< लैव्यव्यवस्था 8 >

1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
And the LORD spake unto Moses, saying,
2 “तू हारून और उसके पुत्रों के वस्त्रों, और अभिषेक के तेल, और पापबलि के बछड़े, और दोनों मेढ़ों, और अख़मीरी रोटी की टोकरी को
Take Aaron and his sons with him, and the garments, and the anointing oil, and the bullock of the sin offering, and the two rams, and the basket of unleavened bread;
3 मिलापवाले तम्बू के द्वार पर ले आ, और वहीं सारी मण्डली को इकट्ठा कर।”
and assemble thou all the congregation at the door of the tent of meeting.
4 यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार मूसा ने किया; और मण्डली मिलापवाले तम्बू के द्वार पर इकट्ठा हुई।
And Moses did as the LORD commanded him; and the congregation was assembled at the door of the tent of meeting.
5 तब मूसा ने मण्डली से कहा, “जो काम करने की आज्ञा यहोवा ने दी है वह यह है।”
And Moses said unto the congregation, This is the thing which the LORD hath commanded to be done.
6 फिर मूसा ने हारून और उसके पुत्रों को समीप ले जाकर जल से नहलाया।
And Moses brought Aaron and his sons, and washed them with water.
7 तब उसने उनको अंगरखा पहनाया, और कमरबन्ध लपेटकर बागा पहना दिया, और एपोद लगाकर एपोद के काढ़े हुए पट्टे से एपोद को बाँधकर कस दिया।
And he put upon him the coat, and girded him with the girdle, and clothed him with the robe, and put the ephod upon him, and he girded him with the cunningly woven band of the ephod, and bound it unto him therewith.
8 और उसने चपरास लगाकर चपरास में ऊरीम और तुम्मीम रख दिए।
And he placed the breastplate upon him: and in the breastplate he put the Urim and the Thummim.
9 तब उसने उसके सिर पर पगड़ी बाँधकर पगड़ी के सामने सोने के टीके को, अर्थात् पवित्र मुकुट को लगाया, जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
And he set the mitre upon his head; and upon the mitre, in front, did he set the golden plate, the holy crown; as the LORD commanded Moses.
10 १० तब मूसा ने अभिषेक का तेल लेकर निवास का और जो कुछ उसमें था उन सब का भी अभिषेक करके उन्हें पवित्र किया।
And Moses took the anointing oil, and anointed the tabernacle and all that was therein, and sanctified them.
11 ११ और उस तेल में से कुछ उसने वेदी पर सात बार छिड़का, और सम्पूर्ण सामान समेत वेदी का और पाए समेत हौदी का अभिषेक करके उन्हें पवित्र किया।
And he sprinkled thereof upon the altar seven times, and anointed the altar and all its vessels, and the laver and its base, to sanctify them.
12 १२ और उसने अभिषेक के तेल में से कुछ हारून के सिर पर डालकर उसका अभिषेक करके उसे पवित्र किया।
And he poured of the anointing oil upon Aaron’s head, and anointed him, to sanctify him.
13 १३ फिर मूसा ने हारून के पुत्रों को समीप ले आकर, अंगरखे पहनाकर, कमरबन्ध बाँध के उनके सिर पर टोपी रख दी, जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
And Moses brought Aaron’s sons, and clothed them with coats, and girded them with girdles, and bound headtires upon them; as the LORD commanded Moses.
14 १४ तब वह पापबलि के बछड़े को समीप ले गया; और हारून और उसके पुत्रों ने अपने-अपने हाथ पापबलि के बछड़े के सिर पर रखे।
And he brought the bullock of the sin offering: and Aaron and his sons laid their hands upon the head of the bullock of the sin offering.
15 १५ तब वह बलि किया गया, और मूसा ने लहू को लेकर उँगली से वेदी के चारों सींगों पर लगाकर पवित्र किया, और लहू को वेदी के पाए पर उण्डेल दिया, और उसके लिये प्रायश्चित करके उसको पवित्र किया।
And he slew it; and Moses took the blood, and put it upon the horns of the altar round about with his finger, and purified the altar, and poured out the blood at the base of the altar, and sanctified it, to make atonement for it.
16 १६ और मूसा ने अंतड़ियों पर की सब चर्बी, और कलेजे पर की झिल्ली, और चर्बी समेत दोनों गुर्दों को लेकर वेदी पर जलाया।
And he took all the fat that was upon the inwards, and the caul of the liver, and the two kidneys, and their fat, and Moses burned it upon the altar.
17 १७ परन्तु बछड़े में से जो कुछ शेष रह गया उसको, अर्थात् गोबर समेत उसकी खाल और माँस को उसने छावनी से बाहर आग में जलाया, जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
But the bullock, and its skin, and its flesh, and its dung, he burnt with fire without the camp; as the LORD commanded Moses.
18 १८ फिर वह होमबलि के मेढ़े को समीप ले गया, और हारून और उसके पुत्रों ने अपने-अपने हाथ मेढ़े के सिर पर रखे।
And he presented the ram of the burnt offering: and Aaron and his sons laid their hands upon the head of the ram.
19 १९ तब वह बलि किया गया, और मूसा ने उसका लहू वेदी पर चारों ओर छिड़का।
And he killed it: and Moses sprinkled the blood upon the altar round about.
20 २० तब मेढ़ा टुकड़े-टुकड़े किया गया, और मूसा ने सिर और चर्बी समेत टुकड़ों को जलाया।
And he cut the ram into its pieces; and Moses burnt the head, and the pieces, and the fat.
21 २१ तब अंतड़ियाँ और पाँव जल से धोये गए, और मूसा ने पूरे मेढ़े को वेदी पर जलाया, और वह सुखदायक सुगन्ध देने के लिये होमबलि और यहोवा के लिये हव्य हो गया, जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
And he washed the inwards and the legs with water; and Moses burnt the whole ram upon the altar: it was a burnt offering for a sweet savour: it was an offering made by fire unto the LORD; as the LORD commanded Moses.
22 २२ फिर वह दूसरे मेढ़े को जो संस्कार का मेढ़ा था समीप ले गया, और हारून और उसके पुत्रों ने अपने-अपने हाथ मेढ़े के सिर पर रखे।
And he presented the other ram, the ram of consecration: and Aaron and his sons laid their hands upon the head of the ram.
23 २३ तब वह बलि किया गया, और मूसा ने उसके लहू में से कुछ लेकर हारून के दाहिने कान के सिरे पर और उसके दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों पर लगाया।
And he slew it; and Moses took of the blood thereof, and put it upon the tip of Aaron’s right ear, and upon the thumb of his right hand, and upon the great toe of his right foot.
24 २४ और वह हारून के पुत्रों को समीप ले गया, और लहू में से कुछ एक-एक के दाहिने कान के सिरे पर और दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों पर लगाया; और मूसा ने लहू को वेदी पर चारों ओर छिड़का।
And he brought Aaron’s sons, and Moses put of the blood upon the tip of their right ear, and upon the thumb of their right hand, and upon the great toe of their right foot: and Moses sprinkled the blood upon the altar round about.
25 २५ और उसने चर्बी, और मोटी पूँछ, और अंतड़ियों पर की सब चर्बी, और कलेजे पर की झिल्ली समेत दोनों गुर्दे, और दाहिनी जाँघ, ये सब लेकर अलग रखे;
And he took the fat, and the fat tail, and all the fat that was upon the inwards, and the caul of the liver, and the two kidneys, and their fat, and the right thigh:
26 २६ और अख़मीरी रोटी की टोकरी जो यहोवा के आगे रखी गई थी उसमें से एक अख़मीरी रोटी, और तेल से सने हुए मैदे का एक फुलका, और एक पपड़ी लेकर चर्बी और दाहिनी जाँघ पर रख दी;
and out of the basket of unleavened bread, that was before the LORD, he took one unleavened cake, and one cake of oiled bread, and one wafer, and placed them on the fat, and upon the right thigh:
27 २७ और ये सब वस्तुएँ हारून और उसके पुत्रों के हाथों पर रख दी गईं, और हिलाने की भेंट के लिये यहोवा के सामने हिलाई गईं।
and he put the whole upon the hands of Aaron, and upon the hands of his sons, and waved them for a wave offering before the LORD.
28 २८ तब मूसा ने उन्हें फिर उनके हाथों पर से लेकर उन्हें वेदी पर होमबलि के ऊपर जलाया, यह सुखदायक सुगन्ध देने के लिये संस्कार की भेंट और यहोवा के लिये हव्य था।
And Moses took them from off their hands, and burnt them on the altar upon the burnt offering: they were a consecration for a sweet savour: it was an offering made by fire unto the LORD.
29 २९ तब मूसा ने छाती को लेकर हिलाने की भेंट के लिये यहोवा के आगे हिलाया; और संस्कार के मेढ़े में से मूसा का भाग यही हुआ जैसा यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
And Moses took the breast, and waved it for a wave offering before the LORD: it was Moses’ portion of the ram of consecration; as the LORD commanded Moses.
30 ३० तब मूसा ने अभिषेक के तेल और वेदी पर के लहू, दोनों में से कुछ लेकर हारून और उसके वस्त्रों पर, और उसके पुत्रों और उनके वस्त्रों पर भी छिड़का; और उसने वस्त्रों समेत हारून को भी पवित्र किया।
And Moses took of the anointing oil, and of the blood which was upon the altar, and sprinkled it upon Aaron, upon his garments, and upon his sons, and upon his sons’ garments with him; and sanctified Aaron, his garments, and his sons, and his sons’ garments with him.
31 ३१ तब मूसा ने हारून और उसके पुत्रों से कहा, “माँस को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर पकाओ, और उस रोटी को जो संस्कार की टोकरी में है वहीं खाओ, जैसा मैंने आज्ञा दी है कि हारून और उसके पुत्र उसे खाएँ।
And Moses said unto Aaron and to his sons, Boil the flesh at the door of the tent of meeting: and there eat it and the bread that is in the basket of consecration, as I commanded, saying, Aaron and his sons shall eat it.
32 ३२ और माँस और रोटी में से जो शेष रह जाए उसे आग में जला देना।
And that which remaineth of the flesh and of the bread shall ye burn with fire.
33 ३३ और जब तक तुम्हारे संस्कार के दिन पूरे न हों तब तक, अर्थात् सात दिन तक मिलापवाले तम्बू के द्वार के बाहर न जाना, क्योंकि वह सात दिन तक तुम्हारा संस्कार करता रहेगा।
And ye shall not go out from the door of the tent of meeting seven days, until the days of your consecration be fulfilled: for he shall consecrate you seven days.
34 ३४ जिस प्रकार आज किया गया है वैसा ही करने की आज्ञा यहोवा ने दी है, जिससे तुम्हारा प्रायश्चित किया जाए।
As hath been done this day, so the LORD hath commanded to do, to make atonement for you.
35 ३५ इसलिए तुम मिलापवाले तम्बू के द्वार पर सात दिन तक दिन-रात ठहरे रहना, और यहोवा की आज्ञा को मानना, ताकि तुम मर न जाओ; क्योंकि ऐसी ही आज्ञा मुझे दी गई है।”
And at the door of the tent of meeting shall ye abide day and night seven days, and keep the charge of the LORD, that ye die not: for so I am commanded.
36 ३६ तब यहोवा की इन्हीं सब आज्ञाओं के अनुसार जो उसने मूसा के द्वारा दी थीं हारून और उसके पुत्रों ने किया।
And Aaron and his sons did all the things which the LORD commanded by the hand of Moses.

< लैव्यव्यवस्था 8 >