< लैव्यव्यवस्था 23 >

1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃
2 “इस्राएलियों से कह कि यहोवा के पर्व जिनका तुम को पवित्र सभा एकत्रित करने के लिये नियत समय पर प्रचार करना होगा, मेरे वे पर्व ये हैं।
דַּבֵּ֞ר אֶל־בְּנֵ֤י יִשְׂרָאֵל֙ וְאָמַרְתָּ֣ אֲלֵהֶ֔ם מֹועֲדֵ֣י יְהוָ֔ה אֲשֶׁר־תִּקְרְא֥וּ אֹתָ֖ם מִקְרָאֵ֣י קֹ֑דֶשׁ אֵ֥לֶּה הֵ֖ם מֹועֲדָֽי׃
3 “छः दिन काम-काज किया जाए, पर सातवाँ दिन परमविश्राम का और पवित्र सभा का दिन है; उसमें किसी प्रकार का काम-काज न किया जाए; वह तुम्हारे सब घरों में यहोवा का विश्रामदिन ठहरे।
שֵׁ֣שֶׁת יָמִים֮ תֵּעָשֶׂ֣ה מְלָאכָה֒ וּבַיֹּ֣ום הַשְּׁבִיעִ֗י שַׁבַּ֤ת שַׁבָּתֹון֙ מִקְרָא־קֹ֔דֶשׁ כָּל־מְלָאכָ֖ה לֹ֣א תַעֲשׂ֑וּ שַׁבָּ֥ת הִוא֙ לַֽיהוָ֔ה בְּכֹ֖ל מֹֽושְׁבֹתֵיכֶֽם׃ פ
4 “फिर यहोवा के पर्व जिनमें से एक-एक के ठहराये हुए समय में तुम्हें पवित्र सभा करने के लिये प्रचार करना होगा वे ये हैं।
אֵ֚לֶּה מֹועֲדֵ֣י יְהוָ֔ה מִקְרָאֵ֖י קֹ֑דֶשׁ אֲשֶׁר־תִּקְרְא֥וּ אֹתָ֖ם בְּמֹועֲדָֽם׃
5 पहले महीने के चौदहवें दिन को साँझ के समय यहोवा का फसह हुआ करे।
בַּחֹ֣דֶשׁ הָרִאשֹׁ֗ון בְּאַרְבָּעָ֥ה עָשָׂ֛ר לַחֹ֖דֶשׁ בֵּ֣ין הָעַרְבָּ֑יִם פֶּ֖סַח לַיהוָֽה׃
6 और उसी महीने के पन्द्रहवें दिन को यहोवा के लिये अख़मीरी रोटी का पर्व हुआ करे; उसमें तुम सात दिन तक अख़मीरी रोटी खाया करना।
וּבַחֲמִשָּׁ֨ה עָשָׂ֥ר יֹום֙ לַחֹ֣דֶשׁ הַזֶּ֔ה חַ֥ג הַמַּצֹּ֖ות לַיהוָ֑ה שִׁבְעַ֥ת יָמִ֖ים מַצֹּ֥ות תֹּאכֵֽלוּ׃
7 उनमें से पहले दिन तुम्हारी पवित्र सभा हो; और उस दिन परिश्रम का कोई काम न करना।
בַּיֹּום֙ הָֽרִאשֹׁ֔ון מִקְרָא־קֹ֖דֶשׁ יִהְיֶ֣ה לָכֶ֑ם כָּל־מְלֶ֥אכֶת עֲבֹדָ֖ה לֹ֥א תַעֲשֽׂוּ׃
8 और सातों दिन तुम यहोवा को हव्य चढ़ाया करना; और सातवें दिन पवित्र सभा हो; उस दिन परिश्रम का कोई काम न करना।”
וְהִקְרַבְתֶּ֥ם אִשֶּׁ֛ה לַיהוָ֖ה שִׁבְעַ֣ת יָמִ֑ים בַּיֹּ֤ום הַשְּׁבִיעִי֙ מִקְרָא־קֹ֔דֶשׁ כָּל־מְלֶ֥אכֶת עֲבֹדָ֖ה לֹ֥א תַעֲשֽׂוּ׃ פ
9 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃
10 १० “इस्राएलियों से कह कि जब तुम उस देश में प्रवेश करो जिसे यहोवा तुम्हें देता है और उसमें के खेत काटो, तब अपने-अपने पके खेत की पहली उपज का पूला याजक के पास ले आया करना;
דַּבֵּ֞ר אֶל־בְּנֵ֤י יִשְׂרָאֵל֙ וְאָמַרְתָּ֣ אֲלֵהֶ֔ם כִּֽי־תָבֹ֣אוּ אֶל־הָאָ֗רֶץ אֲשֶׁ֤ר אֲנִי֙ נֹתֵ֣ן לָכֶ֔ם וּקְצַרְתֶּ֖ם אֶת־קְצִירָ֑הּ וַהֲבֵאתֶ֥ם אֶת־עֹ֛מֶר רֵאשִׁ֥ית קְצִירְכֶ֖ם אֶל־הַכֹּהֵֽן׃
11 ११ और वह उस पूले को यहोवा के सामने हिलाए कि वह तुम्हारे निमित्त ग्रहण किया जाए; वह उसे विश्रामदिन के अगले दिन हिलाए।
וְהֵנִ֧יף אֶת־הָעֹ֛מֶר לִפְנֵ֥י יְהוָ֖ה לִֽרְצֹנְכֶ֑ם מִֽמָּחֳרַת֙ הַשַּׁבָּ֔ת יְנִיפֶ֖נּוּ הַכֹּהֵֽן׃
12 १२ और जिस दिन तुम पूले को हिलवाओ उसी दिन एक वर्ष का निर्दोष भेड़ का बच्चा यहोवा के लिये होमबलि चढ़ाना।
וַעֲשִׂיתֶ֕ם בְּיֹ֥ום הֲנִֽיפְכֶ֖ם אֶת־הָעֹ֑מֶר כֶּ֣בֶשׂ תָּמִ֧ים בֶּן־שְׁנָתֹ֛ו לְעֹלָ֖ה לַיהוָֽה׃
13 १३ और उसके साथ का अन्नबलि एपा के दो दसवें अंश तेल से सने हुए मैदे का हो वह सुखदायक सुगन्ध के लिये यहोवा का हव्य हो; और उसके साथ का अर्घ हीन भर की चौथाई दाखमधु हो।
וּמִנְחָתֹו֩ שְׁנֵ֨י עֶשְׂרֹנִ֜ים סֹ֣לֶת בְּלוּלָ֥ה בַשֶּׁ֛מֶן אִשֶּׁ֥ה לַיהוָ֖ה רֵ֣יחַ נִיחֹ֑חַ וְנִסְכֹּ֥ה יַ֖יִן רְבִיעִ֥ת הַהִֽין׃
14 १४ और जब तक तुम इस चढ़ावे को अपने परमेश्वर के पास न ले जाओ, उस दिन तक नये खेत में से न तो रोटी खाना और न भूना हुआ अन्न और न हरी बालें; यह तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में तुम्हारे सारे घरानों में सदा की विधि ठहरे।
וְלֶחֶם֩ וְקָלִ֨י וְכַרְמֶ֜ל לֹ֣א תֹֽאכְל֗וּ עַד־עֶ֙צֶם֙ הַיֹּ֣ום הַזֶּ֔ה עַ֚ד הֲבִ֣יאֲכֶ֔ם אֶת־קָרְבַּ֖ן אֱלֹהֵיכֶ֑ם חֻקַּ֤ת עֹולָם֙ לְדֹרֹ֣תֵיכֶ֔ם בְּכֹ֖ל מֹשְׁבֹֽתֵיכֶֽם׃ ס
15 १५ “फिर उस विश्रामदिन के दूसरे दिन से, अर्थात् जिस दिन तुम हिलाई जानेवाली भेंट के पूले को लाओगे, उस दिन से पूरे सात विश्रामदिन गिन लेना;
וּסְפַרְתֶּ֤ם לָכֶם֙ מִמָּחֳרַ֣ת הַשַּׁבָּ֔ת מִיֹּום֙ הֲבִ֣יאֲכֶ֔ם אֶת־עֹ֖מֶר הַתְּנוּפָ֑ה שֶׁ֥בַע שַׁבָּתֹ֖ות תְּמִימֹ֥ת תִּהְיֶֽינָה׃
16 १६ सातवें विश्रामदिन के अगले दिन तक पचास दिन गिनना, और पचासवें दिन यहोवा के लिये नया अन्नबलि चढ़ाना।
עַ֣ד מִֽמָּחֳרַ֤ת הַשַּׁבָּת֙ הַשְּׁבִיעִ֔ת תִּסְפְּר֖וּ חֲמִשִּׁ֣ים יֹ֑ום וְהִקְרַבְתֶּ֛ם מִנְחָ֥ה חֲדָשָׁ֖ה לַיהוָֽה׃
17 १७ तुम अपने घरों में से एपा के दो दसवें अंश मैदे की दो रोटियाँ हिलाने की भेंट के लिये ले आना; वे ख़मीर के साथ पकाई जाएँ, और यहोवा के लिये पहली उपज ठहरें।
מִמֹּושְׁבֹ֨תֵיכֶ֜ם תָּבִ֣יאּוּ ׀ לֶ֣חֶם תְּנוּפָ֗ה שְׁ֚תַּיִם שְׁנֵ֣י עֶשְׂרֹנִ֔ים סֹ֣לֶת תִּהְיֶ֔ינָה חָמֵ֖ץ תֵּאָפֶ֑ינָה בִּכּוּרִ֖ים לֽ͏ַיהוָֽה׃
18 १८ और उस रोटी के संग एक-एक वर्ष के सात निर्दोष भेड़ के बच्चे, और एक बछड़ा, और दो मेढ़े चढ़ाना; वे अपने-अपने साथ के अन्नबलि और अर्घ समेत यहोवा के लिये होमबलि के समान चढ़ाए जाएँ, अर्थात् वे यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध देनेवाला हव्य ठहरें।
וְהִקְרַבְתֶּ֣ם עַל־הַלֶּ֗חֶם שִׁבְעַ֨ת כְּבָשִׂ֤ים תְּמִימִם֙ בְּנֵ֣י שָׁנָ֔ה וּפַ֧ר בֶּן־בָּקָ֛ר אֶחָ֖ד וְאֵילִ֣ם שְׁנָ֑יִם יִהְי֤וּ עֹלָה֙ לַֽיהוָ֔ה וּמִנְחָתָם֙ וְנִסְכֵּיהֶ֔ם אִשֵּׁ֥ה רֵֽיחַ־נִיחֹ֖חַ לַיהוָֽה׃
19 १९ फिर पापबलि के लिये एक बकरा, और मेलबलि के लिये एक-एक वर्ष के दो भेड़ के बच्चे चढ़ाना।
וַעֲשִׂיתֶ֛ם שְׂעִיר־עִזִּ֥ים אֶחָ֖ד לְחַטָּ֑את וּשְׁנֵ֧י כְבָשִׂ֛ים בְּנֵ֥י שָׁנָ֖ה לְזֶ֥בַח שְׁלָמִֽים׃
20 २० तब याजक उनको पहली उपज की रोटी समेत यहोवा के सामने हिलाने की भेंट के लिये हिलाए, और इन रोटियों के संग वे दो भेड़ के बच्चे भी हिलाए जाएँ; वे यहोवा के लिये पवित्र, और याजक का भाग ठहरें।
וְהֵנִ֣יף הַכֹּהֵ֣ן ׀ אֹתָ֡ם עַל֩ לֶ֨חֶם הַבִּכּוּרִ֤ים תְּנוּפָה֙ לִפְנֵ֣י יְהוָ֔ה עַל־שְׁנֵ֖י כְּבָשִׂ֑ים קֹ֛דֶשׁ יִהְי֥וּ לַיהוָ֖ה לַכֹּהֵֽן׃
21 २१ और तुम उस दिन यह प्रचार करना, कि आज हमारी एक पवित्र सभा होगी; और परिश्रम का कोई काम न करना; यह तुम्हारे सारे घरानों में तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में सदा की विधि ठहरे।
וּקְרָאתֶ֞ם בְּעֶ֣צֶם ׀ הַיֹּ֣ום הַזֶּ֗ה מִֽקְרָא־קֹ֙דֶשׁ֙ יִהְיֶ֣ה לָכֶ֔ם כָּל־מְלֶ֥אכֶת עֲבֹדָ֖ה לֹ֣א תַעֲשׂ֑וּ חֻקַּ֥ת עֹולָ֛ם בְּכָל־מֹושְׁבֹ֥תֵיכֶ֖ם לְדֹרֹֽתֵיכֶֽם׃
22 २२ “जब तुम अपने देश में के खेत काटो, तब अपने खेत के कोनों को पूरी रीति से न काटना, और खेत में गिरी हुई बालों को न इकट्ठा करना; उसे गरीब और परदेशी के लिये छोड़ देना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।”
וּֽבְקֻצְרְכֶ֞ם אֶת־קְצִ֣יר אַרְצְכֶ֗ם לֹֽא־תְכַלֶּ֞ה פְּאַ֤ת שָֽׂדְךָ֙ בְּקֻצְרֶ֔ךָ וְלֶ֥קֶט קְצִירְךָ֖ לֹ֣א תְלַקֵּ֑ט לֶֽעָנִ֤י וְלַגֵּר֙ תַּעֲזֹ֣ב אֹתָ֔ם אֲנִ֖י יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיכֶֽם׃ ס
23 २३ फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃
24 २४ “इस्राएलियों से कह कि सातवें महीने के पहले दिन को तुम्हारे लिये परमविश्राम हो; उस दिन को स्मरण दिलाने के लिये नरसिंगे फूँके जाएँ, और एक पवित्र सभा इकट्ठी हो।
דַּבֵּ֛ר אֶל־בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל לֵאמֹ֑ר בַּחֹ֨דֶשׁ הַשְּׁבִיעִ֜י בְּאֶחָ֣ד לַחֹ֗דֶשׁ יִהְיֶ֤ה לָכֶם֙ שַׁבָּתֹ֔ון זִכְרֹ֥ון תְּרוּעָ֖ה מִקְרָא־קֹֽדֶשׁ׃
25 २५ उस दिन तुम परिश्रम का कोई काम न करना, और यहोवा के लिये एक हव्य चढ़ाना।”
כָּל־מְלֶ֥אכֶת עֲבֹדָ֖ה לֹ֣א תַעֲשׂ֑וּ וְהִקְרַבְתֶּ֥ם אִשֶּׁ֖ה לַיהוָֽה׃ ס
26 २६ फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃
27 २७ “उसी सातवें महीने का दसवाँ दिन प्रायश्चित का दिन माना जाए; वह तुम्हारी पवित्र सभा का दिन होगा, और उसमें तुम उपवास करना और यहोवा का हव्य चढ़ाना।
אַ֡ךְ בֶּעָשֹׂ֣ור לַחֹדֶשׁ֩ הַשְּׁבִיעִ֨י הַזֶּ֜ה יֹ֧ום הַכִּפֻּרִ֣ים ה֗וּא מִֽקְרָא־קֹ֙דֶשׁ֙ יִהְיֶ֣ה לָכֶ֔ם וְעִנִּיתֶ֖ם אֶת־נַפְשֹׁתֵיכֶ֑ם וְהִקְרַבְתֶּ֥ם אִשֶּׁ֖ה לַיהוָֽה׃
28 २८ उस दिन तुम किसी प्रकार का काम-काज न करना; क्योंकि वह प्रायश्चित का दिन नियुक्त किया गया है जिसमें तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के सामने तुम्हारे लिये प्रायश्चित किया जाएगा।
וְכָל־מְלָאכָה֙ לֹ֣א תַעֲשׂ֔וּ בְּעֶ֖צֶם הַיֹּ֣ום הַזֶּ֑ה כִּ֣י יֹ֤ום כִּפֻּרִים֙ ה֔וּא לְכַפֵּ֣ר עֲלֵיכֶ֔ם לִפְנֵ֖י יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיכֶֽם׃
29 २९ इसलिए जो मनुष्य उस दिन उपवास न करे वह अपने लोगों में से नाश किया जाएगा।
כִּ֤י כָל־הַנֶּ֙פֶשׁ֙ אֲשֶׁ֣ר לֹֽא־תְעֻנֶּ֔ה בְּעֶ֖צֶם הַיֹּ֣ום הַזֶּ֑ה וְנִכְרְתָ֖ה מֵֽעַמֶּֽיהָ׃
30 ३० और जो मनुष्य उस दिन किसी प्रकार का काम-काज करे उस मनुष्य को मैं उसके लोगों के बीच में से नाश कर डालूँगा।
וְכָל־הַנֶּ֗פֶשׁ אֲשֶׁ֤ר תַּעֲשֶׂה֙ כָּל־מְלָאכָ֔ה בְּעֶ֖צֶם הַיֹּ֣ום הַזֶּ֑ה וְהַֽאֲבַדְתִּ֛י אֶת־הַנֶּ֥פֶשׁ הַהִ֖וא מִקֶּ֥רֶב עַמָּֽהּ׃
31 ३१ तुम किसी प्रकार का काम-काज न करना; यह तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में तुम्हारे घराने में सदा की विधि ठहरे।
כָּל־מְלָאכָ֖ה לֹ֣א תַעֲשׂ֑וּ חֻקַּ֤ת עֹולָם֙ לְדֹרֹ֣תֵיכֶ֔ם בְּכֹ֖ל מֹֽשְׁבֹֽתֵיכֶֽם׃
32 ३२ वह दिन तुम्हारे लिये परमविश्राम का हो, उसमें तुम उपवास करना; और उस महीने के नवें दिन की साँझ से अगली साँझ तक अपना विश्रामदिन माना करना।”
שַׁבַּ֨ת שַׁבָּתֹ֥ון הוּא֙ לָכֶ֔ם וְעִנִּיתֶ֖ם אֶת־נַפְשֹׁתֵיכֶ֑ם בְּתִשְׁעָ֤ה לַחֹ֙דֶשׁ֙ בָּעֶ֔רֶב מֵעֶ֣רֶב עַד־עֶ֔רֶב תִּשְׁבְּת֖וּ שַׁבַּתְּכֶֽם׃ פ
33 ३३ फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃
34 ३४ “इस्राएलियों से कह कि उसी सातवें महीने के पन्द्रहवें दिन से सात दिन तक यहोवा के लिये झोपड़ियों का पर्व रहा करे।
דַּבֵּ֛ר אֶל־בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל לֵאמֹ֑ר בַּחֲמִשָּׁ֨ה עָשָׂ֜ר יֹ֗ום לַחֹ֤דֶשׁ הַשְּׁבִיעִי֙ הַזֶּ֔ה חַ֧ג הַסֻּכֹּ֛ות שִׁבְעַ֥ת יָמִ֖ים לַיהֹוָֽה׃
35 ३५ पहले दिन पवित्र सभा हो; उसमें परिश्रम का कोई काम न करना।
בַּיֹּ֥ום הָרִאשֹׁ֖ון מִקְרָא־קֹ֑דֶשׁ כָּל־מְלֶ֥אכֶת עֲבֹדָ֖ה לֹ֥א תַעֲשֽׂוּ׃
36 ३६ सातों दिन यहोवा के लिये हव्य चढ़ाया करना, फिर आठवें दिन तुम्हारी पवित्र सभा हो, और यहोवा के लिये हव्य चढ़ाना; वह महासभा का दिन है, और उसमें परिश्रम का कोई काम न करना।
שִׁבְעַ֣ת יָמִ֔ים תַּקְרִ֥יבוּ אִשֶּׁ֖ה לַיהוָ֑ה בַּיֹּ֣ום הַשְּׁמִינִ֡י מִקְרָא־קֹדֶשׁ֩ יִהְיֶ֨ה לָכֶ֜ם וְהִקְרַבְתֶּ֨ם אִשֶּׁ֤ה לַֽיהוָה֙ עֲצֶ֣רֶת הִ֔וא כָּל־מְלֶ֥אכֶת עֲבֹדָ֖ה לֹ֥א תַעֲשֽׂוּ׃
37 ३७ “यहोवा के नियत पर्व ये ही हैं, इनमें तुम यहोवा को हव्य चढ़ाना, अर्थात् होमबलि, अन्नबलि, मेलबलि, और अर्घ, प्रत्येक अपने-अपने नियत समय पर चढ़ाया जाए और पवित्र सभा का प्रचार करना।
אֵ֚לֶּה מֹועֲדֵ֣י יְהוָ֔ה אֲשֶׁר־תִּקְרְא֥וּ אֹתָ֖ם מִקְרָאֵ֣י קֹ֑דֶשׁ לְהַקְרִ֨יב אִשֶּׁ֜ה לַיהוָ֗ה עֹלָ֧ה וּמִנְחָ֛ה זֶ֥בַח וּנְסָכִ֖ים דְּבַר־יֹ֥ום בְּיֹומֹֽו׃
38 ३८ इन सभी से अधिक यहोवा के विश्रामदिनों को मानना, और अपनी भेंटों, और सब मन्नतों, और स्वेच्छाबलियों को जो यहोवा को अर्पण करोगे चढ़ाया करना।
מִלְּבַ֖ד שַׁבְּתֹ֣ת יְהוָ֑ה וּמִלְּבַ֣ד מַתְּנֹֽותֵיכֶ֗ם וּמִלְּבַ֤ד כָּל־נִדְרֵיכֶם֙ וּמִלְּבַד֙ כָּל־נִדְבֹ֣ותֵיכֶ֔ם אֲשֶׁ֥ר תִּתְּנ֖וּ לַיהוָֽה׃
39 ३९ “फिर सातवें महीने के पन्द्रहवें दिन को, जब तुम देश की उपज को इकट्ठा कर चुको, तब सात दिन तक यहोवा का पर्व मानना; पहले दिन परमविश्राम हो, और आठवें दिन परमविश्राम हो।
אַ֡ךְ בַּחֲמִשָּׁה֩ עָשָׂ֨ר יֹ֜ום לַחֹ֣דֶשׁ הַשְּׁבִיעִ֗י בְּאָסְפְּכֶם֙ אֶת־תְּבוּאַ֣ת הָאָ֔רֶץ תָּחֹ֥גּוּ אֶת־חַג־יְהוָ֖ה שִׁבְעַ֣ת יָמִ֑ים בַּיֹּ֤ום הָֽרִאשֹׁון֙ שַׁבָּתֹ֔ון וּבַיֹּ֥ום הַשְּׁמִינִ֖י שַׁבָּתֹֽון׃
40 ४० और पहले दिन तुम अच्छे-अच्छे वृक्षों की उपज, और खजूर के पत्ते, और घने वृक्षों की डालियाँ, और नदी में के मजनू को लेकर अपने परमेश्वर यहोवा के सामने सात दिन तक आनन्द करना।
וּלְקַחְתֶּ֨ם לָכֶ֜ם בַּיֹּ֣ום הָרִאשֹׁ֗ון פְּרִ֨י עֵ֤ץ הָדָר֙ כַּפֹּ֣ת תְּמָרִ֔ים וַעֲנַ֥ף עֵץ־עָבֹ֖ת וְעַרְבֵי־נָ֑חַל וּשְׂמַחְתֶּ֗ם לִפְנֵ֛י יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיכֶ֖ם שִׁבְעַ֥ת יָמִֽים׃
41 ४१ प्रतिवर्ष सात दिन तक यहोवा के लिये पर्व माना करना; यह तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में सदा की विधि ठहरे, कि सातवें महीने में यह पर्व माना जाए।
וְחַגֹּתֶ֤ם אֹתֹו֙ חַ֣ג לַֽיהוָ֔ה שִׁבְעַ֥ת יָמִ֖ים בַּשָּׁנָ֑ה חֻקַּ֤ת עֹולָם֙ לְדֹרֹ֣תֵיכֶ֔ם בַּחֹ֥דֶשׁ הַשְּׁבִיעִ֖י תָּחֹ֥גּוּ אֹתֹֽו׃
42 ४२ सात दिन तक तुम झोपड़ियों में रहा करना, अर्थात् जितने जन्म के इस्राएली हैं वे सब के सब झोपड़ियों में रहें,
בַּסֻּכֹּ֥ת תֵּשְׁב֖וּ שִׁבְעַ֣ת יָמִ֑ים כָּל־הָֽאֶזְרָח֙ בְּיִשְׂרָאֵ֔ל יֵשְׁב֖וּ בַּסֻּכֹּֽת׃
43 ४३ “इसलिए कि तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी के लोग जान रखें, कि जब यहोवा हम इस्राएलियों को मिस्र देश से निकालकर ला रहा था तब उसने उनको झोपड़ियों में टिकाया था; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।”
לְמַעַן֮ יֵדְע֣וּ דֹרֹֽתֵיכֶם֒ כִּ֣י בַסֻּכֹּ֗ות הֹושַׁ֙בְתִּי֙ אֶת־בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל בְּהֹוצִיאִ֥י אֹותָ֖ם מֵאֶ֣רֶץ מִצְרָ֑יִם אֲנִ֖י יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיכֶֽם׃
44 ४४ और मूसा ने इस्राएलियों को यहोवा के पर्व के नियत समय कह सुनाए।
וַיְדַבֵּ֣ר מֹשֶׁ֔ה אֶת־מֹעֲדֵ֖י יְהוָ֑ה אֶל־בְּנֵ֖י יִשְׂרָאֵֽל׃ פ

< लैव्यव्यवस्था 23 >