< लैव्यव्यवस्था 14 >

1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
וידבר יהוה אל משה לאמר׃
2 “कोढ़ी के शुद्ध ठहराने की व्यवस्था यह है।, वह याजक के पास पहुँचाया जाए;
זאת תהיה תורת המצרע ביום טהרתו והובא אל הכהן׃
3 और याजक छावनी के बाहर जाए, और याजक उस कोढ़ी को देखे, और यदि उसके कोढ़ की व्याधि चंगी हुई हो,
ויצא הכהן אל מחוץ למחנה וראה הכהן והנה נרפא נגע הצרעת מן הצרוע׃
4 तो याजक आज्ञा दे कि शुद्ध ठहरानेवाले के लिये दो शुद्ध और जीवित पक्षी, देवदार की लकड़ी, और लाल रंग का कपड़ा और जूफा ये सब लिये जाएँ;
וצוה הכהן ולקח למטהר שתי צפרים חיות טהרות ועץ ארז ושני תולעת ואזב׃
5 और याजक आज्ञा दे कि एक पक्षी बहते हुए जल के ऊपर मिट्टी के पात्र में बलि किया जाए।
וצוה הכהן ושחט את הצפור האחת אל כלי חרש על מים חיים׃
6 तब वह जीवित पक्षी को देवदार की लकड़ी और लाल रंग के कपड़े और जूफा इन सभी को लेकर एक संग उस पक्षी के लहू में जो बहते हुए जल के ऊपर बलि किया गया है डुबा दे;
את הצפר החיה יקח אתה ואת עץ הארז ואת שני התולעת ואת האזב וטבל אותם ואת הצפר החיה בדם הצפר השחטה על המים החיים׃
7 और कोढ़ से शुद्ध ठहरनेवाले पर सात बार छिड़ककर उसको शुद्ध ठहराए, तब उस जीवित पक्षी को मैदान में छोड़ दे।
והזה על המטהר מן הצרעת שבע פעמים וטהרו ושלח את הצפר החיה על פני השדה׃
8 और शुद्ध ठहरनेवाला अपने वस्त्रों को धोए, और सब बाल मुँण्डवाकर जल से स्नान करे, तब वह शुद्ध ठहरेगा; और उसके बाद वह छावनी में आने पाए, परन्तु सात दिन तक अपने डेरे से बाहर ही रहे।
וכבס המטהר את בגדיו וגלח את כל שערו ורחץ במים וטהר ואחר יבוא אל המחנה וישב מחוץ לאהלו שבעת ימים׃
9 और सातवें दिन वह सिर, दाढ़ी और भौहों के सब बाल मुँड़ाएँ, और सब अंग मुँण्ड़न कराए, और अपने वस्त्रों को धोए, और जल से स्नान करे, तब वह शुद्ध ठहरेगा।
והיה ביום השביעי יגלח את כל שערו את ראשו ואת זקנו ואת גבת עיניו ואת כל שערו יגלח וכבס את בגדיו ורחץ את בשרו במים וטהר׃
10 १० “आठवें दिन वह दो निर्दोष भेड़ के बच्चे, और एक वर्ष की निर्दोष भेड़ की बच्ची, और अन्नबलि के लिये तेल से सना हुआ एपा का तीन दहाई अंश मैदा, और लोज भर तेल लाए।
וביום השמיני יקח שני כבשים תמימים וכבשה אחת בת שנתה תמימה ושלשה עשרנים סלת מנחה בלולה בשמן ולג אחד שמן׃
11 ११ और शुद्ध ठहरानेवाला याजक इन वस्तुओं समेत उस शुद्ध होनेवाले मनुष्य को यहोवा के सम्मुख मिलापवाले तम्बू के द्वार पर खड़ा करे।
והעמיד הכהן המטהר את האיש המטהר ואתם לפני יהוה פתח אהל מועד׃
12 १२ तब याजक एक भेड़ का बच्चा लेकर दोषबलि के लिये उसे और उस लोज भर तेल को समीप लाए, और इन दोनों को हिलाने की भेंट के लिये यहोवा के सामने हिलाए;
ולקח הכהן את הכבש האחד והקריב אתו לאשם ואת לג השמן והניף אתם תנופה לפני יהוה׃
13 १३ और वह उस भेड़ के बच्चे को उसी स्थान में जहाँ वह पापबलि और होमबलि पशुओं का बलिदान किया करेगा, अर्थात् पवित्रस्थान में बलिदान करे; क्योंकि जैसे पापबलि याजक का निज भाग होगा वैसे ही दोषबलि भी उसी का निज भाग ठहरेगा; वह परमपवित्र है।
ושחט את הכבש במקום אשר ישחט את החטאת ואת העלה במקום הקדש כי כחטאת האשם הוא לכהן קדש קדשים הוא׃
14 १४ तब याजक दोषबलि के लहू में से कुछ लेकर शुद्ध ठहरनेवाले के दाहिने कान के सिरे पर, और उसके दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों पर लगाए।
ולקח הכהן מדם האשם ונתן הכהן על תנוך אזן המטהר הימנית ועל בהן ידו הימנית ועל בהן רגלו הימנית׃
15 १५ तब याजक उस लोज भर तेल में से कुछ लेकर अपने बाएँ हाथ की हथेली पर डाले,
ולקח הכהן מלג השמן ויצק על כף הכהן השמאלית׃
16 १६ और याजक अपने दाहिने हाथ की उँगली को अपनी बाईं हथेली पर के तेल में डुबाकर उस तेल में से कुछ अपनी उँगली से यहोवा के सम्मुख सात बार छिड़के।
וטבל הכהן את אצבעו הימנית מן השמן אשר על כפו השמאלית והזה מן השמן באצבעו שבע פעמים לפני יהוה׃
17 १७ और जो तेल उसकी हथेली पर रह जाएगा याजक उसमें से कुछ शुद्ध होनेवाले के दाहिने कान के सिरे पर, और उसके दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों पर दोषबलि के लहू के ऊपर लगाए;
ומיתר השמן אשר על כפו יתן הכהן על תנוך אזן המטהר הימנית ועל בהן ידו הימנית ועל בהן רגלו הימנית על דם האשם׃
18 १८ और जो तेल याजक की हथेली पर रह जाए उसको वह शुद्ध होनेवाले के सिर पर डाल दे। और याजक उसके लिये यहोवा के सामने प्रायश्चित करे।
והנותר בשמן אשר על כף הכהן יתן על ראש המטהר וכפר עליו הכהן לפני יהוה׃
19 १९ याजक पापबलि को भी चढ़ाकर उसके लिये जो अपनी अशुद्धता से शुद्ध होनेवाला हो प्रायश्चित करे; और उसके बाद होमबलि पशु का बलिदान करके
ועשה הכהן את החטאת וכפר על המטהר מטמאתו ואחר ישחט את העלה׃
20 २० अन्नबलि समेत वेदी पर चढ़ाए: और याजक उसके लिये प्रायश्चित करे, और वह शुद्ध ठहरेगा।
והעלה הכהן את העלה ואת המנחה המזבחה וכפר עליו הכהן וטהר׃
21 २१ “परन्तु यदि वह दरिद्र हो और इतना लाने के लिये उसके पास पूँजी न हो, तो वह अपना प्रायश्चित करवाने के निमित्त, हिलाने के लिये भेड़ का बच्चा दोषबलि के लिये, और तेल से सना हुआ एपा का दसवाँ अंश मैदा अन्नबलि करके, और लोज भर तेल लाए;
ואם דל הוא ואין ידו משגת ולקח כבש אחד אשם לתנופה לכפר עליו ועשרון סלת אחד בלול בשמן למנחה ולג שמן׃
22 २२ और दो पंडुक, या कबूतरी के दो बच्चे लाए, जो वह ला सके; और इनमें से एक तो पापबलि के लिये और दूसरा होमबलि के लिये हो।
ושתי תרים או שני בני יונה אשר תשיג ידו והיה אחד חטאת והאחד עלה׃
23 २३ और आठवें दिन वह इन सभी को अपने शुद्ध ठहरने के लिये मिलापवाले तम्बू के द्वार पर, यहोवा के सम्मुख, याजक के पास ले आए;
והביא אתם ביום השמיני לטהרתו אל הכהן אל פתח אהל מועד לפני יהוה׃
24 २४ तब याजक उस लोज भर तेल और दोषबलिवाले भेड़ के बच्चे को लेकर हिलाने की भेंट के लिये यहोवा के सामने हिलाए।
ולקח הכהן את כבש האשם ואת לג השמן והניף אתם הכהן תנופה לפני יהוה׃
25 २५ फिर दोषबलि के भेड़ के बच्चे का बलिदान किया जाए; और याजक उसके लहू में से कुछ लेकर शुद्ध ठहरनेवाले के दाहिने कान के सिरे पर, और उसके दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों पर लगाए।
ושחט את כבש האשם ולקח הכהן מדם האשם ונתן על תנוך אזן המטהר הימנית ועל בהן ידו הימנית ועל בהן רגלו הימנית׃
26 २६ फिर याजक उस तेल में से कुछ अपने बाएँ हाथ की हथेली पर डालकर,
ומן השמן יצק הכהן על כף הכהן השמאלית׃
27 २७ अपने दाहिने हाथ की उँगली से अपनी बाईं हथेली पर के तेल में से कुछ यहोवा के सम्मुख सात बार छिड़के;
והזה הכהן באצבעו הימנית מן השמן אשר על כפו השמאלית שבע פעמים לפני יהוה׃
28 २८ फिर याजक अपनी हथेली पर के तेल में से कुछ शुद्ध ठहरनेवाले के दाहिने कान के सिरे पर, और उसके दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों, पर दोषबलि के लहू के स्थान पर लगाए।
ונתן הכהן מן השמן אשר על כפו על תנוך אזן המטהר הימנית ועל בהן ידו הימנית ועל בהן רגלו הימנית על מקום דם האשם׃
29 २९ और जो तेल याजक की हथेली पर रह जाए उसे वह शुद्ध ठहरनेवाले के लिये यहोवा के सामने प्रायश्चित करने को उसके सिर पर डाल दे।
והנותר מן השמן אשר על כף הכהן יתן על ראש המטהר לכפר עליו לפני יהוה׃
30 ३० तब वह पंडुक या कबूतरी के बच्चों में से जो वह ला सका हो एक को चढ़ाए,
ועשה את האחד מן התרים או מן בני היונה מאשר תשיג ידו׃
31 ३१ अर्थात् जो पक्षी वह ला सका हो, उनमें से वह एक को पापबलि के लिये और अन्नबलि समेत दूसरे को होमबलि के लिये चढ़ाए; इस रीति से याजक शुद्ध ठहरनेवाले के लिये यहोवा के सामने प्रायश्चित करे।
את אשר תשיג ידו את האחד חטאת ואת האחד עלה על המנחה וכפר הכהן על המטהר לפני יהוה׃
32 ३२ जिसे कोढ़ की व्याधि हुई हो, और उसके इतनी पूँजी न हो कि वह शुद्ध ठहरने की सामग्री को ला सके, तो उसके लिये यही व्यवस्था है।”
זאת תורת אשר בו נגע צרעת אשר לא תשיג ידו בטהרתו׃
33 ३३ फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
וידבר יהוה אל משה ואל אהרן לאמר׃
34 ३४ “जब तुम लोग कनान देश में पहुँचो, जिसे मैं तुम्हारी निज भूमि होने के लिये तुम्हें देता हूँ, उस समय यदि मैं कोढ़ की व्याधि तुम्हारे अधिकार के किसी घर में दिखाऊँ,
כי תבאו אל ארץ כנען אשר אני נתן לכם לאחזה ונתתי נגע צרעת בבית ארץ אחזתכם׃
35 ३५ तो जिसका वह घर हो वह आकर याजक को बता दे कि मुझे ऐसा देख पड़ता है कि घर में मानो कोई व्याधि है।
ובא אשר לו הבית והגיד לכהן לאמר כנגע נראה לי בבית׃
36 ३६ तब याजक आज्ञा दे कि उस घर में व्याधि देखने के लिये मेरे जाने से पहले उसे खाली करो, कहीं ऐसा न हो कि जो कुछ घर में हो वह सब अशुद्ध ठहरे; और इसके बाद याजक घर देखने को भीतर जाए।
וצוה הכהן ופנו את הבית בטרם יבא הכהן לראות את הנגע ולא יטמא כל אשר בבית ואחר כן יבא הכהן לראות את הבית׃
37 ३७ तब वह उस व्याधि को देखे; और यदि वह व्याधि घर की दीवारों पर हरी-हरी या लाल-लाल मानो खुदी हुई लकीरों के रूप में हो, और ये लकीरें दीवार में गहरी देख पड़ती हों,
וראה את הנגע והנה הנגע בקירת הבית שקערורת ירקרקת או אדמדמת ומראיהן שפל מן הקיר׃
38 ३८ तो याजक घर से बाहर द्वार पर जाकर घर को सात दिन तक बन्द कर रखे।
ויצא הכהן מן הבית אל פתח הבית והסגיר את הבית שבעת ימים׃
39 ३९ और सातवें दिन याजक आकर देखे; और यदि वह व्याधि घर की दीवारों पर फैल गई हो,
ושב הכהן ביום השביעי וראה והנה פשה הנגע בקירת הבית׃
40 ४० तो याजक आज्ञा दे कि जिन पत्थरों को व्याधि है उन्हें निकालकर नगर से बाहर किसी अशुद्ध स्थान में फेंक दें;
וצוה הכהן וחלצו את האבנים אשר בהן הנגע והשליכו אתהן אל מחוץ לעיר אל מקום טמא׃
41 ४१ और वह घर के भीतर ही भीतर चारों ओर खुरचवाए, और वह खुरचन की मिट्टी नगर से बाहर किसी अशुद्ध स्थान में डाली जाए;
ואת הבית יקצע מבית סביב ושפכו את העפר אשר הקצו אל מחוץ לעיר אל מקום טמא׃
42 ४२ और उन पत्थरों के स्थान में और दूसरे पत्थर लेकर लगाएँ और याजक ताजा गारा लेकर घर की जुड़ाई करे।
ולקחו אבנים אחרות והביאו אל תחת האבנים ועפר אחר יקח וטח את הבית׃
43 ४३ “यदि पत्थरों के निकाले जाने और घर के खुरचे और पुताई जाने के बाद वह व्याधि फिर घर में फूट निकले,
ואם ישוב הנגע ופרח בבית אחר חלץ את האבנים ואחרי הקצות את הבית ואחרי הטוח׃
44 ४४ तो याजक आकर देखे; और यदि वह व्याधि घर में फैल गई हो, तो वह जान ले कि घर में गलित कोढ़ है; वह अशुद्ध है।
ובא הכהן וראה והנה פשה הנגע בבית צרעת ממארת הוא בבית טמא הוא׃
45 ४५ और वह सब गारे समेत पत्थर, लकड़ी और घर को खुदवाकर गिरा दे; और उन सब वस्तुओं को उठवाकर नगर से बाहर किसी अशुद्ध स्थान पर फिंकवा दे।
ונתץ את הבית את אבניו ואת עציו ואת כל עפר הבית והוציא אל מחוץ לעיר אל מקום טמא׃
46 ४६ और जब तक वह घर बन्द रहे तब तक यदि कोई उसमें जाए तो वह साँझ तक अशुद्ध रहे;
והבא אל הבית כל ימי הסגיר אתו יטמא עד הערב׃
47 ४७ और जो कोई उस घर में सोए वह अपने वस्त्रों को धोए; और जो कोई उस घर में खाना खाए वह भी अपने वस्त्रों को धोए।
והשכב בבית יכבס את בגדיו והאכל בבית יכבס את בגדיו׃
48 ४८ “पर यदि याजक आकर देखे कि जब से घर लेसा गया है तब से उसमें व्याधि नहीं फैली है, तो यह जानकर कि वह व्याधि दूर हो गई है, घर को शुद्ध ठहराए।
ואם בא יבא הכהן וראה והנה לא פשה הנגע בבית אחרי הטח את הבית וטהר הכהן את הבית כי נרפא הנגע׃
49 ४९ और उस घर को पवित्र करने के लिये दो पक्षी, देवदार की लकड़ी, लाल रंग का कपड़ा और जूफा लाए,
ולקח לחטא את הבית שתי צפרים ועץ ארז ושני תולעת ואזב׃
50 ५० और एक पक्षी बहते हुए जल के ऊपर मिट्टी के पात्र में बलिदान करे,
ושחט את הצפר האחת אל כלי חרש על מים חיים׃
51 ५१ तब वह देवदार की लकड़ी, लाल रंग के कपड़े और जूफा और जीवित पक्षी इन सभी को लेकर बलिदान किए हुए पक्षी के लहू में और बहते हुए जल में डुबा दे, और उस घर पर सात बार छिड़के।
ולקח את עץ הארז ואת האזב ואת שני התולעת ואת הצפר החיה וטבל אתם בדם הצפר השחוטה ובמים החיים והזה אל הבית שבע פעמים׃
52 ५२ इस प्रकार वह पक्षी के लहू, और बहते हुए जल, और जीवित पक्षी, और देवदार की लकड़ी, और जूफा और लाल रंग के कपड़े के द्वारा घर को पवित्र करे;
וחטא את הבית בדם הצפור ובמים החיים ובצפר החיה ובעץ הארז ובאזב ובשני התולעת׃
53 ५३ तब वह जीवित पक्षी को नगर से बाहर मैदान में छोड़ दे; इसी रीति से वह घर के लिये प्रायश्चित करे, तब वह शुद्ध ठहरेगा।”
ושלח את הצפר החיה אל מחוץ לעיר אל פני השדה וכפר על הבית וטהר׃
54 ५४ सब भाँति के कोढ़ की व्याधि, और सेंहुएँ,
זאת התורה לכל נגע הצרעת ולנתק׃
55 ५५ और वस्त्र, और घर के कोढ़,
ולצרעת הבגד ולבית׃
56 ५६ और सूजन, और पपड़ी, और दाग के विषय में,
ולשאת ולספחת ולבהרת׃
57 ५७ शुद्ध और अशुद्ध ठहराने की शिक्षा देने की व्यवस्था यही है। सब प्रकार के कोढ़ की व्यवस्था यही है।
להורת ביום הטמא וביום הטהר זאת תורת הצרעת׃

< लैव्यव्यवस्था 14 >