< लैव्यव्यवस्था 9 >

1 आठवें दिन मूसा ने हारून और उसके पुत्रों को और इस्राएली पुरनियों को बुलवाकर हारून से कहा,
وَفِي الْيَوْمِ الثَّامِنِ دَعَا مُوسَى هَرُونَ وَأَبْنَاءَهُ وَقَادَةَ بَنِي إِسْرَائِيلَ،١
2 “पापबलि के लिये एक निर्दोष बछड़ा, और होमबलि के लिये एक निर्दोष मेढ़ा लेकर यहोवा के सामने भेंट चढ़ा।
وَقَالَ لِهَرُونَ: «أَحْضِرْ ثَوْراً لِذَبِيحَةِ الْخَطِيئَةِ وَكَبْشاً لِمُحْرَقَةٍ، عَلَى أَنْ يَكُونَا سَلِيمَيْنِ، وَقَدِّمْهُمَا فِي حَضْرَةِ الرَّبِّ.٢
3 और इस्राएलियों से यह कह, ‘तुम पापबलि के लिये एक बकरा, और होमबलि के लिये एक बछड़ा और एक भेड़ का बच्चा लो, जो एक वर्ष के हों और निर्दोष हों,
وَقُلْ لِبَنِي إِسْرَائِيلَ: خُذُوا تَيْساً مِنَ الْمَعْزِ لِذَبِيحَةِ الْخَطِيئَةِ، وَثَوْراً وَخَرُوفاً حَوْلِيَّيْنِ سَلِيمَيْنِ لِمُحْرَقَةٍ،٣
4 और मेलबलि के लिये यहोवा के सम्मुख चढ़ाने के लिये एक बैल और एक मेढ़ा, और तेल से सने हुए मैदे का एक अन्नबलि भी ले लो; क्योंकि आज यहोवा तुम को दर्शन देगा।’”
وَثَوْراً وَكَبْشاً لِقُرْبَانِ سَلامٍ، لِلذَّبْحِ فِي حَضْرَةِ الرَّبِّ، وَتَقْدِمَةً مِنْ دَقِيقٍ مَعْجُونٍ بِالزَّيْتِ، لأَنَّ الرَّبَّ سَيَتَجَلَّى لَكُمُ الْيَوْمَ».٤
5 और जिस-जिस वस्तु की आज्ञा मूसा ने दी उन सब को वे मिलापवाले तम्बू के आगे ले आए; और सारी मण्डली समीप जाकर यहोवा के सामने खड़ी हुई।
فَجَاءُوا بِمَا أَمَرَ بِهِ مُوسَى إِلَى أَمَامِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ، وَتَقَدَّمَ كُلُّ الشَّعْبِ وَوَقَفُوا فِي حَضْرَةِ الرَّبِّ،٥
6 तब मूसा ने कहा, “यह वह काम है जिसके करने के लिये यहोवा ने आज्ञा दी है कि तुम उसे करो; और यहोवा की महिमा का तेज तुम को दिखाई पड़ेगा।”
فَقَالَ مُوسَى: «هَذَا مَا أَمَرَكُمْ بِهِ الرَّبُّ لِتَعْمَلُوا، لِكَيْ يَتَجَلَّى لَكُمْ مَجْدُ الرَّبِّ».٦
7 तब मूसा ने हारून से कहा, “यहोवा की आज्ञा के अनुसार वेदी के समीप जाकर अपने पापबलि और होमबलि को चढ़ाकर अपने और सब जनता के लिये प्रायश्चित कर और जनता के चढ़ावे को भी चढ़ाकर उनके लिये प्रायश्चित कर।”
ثُمَّ قَالَ مُوسَى لِهَرُونَ: «اقْتَرِبْ مِنَ الْمَذْبَحِ وَقَدِّمْ ذَبِيحَةَ خَطِيئَتِكَ وَمُحْرَقَتَكَ، وَكَفِّرْ عَنْ نَفْسِكَ وَعَنِ الشَّعْبِ، ثُمَّ أَحْضِرْ قُرْبَانَ الشَّعْبِ وَكَفِّرْ عَنْهُمْ كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ».٧
8 इसलिए हारून ने वेदी के समीप जाकर अपने पापबलि के बछड़े को बलिदान किया।
فَاقْتَرَبَ هَرُونُ مِنَ الْمَذْبَحِ، وَقَرَّبَ الثَّوْرَ ذَبِيحَةَ خَطِيئَةٍ عَنْ نَفْسِهِ،٨
9 और हारून के पुत्र लहू को उसके पास ले गए, तब उसने अपनी उँगली को लहू में डुबाकर वेदी के सींगों पर लहू को लगाया, और शेष लहू को वेदी के पाए पर उण्डेल दिया;
وَقَدَّمَ لَهُ أَبْنَاؤُهُ الدَّمَ فَغَمَسَ إِصْبَعَهُ فِيهِ وَوَضَعَهُ عَلَى قُرُونِ الْمَذْبَحِ، ثُمَّ سَكَبَ بَقِيَّةَ الدَّمِ عِنْدَ قَاعِدَتِهِ.٩
10 १० और पापबलि में की चर्बी और गुर्दों और कलेजे पर की झिल्ली को उसने वेदी पर जलाया, जैसा यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
وَأَحْرَقَ عَلَى الْمَذْبَحِ شَحْمَ ذَبِيحَةِ الْخَطِيئَةِ وَكُلْيَتَيْهَا وَمَرَارَتَهَا، كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ مُوسَى١٠
11 ११ और माँस और खाल को उसने छावनी से बाहर आग में जलाया।
أَمَّا اللَّحْمُ وَالْجِلْدُ فَقَدْ أَحْرَقَهُمَا خَارِجَ الْمُخَيَّمِ.١١
12 १२ तब होमबलि पशु को बलिदान किया; और हारून के पुत्रों ने लहू को उसके हाथ में दिया, और उसने उसको वेदी पर चारों ओर छिड़क दिया।
ثُمَّ ذَبَحَ هَرُونُ كَبْشَ الْمُحْرَقَةِ، وَقَدَّمَ لَهُ أَبْنَاؤُهُ الدَّمَ فَرَشَّهُ عَلَى جَوَانِبِ الْمَذْبَحِ.١٢
13 १३ तब उन्होंने होमबलि पशु को टुकड़े-टुकड़े करके सिर सहित उसके हाथ में दे दिया और उसने उनको वेदी पर जला दिया।
ثُمَّ نَاوَلُوهُ أَجْزَاءَ لَحْمِ الْمُحْرَقَةِ، وَرَأْسَهَا فَأَحْرَقَهَا عَلَى الْمَذْبَحِ.١٣
14 १४ और उसने अंतड़ियों और पाँवों को धोकर वेदी पर होमबलि के ऊपर जलाया।
وَغَسَلَ الأَمْعَاءَ وَالأَكَارِعَ وَأَحْرَقَهَا فَوْقَ الْمُحْرَقَةِ عَلَى الْمَذْبَحِ.١٤
15 १५ तब उसने लोगों के चढ़ावे को आगे लेकर और उस पापबलि के बकरे को जो उनके लिये था लेकर उसका बलिदान किया, और पहले के समान उसे भी पापबलि करके चढ़ाया।
ثُمَّ قَدَّمَ قُرْبَانَ الشَّعْبِ. فَأَخَذَ تَيْسَ خَطِيئَةِ الشَّعْبِ، وَذَبَحَهُ وَقَدَّمَهُ قُرْبَانَ خَطِيئَةٍ عَلَى مِثَالِ قُرْبَانِ الْخَطِيئَةِ الأَوَّلِ.١٥
16 १६ और उसने होमबलि को भी समीप ले जाकर विधि के अनुसार चढ़ाया।
ثُمَّ أَحْضَرَ الْمُحْرَقَةَ وَأَصْعَدَهَا حَسَبَ الشَّعَائِرِ الْمَنْصُوصَةِ.١٦
17 १७ और अन्नबलि को भी समीप ले जाकर उसमें से मुट्ठी भर वेदी पर जलाया, यह भोर के होमबलि के अलावा चढ़ाया गया।
وَرَفَعَ أَيْضاً تَقْدِمَةَ الدَّقِيقِ، فَمَلأَ قَبْضَتَهُ مِنْهَا وَأَحْرَقَهَا عَلَى الْمَذْبَحِ، بِالإِضَافَةِ إِلَى التَّقْدِمَةِ الصَّبَاحِيَّةِ الْمُعْتَادَةِ.١٧
18 १८ बैल और मेढ़ा, अर्थात् जो मेलबलि पशु जनता के लिये थे वे भी बलि किए गए; और हारून के पुत्रों ने लहू को उसके हाथ में दिया, और उसने उसको वेदी पर चारों ओर छिड़क दिया;
وَكَذَلِكَ ذَبَحَ الثَّوْرَ وَالْكَبْشَ، ذَبِيحَةَ سَلامٍ عَنِ الشَّعْبِ وَأَعْطَاهُ أَبْنَاؤُهُ الدَّمَ فَرَشَّهُ عَلَى جَوَانِبِ الْمَذْبَحِ.١٨
19 १९ और उन्होंने बैल की चर्बी को, और मेढ़े में से मोटी पूँछ को, और जिस चर्बी से अंतड़ियाँ ढपी रहती हैं उसको, और गुर्दों सहित कलेजे पर की झिल्ली को भी उसके हाथ में दिया;
وَانْتَزَعَ شَحْمَ الثَّوْرِ وَأَلْيَةَ الْكَبْشِ وَشَحْمَ الْكُلْيَتَيْنِ وَالْمَرَارَةَ مِنْهُمَا،١٩
20 २० और उन्होंने चर्बी को छातियों पर रखा; और उसने वह चर्बी वेदी पर जलाई,
وَوَضَعُوا الشَّحْمَ عَلَى الصَّدْرَيْنِ، ثُمَّ أَحْرَقَ الشَّحْمَ عَلَى الْمَذْبَحِ.٢٠
21 २१ परन्तु छातियों और दाहिनी जाँघ को हारून ने मूसा की आज्ञा के अनुसार हिलाने की भेंट के लिये यहोवा के सामने हिलाया।
وَأَمَّا صَدْرُ كُلٍّ مِنْهُمَا وَسَاقُهُ الْيُمْنَى فَقَدْ رَجَّحَهَا أَمَامَ الرَّبِّ كَمَا أَمَرَ مُوسَى.٢١
22 २२ तब हारून ने लोगों की ओर हाथ बढ़ाकर उन्हें आशीर्वाद दिया; और पापबलि, होमबलि, और मेलबलियों को चढ़ाकर वह नीचे उतर आया।
ثُمَّ رَفَعَ هَرُونُ يَدَيْهِ نَحْوَ الشَّعْبِ وَبَارَكَهُمْ. وَلَمَّا انْتَهَى مِنْ تَقْرِيبِ ذَبِيحَةِ الْخَطِيئَةِ وَالْمُحْرَقَةِ وَذَبِيحَةِ السَّلامِ، انْحَدَرَ مِنْ عِنْدِ الْمَذْبَحِ.٢٢
23 २३ तब मूसा और हारून मिलापवाले तम्बू में गए, और निकलकर लोगों को आशीर्वाद दिया; तब यहोवा का तेज सारी जनता को दिखाई दिया।
وَدَخَلَ مُوسَى وَهَرُونُ إِلَى خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ، وَمَا لَبِثَا أَنْ خَرَجَا وَبَارَكَا الشَّعْبَ، فَتَجَلَّى مَجْدُ الرَّبِّ لِلشَّعْبِ كُلِّهِ.٢٣
24 २४ और यहोवा के सामने से आग निकली चर्बी सहित होमबलि को वेदी पर भस्म कर दिया; इसे देखकर जनता ने जय जयकार का नारा लगाया, और अपने-अपने मुँह के बल गिरकर दण्डवत् किया।
وَخَرَجَتْ نَارٌ مِنْ عِنْدِ الرَّبِّ أَحْرَقَتْ ذَبِيحَةَ الْمُحْرَقَةِ وَالشَّحْمَ الَّذِي عَلَى الْمَذْبَحِ. وَعِنْدَمَا شَهِدَ الشَّعْبُ هَذَا، هَتَفُوا سَاجِدِينَ بِوُجُوهٍ مُنْحَنِيَةٍ نَحْوَ الأَرْضِ.٢٤

< लैव्यव्यवस्था 9 >