< लैव्यव्यवस्था 2 >
1 १ “जब कोई यहोवा के लिये अन्नबलि का चढ़ावा चढ़ाना चाहे, तो वह मैदा चढ़ाए; और उस पर तेल डालकर उसके ऊपर लोबान रखे;
"'Bringt jemand ein Speiseopfer dem Herrn dar, dann sei aus Feinmehl sein Opfer! Er gieße Öl darauf und gebe Weihrauch daran!
2 २ और वह उसको हारून के पुत्रों के पास जो याजक हैं लाए। और अन्नबलि के तेल मिले हुए मैदे में से इस तरह अपनी मुट्ठी भरकर निकाले कि सब लोबान उसमें आ जाए; और याजक उन्हें स्मरण दिलानेवाले भाग के लिये वेदी पर जलाए कि यह यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्धित हवन ठहरे।
Dann bringe er es den Priestern, Aarons Söhnen! Und deren einer hebe eine Handvoll davon ab, von seinem Feinmehl, seinem Öl mit all seinem Weihrauch! Dann lasse der Priester auf dem Altar sein Brandteil aufdampfen, ein Mahl süßen Duftes für den Herrn.
3 ३ और अन्नबलि में से जो बचा रहे वह हारून और उसके पुत्रों का ठहरे; यह यहोवा के हवनों में से परमपवित्र भाग होगा।
Was vom Speiseopfer übrigbleibt, gehöre Aaron sowie seinen Söhnen als Hochheiliges von den Mählern des Herrn!
4 ४ “जब तू अन्नबलि के लिये तंदूर में पकाया हुआ चढ़ावा चढ़ाए, तो वह तेल से सने हुए अख़मीरी मैदे के फुलकों, या तेल से चुपड़ी हुई अख़मीरी रोटियों का हो।
Willst du als Speiseopfer Backwerk bringen, dann seien es Feinmehlkuchen, ungesäuert und mit Öl bereitet, und Fladen, ungesäuert und mit Öl bestrichen!
5 ५ और यदि तेरा चढ़ावा तवे पर पकाया हुआ अन्नबलि हो, तो वह तेल से सने हुए अख़मीरी मैदे का हो;
Ist dein Opfer ein Speiseopfer in der Pfanne, dann sei es aus ungesäuertem, mit Öl bereitetem Feinmehl!
6 ६ उसको टुकड़े-टुकड़े करके उस पर तेल डालना, तब वह अन्नबलि हो जाएगा।
Zerbrich es in Einzelbissen. Gieße Öl darüber! Ein Speiseopfer ist es.
7 ७ और यदि तेरा चढ़ावा कढ़ाही में तला हुआ अन्नबलि हो, तो वह मैदे से तेल में बनाया जाए।
Ist dein Opfer ein Topfspeiseopfer, so werde es mit Öl aus feinem Mehl bereitet!
8 ८ और जो अन्नबलि इन वस्तुओं में से किसी का बना हो उसे यहोवा के समीप ले जाना; और जब वह याजक के पास लाया जाए, तब याजक उसे वेदी के समीप ले जाए।
Dies Speiseopfer, daraus bereitet, bring dem Herrn dar! Man gebe es dem Priester, und er bringe es zum Altar!
9 ९ और याजक अन्नबलि में से स्मरण दिलानेवाला भाग निकालकर वेदी पर जलाए कि वह यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्धवाला हवन ठहरे;
Vom Speiseopfer nehme der Priester seinen Brandteil und lasse ihn auf dem Altar aufdampfen als ein Mahl süßen Duftes für den Herrn!
10 १० और अन्नबलि में से जो बचा रहे वह हारून और उसके पुत्रों का ठहरे; वह यहोवा के हवनों में परमपवित्र भाग होगा।
Was vom Speiseopfer übrigbleibt, gehöre Aaron und seinen Söhnen als Hochheiliges von den Mählern für den Herrn!
11 ११ “कोई अन्नबलि जिसे तुम यहोवा के लिये चढ़ाओ ख़मीर मिलाकर बनाया न जाए; तुम कभी हवन में यहोवा के लिये ख़मीर और मधु न जलाना।
Wollt ihr dem Herrn ein Speiseopfer bringen, so darf es nicht aus Gesäuertem gemacht werden. Ihr dürft ja keinen Sauerteig und keinen Honig als Mahl für den Herrn aufdampfen lassen.
12 १२ तुम इनको पहली उपज का चढ़ावा करके यहोवा के लिये चढ़ाना, पर वे सुखदायक सुगन्ध के लिये वेदी पर चढ़ाए न जाएँ।
Als des ersten Abhubs Gabe sollt ihr sie dem Herrn darbringen! Aber auf den Altar dürfen sie nicht kommen zu süßem Duft.
13 १३ फिर अपने सब अन्नबलियों को नमकीन बनाना; और अपना कोई अन्नबलि अपने परमेश्वर के साथ बंधी हुई वाचा के नमक से रहित होने न देना; अपने सब चढ़ावों के साथ नमक भी चढ़ाना।
Alle deine Speiseopfer sollst du salzen! Nicht sollst du deines Gottesbundes Salz bei deinem Speiseopfer fehlen lassen! Zu all deinen Opfern sollst du Salz bringen!
14 १४ “यदि तू यहोवा के लिये पहली उपज का अन्नबलि चढ़ाए, तो अपनी पहली उपज के अन्नबलि के लिये आग में भुनी हुई हरी-हरी बालें, अर्थात् हरी-हरी बालों को मींजकर निकाल लेना, तब अन्न को चढ़ाना।
Bringst du dem Herrn ein Speiseopfer von den Erstlingsfrüchten, dann sollst du Ähren bringen, am Feuer geröstet, frische Graupen als Frühfruchtspeiseopfer!
15 १५ और उसमें तेल डालना, और उसके ऊपर लोबान रखना; तब वह अन्नबलि हो जाएगा।
Tu Öl daran und lege Weihrauch darauf! Ein Speiseopfer ist es.
16 १६ और याजक मींजकर निकाले हुए अन्न को, और तेल को, और सारे लोबान को स्मरण दिलानेवाला भाग करके जला दे; वह यहोवा के लिये हवन ठहरे।
Der Priester lasse von den Graupen und dem Öl mit seinem ganzen Weihrauch den Brandteil aufdampfen! Ein Mahl ist es für den Herrn.'"