< लैव्यव्यवस्था 25 >

1 फिर यहोवा ने सीनै पर्वत के पास मूसा से कहा,
আর সদাপ্রভু সীনয় পর্বতে মোশিকে বললেন,
2 “इस्राएलियों से कह कि जब तुम उस देश में प्रवेश करो जो मैं तुम्हें देता हूँ, तब भूमि को यहोवा के लिये विश्राम मिला करे।
তুমি ইস্রায়েল-সন্তানদেরকে বল, তাদেরকে বল, আমি তোমাদিগকে যে দেশ দেব, তোমরা সেই দেশে প্রবেশ করলে সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে জমি বিশ্রাম ভোগ করবে।
3 छः वर्ष तो अपना-अपना खेत बोया करना, और छहों वर्ष अपनी-अपनी दाख की बारी छाँट छाँटकर देश की उपज इकट्ठी किया करना;
ছয় বছর তুমি নিজের জমিতে বীজ বপন করবে, ছয় বছর নিজের আঙ্গুরফল পাড়বে ও তার ফল সংগ্রহ করবে।
4 परन्तु सातवें वर्ष भूमि को यहोवा के लिये परमविश्रामकाल मिला करे; उसमें न तो अपना खेत बोना और न अपनी दाख की बारी छाँटना।
কিন্তু সপ্তম বছরে জমির বিশ্রামের জন্য বিশ্রামকাল, সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে বিশ্রামকাল হবে; তুমি নিজের জমিতে বীজ বপন কোরো না ও নিজের আঙ্গুরফল পেড়ো না;
5 जो कुछ काटे हुए खेत में अपने आप से उगें उसे न काटना, और अपनी बिन छाँटी हुई दाखलता की दाखों को न तोड़ना; क्योंकि वह भूमि के लिये परमविश्राम का वर्ष होगा।
তুমি জমির নিজে থেকে উৎপন্ন শস্য কাটবে না ও না পাড়া আঙ্গুরফল ফল সংগ্রহ করবে না; ওটা জমির বিশ্রামের জন্য বছর হবে।
6 भूमि के विश्रामकाल ही की उपज से तुम को, और तुम्हारे दास-दासी को, और तुम्हारे साथ रहनेवाले मजदूरों और परदेशियों को भी भोजन मिलेगा;
আর জমির বিশ্রাম তোমাদের খাবারের জন্য হবে; জমির সব জিনিসই তোমার, তোমার দাসের ও দাসীর, তোমার বেতনভোগী ভৃত্যের ও তোমার সহবাসী বিদেশীর
7 और तुम्हारे पशुओं का और देश में जितने जीवजन्तु हों उनका भी भोजन भूमि की सब उपज से होगा।
এবং তোমার পশুর ও তোমার দেশের বনপশুর খাবারের জন্য হবে।
8 “सात विश्रामवर्ष, अर्थात् सातगुना सात वर्ष गिन लेना, सातों विश्रामवर्षों का यह समय उनचास वर्ष होगा।
আর তুমি নিজের জন্য সাত বিশ্রামবছর, সাত গুণ সাত বছর, গণনা করবে; তাতে তোমার গণিত সেই সাত গুণ সাত বিশ্রামবছরে ঊনপঞ্চাশ বছর হবে।
9 तब सातवें महीने के दसवें दिन को, अर्थात् प्रायश्चित के दिन, जय जयकार के महाशब्द का नरसिंगा अपने सारे देश में सब कहीं फुँकवाना।
তখন সপ্তম মাসের দশম দিনের তুমি জয়ধ্বনির তূরী বাজাবে; প্রায়শ্চিত্তদিনের তোমাদের সব দেশে তূরী বাজাবে।
10 १० और उस पचासवें वर्ष को पवित्र करके मानना, और देश के सारे निवासियों के लिये छुटकारे का प्रचार करना; वह वर्ष तुम्हारे यहाँ जुबली कहलाए; उसमें तुम अपनी-अपनी निज भूमि और अपने-अपने घराने में लौटने पाओगे।
১০আর তোমরা পঞ্চাশতম বছরকে পবিত্র করবে এবং সব দেশে সেখানকার সব অধিবাসীর কাছে মুক্তি ঘোষণা করবে; ওটি তোমাদের জন্য যোবেল [তূরীধ্বনির মহোৎসব] হবে এবং তোমরা প্রত্যেকে নিজের নিজের অধিকারে ফিরে যাবে ও প্রত্যেকে নিজের নিজের বংশের কাছে ফিরে যাবে।
11 ११ तुम्हारे यहाँ वह पचासवाँ वर्ष जुबली का वर्ष कहलाए; उसमें तुम न बोना, और जो अपने आप उगें उसे भी न काटना, और न बिन छाँटी हुई दाखलता की दाखों को तोड़ना।
১১তোমাদের জন্য পঞ্চাশত্তম বছর যোবেল হবে; তোমরা বীজ বুনো না, নিজে থেকে উৎপন্ন শস্য কেটো না এবং ঝোড়ে না পড়া আঙ্গুরফলের ফল সংগ্রহ কোরো না।
12 १२ क्योंकि वह तो जुबली का वर्ष होगा; वह तुम्हारे लिये पवित्र होगा; तुम उसकी उपज खेत ही में से ले लेकर खाना।
১২কারণ ওটাই যোবেল, ওটা তোমাদের পক্ষে পবিত্র হবে; তোমরা জমিতে উৎপন্ন শস্য গুলো খেতে পারবে।
13 १३ “इस जुबली के वर्ष में तुम अपनी-अपनी निज भूमि को लौटने पाओगे।
১৩ঐ যোবেল বছরে তোমরা প্রতিদিন নিজের নিজের অধিকারে ফিরে যাবে।
14 १४ और यदि तुम अपने भाई-बन्धु के हाथ कुछ बेचो या अपने भाई-बन्धु से कुछ मोल लो, तो तुम एक दूसरे पर उपद्रव न करना।
১৪তুমি যদি প্রতিবেশীর কাছে কোনো কিছু বিক্রয় কর, কিংবা নিজের প্রতিবেশীর হাত থেকে কেনো; তবে তোমরা পরস্পর অন্যায় কোরো না।
15 १५ जुबली के बाद जितने वर्ष बीते हों उनकी गिनती के अनुसार दाम ठहराके एक दूसरे से मोल लेना, और शेष वर्षों की उपज के अनुसार वह तेरे हाथ बेचे।
১৫তুমি যোবেলের পরের বছর-সংখ্যানুসারে প্রতিবেশীর কাছ থেকে কিনবে এবং ফল উৎপত্তির বছর-সংখ্যা অনুসারে তোমার কাছে সে বিক্রি করবে।
16 १६ जितने वर्ष और रहें उतना ही दाम बढ़ाना, और जितने वर्ष कम रहें उतना ही दाम घटाना, क्योंकि वर्ष की उपज की संख्या जितनी हो उतनी ही वह तेरे हाथ बेचेगा।
১৬তুমি বছরের বেশী অনুসারে মূল্যবেশী করবে ও বছরের কম অনুসারে মূল্য কম করবে; কারণ সে তোমার কাছে ফল উৎপত্তির দিনের সংখ্যা অনুসারে বিক্রি করে।
17 १७ तुम अपने-अपने भाई-बन्धु पर उपद्रव न करना; अपने परमेश्वर का भय मानना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
১৭তোমরা তোমাদের প্রতিবেশীর প্রতি অন্যায় কোরো না, কিন্তু নিজের ঈশ্বরকে ভয় কোরো, কারণ আমি সদাপ্রভু তোমাদের ঈশ্বর।
18 १८ “इसलिए तुम मेरी विधियों को मानना, और मेरे नियमों पर समझ बूझकर चलना; क्योंकि ऐसा करने से तुम उस देश में निडर बसे रहोगे।
১৮আর তোমরা আমার ব্যবস্থা অনুসারে আচরণ করবে, আমার শাসন সব মানবে ও তা পালন করবে; তাতে দেশে নির্ভয়ে বাস করবে।
19 १९ भूमि अपनी उपज उपजाया करेगी, और तुम पेट भर खाया करोगे, और उस देश में निडर बसे रहोगे।
১৯আর জমি নিজে ফল উৎপন্ন করবে, তাতে তোমরা তৃপ্তি পর্যন্ত খাবে ও দেশে নির্ভয়ে বাস করবে।
20 २० और यदि तुम कहो कि सातवें वर्ष में हम क्या खाएँगे, न तो हम बोएँगे न अपने खेत की उपज इकट्ठा करेंगे?”
২০আর যদি তোমরা বল, দেখ, আমরা সপ্তম বছরে কি খাব? দেখ, আমরা ত জমিতে বপন করব না ও উৎপন্ন ফল সংগ্রহ করব না;
21 २१ तो जानो कि मैं तुम को छठवें वर्ष में ऐसी आशीष दूँगा, कि भूमि की उपज तीन वर्ष तक काम आएगी।
২১তবে আমি ষষ্ট বছরে তোমাদেরকে আশীর্বাদ করব; তাতে তিন বছরের জন্য শস্য উৎপন্ন হবে।
22 २२ तुम आठवें वर्ष में बोओगे, और पुरानी उपज में से खाते रहोगे, और नवें वर्ष की उपज जब तक न मिले तब तक तुम पुरानी उपज में से खाते रहोगे।
২২পরে অষ্টম বছরে তোমরা বপন করবে ও নবম বছর পর্যন্ত পুরানো শস্য খাবে; যতক্ষণ ফল না হয়, ততক্ষণ পুরানো শস্য খাবে।
23 २३ “भूमि सदा के लिये बेची न जाए, क्योंकि भूमि मेरी है; और उसमें तुम परदेशी और बाहरी होंगे।
২৩আর জমি চিরদিনের র জন্য বিক্রি হবে না, কারণ জমি আমারই; তোমরা ত আমার সঙ্গে বিদেশী ও প্রবাসী।
24 २४ लेकिन तुम अपने भाग के सारे देश में भूमि को छुड़ाने देना।
২৪আর তোমরা নিজেদের অধিকার করা দেশের সব জমি মুক্ত করতে দিও।
25 २५ “यदि तेरा कोई भाई-बन्धु कंगाल होकर अपनी निज भूमि में से कुछ बेच डाले, तो उसके कुटुम्बियों में से जो सबसे निकट हो वह आकर अपने भाई-बन्धु के बेचे हुए भाग को छुड़ा ले।
২৫তোমার ভাই যদি গরিব হয়ে নিজের অধিকারের কিছু বিক্রি করে, তবে তার মুক্তিকর্তার কাছে আত্মীয় এসে নিজের ভাইয়ের বিক্রি করা জমি মুক্ত করে নেবে।
26 २६ यदि किसी मनुष्य के लिये कोई छुड़ानेवाला न हो, और उसके पास इतना धन हो कि आप ही अपने भाग को छुड़ा सके,
২৬যার মুক্তিকর্তা নেই, সে যদি ধনবান্ হয়ে নিজে তা মুক্ত করতে সমর্থ হয়,
27 २७ तो वह उसके बिकने के समय से वर्षों की गिनती करके शेष वर्षों की उपज का दाम उसको, जिसने उसे मोल लिया हो, फेर दे; तब वह अपनी निज भूमि का अधिकारी हो जाए।
২৭তবে সে তার বিক্রির বছরে গণনা করে সেই অনুসারে অতিরিক্ত মূল্য ক্রেতাকে ফিরিয়ে দেবে; এভাবে সে নিজের অধিকারে ফিরে যাবে।
28 २८ परन्तु यदि उसके पास इतनी पूँजी न हो कि उसे फिर अपनी कर सके, तो उसकी बेची हुई भूमि जुबली के वर्ष तक मोल लेनेवालों के हाथ में रहे; और जुबली के वर्ष में छूट जाए तब वह मनुष्य अपनी निज भूमि का फिर अधिकारी हो जाए।
২৮কিন্তু যদি সে তা ফিরিয়ে নিতে অসমর্থ হয়, তবে সেই বিক্রীত অধিকার যোবেল বছর পর্যন্ত ক্রেতার হাতে থাকবে; যোবেলে তা মুক্ত হবে এবং সে নিজের অধিকারে ফিরে যাবে।
29 २९ “फिर यदि कोई मनुष्य शहरपनाह वाले नगर में बसने का घर बेचे, तो वह बेचने के बाद वर्ष भर के अन्दर उसे छुड़ा सकेगा, अर्थात् पूरे वर्ष भर उस मनुष्य को छुड़ाने का अधिकार रहेगा।
২৯আর যদি কেউ প্রাচীরে ঘেরা নগরের মাঝখানে বাসগৃহ বিক্রয় করে, তবে সে বিক্রয়-বছরের শেষ পর্যন্ত তা মুক্ত করতে পারবে, পূর্ণ এক বছরের মধ্যে তা মুক্ত করবার অধিকারী থাকবে।
30 ३० परन्तु यदि वह वर्ष भर में न छुड़ाए, तो वह घर जो शहरपनाह वाले नगर में हो मोल लेनेवाले का बना रहे, और पीढ़ी-पीढ़ी में उसी में वंश का बना रहे; और जुबली के वर्ष में भी न छूटे।
৩০কিন্তু যদি সম্পূর্ণ এক বছর দিনের র মধ্যে তা মুক্ত না হয়, তবে প্রাচীরে ঘেরা নগরের মধ্যে সেই গৃহ পুরুষপরম্পরায় ক্রয়কর্তার চিরস্থায়ী অধিকার হবে; তা যোবেলে মুক্ত হবে না।
31 ३१ परन्तु बिना शहरपनाह के गाँवों के घर तो देश के खेतों के समान गिने जाएँ; उनका छुड़ाना भी हो सकेगा, और वे जुबली के वर्ष में छूट जाएँ।
৩১কিন্তু প্রাচীরছাড়া গ্রামে অবস্থিত গৃহ দেশের জমির মধ্যে গণনা হবে; তা মুক্ত করা যেতে পারে এবং যোবেলে তা মুক্ত হবে।
32 ३२ फिर भी लेवियों के निज भाग के नगरों के जो घर हों उनको लेवीय जब चाहें तब छुड़ाएँ।
৩২কিন্তু লেবীয়দের নগর সব, তাদের অধিকারে নগরের গৃহ সব মুক্ত করবার অধিকার লেবীয়দের সব দিন ই থাকবে।
33 ३३ और यदि कोई लेवीय अपना भाग न छुड़ाए, तो वह बेचा हुआ घर जो उसके भाग के नगर में हो जुबली के वर्ष में छूट जाए; क्योंकि इस्राएलियों के बीच लेवियों का भाग उनके नगरों में वे घर ही हैं।
৩৩যদি লেবীয়দের কেউ মুক্ত করে, তবে সেই বিক্রীত গৃহ এবং তার অধিকারের নগর যোবেলে মুক্ত হবে; কারণ ইস্রায়েল-সন্তানদের মধ্যে লেবীয়দের নগরের গৃহ সব তাদের অধিকার।
34 ३४ पर उनके नगरों के चारों ओर की चराई की भूमि बेची न जाए; क्योंकि वह उनका सदा का भाग होगा।
৩৪আর তাদের নগরের চরাণিভূমি বিক্রীত হবে না; কারণ তাই তাদের চিরস্থায়ী অধিকার।
35 ३५ “फिर यदि तेरा कोई भाई-बन्धु कंगाल हो जाए, और उसकी दशा तेरे सामने तरस योग्य हो जाए, तो तू उसको सम्भालना; वह परदेशी या यात्री के समान तेरे संग रहे।
৩৫আর তোমার ভাই যদি গরিব হয় ও তোমার কাছে শূন্যহাত হয়, তবে তুমি তার উপকার করবে; সে বিদেশী ও প্রবাসীর মত তোমার সঙ্গে জীবন ধারণ করবে।
36 ३६ उससे ब्याज या बढ़ती न लेना; अपने परमेश्वर का भय मानना; जिससे तेरा भाई-बन्धु तेरे संग जीवन निर्वाह कर सके।
৩৬তুমি তা থেকে সুদ কিংবা বৃদ্ধি নেবে না, কিন্তু নিজের ঈশ্বরকে ভয় করবে, তোমার ভাইকে তোমার সঙ্গে জীবন ধারণ করতে দেবে।
37 ३७ उसको ब्याज पर रुपया न देना, और न उसको भोजनवस्तु लाभ के लालच से देना।
৩৭তুমি সুদের জন্য তাকে টাকা দেবে না ও বৃদ্ধির জন্য তাকে অন্ন দেবে না।
38 ३८ मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ; मैं तुम्हें कनान देश देने के लिये और तुम्हारा परमेश्वर ठहरने की मनसा से तुम को मिस्र देश से निकाल लाया हूँ।
৩৮আমি সদাপ্রভু তোমাদের সেই ঈশ্বর, যিনি তোমাদেরকে কনান দেশ দেবার জন্য ও তোমাদের ঈশ্বর হবার জন্য তোমাদেরকে মিশর দেশ থেকে বের করে এনেছেন।
39 ३९ “फिर यदि तेरा कोई भाई-बन्धु तेरे सामने कंगाल होकर अपने आपको तेरे हाथ बेच डाले, तो उससे दास के समान सेवा न करवाना।
৩৯আর তোমার ভাই যদি গরিব হয়ে তোমার কাছে নিজেকে বিক্রয় করে, তবে তুমি তাকে দাসের মত কাজ কোরো না।
40 ४० वह तेरे संग मजदूर या यात्री के समान रहे, और जुबली के वर्ष तक तेरे संग रहकर सेवा करता रहे;
৪০সে বেতনজীবী মজুরের মত কিংবা প্রবাসীর মত তোমার সঙ্গে থাকবে, যোবেল বছর পর্যন্ত তোমার দাস্যকর্ম্ম করবে।
41 ४१ तब वह बाल-बच्चों समेत तेरे पास से निकल जाए, और अपने कुटुम्ब में और अपने पितरों की निज भूमि में लौट जाए।
৪১পরে সে নিজের সন্তানদের সঙ্গে তোমার কাছ থেকে মুক্ত হয়ে নিজের বংশের কাছে ফিরে যাবে ও নিজের পৈতৃক অধিকারে ফিরে যাবে।
42 ४२ क्योंकि वे मेरे ही दास हैं, जिनको मैं मिस्र देश से निकाल लाया हूँ; इसलिए वे दास की रीति से न बेचे जाएँ।
৪২কারণ তারা আমারই দাস, যাদেরকে আমি মিশর দেশ থেকে বের করে এনেছি; তাদের দাসের মত বিক্রি করা হবে না।
43 ४३ उस पर कठोरता से अधिकार न करना; अपने परमेश्वर का भय मानते रहना।
৪৩তুমি তার উপরে কঠিন কর্তৃত্ব কোরো না, কিন্তু নিজের ঈশ্বরকে ভয় কোরো।
44 ४४ तेरे जो दास-दासियाँ हों वे तुम्हारे चारों ओर की जातियों में से हों, और दास और दासियाँ उन्हीं में से मोल लेना।
৪৪তোমাদের চারদিকে জাতিগণের মধ্য থেকে তোমরা দাস ও দাসী রাখতে পারবে; তাদের থেকেই তোমরা দাস ও দাসী ক্রয় কোরো।
45 ४५ जो यात्री लोग तुम्हारे बीच में परदेशी होकर रहेंगे, उनमें से और उनके घरानों में से भी जो तुम्हारे आस-पास हों, और जो तुम्हारे देश में उत्पन्न हुए हों, उनमें से तुम दास और दासी मोल लो; और वे तुम्हारा भाग ठहरें।
৪৫আর তোমাদের মধ্য প্রবাসী বিদেশীদের সন্তানদের থেকে এবং তোমাদের দেশে তাদের উৎপন্ন তাদের যে যে বংশ তোমাদের সঙ্গে আছে, তাদের থেকেও ক্রয় কোরো; তারা তোমাদের অধিকার হবে।
46 ४६ तुम अपने पुत्रों को भी जो तुम्हारे बाद होंगे उनके अधिकारी कर सकोगे, और वे उनका भाग ठहरें; उनमें से तुम सदा अपने लिये दास लिया करना, परन्तु तुम्हारे भाई-बन्धु जो इस्राएली हों उन पर अपना अधिकार कठोरता से न जताना।
৪৬আর তোমরা নিজের নিজের ভাবী সন্তানদের অধিকারের জন্য দায়ভাগ দ্বারা তাদেরকে দিতে পার এবং নিত্য নিজেদের দাস্যকর্ম তাদেরকে দিয়ে করাতে পার; কিন্তু তোমাদের ভাই ইস্রায়েল-সন্তানদের মধ্যে তোমরা কেউ কারও কঠিন কর্তৃত্ব করবে না।
47 ४७ “फिर यदि तेरे सामने कोई परदेशी या यात्री धनी हो जाए, और उसके सामने तेरा भाई कंगाल होकर अपने आपको तेरे सामने उस परदेशी या यात्री या उसके वंश के हाथ बेच डाले,
৪৭আর যদি তোমাদের মধ্যে কোন বিদেশী কিংবা প্রবাসী ধনবান হয় এবং তার কাছাকাছি তোমার ভাই গরিব হয়ে যদি তোমার কাছাকাছি প্রবাসী, বিদেশী কিংবা বিদেশীয় গোত্রের কোনো লোকের কাছে নিজেকে বিক্রয় করে,
48 ४८ तो उसके बिक जाने के बाद वह फिर छुड़ाया जा सकता है; उसके भाइयों में से कोई उसको छुड़ा सकता है,
৪৮তবে সে বিক্রীত হবার পরে মুক্ত হতে পারবে; তার আত্মীয়ের মধ্যে কেউ তাকে মুক্ত করতে পারবে;
49 ४९ या उसका चाचा, या चचेरा भाई, तथा उसके कुल का कोई भी निकट कुटुम्बी उसको छुड़ा सकता है; या यदि वह धनी हो जाए, तो वह आप ही अपने को छुड़ा सकता है।
৪৯তার কাকা কিংবা কাকার ছেলে তাকে মুক্ত করবে, কিংবা তার বংশের কাছের কোন আত্মীয় তাকে মুক্ত করবে; কিংবা যদি সে ধনবান্‌ হয়ে উঠে, তবে নিজেকে মুক্ত করবে।
50 ५० वह अपने मोल लेनेवाले के साथ अपने बिकने के वर्ष से जुबली के वर्ष तक हिसाब करे, और उसके बिकने का दाम वर्षों की गिनती के अनुसार हो, अर्थात् वह दाम मजदूर के दिवसों के समान उसके साथ होगा।
৫০তাতে তার বিক্রয় বছর থেকে যোবেল বছর পর্যন্ত ক্রেতার সঙ্গে হিসাব হলে বছরের সংখ্যা অনুসারে তার মূল্য হবে; ওর কাছে তার থাকবার দিন বেতনজীবী দিনের র মত হবে।
51 ५१ यदि जुबली के वर्ष के बहुत वर्ष रह जाएँ, तो जितने रुपयों से वह मोल लिया गया हो उनमें से वह अपने छुड़ाने का दाम उतने वर्षों के अनुसार फेर दे।
৫১যদি অনেক বছর বাকি থাকে, তবে সেই অনুসারে সে ক্রয়-মূল্য থেকে নিজের মুক্তির মূল্য ফিরিয়ে দেবে।
52 ५२ यदि जुबली के वर्ष के थोड़े वर्ष रह गए हों, तो भी वह अपने स्वामी के साथ हिसाब करके अपने छुड़ाने का दाम उतने ही वर्षों के अनुसार फेर दे।
৫২যদি যোবেল বৎসরের অল্প বৎসর বাকি থাকে, তবে সে তার সঙ্গে হিসাব করে সেই কয়েক বছর অনুসারে নিজের মুক্তির মূল্য ফিরিয়ে দেবে।
53 ५३ वह अपने स्वामी के संग उस मजदूर के समान रहे जिसकी वार्षिक मजदूरी ठहराई जाती हो; और उसका स्वामी उस पर तेरे सामने कठोरता से अधिकार न जताने पाए।
৫৩বছরের পর বছর ভাড়া করা মজুরের মত সে তার সঙ্গে থাকবে; তোমার সাক্ষাৎে সে তার উপরে কঠিন কর্তৃত্ব করবে না।
54 ५४ और यदि वह इन रीतियों से छुड़ाया न जाए, तो वह जुबली के वर्ष में अपने बाल-बच्चों समेत छूट जाए।
৫৪আর যদি সে ঐ সব বছরে মুক্ত না হয়, তবে যোবেল বছরে নিজের সন্তানদের সঙ্গে মুক্ত হয়ে যাবে।
55 ५५ क्योंकि इस्राएली मेरे ही दास हैं; वे मिस्र देश से मेरे ही निकाले हुए दास हैं; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
৫৫কারণ ইস্রায়েল-সন্তানরা আমারই দাস; তারা আমার দাস, যাদেরকে আমি মিশর দেশ থেকে বের করে এনেছি; আমি সদাপ্রভু তোমাদের ঈশ্বর।

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