< लैव्यव्यवस्था 13 >

1 फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
আর সদাপ্রভু মোশি ও হারোণকে বললেন,
2 “जब किसी मनुष्य के शरीर के चर्म में सूजन या पपड़ी या दाग हो, और इससे उसके चर्म में कोढ़ की व्याधि के समान कुछ दिखाई पड़े, तो उसे हारून याजक के पास या उसके पुत्र जो याजक हैं, उनमें से किसी के पास ले जाएँ।
যদি কোনো মানুষের শরীরের চামড়ায় শোথ কিংবা খোস কিংবা উজ্জ্বল দাগ হয়, আর তা শরীরের গুরুতর চরম রোগের ঘায়ের মতো হয়, তবে সে হারোণ যাজকের কাছে কিংবা তার ছেলে যাজকদের মধ্যে কারো কাছে আনা হবে।
3 जब याजक उसके चर्म की व्याधि को देखे, और यदि उस व्याधि के स्थान के रोएँ उजले हो गए हों और व्याधि चर्म से गहरी दिखाई पड़े, तो वह जान ले कि कोढ़ की व्याधि है; और याजक उस मनुष्य को देखकर उसको अशुद्ध ठहराए।
পরে যাজক তার শরীরের চামড়ায় অবস্থিত ঘা দেখবে; যদি ঘায়ের লোম সাদা হয়ে থাকে এবং ঘা যদি দেখতে শরীরের চামড়ার থেকে নিম্ন মনে হয়, তবে তা কুষ্ঠরোগের ঘা, তা দেখে যাজক তাকে অশুচি বলবে।
4 पर यदि वह दाग उसके चर्म में उजला तो हो, परन्तु चर्म से गहरा न देख पड़े, और न वहाँ के रोएँ उजले हो गए हों, तो याजक उसको सात दिन तक बन्द करके रखे;
আর উজ্জ্বল দাগ যদি তার শরীরের চামড়া সাদা হয়, কিন্তু দেখতে চামড়ার থেকে নিম্ন না হয় এবং তার লোম সাদা না হয়ে থাকে, তবে যার ঘা হয়েছে, যাজক তাকে সাত দিন আলাদা করে রাখবে।
5 और सातवें दिन याजक उसको देखे, और यदि वह व्याधि जैसी की तैसी बनी रहे और उसके चर्म में न फैली हो, तो याजक उसको और भी सात दिन तक बन्द करके रखे;
পরে সপ্তম দিনের যাজক তাকে দেখবে; আর দেখ, যদি তার দৃষ্টিতে ঘা সেরকম থাকে, চামড়ায় ঘা ছড়িয়ে না থাকে, তবে যাজক তাকে আরও সাত দিন আলাদা করে রাখবে।
6 और सातवें दिन याजक उसको फिर देखे, और यदि देख पड़े कि व्याधि की चमक कम है और व्याधि चर्म पर फैली न हो, तो याजक उसको शुद्ध ठहराए; क्योंकि उसके तो चर्म में पपड़ी है; और वह अपने वस्त्र धोकर शुद्ध हो जाए।
আর সপ্তম দিনের যাজক তাকে আবার দেখবে; আর দেখ, যদি ঘা ভালো হয়ে থাকে ও চামড়ায় ছড়িয়ে না থাকে, তবে যাজক তাকে শুচি বলবে; এটি ফুসকুড়ি; পরে সে নিজের পোশাকে ধুয়ে শুচি হবে।
7 पर यदि याजक की उस जाँच के पश्चात् जिसमें वह शुद्ध ठहराया गया था, वह पपड़ी उसके चर्म पर बहुत फैल जाए, तो वह फिर याजक को दिखाया जाए;
কিন্তু তার পরিষ্কারের জন্যে যাজককে দেখান হলে পর যদি তার ফুসকুড়ি চামড়ায় ছড়িয়ে থাকে, তবে আবার যাজককে দেখাতে হবে।
8 और यदि याजक को देख पड़े कि पपड़ी चर्म में फैल गई है, तो वह उसको अशुद्ध ठहराए; क्योंकि वह कोढ़ ही है।
তাতে যাজক দেখবে, আর দেখ, যদি তার ফুসকুড়ি চামড়ায় ছড়িয়ে থাকে, তবে যাজক তাকে অশুচি বলবে; তা কুষ্ঠরোগ।
9 “यदि कोढ़ की सी व्याधि किसी मनुष्य के हो, तो वह याजक के पास पहुँचाया जाए;
কারোর কুষ্ঠরোগের ঘা হলে সে যাজকের কাছে আসবে।
10 १० और याजक उसको देखे, और यदि वह सूजन उसके चर्म में उजली हो, और उसके कारण रोएँ भी उजले हो गए हों, और उस सूजन में बिना चर्म का माँस हो,
১০পরে যাজক দেখবে; যদি তার চামড়ায় সাদা শোথ থাকে এবং তার লোম সাদা হয়ে থাকে ও শোথে কাঁচা মাংস থাকে,
11 ११ तो याजक जाने कि उसके चर्म में पुराना कोढ़ है, इसलिए वह उसको अशुद्ध ठहराए; और बन्द न रखे, क्योंकि वह तो अशुद्ध है।
১১তবে তা তার শরীরের চামড়ার পুরানো কুষ্ঠ, আর যাজক তাকে অশুচি বলবে; আলাদা করবে না; কারণ সে অশুচি।
12 १२ और यदि कोढ़ किसी के चर्म में फूटकर यहाँ तक फैल जाए, कि जहाँ कहीं याजक देखे रोगी के सिर से पैर के तलवे तक कोढ़ ने सारे चर्म को छा लिया हो,
১২আর চামড়ার সর্বত্র কুষ্ঠরোগ ছড়িয়ে গেলে যদি যাজকের দৃষ্টিতে ঘা বিশিষ্ট ব্যক্তির মাথা থেকে পা পর্যন্ত সমস্ত চামড়া কুষ্ঠরোগে আচ্ছন্ন হয়ে থাকে,
13 १३ तो याजक ध्यान से देखे, और यदि कोढ़ ने उसके सारे शरीर को छा लिया हो, तो वह उस व्यक्ति को शुद्ध ठहराए; और उसका शरीर जो बिलकुल उजला हो गया है वह शुद्ध ही ठहरे।
১৩তবে যাজক তা দেখবে; আর দেখ, যদি তার সমস্ত শরীর কুষ্ঠরোগে আচ্ছন্ন হয়ে থাকে, তবে সে, যার ঘা হয়েছে, তাকে শুচি বলবে; তার সর্বাঙ্গই শুল্ক হল, সে শুচী।
14 १४ पर जब उसमें चर्महीन माँस देख पड़े, तब तो वह अशुद्ध ठहरे।
১৪কিন্তু যখন তার শরীরে কাঁচা মাংস প্রকাশ পায়, তখন সে অশুচি হবে।
15 १५ और याजक चर्महीन माँस को देखकर उसको अशुद्ध ठहराए; क्योंकि वैसा चर्महीन माँस अशुद्ध ही होता है; वह कोढ़ है।
১৫যাজক তার কাঁচা মাংস দেখে তাকে অশুচি বলবে; সেই কাঁচা মাংস অশুচি; তা কুষ্ঠ।
16 १६ पर यदि वह चर्महीन माँस फिर उजला हो जाए, तो वह मनुष्य याजक के पास जाए,
১৬আর সে কাঁচা মাংস যদি আবার সাদা হয়, তবে সে যাজকের কাছে যাবে, আর যাজক তাকে দেখবে;
17 १७ और याजक उसको देखे, और यदि वह व्याधि फिर से उजली हो गई हो, तो याजक रोगी को शुद्ध जाने; वह शुद्ध है।
১৭আর দেখ, যদি তার ঘা সাদা হয়ে থাকে, তবে যাজক, যার ঘা হয়েছে, তাকে, শুচি বলবে; সে শুচী।
18 १८ “फिर यदि किसी के चर्म में फोड़ा होकर चंगा हो गया हो,
১৮আর শরীরের চামড়ায় ঘা হয়ে ভাল হলে পর,
19 १९ और फोड़े के स्थान में उजली सी सूजन या लाली लिये हुए उजला दाग हो, तो वह याजक को दिखाया जाए;
১৯যদি সেই ঘায়ের জায়গায় সাদা শোথ কিংবা সাদা ও ঈষৎ রক্তবর্ণ চিক্কণ চিহ্ন হয়, তবে যাজকের কাছে তা দেখাতে হবে।
20 २० और याजक उस सूजन को देखे, और यदि वह चर्म से गहरा दिखाई पड़े, और उसके रोएँ भी उजले हो गए हों, तो याजक यह जानकर उस मनुष्य को अशुद्ध ठहराए; क्योंकि वह कोढ़ की व्याधि है जो फोड़े में से फूटकर निकली है।
২০আর যাজক তা দেখবে, আর দেখ, যদি তার দৃষ্টিতে তা চামড়ার থেকে নিম্ন বোধ হয় ও তার লোম সাদা হয়ে থাকে, তবে যাজক তাকে অশুচি বলবে; তা স্ফোটকে উৎপন্ন কুষ্ঠরোগের ঘা।
21 २१ परन्तु यदि याजक देखे कि उसमें उजले रोएँ नहीं हैं, और वह चर्म से गहरी नहीं, और उसकी चमक कम हुई है, तो याजक उस मनुष्य को सात दिन तक बन्द करके रखे।
২১কিন্তু যদি যাজক তাতে সাদা লোম না দেখে এবং তা চামড়ার থেকে নিম্ন বোধ না হয় ও মলিন হয়, তবে যাজক তাকে সাত দিন আবদ্ধ করে রাখবে।
22 २२ और यदि वह व्याधि उस समय तक चर्म में सचमुच फैल जाए, तो याजक उस मनुष्य को अशुद्ध ठहराए; क्योंकि वह कोढ़ की व्याधि है।
২২পরে তা যদি চামড়ায় ছড়িয়ে যায়, তবে যাজক তাকে অশুচি বলবে; ওটা ঘা।
23 २३ परन्तु यदि वह दाग न फैले और अपने स्थान ही पर बना रहे, तो वह फोड़े का दाग है; याजक उस मनुष्य को शुद्ध ठहराए।
২৩কিন্তু যদি চিক্কণ চিহ্ন নিজের জায়গায় ও না বাড়ে, তবে তা স্ফোটকের দাগ; যাজক তাকে শুচি বলবে।
24 २४ “फिर यदि किसी के चर्म में जलने का घाव हो, और उस जलने के घाव में चर्महीन दाग लाली लिये हुए उजला या उजला ही हो जाए,
২৪আর যদি শরীরের চামড়া আগুনে পুড়ে যায় ও সেই পুড়ে যাওয়া জায়গায় ঈষৎ লালচে সাদা কিংবা কেবল সাদা দাগ হয়, তবে যাজক তা দেখবে;
25 २५ तो याजक उसको देखे, और यदि उस दाग में के रोएँ उजले हो गए हों और वह चर्म से गहरा दिखाई पड़े, तो वह कोढ़ है; जो उस जलने के दाग में से फूट निकला है; याजक उस मनुष्य को अशुद्ध ठहराए; क्योंकि उसमें कोढ़ की व्याधि है।
২৫আর দেখ, দাগে অবস্থিত লোম যদি সাদা হয় ও দেখতে চামড়ার থেকে নিম্ন বোধ হয়, তবে তা আগুনে পুড়ে উৎপন্ন কুষ্ঠরোগ; অতএব যাজক তাকে অশুচি বলবে, তা কুষ্ঠরোগের ঘা।
26 २६ पर यदि याजक देखे, कि दाग में उजले रोएँ नहीं और न वह चर्म से कुछ गहरा है, और उसकी चमक कम हुई है, तो वह उसको सात दिन तक बन्द करके रखे,
২৬কিন্তু যদি যাজক দেখে, দাগে অবস্থিত লোম সাদা নয় ও চিহ্ন চামড়ার থেকে নিম্ন নয়, কিন্তু মলিন, তবে যাজক তাকে সাত দিন আবদ্ধ করে রাখবে।
27 २७ और सातवें दिन याजक उसको देखे, और यदि वह चर्म में फैल गई हो, तो वह उस मनुष्य को अशुद्ध ठहराए; क्योंकि उसको कोढ़ की व्याधि है।
২৭পরে সপ্তম দিনের যাজক তাকে দেখবে; যদি চামড়ায় ঐ রোগ ছড়িয়ে থাকে, তবে যাজক তাকে অশুচি বলবে; তা কুষ্ঠরোগের ঘা।
28 २८ परन्तु यदि वह दाग चर्म में नहीं फैला और अपने स्थान ही पर जहाँ का तहाँ बना हो, और उसकी चमक कम हुई हो, तो वह जल जाने के कारण सूजा हुआ है, याजक उस मनुष्य को शुद्ध ठहराए; क्योंकि वह दाग जल जाने के कारण से है।
২৮আর যদি দাগ নিজের জায়গায় থাকে, চামড়ায় বৃদ্ধি না পায়, কিন্তু মলিন হয়, তবে তা পুড়ে যাওয়া জায়গার শোথ; যাজক তাকে শুচি বলবে, কারণ তা আগুনে পোড়া ক্ষতের চিহ্ন।
29 २९ “फिर यदि किसी पुरुष या स्त्री के सिर पर, या पुरुष की दाढ़ी में व्याधि हो,
২৯আর পুরুষের কিংবা স্ত্রীর মাথায় বা দাড়িতে ঘা হলে যাজক সেই ঘা দেখবে;
30 ३० तो याजक व्याधि को देखे, और यदि वह चर्म से गहरी देख पड़े, और उसमें भूरे-भूरे पतले बाल हों, तो याजक उस मनुष्य को अशुद्ध ठहराए; वह व्याधि सेंहुआ, अर्थात् सिर या दाढ़ी का कोढ़ है।
৩০আর দেখ যদি তা দেখতে চামড়ার থেকে নিম্ন বোধ হয় ও হলুদ রঙের সূক্ষ্ম লোম থাকে, তবে যাজক তাকে অশুচি বলবে; ওটা ছুলি, ওটা মাথার বা দাড়ির কুষ্ঠ।
31 ३१ और यदि याजक सेंहुएँ की व्याधि को देखे, कि वह चर्म से गहरी नहीं है और उसमें काले-काले बाल नहीं हैं, तो वह सेंहुएँ के रोगी को सात दिन तक बन्द करके रखे,
৩১আর যাজক যদি ছুলির ঘা দেখে, আর দেখ, তার দৃষ্টিতে তা চামড়ার থেকে নিম্ন না হয় ও তাতে কালো লোম নাই, তবে যাজক সেই ছুলির ঘা বিশিষ্ট ব্যক্তিকে সাত দিন আবদ্ধ করে রাখবে।
32 ३२ और सातवें दिन याजक व्याधि को देखे, तब यदि वह सेंहुआ फैला न हो, और उसमें भूरे-भूरे बाल न हों, और सेंहुआ चर्म से गहरा न देख पड़े,
৩২পরে সপ্তম দিনের যাজক ঘা দেখবে; আর দেখ, যদি সেই ছুলি বেড়ে না থাকে ও তাতে হলুদ রঙের লোম না হয়ে থাকে এবং দেখতে চামড়ার থেকে ছুলি নিম্ন বোধ না হয়,
33 ३३ तो यह मनुष्य मुँड़ा जाए, परन्तु जहाँ सेंहुआ हो वहाँ न मुँड़ा जाए; और याजक उस सेंहुएँ वाले को और भी सात दिन तक बन्द करे;
৩৩তবে সে ন্যাড়া হবে, কিন্তু ছুলির জায়গা ন্যাড়া করা যাবে না; পরে যাজক ঐ ছুলি বিশিষ্ট ব্যক্তিকে আর সাত দিন আবদ্ধ করে রাখবে।
34 ३४ और सातवें दिन याजक सेंहुएँ को देखे, और यदि वह सेंहुआ चर्म में फैला न हो और चर्म से गहरा न देख पड़े, तो याजक उस मनुष्य को शुद्ध ठहराए; और वह अपने वस्त्र धोकर शुद्ध ठहरे।
৩৪আর সাত দিনের যাজক সেই ছুলি দেখবে; আর দেখ, যদি সেই ছুলি চামড়ায় বেড়ে না থাকে ও দেখতে চামড়ার থেকে নিম্ন না হয়ে থাকে, তবে যাজক তাকে শুচি বলবে; পরে সে নিজের পোশাক ধুয়ে শুচি হবে।
35 ३५ पर यदि उसके शुद्ध ठहरने के पश्चात् सेंहुआ चर्म में कुछ भी फैले,
৩৫আর শুচি হলে পর যদি তার চামড়ায় সেই ছুলি ছড়িয়ে যায়, তবে যাজক তাকে দেখবে;
36 ३६ तो याजक उसको देखे, और यदि वह चर्म में फैला हो, तो याजक भूरे बाल न ढूँढ़े, क्योंकि वह मनुष्य अशुद्ध है।
৩৬আর দেখ, যদি তার চামড়ায় ছুলি বেড়ে থাকে, তবে যাজক হলুদ রঙের লোমের খোঁজ করবে না; সে অশুচি।
37 ३७ परन्तु यदि उसकी दृष्टि में वह सेंहुआ जैसे का तैसा बना हो, और उसमें काले-काले बाल जमे हों, तो वह जाने की सेंहुआ चंगा हो गया है, और वह मनुष्य शुद्ध है; याजक उसको शुद्ध ही ठहराए।
৩৭কিন্তু তার দৃষ্টিতে যদি ছুলি না বেড়ে থাকে ও তাতে কালো লোম উঠে থাকে, তবে সেই ছুলির উপশম হয়েছে, সে শুচী; যাজক তাকে শুচি বলবে।
38 ३८ “फिर यदि किसी पुरुष या स्त्री के चर्म में उजले दाग हों,
৩৮আর যদি কোনো পুরুষের কিংবা স্ত্রীর শরীরের চামড়ার জায়গায় দাগ অর্থাৎ সাদা দাগ হয়, তবে যাজক তা দেখবে;
39 ३९ तो याजक देखे, और यदि उसके चर्म में वे दाग कम उजले हों, तो वह जाने कि उसको चर्म में निकली हुई दाद ही है; वह मनुष्य शुद्ध ठहरे।
৩৯আর দেখ, যদি তার চামড়া থেকে বের হওয়া দাগ মলিন সাদা হয়, তবে তা চামড়ায় উৎপন্ন নির্দোষ স্ফোটক; সে শুচী।
40 ४० “फिर जिसके सिर के बाल झड़ गए हों, तो जानना कि वह चन्दुला तो है परन्तु शुद्ध है।
৪০আর যে মানুষের চুল মাথা থেকে ঝরে পড়ে, সে নেড়া, সে শুচী।
41 ४१ और जिसके सिर के आगे के बाल झड़ गए हों, तो वह माथे का चन्दुला तो है परन्तु शुद्ध है।
৪১আর যার চুল মাথার শেষ থেকে ঝরে পড়ে, সে কপালে নেড়া, সে শুচী।
42 ४२ परन्तु यदि चन्दुले सिर पर या चन्दुले माथे पर लाली लिये हुए उजली व्याधि हो, तो जानना कि वह उसके चन्दुले सिर पर या चन्दुले माथे पर निकला हुआ कोढ़ है।
৪২কিন্তু যদি নেড়া মাথায় কি নেড়া কপালে ঈষৎ রক্তমিশ্রিত সাদা ঘা হয়, তবে তা তার নেড়া মাথায় কিংবা নেড়া কপালে বের হওয়া কুষ্ঠ।
43 ४३ इसलिए याजक उसको देखे, और यदि व्याधि की सूजन उसके चन्दुले सिर या चन्दुले माथे पर ऐसी लाली लिये हुए उजली हो जैसा चर्म के कोढ़ में होता है,
৪৩যাজক তাকে দেখবে; আর দেখ, যদি শরীরের চামড়ায় অবস্থিত কুষ্ঠের মতো নেড়া মাথায় কিংবা নেড়া কপালে ঈষৎ রক্তমিশ্রিত সাদা ঘা হয়ে থাকে, তবে সে কুষ্ঠী, সে অশুচি;
44 ४४ तो वह मनुष्य कोढ़ी है और अशुद्ध है; और याजक उसको अवश्य अशुद्ध ठहराए; क्योंकि वह व्याधि उसके सिर पर है।
৪৪যাজক তাকে অবশ্য অশুচি বলবে; তার তার মাথায় ঘায়ের কারণে।
45 ४५ “जिसमें वह व्याधि हो उस कोढ़ी के वस्त्र फटे और सिर के बाल बिखरे रहें, और वह अपने ऊपरवाले होंठ को ढाँपे हुए अशुद्ध, अशुद्ध पुकारा करे।
৪৫আর যে কুষ্ঠীর ঘা হয়েছে, তার পোশাক চেরা যাবে ও তার মাথা চুল ছাড়া থাকবে ও সে নিজের ঠোঁট পোশাক দিয়ে ঢেকে “অশুচি, অশুচি” এই শব্দ করবে।
46 ४६ जितने दिन तक वह व्याधि उसमें रहे उतने दिन तक वह तो अशुद्ध रहेगा; और वह अशुद्ध ठहरा रहे; इसलिए वह अकेला रहा करे, उसका निवास-स्थान छावनी के बाहर हो।
৪৬যত দিন তার গায়ে ঘা থাকবে, তত দিন সে অশুচি থাকবে; সে অশুচি; সে একা বাস করবে, শিবিরের বাইরে তার বাসস্থান হবে।
47 ४७ “फिर जिस वस्त्र में कोढ़ की व्याधि हो, चाहे वह वस्त्र ऊन का हो चाहे सनी का,
৪৭আর লোমের পোশাকে কিংবা মসীনার পোশাকে যদি কুষ্ঠরোগের কলঙ্ক হয়,
48 ४८ वह व्याधि चाहे उस सनी या ऊन के वस्त्र के ताने में हो चाहे बाने में, या वह व्याधि चमड़े में या चमड़े की बनी हुई किसी वस्तु में हो,
৪৮লোমের কিম্বা মসীনার বোনাতে বা সংযুক্ত করাতে যদি হয়, কিংবা চামড়া কি চামড়ার তৈরী কোনো জিনিসে যদি হয়
49 ४९ यदि वह व्याधि किसी वस्त्र के चाहे ताने में चाहे बाने में, या चमड़े में या चमड़े की किसी वस्तु में हरी हो या लाल सी हो, तो जानना कि वह कोढ़ की व्याधि है और वह याजक को दिखाई जाए।
৪৯এবং পোশাকে কিংবা চামড়ায় বোনাতে বা সংযুক্ত করাতে কিম্বা চামড়ার তৈরী কোনো জিনিসে যদি ঈষৎ শ্যামবর্ণ কিংবা লাল রঙয়ের কলঙ্ক হয়, তবে তা কুষ্ঠরোগের কলঙ্ক; তা যাজককে দেখাতে হবে;
50 ५० और याजक व्याधि को देखे, और व्याधिवाली वस्तु को सात दिन के लिये बन्द करे;
৫০পরে যাজক ঐ কলঙ্ক দেখে কলঙ্কযুক্ত জিনিস সাত দিন আবদ্ধ করে রাখবে।
51 ५१ और सातवें दिन वह उस व्याधि को देखे, और यदि वह वस्त्र के चाहे ताने में चाहे बाने में, या चमड़े में या चमड़े की बनी हुई किसी वस्तु में फैल गई हो, तो जानना कि व्याधि गलित कोढ़ है, इसलिए वह वस्तु, चाहे कैसे ही काम में क्यों न आती हो, तो भी अशुद्ध ठहरेगी।
৫১পরে সপ্তম দিনের যাজক ঐ কলঙ্ক দেখবে, যদি পোশাকে কিংবা বোনাতে বা সংযুক্ত করাতে কিংবা চামড়া কিংবা চামড়ার তৈরী জিনিসে সেই কলঙ্ক বেড়ে থাকে, তবে তা সংহারক কুষ্ঠ; তা অশুচি।
52 ५२ वह उस वस्त्र को जिसके ताने या बाने में वह व्याधि हो, चाहे वह ऊन का हो चाहे सनी का, या चमड़े की वस्तु हो, उसको जला दे, वह व्याधि गलित कोढ़ की है; वह वस्तु आग में जलाई जाए।
৫২অতএব পোশাক কিংবা লোমকৃত কি মসীনাকৃত বোনা বা সংযুক্ত করা কিংবা চামড়ার তৈরী জিনিস, যে কিছুতে সেই কলঙ্ক হয়, তা সে পুড়িয়ে দেবে; কারণ তা ক্ষতিকর কুষ্ঠ, তা আগুনে পুড়িয়ে দিতে হবে।
53 ५३ “यदि याजक देखे कि वह व्याधि उस वस्त्र के ताने या बाने में, या चमड़े की उस वस्तु में नहीं फैली,
৫৩কিন্তু যাজক দেখবে; আর দেখ, যদি সেই কলঙ্ক পোশাকে কিংবা বোনা বা সংযুক্ত করাতে কিংবা চামড়ার তৈরী জিনিসে বেড়ে না ওঠে,
54 ५४ तो जिस वस्तु में व्याधि हो उसके धोने की आज्ञा दे, तब उसे और भी सात दिन तक बन्द करके रखे;
৫৪তবে যাজক সেই কলঙ্কবিশিষ্ট জিনিস ধুতে আদেশ দেবে এবং আর সাত দিন তা আবদ্ধ করে রাখবে।
55 ५५ और उसके धोने के बाद याजक उसको देखे, और यदि व्याधि का न तो रंग बदला हो, और न व्याधि फैली हो, तो जानना कि वह अशुद्ध है; उसे आग में जलाना, क्योंकि चाहे वह व्याधि भीतर चाहे ऊपरी हो तो भी वह खा जानेवाली व्याधि है।
৫৫ধোয়া হলে পর যাজক সে কলঙ্ক দেখবে; আর দেখ, সেই কলঙ্ক যদি অন্য রঙের না হয়ে থাকে ও সে কলঙ্ক যদি বেড়ে না থাকে, তবে তা অশুচি, তুমি তা আগুনে পুড়িয়ে দেবে; ওটা ভিতরে কিংবা বাইরে উৎপন্ন ক্ষত।
56 ५६ पर यदि याजक देखे, कि उसके धोने के पश्चात् व्याधि की चमक कम हो गई, तो वह उसको वस्त्र के चाहे ताने चाहे बाने में से, या चमड़े में से फाड़कर निकाले;
৫৬কিন্তু যদি যাজক দেখে, আর দেখ, ধোয়ার পরে যাজকের দৃষ্টিতে যদি সেই কলঙ্ক মলিন হয়, তবে সে ঐ পোশাক থেকে কিংবা চামড়া থেকে কিংবা বোনা বা সংযুক্ত করা থেকে তা ছিঁড়ে ফেলবে।
57 ५७ और यदि वह व्याधि तब भी उस वस्त्र के ताने या बाने में, या चमड़े की उस वस्तु में दिखाई पड़े, तो जानना कि वह फूटकर निकली हुई व्याधि है; और जिसमें वह व्याधि हो उसे आग में जलाना।
৫৭তাছাড়া যদি সেই পোশাকে কিংবা বোনা বা সংযুক্ত করাতে কিংবা চামড়ার তৈরী কোনো জিনিসে তা আবার দেখা যায়, তবে তা ব্যাপক কুষ্ঠ; যাতে সেই কলঙ্ক থাকে, তা তুমি আগুনে পুড়িয়ে দেবে।
58 ५८ यदि उस वस्त्र से जिसके ताने या बाने में व्याधि हो, या चमड़े की जो वस्तु हो उससे जब धोई जाए और व्याधि जाती रही, तो वह दूसरी बार धुलकर शुद्ध ठहरे।”
৫৮আর যে পোশাক কিংবা পোশাকের বোনা বা সংযুক্ত করা কিংবা চামড়ার যে কোনো জিনিসে ধোবে, তা থেকে যদি সেই কলঙ্ক দূর হয়, তবে দ্বিতীয় বার ধোবে; তাতে তা শুচি হবে।
59 ५९ ऊन या सनी के वस्त्र में के ताने या बाने में, या चमड़े की किसी वस्तु में जो कोढ़ की व्याधि हो उसके शुद्ध और अशुद्ध ठहराने की यही व्यवस्था है।
৫৯লোমের কিংবা মসীনাকৃত পোশাকের কিংবা বোনা বা সংযুক্ত করার কিংবা চামড়ার তৈরী কোনো পাত্রের শুচি বা অশুচির বিষয়ে কুষ্ঠ জন্য কলঙ্কের এই ব্যবস্থা।

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