< लैव्यव्यवस्था 24 >
1 १ फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
Et locutus est Dominus ad Moysen, dicens:
2 २ “इस्राएलियों को यह आज्ञा दे कि मेरे पास उजियाला देने के लिये कूट के निकाला हुआ जैतून का निर्मल तेल ले आना, कि दीपक नित्य जलता रहे।
Præcipe filiis Israel, ut afferant tibi oleum de olivis purissimum, ac lucidum, ad concinnandas lucernas iugiter,
3 ३ हारून उसको, मिलापवाले तम्बू में, साक्षीपत्र के बीचवाले पर्दे से बाहर, यहोवा के सामने नित्य साँझ से भोर तक सजा कर रखे; यह तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी के लिये सदा की विधि ठहरे।
extra velum testimonii in tabernaculo fœderis. Ponetque eas Aaron a vespere usque ad mane coram Domino, cultu rituque perpetuo in generationibus vestris.
4 ४ वह दीपकों को सोने की दीवट पर यहोवा के सामने नित्य सजाया करे।
Super candelabrum mundissimum ponentur semper in conspectu Domini.
5 ५ “तू मैदा लेकर बारह रोटियाँ पकवाना, प्रत्येक रोटी में एपा का दो दसवाँ अंश मैदा हो।
Accipies quoque similam, et coques ex ea duodecim panes, qui singuli habebunt duas decimas:
6 ६ तब उनकी दो पंक्तियाँ करके, एक-एक पंक्ति में छः छः रोटियाँ, स्वच्छ मेज पर यहोवा के सामने रखना।
quorum senos altrinsecus super mensam purissimam coram Domino statues:
7 ७ और एक-एक पंक्ति पर शुद्ध लोबान रखना कि वह रोटी स्मरण दिलानेवाली वस्तु और यहोवा के लिये हव्य हो।
et pones super eos thus lucidissimum, ut sit panis in monimentum oblationis Domini.
8 ८ प्रति विश्रामदिन को वह उसे नित्य यहोवा के सम्मुख क्रम से रखा करे, यह सदा की वाचा की रीति इस्राएलियों की ओर से हुआ करे।
Per singula sabbata mutabuntur coram Domino suscepti a filiis Israel fœdere sempiterno:
9 ९ और वह हारून और उसके पुत्रों की होंगी, और वे उसको किसी पवित्रस्थान में खाएँ, क्योंकि वह यहोवा के हव्यों में से सदा की विधि के अनुसार हारून के लिये परमपवित्र वस्तु ठहरी है।”
eruntque Aaron et filiorum eius, ut comedant eos in loco sancto: quia Sanctum sanctorum est de sacrificiis Domini iure perpetuo.
10 १० उन दिनों में किसी इस्राएली स्त्री का बेटा, जिसका पिता मिस्री पुरुष था, इस्राएलियों के बीच चला गया; और वह इस्राएली स्त्री का बेटा और एक इस्राएली पुरुष छावनी के बीच आपस में मारपीट करने लगे,
Ecce autem egressus filius mulieris Israelitidis, quem pepererat de viro Ægyptio inter filios Israel, iurgatus est in castris cum viro Israelita.
11 ११ और वह इस्राएली स्त्री का बेटा यहोवा के नाम की निन्दा करके श्राप देने लगा। यह सुनकर लोग उसको मूसा के पास ले गए। उसकी माता का नाम शलोमीत था, जो दान के गोत्र के दिब्री की बेटी थी।
Cumque blasphemasset nomen, et maledixisset ei, adductus est ad Moysen. (Vocabatur autem mater eius Salumith, filia Dabri de tribu Dan.)
12 १२ उन्होंने उसको हवालात में बन्द किया, जिससे यहोवा की आज्ञा से इस बात पर विचार किया जाए।
Miseruntque eum in carcerem, donec nossent quid iuberet Dominus.
13 १३ तब यहोवा ने मूसा से कहा,
Qui locutus est ad Moysen,
14 १४ “तुम लोग उस श्राप देनेवाले को छावनी से बाहर ले जाओ; और जितनों ने वह निन्दा सुनी हो वे सब अपने-अपने हाथ उसके सिर पर रखें, तब सारी मण्डली के लोग उस पर पथराव करें।
dicens: Educ blasphemum extra castra, et ponant omnes qui audierunt, manus suas super caput eius, et lapidet eum populus universus.
15 १५ और तू इस्राएलियों से कह कि कोई क्यों न हो, जो अपने परमेश्वर को श्राप दे उसे अपने पाप का भार उठाना पड़ेगा।
Et ad filios Israel loqueris: Homo, qui maledixerit Deo suo, portabit peccatum suum:
16 १६ यहोवा के नाम की निन्दा करनेवाला निश्चय मार डाला जाए; सारी मण्डली के लोग निश्चय उस पर पथराव करें; चाहे देशी हो चाहे परदेशी, यदि कोई यहोवा के नाम की निन्दा करें तो वह मार डाला जाए।
et qui blasphemaverit nomen Domini, morte moriatur: lapidibus opprimet eum omnis multitudo, sive ille civis, sive peregrinus fuerit. Qui blasphemaverit nomen Domini, morte moriatur.
17 १७ “फिर जो कोई किसी मनुष्य को जान से मारे वह निश्चय मार डाला जाए।
Qui percusserit, et occiderit hominem, morte moriatur.
18 १८ और जो कोई किसी घरेलू पशु को जान से मारे वह उसका बदला दे, अर्थात् प्राणी के बदले प्राणी दे।
Qui percusserit animal, reddet vicarium, id est animam pro anima.
19 १९ “फिर यदि कोई किसी दूसरे को चोट पहुँचाए, तो जैसा उसने किया हो वैसा ही उसके साथ भी किया जाए,
Qui irrogaverit maculam cuilibet civium suorum: sicut fecit, sic fiet ei:
20 २० अर्थात् अंग-भंग करने के बदले अंग-भंग किया जाए, आँख के बदले आँख, दाँत के बदले दाँत, जैसी चोट जिसने किसी को पहुँचाई हो वैसी ही उसको भी पहुँचाई जाए।
fracturam pro fractura, oculum pro oculo, dentem pro dente restituet. Qualem inflixerit maculam, talem sustinere cogetur.
21 २१ पशु का मार डालनेवाला उसका बदला दे, परन्तु मनुष्य का मार डालनेवाला मार डाला जाए।
Qui percusserit iumentum, reddet aliud. Qui percusserit hominem, punietur.
22 २२ तुम्हारा नियम एक ही हो, जैसा देशी के लिये वैसा ही परदेशी के लिये भी हो; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।”
Æquum iudicium sit inter vos, sive peregrinus, sive civis peccaverit: quia ego sum Dominus Deus vester.
23 २३ अतः मूसा ने इस्राएलियों को यह समझाया; तब उन्होंने उस श्राप देनेवाले को छावनी से बाहर ले जाकर उस पर पथराव किया। और इस्राएलियों ने वैसा ही किया जैसा यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
Locutusque est Moyses ad filios Israel: et eduxerunt eum, qui blasphemaverat, extra castra, ac lapidibus oppresserunt. Feceruntque filii Israel sicut præceperat Dominus Moysi.