଇନାର୍‌, ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ କେମା ହିୟା ଆଉତ୍‌ ।”
11 ११ “जब लोग तुम्हें आराधनालयों और अधिपतियों और अधिकारियों के सामने ले जाएँ, तो चिन्ता न करना कि हम किस रीति से या क्या उत्तर दें, या क्या कहें।
“ଆରେ, ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ହେୱାର୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ କୁଟୁମ୍‌ ଇଞ୍ଜ, ସାସନ୍‌ କିନାକାର୍‌ ଆରି ଆଦିକାର୍‌ ପାୟା ଆତି ମାନାୟାରିଂ ଲାଗେ ତାହିୱାନାର୍‌ ହେ ପାଦ୍‌ନା, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଜାର୍‌ ପାକ୍ୟାତ ଇନେସ୍‌ କିଜ଼ି ଇନା କାତା ଉତର୍‌ ହିନାନ୍‌ ଇଞ୍ଜି ଇନାକା ଇନାଦେର୍‌, ହେୱାନ୍‌ ବିସ୍ରେ ଚିନ୍ତା କିମାଟ୍‌;
12 १२ क्योंकि पवित्र आत्मा उसी घड़ी तुम्हें सीखा देगा, कि क्या कहना चाहिए।”
ଇନାକିଦେଂକି ଇନାକା ଇନ୍ୟା ଆନାତ୍‌, ହେଦାଂ ପୁଇପୁୟା ଜିବୁନ୍‌ ହେପାଦ୍‌ନା ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହିକାଇକିଦ୍‌ନାନ୍‌ ।”
13 १३ फिर भीड़ में से एक ने उससे कहा, “हे गुरु, मेरे भाई से कह, कि पिता की सम्पत्ति मुझे बाँट दे।”
ମାନାୟାର୍‌ ବିତ୍ରେତାଂ ରୱାନ୍‌ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ଏ ଗୁରୁ, ନା ଟଣ୍ଡେନିଂ ନା ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ଆବାତି ଦାନ୍‌ ବାଗ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜି ବଲ୍‌ ଇନା ।”
14 १४ उसने उससे कहा, “हे मनुष्य, किसने मुझे तुम्हारा न्यायी या बाँटनेवाला नियुक्त किया है?”
ମାତର୍‌ ହେୱାନ୍‌ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ଏ ଟଣ୍ଡେନ୍‌, ଇନେନ୍‌ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ମି ଜପି ବିଚାର୍‌କିନାକାନ୍‌ ଆରି ବାଟା କିନାକାନ୍‌ ମାଦି କିଜ଼ି ବାଚିକିତାନ୍‌?”
15 १५ और उसने उनसे कहा, “सावधान रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आपको बचाए रखो; क्योंकि किसी का जीवन उसकी सम्पत्ति की बहुतायत से नहीं होता।”
ଆରେ, ହେୱାନ୍‌ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଜାଗ୍ରତ୍‌, ୱିଜ଼ୁ ବାନି କଟିତାଂ ଜାର୍‌ ଜାର୍‌ତିଂ ଦେହା ଇଟାଟ୍‌, ଇନାକିଦେଂକି ରୱାନ୍‌ ମାନାୟ୍‌ତିଂ ଜିବୁନ୍‌ ତା ଦାନ୍‌ ଆଦିକ୍‌ ଜପି ମାନ୍‍କିଉନ୍ ।”
16 १६ उसने उनसे एक दृष्टान्त कहा, “किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई।
ଆରେ, ଜିସୁ ହେୱେରିଂ ଇ ଉତର୍‌ମୁଡ଼୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ରକାନ୍‌ ମାଜାନ୍‌ ମାନାୟ୍‌ତି ଜମିତାକେ ଆଦିକ୍‌ ପାଚି ଆତାତ୍‌ ।
17 १७ तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्या करूँ, क्योंकि मेरे यहाँ जगह नहीं, जहाँ अपनी उपज इत्यादि रखूँ।
ହେବେ ହେୱାନ୍‌ ମାନ୍ତ ମାନ୍ତ ଏତ୍‌ କିଜ଼ି ଇଚାନ୍‌, ଇନାକା କିନାଙ୍ଗ୍‌? ଇନାକିଦେଂକି ନା ପାଚି ମଦାୟ୍‌ କିଜ଼ି ଇଟ୍‌ଦେଂ ଇଞ୍ଜି ବାହା ହିଲୁତ୍‍ ।
18 १८ और उसने कहा, ‘मैं यह करूँगा: मैं अपनी बखारियाँ तोड़कर उनसे बड़ी बनाऊँगा; और वहाँ अपना सब अन्न और सम्पत्ति रखूँगा;
ଆରି, ହେୱାନ୍‌ ଇଚାନ୍‌, ଇଦାଂ କିନାଙ୍ଗ୍‌; ନା ଟୁଣ୍ଡିଙ୍ଗ୍‌ ଡ୍ରିକ୍‌ଚି ଗାଜାଙ୍ଗ୍‌ ଗାଜାଙ୍ଗ୍‌ କିଜ଼ି ରଚ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ ଆରି ହେ ୱିଜ଼ୁ ତାକେ ନା ତାସ୍‌ ଆରି ଜିନ୍‍ସୁପାତି ୱିଜ଼ୁ ମଦାୟ୍‌ କିଜ଼ି ଇଟ୍‍ନାଙ୍ଗ୍‌,
19 १९ और अपने प्राण से कहूँगा, कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत सम्पत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह।’
ଆରି, ଆନ୍‌ ନା ୱାସ୍କିତିଂ ଇନାଙ୍ଗ୍‌ ଏ, ଜିବୁନ୍‌, ଆଦିକ୍‌ ବାର୍ହୁ କାଜିଂ ନିନ୍ଦାଂ ଆଦିକ୍‌ ଜିନ୍‍ସୁ ରୁଣ୍ଡା ଆତାତ୍‌ନ୍ନା, ଜମା, ତିନ୍‌ଞ୍ଜି ଉଣ୍‌ଜି, ୱାରି କିୟା;
20 २० परन्तु परमेश्वर ने उससे कहा, ‘हे मूर्ख! इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा; तब जो कुछ तूने इकट्ठा किया है, वह किसका होगा?’
ମତର୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ହେୱାନିଂ ଇଚାନ୍‌, ଆଡ଼େ ନିର୍‌ବୁଦ୍‍ୟା, ନେଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ନାଣା ନି ୱାସ୍କି ନିବେ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଅୟାନାତ୍‌; ହେବେତାଂ ଏନେଙ୍ଗ୍‌ ଇନା ଇନାକା ଜାର୍‌ କାଜିଂ ଜତନ୍‌ କିତାୟ୍‌ନା, ହେଦାଂ ୱିଜ଼ୁ ଇନେର୍‌ତି ଆନାତ୍‌?”
21 २१ ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्तु परमेश्वर की दृष्टि में धनी नहीं।”
ଇନେନ୍‌ ଜାର୍‌ କାଜିଂ ଦାନ୍‌ ରୁଣ୍ଡାୟ୍‍ କିନାନ୍‌, “ମାତର୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ଆଗେ ହାଉକାର୍‌ ଆକାୟ୍‌, ହେଦାଂ କାଜିଂ ଇ ଲାକେ ଗିଟା ଆନାତ୍‌ ।”
22 २२ फिर उसने अपने चेलों से कहा, “इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, अपने जीवन की चिन्ता न करो, कि हम क्या खाएँगे; न अपने शरीर की, कि क्या पहनेंगे।
ଜିସୁ ଜାର୍‌ ଚେଲାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଇଦାଂ କାଜିଂ ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ଇନାକା ତିନାଦେର୍‌, ଇ ଲାକେ ମି ଜିବୁନ୍‌ କାଜିଂ ଆତିସ୍‌ ଇନାକା ଉସ୍‍ପାନାଦେର୍‍, ଇ ଲାକେ ମି ଗାଗାଡ଼୍‌ କାଜିଂ ପା ଚିନ୍ତା କିମାଟ୍‌ ।
23 २३ क्योंकि भोजन से प्राण, और वस्त्र से शरीर बढ़कर है।
ଇନାକିଦେଂକି କାଦିତାଂ ଜିବୁନ୍‌ ଆରି ହେନ୍ଦ୍ରାତାଂ ଗାଗାଡ଼୍‌ ଗାଜା ।
24 २४ कौवों पर ध्यान दो; वे न बोते हैं, न काटते; न उनके भण्डार और न खत्ता होता है; फिर भी परमेश्वर उन्हें खिलाता है। तुम्हारा मूल्य पक्षियों से कहीं अधिक है
ପଟିଂ ବିସ୍ରେ ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ହେୱେକ୍‌ ୱିତୁକ୍‌ କି ତ୍ରେସୁକ୍‌ପା, ଆରି ହେୱେକ୍‍ତି ଇଲ୍‌ କି ଟୁଣ୍ଡି ହିଲୁତ୍‍, ଆରେ ଇସ୍ୱର୍‌ ହେୱାକାଂ କାଦି ହିନାନ୍‌; ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ପଟିଂତାଂ ଆଦିକ୍‌ ଗାଜା ।
25 २५ तुम में से ऐसा कौन है, जो चिन्ता करने से अपने जीवनकाल में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है?
ଆରେ, ମି ବିତ୍ରେପା ଇନେର୍‌ ଚିନ୍ତା କିଜ଼ି କିଜ଼ି ଜାର୍‌ ଆଁଇସ୍‌ ଲାମା କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡ୍‌ନାନ୍‌?
26 २६ इसलिए यदि तुम सबसे छोटा काम भी नहीं कर सकते, तो और बातों के लिये क्यों चिन्ता करते हो?
ଆତିସ୍‌, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଜଦି ୱିଜ଼ୁତାଙ୍ଗ୍ ହିରୁ କାମାୟ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ପା ଆଡୁୟ୍‌, ଲାଗିଂ ବିନେ ୱିଜ଼ୁ ବିସ୍ରେ ହେଦାଂ ଇନେକିଦେଂ ଚିନ୍ତା କିନାଦେରା?
27 २७ सोसनों पर ध्यान करो, कि वे कैसे बढ़ते हैं; वे न परिश्रम करते, न काटते हैं; फिर भी मैं तुम से कहता हूँ, कि सुलैमान भी अपने सारे वैभव में, उनमें से किसी एक के समान वस्त्र पहने हुए न था।
ପୁଇକୁ ବିସ୍ରେ ବାବି କିଜ଼ି ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ହେୱାଙ୍ଗ୍‌ ଇନେସ୍‌ ନୁଲ୍‌ ନାଟୁକ୍‍ କି ଡ଼ଚୁକ୍‌; ଆତିସ୍‌ପା ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌, ସଲମନ୍‌ ପା ଜାର୍‌ ୱିଜ଼ୁ ହଲ୍‌ନାକାତ ଇୱାଙ୍ଗ୍‌ ବିତ୍ରେ ରଞ୍ଜାଙ୍ଗ୍‍ ଲାକେ ଉସ୍‌ପାୱାଦାଂ ମାଚାନ୍‌ ।
28 २८ इसलिए यदि परमेश्वर मैदान की घास को जो आज है, और कल भट्ठी में झोंकी जाएगी, ऐसा पहनाता है; तो हे अल्पविश्वासियों, वह तुम्हें अधिक क्यों न पहनाएगा?
ମାତର୍‌ ଇମ୍‌ଣି କାଚ୍ରା ନେଜେଙ୍ଗ୍‌ ବାଡ଼୍‌ଦ ମାନାତ୍‌, ଆରି ୱିଗାଲିଙ୍ଗ୍‌ ହଲ୍‌ଦ ଦେହିୟା ଆନାତ୍‌, ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇନାୱାଡ଼ାଂ ଇସ୍ୱର୍‌ ଇ ଲାକେ ବେସ୍‌ ହିଦ୍‍ନାନ, ଲାଗିଂ, ହେ ଅଲପ୍‍ ପାର୍ତି କିନାଦେର୍‌, ହେୱାନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଏଚେକ୍‌ ଆଦିକ୍‌ ଲାକେ ହିଦୁନ୍‍ ।”
29 २९ और तुम इस बात की खोज में न रहो, कि क्या खाएँगे और क्या पीएँगे, और न सन्देह करो।
ଆରେ, ଇନାକା ତିନାକା ଆରି ଇନାକା ଉଣାକା, ହେଦାଂ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଡେକ୍‌ଚି ବୁଲାଆମାଟ୍‌ କି ମାନ୍‌ ଦୁକ୍‌ କିମାଟ୍‍,
30 ३० क्योंकि संसार की जातियाँ इन सब वस्तुओं की खोज में रहती हैं और तुम्हारा पिता जानता है, कि तुम्हें इन वस्तुओं की आवश्यकता है।
ଇନାକିଦେଂକି ପୁର୍ତିନି ପାର୍ତିକିୱି ଜିହୁଦିର୍‌ ଇ ୱିଜ଼ୁ ବିସ୍ରେ ଡେକ୍‌ଚି ବୁଲା ଆନାର୍‌; ମାତର୍‌ ଇ ୱିଜ଼ୁ ବିସ୍ରେ ଜେ ମିଦାଙ୍ଗ୍‌ ଲଡ଼ା, ହେଦାଂ ମି ସାର୍ଗେନି ଆବା ପୁଞ୍ଜ୍‌ନାନ୍‍ ।
31 ३१ परन्तु उसके राज्य की खोज में रहो, तो ये वस्तुएँ भी तुम्हें मिल जाएँगी।
ଆତିସ୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ରାଜି ଡେକାଟ୍‌, ଆରି ଇ ୱିଜ଼ୁ ବିସ୍ରେ ପା ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହିଦ୍‌ନାନ୍‌ ।
32 ३२ “हे छोटे झुण्ड, मत डर; क्योंकि तुम्हारे पिता को यह भाया है, कि तुम्हें राज्य दे।
“ଏ ହିରୁ ମାନ୍ଦା, ପାଣ୍ଡ୍ରା ଆମାଟ୍‌, ଇନେକିଦେଂ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ତା ରାଜି ହିଦ୍‌ନି କାଜିଂ ମି ଆବାତି ବେସି ୱାରି ଆନାତା ।
33 ३३ अपनी सम्पत्ति बेचकरदान कर दो; और अपने लिये ऐसे बटुए बनाओ, जो पुराने नहीं होते, अर्थात् स्वर्ग पर ऐसा धन इकट्ठा करो जो घटता नहीं, जिसके निकट चोर नहीं जाता, और कीड़ा नाश नहीं करता।
ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ମାନାତ୍‌, ହେଦାଂ ପ୍ରସି ହିଲ୍‌ୱାକାରିଂ ଦାନ୍‌ ହିୟାଟ୍‌; ଇନାକା ନସ୍ଟ ଆଉତ୍‌ ଇ ଲାକେ ମଣା ଜାର୍‌ ଜାର୍‌ କାଜିଂ ଜାଲ୍‌ଦି କିୟାଟ୍‌, ଇମେତାକେ ଚର୍‌ ଲାଗେ ୱାଉନ୍‌ କି ପ୍ଡିକୁ ନସ୍ଟ କିଉକ୍‌, ଇ ଲାକେ ସାର୍ଗେନି ନସ୍ଟ ଆୱି ଦାନ୍‌ ଆର୍ଜା ଆଡ ।
34 ३४ क्योंकि जहाँ तुम्हारा धन है, वहाँ तुम्हारा मन भी लगा रहेगा।
ଇନାକିଦେଂକି ଇମେତାକେ ମିଦାଙ୍ଗ୍‌ ଦାନ୍‌, ହେବେ ପା ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ମାନ୍‌ ।”
35 ३५ “तुम्हारी कमर बंधी रहें, और तुम्हारे दीये जलते रहें।
“ମି ମେଙ୍ଗାଙ୍ଗ୍‍ ଗାଚ୍ୟା ଆଜ଼ି ମାନେତ୍‍ ଆରି ଅଜଡ଼୍‌ ଆଜ଼ି ମାନେତ୍‍;
36 ३६ और तुम उन मनुष्यों के समान बनो, जो अपने स्वामी की प्रतीक्षा कर रहे हों, कि वह विवाह से कब लौटेगा; कि जब वह आकर द्वार खटखटाएँ तो तुरन्त उसके लिए खोल दें।
ଆରି, ମାପ୍ରୁ ବିବା ୱେଡ଼ାଙ୍ଗ୍‌ ଲେଉଟା ଆଜ଼ି ଦୁୱେର୍‌ତିଂ ଇଡ଼ିତିପାଚେ ଇମ୍‌ଣି ମାନାୟାର୍‌ ହେଦାଂ କାଜିଂ ସାଙ୍ଗେ ସାଙ୍ଗେ ଦୁୱେର୍‌ ଜେତ୍‍ତେଂ କାଜିଂ ମାନାର୍‌, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ପା ହେୱାର୍‌ ଲାକେ ଆଜ଼ି ମାନାଟ୍‌ ।”
37 ३७ धन्य हैं वे दास, जिन्हें स्वामी आकर जागते पाए; मैं तुम से सच कहता हूँ, कि वह कमर बाँधकर उन्हें भोजन करने को बैठाएगा, और पास आकर उनकी सेवा करेगा।
ମାପ୍ରୁ ୱାଜ଼ି ଇମ୍‌ଣି ଆଡ଼ିୟାରିଂ ଜାଗ୍ରତ୍‌ ହୁଡ଼୍‍ନାନ୍‌, ହେୱାର୍‌ ଦନ୍ୟ, “ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ହେୱାନ୍‌ ନିଜେ ମେଙ୍ଗାଙ୍ଗ୍‍ ଗାଚ୍‌ଚି ହେୱାରିଂ ତିନି ବାହାତ କୁଚି କିଜ଼ି ଲାଗେ ହାଲ୍‌ଜି ହେବା କିତାର୍‌ ।
38 ३८ यदि वह रात के दूसरे पहर या तीसरे पहर में आकर उन्हें जागते पाए, तो वे दास धन्य हैं।
ଆରି, ହେୱାନ୍‌ ମାଦିମାଦାନାଣା ଅଜଡ଼୍‌ ଆନିହିଙ୍ଗ୍‌ ପା ୱାଜ଼ି ହେୱେରିଂ ହେ ଲାକେ ହୁଡ଼୍‌ନାନ୍‌, ତା ଆତିସ୍‌ ହେ ହଲ୍ୟାର୍‌ ଦନ୍ୟ ।
39 ३९ परन्तु तुम यह जान रखो, कि यदि घर का स्वामी जानता, कि चोर किस घड़ी आएगा, तो जागता रहता, और अपने घर में सेंध लगने न देता।
ମାତର୍‌ ଇଦାଂ ପୁଞ୍ଜି ମାନାଟ୍‌, ଇମ୍‌ଣି ସମୁତ ଚରେନ୍‌ ୱାନାନ୍‌ ଇଲ୍‌ ମୁଣିକା ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ପୁନାନ୍‌, ତାଆତିସ୍‌ ହେୱାନ୍‌ ଜାର୍‌ ଇଞ୍ଜ ଚର୍‌ କିଦେଂ ହିଉନ୍‍ ।
40 ४० तुम भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम सोचते भी नहीं, उस घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा।”
ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ପା ଜାଗ୍ରତ୍‌ ଆଜ଼ି ମାନାଟ୍‌, ଇନାକିଦେଂକି ଇମ୍‌ଣି ସମୁତ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ବାବି କିଜ଼ି ମାନ୍‍ଗୁଦେର୍‌, ହେ ସମୁତ ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ି ୱାନାନ୍‌ ।”
41 ४१ तब पतरस ने कहा, “हे प्रभु, क्या यह दृष्टान्त तू हम ही से या सबसे कहता है।”
ହେବେତାଂ ପିତର୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ଏ ମାପ୍ରୁ, ଏନ୍‌ କେବଲ୍‌ ମାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ କି ୱିଜ଼ାରିଂ ଇ ଉତର୍‌ମୁଡ଼୍‌ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାନା?”
42 ४२ प्रभु ने कहा, “वह विश्वासयोग्य और बुद्धिमान भण्डारी कौन है, जिसका स्वामी उसे नौकर-चाकरों पर सरदार ठहराए कि उन्हें समय पर भोजन सामग्री दे।
ମାପ୍ରୁ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, “ଲାଗିଂ ଜାର୍‌ ଲକ୍‌ବାକ୍‍ତିଂ ସମାନ୍‌ ହିଦେଂ ଇଞ୍ଜି ମୁଣିକା ଇଲ୍‌ ଚାଲାୟ୍‌କିନା କାନିଂ ଦାଇତ୍‌ ହିଜ଼ି ମାଚାନ୍‌ ହେୱାନ୍‌ ସମାନ୍‌ ସମୁତ ବିନ୍‌ ହଲିୟାରିଙ୍ଗ୍‌ ପା ଚିଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ହିଜ଼ି ମାନ୍‌ୱାତାନ୍‌?
43 ४३ धन्य है वह दास, जिसे उसका स्वामी आकर ऐसा ही करते पाए।
ମାପ୍ରୁ ୱାଜ଼ି ଜାର୍‌ତି ଇମ୍‌ଣି ଆଡ଼ିୟାଙ୍ଗ୍‌ ହେ ଲାକେ କିନାକା ହୁଡ଼୍‌ନାନ୍‌, ହେୱାନ୍‌ ଦନ୍ୟ ।
44 ४४ मैं तुम से सच कहता हूँ; वह उसे अपनी सब सम्पत्ति पर अधिकारी ठहराएगा।
ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ହେୱାନ୍‌ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଜାର୍‌ତି ୱିଜ଼ୁ ଦାନ୍‌ତିଙ୍ଗ୍ ଜପି ବାଚି କିଦ୍‌ନାନ୍‌ ।
45 ४५ परन्तु यदि वह दास सोचने लगे, कि मेरा स्वामी आने में देर कर रहा है, और दासों और दासियों को मारने-पीटने और खाने-पीने और पियक्कड़ होने लगे।
ମାତର୍‌ ଜଦି ହେ ଆଡ଼ିଏନ୍‌ ନା ମାପ୍ରୁ ୱାନାକା ବିଲମ୍‌ ମାନାତ୍‌ ଇଞ୍ଜି ମାନ୍ତ ମାନ୍ତ ଇଞ୍ଜି ହଲିୟା ଆଡ଼ିଏନ୍‌ଣିକାଂ ଅସ୍ତେଙ୍ଗ୍‌ ଆରି ତିନ୍ଞ୍ଜିଉଣ୍‌ଜି ଏକ୍‌ ଆଦେଂ ଆରାମ୍‌ କିତାର୍‌,
46 ४६ तो उस दास का स्वामी ऐसे दिन, जब वह उसकी प्रतीक्षा न कर रहा हो, और ऐसी घड़ी जिसे वह जानता न हो, आएगा और उसे भारी ताड़ना देकर उसका भाग विश्वासघाती के साथ ठहराएगा।
ତା ଆତିସ୍‌ ଇମ୍‌ଣି ଦିନ୍‌ ଆଡ଼ିୟା କାଜିଂ ମାଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡୁନ୍‌ ଆରି ଇମ୍‌ଣି ସମୁତ ହେୱାନ୍‌ ପୁଞ୍ଜି ମାନୁନ୍‌, ହେ ଦିନ୍‌ ଆରି ହେ ଡାଣ୍ଡ୍‌ତ ତା ମାପ୍ରୁ ୱାନାନ୍‌, ଆରେ ହେୱାନ୍‌ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ରିବାଗ୍‌ କିଜ଼ି ପାର୍ତି କିୱାକାର୍‌ ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ତା ବାଗ୍‌ତାକା ବାଚିକିନାର୍‍ ।”
47 ४७ औरवह दास जो अपने स्वामी की इच्छा जानता था, और तैयार न रहा और न उसकी इच्छा के अनुसार चला, बहुत मार खाएगा।
“ଆରେ, ଇମ୍‌ଣି ଆଡ଼ିୟା ଜାର୍‌ ମାପ୍ରୁ ମାନ୍‌ ପୁଞ୍ଜି ଜାଗ୍ରତ୍‌ ଆଜ଼ି ମାନୁନ୍‌ ଆୱିତିସ୍‌ ତା ଇଚାତାଂ କାମାୟ୍‌ କିଜ଼ି ମାନୁନ୍‌, ହେୱାନ୍‌ ବେସି ମାଡ୍‍ତାଙ୍ଗ୍‍ ମାଡ୍‍କିୟାଆନାନ୍‍;
48 ४८ परन्तु जो नहीं जानकर मार खाने के योग्य काम करे वह थोड़ी मार खाएगा, इसलिए जिसे बहुत दिया गया है, उससे बहुत माँगा जाएगा; और जिसे बहुत सौंपा गया है, उससे बहुत लिया जाएगा।
ମାତର୍‌ ଇନେନ୍‌ ପୁନ୍‌ୱାଦାଂ ମାଡ୍‍ତିନି କାମାୟ୍‌ କିଜ଼ି ମାନାନ୍‌, ହେୱାନ୍‌ ଅଲପ୍‍ ମାଡ୍‍ତାଙ୍ଗ୍‍ ମାଡ୍‍କିୟାଆନାନ୍‍ । ଇନେରିଂ ବେସି ହିୟାଆତାତ୍‍ନା, ତା ତାକେଣ୍ଡାଂ ବେସି ଦାବା କିୟାନାତ୍‌ ଆରେ, ଲକୁ ଇନେନ୍‌ ତାକେ ବେସି ହେଲାୟ୍‌ କିୟାତାନ୍‌ନା, ତା ଲାଗାଂ ବେସି ଦାବା କିନାର୍‌ ।”
49 ४९ “मैं पृथ्वी परआगलगाने आया हूँ; और क्या चाहता हूँ केवल यह कि अभी सुलग जाती!
“ଆନ୍‌ ପୁର୍ତିତ ନାଣି ଆହି କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ୱାତାଂନା, ଆରେ ହେଦାଂ ଜଦି ଆସ୍ତାତେ ତାଆତିସ୍‌ ନା ଆରେ ଇନାକା ମାନ୍‌,
50 ५० मुझे तो एक बपतिस्मा लेना है; और जब तक वह न हो ले तब तक मैं कैसी व्यथा में रहूँगा!
ମାତର୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ର ବାପ୍ତିସିମ୍‌ତ ବାପ୍ତିସିମ୍‌ ଆନାକା ମାନାତ୍‌, ଆରି ହେଦାଂ ୱିଜ଼୍‌ୱି ପାତେକ୍‌ ଆନ୍‌ ଇନେସ୍‌ ଦୁକ୍‌ ମାନ୍ତ ବାବିକିନାଙ୍ଗା ।
51 ५१ क्या तुम समझते हो कि मैं पृथ्वी पर मिलाप कराने आया हूँ? मैं तुम से कहता हूँ; नहीं, वरन् अलग कराने आया हूँ।
ଆନ୍‌ ପୁର୍ତିତିଂ ସୁସ୍ତା ହିଦେଂ ୱାତାଂନା ଇଞ୍ଜି ଇନାକା ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଏତ୍‌ କିନାଦେରା? ଆକାୟ୍‌ ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, କୁଦାକୁଦା କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ୱାତାଂନା ।
52 ५२ क्योंकि अब से एक घर में पाँच जन आपस में विरोध रखेंगे, तीन दो से दो तीन से।
ଇନାକିଦେଂକି ର ଇଞ୍ଜ ପାଞ୍ଚ୍‌ଜାଣ୍‌ ମାଚିସ୍‌ ରିୟାର୍‌ ବିରୁତ୍‌ତାଂ ତିନ୍‌ଜାଣ୍‌ ଆରି ତିନ୍‌ଜାଣ୍‌ତିଂ ବିରୁଦ୍‌ତ ରିୟାର୍‌ ବିନେ ବିନେ ଆନାର୍‌ ।
53 ५३ पिता पुत्र से, और पुत्र पिता से विरोध रखेगा; माँ बेटी से, और बेटी माँ से, सास बहू से, और बहू सास से विरोध रखेगी।”
ମାଜ଼ି ବିରୁଦ୍‌ତ ଆବା, ଆବା ବିରୁଦ୍‌ତ ମାଜ଼ି, ଗାଡ଼୍‌ଚେ ବିରୁଦ୍‌ତ ଆୟା, ଆୟା ବିରୁଦ୍‌ତ ଗାଡ଼୍‌ଚେ, କଡ଼ିୟା ବିରୁଦ୍‌ତ ପଦାହି ଆରି ପଦାହି ବିରୁଦ୍‌ତ କଡ଼ିୟାଣିହି ବିନେ ଆନାତ୍‌ ।”
54 ५४ और उसने भीड़ से भी कहा, “जब बादल को पश्चिम से उठते देखते हो, तो तुरन्त कहते हो, कि वर्षा होगी; और ऐसा ही होता है।
ଆରେ, ହେୱାନ୍‌ ମାନାୟାରିଂ ପା ଇଚାନ୍‌, ଡେବା ପାଡ଼୍‌କାନି ବାଦାଡ଼୍‌ ନିଙ୍ଗ୍‌ନାକା ହୁଡ଼୍‌ତିସ୍‌ ହେ ଦାପ୍ରେ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇନାଟ୍‌, ବାର୍‌ହା ୱାନାତ୍‌, ଆରେ ଏଲେଙ୍ଗ୍‌ ଲାକେ ଗିଟା ଆଦ୍‌ନାତ୍‌;
55 ५५ और जब दक्षिणी हवा चलती देखते हो तो कहते हो, कि लूह चलेगी, और ऐसा ही होता है।
ଆରେ, ତିନିପାଡ଼୍‌କାନି ଦୁକା ୱାନାକା ହୁଡ଼୍‌ତିସ୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇନାଟ୍‌, ଗାଜା କାରା ୱାନାତ୍‌, ଆରେ ହେଦାଂ ଗିଟା ଆଦ୍‌ନାତ୍‌ ।
56 ५६ हे कपटियों, तुम धरती और आकाश के रूप में भेद कर सकते हो, परन्तु इस युग के विषय में क्यों भेद करना नहीं जानते?
ଆଡ଼େ କାପ୍‌ଟିୟାର୍‌ କାଦେର୍, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ପୁର୍ତିତ ଆରେ ବାଦାଡ଼୍‌ତାଂ ହୁଡ଼୍‌ଜି ୱିଜ଼ୁ ବୁଜା ଆନାଦେରା, ମାତର୍‌ ଇ ଦିନ୍ତ ଚିନ୍‌ ହୁଡ଼୍‌ଜି ୱିଜ଼ୁ ଇନେସ୍‌ ବୁଜା ଆଉଦେରା?
57 ५७ “तुम आप ही निर्णय क्यों नहीं कर लेते, कि उचित क्या है?
“ଆରେ, ଜାର୍‌ ଜାର୍‌ ଇନେକିଦେଂ ନ୍ୟାୟ୍‌ ବିଚାର୍‌ କିଉଦେରା?
58 ५८ जब तू अपने मुद्दई के साथ न्यायाधीश के पास जा रहा है, तो मार्ग ही में उससे छूटने का यत्न कर ले ऐसा न हो, कि वह तुझे न्यायी के पास खींच ले जाए, और न्यायी तुझे सिपाही को सौंपे और सिपाही तुझे बन्दीगृह में डाल दे।
ମି କୁର୍‍ଲିୟା ହୁକେ ସାସନ୍‌କିନାକାନ୍‌ କଚଣ୍‌ତ ହାନିହିଂ ହାସ୍‌ଦ ପା ତା ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ମୁକ୍‌ଡ଼ା ଆଦେଂ ଜାତୁନ୍‌ କିୟାଟ୍‌, ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ହେୱାନ୍‌ ନିଂ ବିଚାର୍‌କାର୍‌ୟା କଚଣ୍‌ ଜେଲ୍‌ଜି ଅଦ୍‍ନାର୍‍, ଆରେ ବିଚାର୍‌ କିନାକାନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ମେଲ୍ୟାର୍‌ କେଇଦ ସର୍‌ପି କିଦ୍‌ନାର୍‌, ଆରେ ମେଲ୍ୟାର୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ତାନାଇଞ୍ଜ ବାର୍ତି କିଦ୍‌ନାର୍‌ ।
59 ५९ मैं तुम से कहता हूँ, कि जब तक तू पाई-पाई न चुका देगा तब तक वहाँ से छूटने न पाएगा।”
ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ହାରିହାରା ଡାବୁଙ୍ଗ୍‌ ହୁଜା ଆୱି ପାତେକ୍ ହେ ବାହାତାଂ ଇନେସ୍‌ ଆଜ଼ି ହସିୱାଦେଙ୍ଗ୍ ଆଡୁଦେର୍‌ ।”

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