< लूका 11 >

1 फिर वह किसी जगह प्रार्थना कर रहा था। और जब वह प्रार्थना कर चुका, तो उसके चेलों में से एक ने उससे कहा, “हे प्रभु, जैसे यूहन्ना ने अपने चेलों को प्रार्थना करना सिखाया वैसे ही हमें भी तू सीखा दे।”
ଗଟ୍‌ତର୍‌ ଜିସୁ କୁୟ୍‌ ଗଟ୍‌ ଟାଣେ ପାର୍ତ୍‌ନା କଃର୍ତିରିଲା, ସେ ପାର୍ତ୍‌ନା ସଃରାୟ୍‌ଲାକ୍‌, ତାର୍‌ ଚେଲାମଃନାର୍‌ ବିତ୍ରେ ଗଟ୍‌ଲକ୍‌ କୟ୍‌ଲା, “ଏ ମାପ୍ରୁ ବାପ୍ତିସମ୍‌ ଦେତା ଜହନ୍‌ ଜଃନ୍‌କଃରି ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଚେଲାମଃନ୍‌କେ ପାର୍ତ୍‌ନା କଃରୁକେ ସିକାୟ୍‌ଲା, ସେନ୍‌କଃରି ଅଃମିମଃନ୍‌କ୍‌ ପାର୍ତ୍‌ନା କଃରୁକେ ସିକାଉ ।”
2 उसने उनसे कहा, “जब तुम प्रार्थना करो, तो कहो: ‘हे पिता, तेरा नाम पवित्र माना जाए, तेरा राज्य आए।
ଇତାକ୍‌ ସେ ସେମଃନ୍‌କେ କୟ୍‌ଲା, “ଜଃଡେବଃଳ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ପାର୍ତ୍‌ନା କଃରାସ୍‌, ସଃଡେବଃଳ୍‌ କଃଉଆ, ଏ ଅଃମାର୍‌ ଉବା, ତର୍‌ ନାଉଁ ପବିତ୍ର ବଃଲି ମାନ୍‌ତି ଅଃଉଅ, ତର୍‌ ରାଇଜ୍‌ ଆସ ।
3 ‘हमारी दिन भर की रोटी हर दिन हमें दिया कर।
ହଃତି ଦିନ୍ ଅଃମାର୍‌ ଲଳା ରିଲା କାଦି ଦେ ।
4 ‘और हमारे पापों को क्षमा कर, क्योंकिहम भी अपने हर एक अपराधी को क्षमा करते हैं, और हमें परीक्षा में न ला।’”
ଅଃମାର୍‌ ହାହ୍‌ ସଃର୍ନେ କେମା କଃର୍‌, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ଅଃମିମଃନ୍‌ ହେଁ ଅଃହ୍‌ଣା ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ସଃବୁ ଦସିମଃନ୍‌କେ କେମା କଃରୁଲୁ, ପରିକ୍ୟାୟ୍‌ ଅଃମିମଃନ୍‌କ୍‌ ଆଣ୍‌ନାୟ୍‌ ।”
5 और उसने उनसे कहा, “तुम में से कौन है कि उसका एक मित्र हो, और वह आधी रात को उसके पास जाकर उससे कहे, ‘हे मित्र; मुझे तीन रोटियाँ दे।
ଆର୍‌ ଜିସୁ ତାର୍‌ ଚେଲାମଃନ୍‌କେ କୟ୍‌ଲା, “ତୁମିମଃନ୍‌କାର୍‌ କାର୍‌ ଅଃନ୍‌କାର୍‌ ମିତ୍ର ଆଚେ କି, ଜାର୍‌ ଚଃମେ ମଃଜାରାତି ସେ ଜାୟ୍‌ କୟ୍‌ଦ୍‌, ଏ ମାପ୍ରୁସାଦ୍‌ ମକେ ତିନିଗଟ୍‌ ରୁଟି ଉଦାର୍‌ ଦେ,
6 क्योंकि एक यात्री मित्र मेरे पास आया है, और उसके आगे रखने के लिये मेरे पास कुछ नहीं है।’
କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ମର୍‌ ଗଟେକ୍‌ ମିତ୍ର ଗତ୍‌ ଆସି ଆଚେ, ତାକ୍‌ କାଉଁକେ ଦେଉଁକେ ମର୍‌ ଟାଣେ କାୟ୍‌ରି ହେଁ ନାୟ୍‌ ।
7 और वह भीतर से उत्तर देता, कि मुझे दुःख न दे; अब तो द्वार बन्द है, और मेरे बालक मेरे पास बिछौने पर हैं, इसलिए मैं उठकर तुझे दे नहीं सकता।
ଆର୍‌ ସେ ଗଃର୍‌ ବିତ୍ରେହୁଣି ଅଃନ୍‌କଃରି କୟ୍‌ଦ୍‌ ମକେ କଃସ୍ଟ୍‌ ଦେନାୟ୍‌, ଦୁଆର୍‌ ଡାହ୍‌ଲୁବେ, ଆର୍‌ ମର୍‌ ହିଲାମଃନ୍ ମର୍‌ ସଃଙ୍ଗ୍ ସଇ ଆଚ୍‌ତି, ମୁଁୟ୍‌ ଉଟି ତକେ ଦେଉଁକେ ନାହାରି ।
8 मैं तुम से कहता हूँ, यदि उसका मित्र होने पर भी उसे उठकर न दे, फिर भी उसके लज्जा छोड़कर माँगने के कारण उसे जितनी आवश्यकता हो उतनी उठकर देगा।
ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ କଃଉଁଲେ, ସେ ତାର୍‌ ମିତ୍ର ଅୟ୍‌ରିଲାକ୍‌ ହେଁ ଉଟି ନଃଦେୟ୍‌, ଅୟ୍‌ଲେକ୍‌ ହେଁ ସେ ଲାଜ୍‌ ନଃୟ୍‌କଃରି ତର୍‌କେ ତର୍‌ ମାଗ୍‌ତି ରିଲାକ୍‌, ସେ ଉଟି ତାର୍‌ ଜଃତେକ୍‌ ଲଳା ସଃତେକ୍‌ ଦଃୟ୍‌ଦ୍‌ ।”
9 और मैं तुम से कहता हूँ; कि माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा।
“ମୁଁୟ୍‌ ହେଁ ତୁମିମଃନ୍‌କେ କଃଉଁଲେ, ମାଗା ତୁମିମଃନ୍‌କେ ଦିଆ ଅୟ୍‌ଦ୍‌, ଲଳା ମିଳାଉଆସ୍‌, କଃହାଟେ ମାରା ତୁମିମଃନାର୍‌ ଗିନେ ମେଲା ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।
10 १० क्योंकि जो कोई माँगता है, उसे मिलता है; और जो ढूँढ़ता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा।
କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ଜେ ମାଗେଦ୍‌ ସେ ହାୟ୍‌ଦ୍‌, ଜେ ଲଳେଦ୍‌ ସେ ମିଳାୟ୍‌ଦ୍‌, ଆର୍‌ ଜେ କଃହାଟେ ମାରେଦ୍‌ ତାର୍‌ ଗିନେ କଃହାଟ୍‌ ଉଗାଳି ଦିଆ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।
11 ११ तुम में से ऐसा कौन पिता होगा, कि जब उसका पुत्र रोटी माँगे, तो उसे पत्थर दे: या मछली माँगे, तो मछली के बदले उसे साँप दे?
ଆର୍‌ ତୁମିମଃନାର୍‌ ବିତ୍ରେ ଅଃନ୍‌କାର୍‌ ଉବାସି କେ ଆଚେ, ଜାକେ ତାର୍‌ ହୟ୍‌ସି ମାଚ୍ ମାଗ୍‌ଲେକ୍‌ ସେ ତାକେ ମାଚ୍ ବାଦୁଲେ ସାହ୍‌ ଦଃୟ୍‌ଦ୍‌?
12 १२ या अण्डा माँगे तो उसे बिच्छू दे?
ଆର୍‌ ଡିମ୍‌ ମାଗ୍‌ଲେକ୍‌, ତାକ୍‌ କାୟ୍‌ ମିଚକାକ୍‌ଳା ଦଃୟ୍‌ଦ୍‌?
13 १३ अतः जब तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता अपने माँगनेवालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा।”
ଇତାକ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ କଃରାବ୍‌ ଅୟ୍‌ଲେକ୍‌ ହେଁ, ଜଃବେ ଅଃହ୍‌ଣା ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ହିଲାମଃନ୍‌କେ ନିକ ନିକ ଦାନ୍‌ ଦେଉଁକେ ଜାଣାସ୍‌, ତଃବେ ଜୁୟ୍‌ ଉବା ସଃର୍ଗେହୁଣି ଦାନ୍‌ କଃରେଦ୍‌, ସେ ତାର୍‌ ଚଃମେ ମାଗ୍‌ତା ଲକ୍‌ମଃନ୍‌କେ କଃତେକ୍‌ ଅଃଦିକ୍‌ ପବିତ୍ର ଆତ୍ମା ନଃଦେୟ୍‌ ।”
14 १४ फिर उसने एक गूँगी दुष्टात्मा को निकाला; जब दुष्टात्मा निकल गई, तो गूँगा बोलने लगा; और लोगों ने अचम्भा किया।
ଗଟ୍‌ତର୍‌ ଜିସୁ ଗଟେକ୍‌ ବୁତ୍‌ ଚାଡାଉତି ରିଲା, ସେରି ଗୁଲା ବୁତ୍‌; ବୁତ୍‌ ବାରାୟ୍‌ ଗଃଲା ହଃଚେ ଗୁଲା ଲକ୍‌ କଃତା କୟ୍‌ଲା, ସେତାକ୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍‌ କାବା ଅୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ।
15 १५ परन्तु उनमें से कितनों ने कहा, “यह तो दुष्टात्माओं के प्रधान शैतान की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है।”
ମଃତର୍‌ ସେମଃନାର୍‌ ବିତ୍ରେ କେ କେ କୟ୍‌ଲାୟ୍‌, “ଜିସୁ ଦୁତ୍‌ମଃନାର୍‌ ମୁଳିକା ବାଲ୍‌ଜିବୁଲ୍‌କେ ଦଃରି ବୁତ୍‌ମଃନ୍‌କେ ଚାଡାଉଁଲା ।”
16 १६ औरों ने उसकी परीक्षा करने के लिये उससे आकाश का एक चिन्ह माँगा।
ବିନ୍ ଲକ୍‌ମଃନ୍ ତାକେ ହାନ୍ଦାୟ୍‌ ହଃକାଉଁକ୍‌ ମଃନ୍‌ କଃର୍ତି ରିଲାୟ୍‌, ଇତାର୍‌ ଗିନେ ଇସ୍ୱର୍‌ ଜେ ତାର୍‌ ସଃଙ୍ଗେ ଆଚେ, ଇତିର୍‌ ଚିନ୍ ହଃର୍କାରେ ଅଃଗାସ୍‌ ଉହ୍ରେ ଗଟେକ୍‌ ଚିନ୍ ଦଃକାଉଁକ୍‌ କୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ।
17 १७ परन्तु उसने, उनके मन की बातें जानकर, उनसे कहा, “जिस-जिस राज्य में फूट होती है, वह राज्य उजड़ जाता है; और जिस घर में फूट होती है, वह नाश हो जाता है।
ମଃତର୍‌ ଜିସୁ ସେମଃନାର୍‌ ମଃନାର୍‌ କଃତା ଜାଣି କୟ୍‌ଲା, “ଜୁୟ୍‌ ରାଇଜ୍‌ ହେଁ ବାଗ୍ ଅୟ୍‌ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ବିରଦେ ଉଟ୍‌ଲେକ୍‌, ସେ ନାସ୍‌ ଅୟ୍‌ ଜାୟ୍‌ଦ୍‌, ଆରେକ୍‌ ଗଟେକ୍‌ ଗଃର୍‌ ଦୁୟ୍‌ ବାଗ୍ ଅୟ୍‌ଲେକ୍‌ ସେରି ନାସ୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।
18 १८ और यदि शैतान अपना ही विरोधी हो जाए, तो उसका राज्य कैसे बना रहेगा? क्योंकि तुम मेरे विषय में तो कहते हो, कि यह शैतान की सहायता से दुष्टात्मा निकालता है।
ଆର୍‌ ସୟ୍‌ତାନ୍‌ ହେଁ ଜଦି ବାଗ୍ ଅୟ୍‌ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ବିରଦେ ଉଟ୍‌ଲିନି, ସେନ୍ ଅୟ୍‌ଲେକ୍‌ ତାର୍‌ ରାଇଜ୍‌ କଃନ୍‌କଃରି ତିର୍‌ ଅୟ୍‌ ରଃୟ୍‌ଦ୍‌? ମୁଁୟ୍‌ ବାଲ୍‌ଜିବୁଲ୍‌କେ ଦଃରି ବୁତ୍‌ମଃନ୍‌କେ ଚାଡାଉଁଲେ ବଃଲି ତୁମିମଃନ୍ ତ କଃଉଁଲାସ୍‌ ।
19 १९ भला यदि मैं शैतान की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता हूँ, तो तुम्हारी सन्तान किसकी सहायता से निकालते हैं? इसलिए वे ही तुम्हारा न्याय चुकाएँगे।
ମଃତର୍‌ ମୁଁୟ୍‌ ଜଃବେ ବାଲ୍‌ଜିବୁଲ୍‌କେ ଦଃରି ବୁତ୍‌ମଃନ୍‌କେ ଚାଡାଉଁଲେ, ତଃବେ ତୁମାର୍‌ ହୟ୍‌ଦିମଃନ୍‌ କାକେ ଦଃରି ବୁତ୍‌ମଃନ୍‌କେ ଚାଡାଉଁଲାୟ୍‌? ଇତାକ୍‌ ସେମଃନ୍ ହଃକା ତୁମାର୍‌ ବିଚାର୍‌ କଃର୍ତି ।
20 २० परन्तु यदि मैं परमेश्वर की सामर्थ्य से दुष्टात्माओं को निकालता हूँ, तो परमेश्वर का राज्य तुम्हारे पास आ पहुँचा।
ମଃତର୍‌ ମୁଁୟ୍‌ ଜଦି ଇସ୍ୱରାର୍‌ ସଃକ୍ତିୟେ ବୁତ୍‌ମଃନ୍‌କେ ଚାଡାଉଁଲେ, ଇରି ଜାଣାହଃଳୁଲି ଜେ, ଇସ୍ୱରାର୍‌ ରାଇଜ୍‌ ତୁମାର୍‌ ଚଃମେ ଆଚେ ।”
21 २१ जब बलवन्त मनुष्य हथियार बाँधे हुए अपने घर की रखवाली करता है, तो उसकी सम्पत्ति बची रहती है।
“ସଃକ୍ତିମାନ୍‌ ଲକ୍‌ ଜୁୟ୍‌ ହଃତେକ୍‌ ଅଃତ୍ୟାର୍‌ ସଃଙ୍ଗ୍ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଗଃର୍‌ ବାଚାୟ୍‌ଦ୍‌, ସେ ହଃତେକ୍‌ ତାର୍‌ ଦଃନ୍ ବିତ୍‌ ତିର୍‌ ରଃୟ୍‌ଦ୍‌ ।
22 २२ पर जब उससे बढ़कर कोई और बलवन्त चढ़ाई करके उसे जीत लेता है, तो उसके वे हथियार जिन पर उसका भरोसा था, छीन लेता है और उसकी सम्पत्ति लूटकर बाँट देता है।
ମଃତର୍‌ ଜଃଡେବଃଳ୍‌ ତାର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ଅଃଦିକ୍‌ ବଃଳ୍‌ଉଆ ଲକ୍‌ ତାକେ ମାଡି ବଃସେଦ୍‌ ଆର୍‌ ଜିଣେଦ୍‌ ସଃଡେବଃଳ୍‌ ଜୁୟ୍‌ ଅଃତ୍ୟାର୍‌ ଉହ୍ରେ ତାର୍‌ ଆସ୍ର ରିଲି, ସେରି ସଃବୁ ସେ ଜିକି ନଃୟ୍‌ଦ୍‌, ଆର୍‌ ତାର୍‌ ଦଃନ୍‌ବିତ୍‌ ହେଁ ଚରି ନଃୟ୍‌ଦ୍‌ ।”
23 २३ जो मेरे साथ नहीं वह मेरे विरोध में है, और जो मेरे साथ नहीं बटोरता वह बिखेरता है।
“ଜେ ମର୍‌ ସଃଙ୍ଗାର୍‌ ନାୟ୍‌, ସେ ମର୍‌ ବିରଦି, ଆରେକ୍‌ ଜେ ମର୍‌ ସଃଙ୍ଗ୍ ନଃରୁଣ୍ଡାୟ୍‌, ସେ ଜଃତ୍‌କଃତ୍‌ କଃରେଦ୍‌ ।”
24 २४ “जब अशुद्ध आत्मा मनुष्य में से निकल जाती है तो सूखी जगहों में विश्राम ढूँढ़ती फिरती है, और जब नहीं पाती तो कहती है, कि मैं अपने उसी घर में जहाँ से निकली थी लौट जाऊँगी।
“ବିଟାଳ୍‌ ଆତ୍ମା ଗଟ୍‌ଲକାର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ବାରାୟ୍‌ ଗଃଲା ହଃଚେ, ହାଣି ନୟ୍‌ଲା ଜଃଗା ସଃବୁ ବୁଲିକଃରି ବିସାଉଁକ୍‌ ଟାଣ୍ ଲଳେଦ୍‌, ଆର୍‌ ସେରି ନଃମିଳ୍‌ଲେକ୍‌, ସେ କୟ୍‌ଦ୍‌, ମୁଁୟ୍‌ ଜୁୟ୍‌ ଗଃରେହୁଣି ବାରାୟ୍‌ ଆସିରିଲେ, ମର୍‌ ସେ ଗଃରେ ଲେଉଟି ଜାୟ୍‌ନ୍ଦ୍ ।
25 २५ और आकर उसे झाड़ा-बुहारा और सजा-सजाया पाती है।
ଆରେକ୍‌ ସେଗଃରେ ଆସି ସେରି ନିର୍ମୁଳ୍‌ ଅୟ୍‌ ସୁନ୍ଦୁର୍‌ ଅୟ୍‌ରିଲାର୍‌ ଦଃକେଦ୍‌ ।
26 २६ तब वह आकर अपने से और बुरी सात आत्माओं को अपने साथ ले आती है, और वे उसमें समाकर वास करती हैं, और उस मनुष्य की पिछली दशा पहले से भी बुरी हो जाती है।”
ସଃଡେବଃଳ୍‌ ସେ ଜାୟ୍‌ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ଅଃଦିକ୍‌ ଦୁସ୍ଟ୍‌ ଆରେକ୍‌ ସାତ୍‌ ଗଟ୍‌ ଆତ୍ମା ସଃଙ୍ଗେ ଦଃରି ଆସେଦ୍‌ ଆର୍‌ ସେମଃନ୍ ଆସି ସେତି ବାସା କଃର୍ତି ଆର୍‌ ସେଲକାର୍‌ ହଃର୍ତୁର୍‌ ଦଃସା ତଃୟ୍‌ହୁଣି ସେସ୍‌ ଦଃସା ଅଃଦିକ୍‌ କଃରାବ୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।”
27 २७ जब वह ये बातें कह ही रहा था तो भीड़ में से किसी स्त्री ने ऊँचे शब्द से कहा, “धन्य है वह गर्भ जिसमें तू रहा और वे स्तन, जो तूने चूसे।”
ସେ ଇସଃବୁ କଃତା କଃଉତା ବଃଳ୍‌ ଲକ୍‌ମଃନାର୍‌ ବିତ୍ରେ ଗଟେକ୍‌ ମାୟ୍‌ଜି ଆଉଲି ଅୟ୍‌ଲି ଆର୍‌ କୟ୍‌ଲି, “ବାୟ୍‌ଗ୍‌ ସେ ଗଃର୍ବ୍‌, ଜୁୟ୍‌ରି ତକେ ଦଃର୍ଲି, ଆର୍‌ ସେ ଦୁଦ୍‌, ଜୁୟ୍‌ତି ହୁଣି ତୁୟ୍‌ କାୟ୍‌ଲିସ୍‌ ।”
28 २८ उसने कहा, “हाँ; परन्तु धन्य वे हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते और मानते हैं।”
ମଃତର୍‌ ଜିସୁ କୟ୍‌ଲା, “ନାୟ୍‌, ଜୁୟ୍‌ମଃନ୍‌ ଇସ୍ୱରାର୍‌ ବଃଚନ୍ ସୁଣ୍‌ତି ଆର୍‌ ମାନ୍‌ତି ସେମଃନାର୍‌ ବାୟ୍‌ଗ୍‌ ।”
29 २९ जब बड़ी भीड़ इकट्ठी होती जाती थी तो वह कहने लगा, “इस युग के लोग बुरे हैं; वे चिन्ह ढूँढ़ते हैं; पर योना के चिन्ह को छोड़ कोई और चिन्ह उन्हें न दिया जाएगा।
ଲକ୍‌ମଃନ୍ ମଃନ୍ଦା ମଃନ୍ଦା ଅୟ୍‌ ରୁଣ୍ଡ୍‌ଲାବଃଳ୍‌, ଜିସୁ କଃଉଁକେ ଦଃର୍ଲା, “ଇ ଅଃବାର୍‌ ଲକ୍‌ ଦୁସ୍ଟ୍‌ । ଇମଃନ୍‌ ଚିନ୍ ଲଳ୍‌ତି, ମଃତର୍‌ ଜୁନସାର୍‌ ଚିନ୍ ଚାଡି ବିନ୍ କାୟ୍‌ ଚିନ୍ ସେମଃନ୍‌କେ ଦିଆ ନୟ୍‌ ।
30 ३० जैसा योना नीनवे के लोगों के लिये चिन्ह ठहरा, वैसा ही मनुष्य का पुत्र भी इस युग के लोगों के लिये ठहरेगा।
କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ଜୁନସ୍‌ ଜଃନ୍‌କଃରି ନିନିବିର୍‌ ଲକ୍‌ମଃନାର୍‌ ଗିନେ ଚିନ୍ ହର୍‌ ଅୟ୍‌ଲା, ନଃରାର୍‌ ହୟ୍‌ସି ହେଁ ସେବାନ୍ୟା, ଇ କାଳାର୍‌ ଲକ୍‌ମଃନାର୍‌ ଗିନେ ଚିନ୍ ହର୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।
31 ३१ दक्षिण की रानी न्याय के दिन इस समय के मनुष्यों के साथ उठकर, उन्हें दोषी ठहराएगी, क्योंकि वह सुलैमान का ज्ञान सुनने को पृथ्वी की छोर से आई, और देखो यहाँ वह है जो सुलैमान से भी बड़ा है।
ସିବା ଦେସାର୍‌ ରାଣି ବିଚାରେ ଇ କାଳାର୍‌ ମାନାୟ୍‌ମଃନାର୍‌ ସଃଙ୍ଗ୍ ଉଟି ସେମଃନ୍‌କେ ଦସି କଃରେଦ୍‌, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ସେ ସଲ୍‌ମନାର୍‌ ଗ୍ୟାନାର୍‌ କଃତା ସୁଣୁକ୍‌ ହୁର୍ତିବି ସଃର୍ଲା କନେହୁଣି ଆସିରିଲି, ଆର୍‌ ଦଃକା, ଇତି ସଲ୍‌ମନାର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ବଃଡ୍ କଃତା ଇତି ଆଚେ ।
32 ३२ नीनवे के लोग न्याय के दिन इस समय के लोगों के साथ खड़े होकर, उन्हें दोषी ठहराएँगे; क्योंकि उन्होंने योना का प्रचार सुनकर मन फिराया और देखो, यहाँ वह है, जो योना से भी बड़ा है।
ନିନିବିର୍‌ ଲକ୍‌ମଃନାର୍‌ ବିଚାର୍‌ କଃର୍ତା ଦିନ୍ ଇ କାଳାର୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍ ସଃଙ୍ଗ୍ ଟିଅୟ୍‌, ଏମଃନ୍‌କେ ଦସି କଃର୍ତି, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ସେମଃନ୍ ଜୁନସାର୍‌ ପର୍ଚାର୍‌ ସୁଣି ହାହ୍‌ ଚାଡିରିଲାୟ୍‌ । ଆର୍‌ ଦଃକା, ଜୁନସାର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ବଃଡ୍ କଃତା ଇତି ଆଚେ ।”
33 ३३ “कोई मनुष्य दीया जला के तलघर में, या पैमाने के नीचे नहीं रखता, परन्तु दीवट पर रखता है कि भीतर आनेवाले उजियाला पाएँ।
“କେ ହେଁ କୁପି ଲାଗାୟ୍‌ ଲୁକାୟ୍‌କଃରି କି ମାଣ୍ ତଃଳେ ନଃସେଙ୍ଗାୟ୍‌, ମଃତର୍‌ ରୁକା ଉହ୍ରେ ସଃଙ୍ଗାୟ୍‌ଦ୍‌, ଜଃନ୍‌କଃରି ଗଃର୍‌ ବିତ୍ରେ ହୁର୍ତା ଲକ୍‌ମଃନ୍ ଉଜାଳ୍‌ ଦଃକୁକ୍‌ ହାର୍ତି ।
34 ३४ तेरे शरीर का दीया तेरी आँख है, इसलिए जब तेरी आँख निर्मल है, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला है; परन्तु जब वह बुरी है, तो तेरा शरीर भी अंधेरा है।
ତୁମାର୍‌ ଆକି ଗଃଗାଳାର୍‌ କୁପି, ଜଃଡେବଃଳ୍‌ ତୁମାର୍‌ ଆକି ନିକ ରଃୟ୍‌ଦ୍‌ ସଃଡେବଃଳ୍‌ ତୁମାର୍‌ ସଃର୍ନେ ଗଃଗାଳ୍‌ ହେଁ ଉଜାଳ୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌, ମଃତର୍‌ ଜଃଡେବଃଳ୍‌ ସେରି ମେଳି ରଃୟ୍‌ଦ୍‌, ସଃଡେବଃଳ୍‌ ଗଃଗାଳ୍‌ ହେଁ ଅଃନ୍ଦାର୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।
35 ३५ इसलिए सावधान रहना, कि जो उजियाला तुझ में है वह अंधेरा न हो जाए।
ତଃବେ ଜଃଗ୍ରାତ୍‌, ଜଃନ୍‌କଃରି ତୁମାର୍‌ ମଃନାର୍‌ ଉଜାଳ୍‌ ଅଃନ୍ଦାର୍‌ ନୟ୍‌ ।
36 ३६ इसलिए यदि तेरा सारा शरीर उजियाला हो, और उसका कोई भाग अंधेरा न रहे, तो सब का सब ऐसा उजियाला होगा, जैसा उस समय होता है, जब दीया अपनी चमक से तुझे उजाला देता है।”
ଇତାକ୍‌ ତୁମାର୍‌ ସଃର୍ନେ ଗଃଗାଳ୍‌ ଜଦି ଉଜାଳ୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ଆର୍‌ ସେତିର୍‌ କୁୟ୍‌ ବାଗ୍ ହେଁ ଅଃନ୍ଦାର୍‌ ନଃରେୟ୍‌, ତଃବେ କୁପି ଜଃନ୍ ଉଜାଳ୍‌ ଅୟ୍‌ ତୁମିକେ ଉଜାଳ୍‌ ଦଃୟ୍‌ଦ୍‌ ସେନ୍‌କଃରି ତୁମାର୍‌ ସଃର୍ନେ ଗଃଗାଳ୍‌ ଉଜାଳ୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।”
37 ३७ जब वह बातें कर रहा था, तो किसी फरीसी ने उससे विनती की, कि मेरे यहाँ भोजन कर; और वह भीतर जाकर भोजन करने बैठा।
ଜିସୁ କଃତା କଃଉତି ରିଲା ବଃଳ୍‌, ଗଟେକ୍‌ ପାରୁସି ତାକ୍‌ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଗଃରେ କାଉଁକେ ଗଃଉଆରି କଃଲା, ଆର୍‌ ସେ ଗଃରେ ହୁରି କଃରି କାଉଁକେ ବଃସ୍‌ଲା ।
38 ३८ फरीसी ने यह देखकर अचम्भा किया कि उसने भोजन करने से पहले हाथ-पैर नहीं धोये।
ମଃତର୍‌ ଜିସୁ କାତା ଆଗ୍‌ତୁ ଆତ୍‌ ଦଃୟ୍‌ ନଃରିଲା, ଇରି ଦଃକି ସେ ପାରୁସି କାବା ଅୟ୍‌ଲା,
39 ३९ प्रभु ने उससे कहा, “हे फरीसियों, तुम कटोरे और थाली को ऊपर-ऊपर तो माँजते हो, परन्तु तुम्हारे भीतर अंधेर और दुष्टता भरी है।
ସେତାକ୍‌ ମାପ୍ରୁ ତାକେ କୟ୍‌ଲା, “ତୁମି ପାରୁସିମଃନ୍ ସିନା ଗିନା ଆର୍‌ ତାଳିର୍‌ ହଃଦା ବାଟ୍ୟା ନିର୍ମୁଳ୍‌ କଃରାସ୍‌, ମଃତର୍‌ ତୁମାର୍‌ ବିତ୍ରେ ଲଃବ୍‌ ଆର୍‌ ଦୁସ୍ଟ୍‌ କାମ୍‌ ସଃବୁ ବଃର୍ତି ଆଚେ ।
40 ४० हे निर्बुद्धियों, जिसने बाहर का भाग बनाया, क्या उसने भीतर का भाग नहीं बनाया?
ଏ ନିର୍ବୁଦିଆମଃନ୍‌, ଜେ ହଃଦା ବାଟ୍ୟା ତିଆର୍‌ କଃଲା ସେ ହେଁ କାୟ୍‌ ବିତୁର୍‌ ବାଟ୍ୟା ତିଆର୍‌ ନଃକେଲା?
41 ४१ परन्तु हाँ, भीतरवाली वस्तुओं को दान कर दो, तब सब कुछ तुम्हारे लिये शुद्ध हो जाएगा।
ତୁମିମଃନ୍ ଜାୟ୍‌ରି ଲଃବ୍‌କଃରି ଅଃର୍ଜି ଆଚାସ୍‌ ସେରି ଗଃରିବ୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍‌କେ ଦାନ୍‌ କଃରା, ତଃବେ ସଃତ୍‌ କଃରି ହୁରା କଃରି ନିର୍ମୁଳ୍‌ ଅଃଉଆସ୍‌ ।
42 ४२ “पर हे फरीसियों, तुम पर हाय! तुम पोदीने और सुदाब का, और सब भाँति के साग-पात का दसवाँ अंश देते हो, परन्तु न्याय को और परमेश्वर के प्रेम को टाल देते हो; चाहिए तो था कि इन्हें भी करते रहते और उन्हें भी न छोड़ते।
ମଃତର୍‌ ଚି! ଡଃଣ୍ଡ୍‌ ହାଉତାର୍‌ ଜୟ୍‌ଗ୍‌ ପାରୁସିମଃନ୍, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ପଦିନା, ଆରୁଦ, ଆର୍‌ ସଃବୁ ରଃକମାର୍‌ ସାଗାର୍‌ ଦଃସ୍‌ ବାଗେ ହୁଣି ବାଗେକ୍‌ ଦେଉଁଲାସ୍‌, ଆର୍‌ ନ୍ୟାୟ୍‌ ବିଚାର୍‌ ଆର୍‌ ଇସ୍ୱରାର୍‌ ଲାଡ୍‌କେ ନଃଦେକୁଲାସ୍‌, ମଃତର୍‌ ଇ ସଃର୍ନେ ମାନ୍‌ତାର୍‌ ଆର୍‌ ବିନ୍ ସଃବୁ ଚାଡ୍‌ତାର୍‌ ନିକ ନାୟ୍‌ ।”
43 ४३ हे फरीसियों, तुम पर हाय! तुम आराधनालयों में मुख्य-मुख्य आसन और बाजारों में नमस्कार चाहते हो।
“ଚି! ଡଃଣ୍ଡାର୍‌ ଜୟ୍‌ଗ୍‌ ପାରୁସିମଃନ୍ କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ପାର୍ତ୍‌ନା ଗଃରେ ବଃଡ୍ କୁର୍ଚି ଆର୍‌ ଆଟେ ବଃଜାରେ ଜୁଆର୍‌ ହାଉଁକ୍‌ ବଃଲ୍‌ ହାଉଆସ୍‌,
44 ४४ हाय तुम पर! क्योंकि तुम उन छिपी कब्रों के समान हो, जिन पर लोग चलते हैं, परन्तु नहीं जानते।”
ଚି! ତୁମିମଃନ୍ ଡଃଣ୍ଡ୍‌ ହାଉତା ଜୟ୍‌ଗ୍‌, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ଲୁକ୍‌ଲା ମଃସୁଣ୍‌ କାଲ୍‌ ହର୍‌ ତାର୍‌ ଉହ୍ରେ ଜାତା ଆସ୍ତା ଲକ୍‌ମଃନ୍ ସେରି ମଃସୁଣ୍‌ କାଲ୍‌ ବଃଲି ଜାଣୁ ନଃହାର୍‌ତି ।”
45 ४५ तब एक व्यवस्थापक ने उसको उत्तर दिया, “हे गुरु, इन बातों के कहने से तू हमारी निन्दा करता है।”
ବିଦି ସିକାଉ ମଃନ୍‌କାର୍‌ ବିତ୍ରେ ଗଟ୍‌ଲକ୍‌ ତାକ୍‌ କୟ୍‌ଲା, “ଏ ଗୁରୁ, ଇରି କୟ୍‌କଃରି ଅଃମିମଃନ୍‌କ୍‌ ହେଁ ଲାଜ୍‌ କଃରାଉଁଲିସ୍‌ ।”
46 ४६ उसने कहा, “हे व्यवस्थापकों, तुम पर भी हाय! तुम ऐसे बोझ जिनको उठाना कठिन है, मनुष्यों पर लादते हो परन्तु तुम आप उन बोझों को अपनी एक उँगली से भी नहीं छूते।
ଜିସୁ କୟ୍‌ଲା, “ଚି! ବିଦି ସିକାଉ ଲକ୍‌ମଃନ୍‌ ତ ତୁମିମଃନ୍‌, ତୁମିମଃନ୍ ହେଁ ଡଃଣ୍ଡାର୍‌ ଜୟ୍‌ଗ୍‌, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ଲକ୍‌ମଃନାର୍‌ ଉହ୍ରେ ନଃହାର୍ତା ବଜ୍‌ ଲାଦୁଲାସ୍‌, ଆର୍‌ ନିଜେ ଗଟେକ୍‌ ଆଙ୍ଗଟାୟ୍‌ ହେଁ ଟେକି ଉହ୍‌କାର୍‌ ନଃକେରୁଲାସ୍‌ ।
47 ४७ हाय तुम पर! तुम उन भविष्यद्वक्ताओं की कब्रें बनाते हो, जिन्हें तुम्हारे पूर्वजों ने मार डाला था।
ଚି! ତୁମିମଃନ୍ ଡଃଣ୍ଡ୍‌ ହାଉତା ଜୟ୍‌ଗ୍‌, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌ ବାବ୍‌ବାଦିମଃନାର୍‌ ମଃସୁଣ୍‌ ବାନ୍ଦୁଲାସ୍‌, ମଃତର୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କାର୍‌ ଦାଦିବାବୁମଃନ୍ ସେମଃନ୍‌କେ ମାରି ରିଲାୟ୍‌ ।
48 ४८ अतः तुम गवाह हो, और अपने पूर्वजों के कामों से सहमत हो; क्योंकि उन्होंने तो उन्हें मार डाला और तुम उनकी कब्रें बनाते हो।
ବଃଲେକ୍‌ ତୁମିମଃନାର୍‌ ଦାଦିବାବୁମଃନାର୍‌ କାମାର୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ସାକି ଆଚାସ୍‌ ଆର୍‌ ସେରି ମାନୁଲାସ୍‌, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ସେମଃନ୍ ସିନା ସେମଃନ୍‌କେ ମାରି ରିଲାୟ୍‌, ଆରେକ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ସେମଃନାର୍‌ ମଃସୁଣ୍ ବାନ୍ଦୁଲାସ୍‌ ।
49 ४९ इसलिए परमेश्वर की बुद्धि ने भी कहा है, कि मैं उनके पास भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों को भेजूँगी, और वे उनमें से कितनों को मार डालेंगे, और कितनों को सताएँगे।
ସେତାକ୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ହେଁ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଗ୍ୟାନେ କୟ୍‌ଆଚେ ଅଃମି ସେମଃନାର୍‌ ତଃୟ୍‌ ବାବ୍‌ବାଦି ଆର୍‌ ପେରିତ୍‌ମଃନ୍‌କେ ହଃଟାଉଁନ୍ଦ୍ । ସେମଃନାର୍‌ ବିତ୍ରେ କାକେ କାକେ ମାର୍ତି ଆର୍‌ କାକେ କାକେ ଆର୍ଲା କଃର୍ତି,
50 ५० ताकि जितने भविष्यद्वक्ताओं का लहू जगत की उत्पत्ति से बहाया गया है, सब का लेखा, इस युग के लोगों से लिया जाए,
ଇ ଜୁଗାର୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍ ହୁର୍ତି ଉବୁଜ୍‌ଲା ତଃୟ୍‌ହୁଣି ସଃବୁ ବାବ୍‌ବାଦିମଃନାର୍‌ ଅଃତ୍ୟା କଃଲାର୍‌ ଗିନେ ଡଃଣ୍ଡ୍‌ ହାଉତି ଜଃନ୍‌କଃରି ହେବଲାର୍‌ ବଃନି ବାର୍‌ଲା ତଃୟ୍‌ହୁଣି ଜୁୟ୍‌ ଜିକରିଅର୍‌ ହୁଜା ବେଦି ଆର୍‌ ମନ୍ଦିରାର୍‌ ପବିତ୍ର ଟାଣେ ମାଡ୍ କାୟ୍‌ ମଃଲାୟ୍‌, ତାକାର୍‌ ବାରାୟ୍‌ଲା ବଃନି ହଃତେକ୍‌ ଜଃଗତାର୍‌ ହାହେ ହଃଳ୍‌ଲି, ଜଃତେକ୍‌ ବାବ୍‌ବାଦିମଃନାର୍‌ ବଃନି ବାରାୟ୍‌ ଆଚେ,
51 ५१ हाबिल की हत्या से लेकर जकर्याह की हत्या तक जो वेदी और मन्दिर के बीच में मारा गया: मैं तुम से सच कहता हूँ; उसका लेखा इसी समय के लोगों से लिया जाएगा।
ହେବଲ୍‌କେ ଅଃତ୍ୟା ତଃୟ୍‌ ହୁଣି ଆରୁମ୍‌ କଃରି ଜିକରିଅର୍‌ ହଃତେକ୍‌ ଜାକେ କି ପବିତ୍ର ବେଦି ଆର୍‌ ପବିତ୍ର ଟାଣେ ଅଃତ୍ୟା କଃରାଜାୟ୍‌ ରିଲି । ହେଁ ମୁୟ୍‌ଁ ତୁମିମଃନ୍‌କେ କଃଉଁଲେ ଇ ଜୁଗାର୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍‌ ସେ ସଃବୁଲକାର୍‌ ହାୟ୍‌ଁ ଦଃଣ୍ଡ୍‌ ହାଉତି ।”
52 ५२ हाय तुम व्यवस्थापकों पर! कि तुम नेज्ञान की कुँजीले तो ली, परन्तु तुम ने आप ही प्रवेश नहीं किया, और प्रवेश करनेवालों को भी रोक दिया।”
“ଚି! ଡଃଣ୍ଡ୍‌ ହାଉତା ଜୟ୍‌ଗ୍‌, ବିଦି ସିକାଉମଃନ୍‌, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ଗ୍ୟାନାର୍‌ କୁଚିକାଡା ନିଜେ ଚର୍‌ଲାସ୍‌, ତୁମିମଃନ୍ ନିଜେ ନଃହୁର୍ଲାସ୍‌ ଆର୍‌ ହୁର୍ତା ଲକ୍‌ମଃନ୍‌କେ ହୁରୁକ୍‌ ନଃଦିଲାସ୍‌ ।”
53 ५३ जब वह वहाँ से निकला, तो शास्त्री और फरीसी बहुत पीछे पड़ गए और छेड़ने लगे, कि वह बहुत सी बातों की चर्चा करे,
ଆରେକ୍‌ ସେ ସେତି ହୁଣି ବାରାୟ୍‌ ଗଃଲା ହଃଚେ ଦଃର୍ମ୍‌ଗୁରୁ ଆର୍‌ ପାରୁସିମଃନ୍ ଅଃନାୟ୍‌ ଡାରା ଅୟ୍‌,
54 ५४ और उसकी घात में लगे रहे, कि उसके मुँह की कोई बात पकड़ें।
ଜିସୁର୍‌ କଃତା ବୁଲ୍‌ ଦଃରୁକ୍‌ ହାନ୍ଦା ଅଡି, ତାକ୍‌ କଃତେକ୍‌ କଃତା ହଃଚାରୁକେ ଦଃର୍ଲାୟ୍‌ ।

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