< विलापगीत 4 >
1 १ सोना कैसे खोटा हो गया, अत्यन्त खरा सोना कैसे बदल गया है? पवित्रस्थान के पत्थर तो हर एक सड़क के सिरे पर फेंक दिए गए हैं।
Como se escureceu o ouro! como se mudou o ouro fino e bom! como estão espalhadas as pedras do santuário ao canto de todas as ruas!
2 २ सिय्योन के उत्तम पुत्र जो कुन्दन के तुल्य थे, वे कुम्हार के बनाए हुए मिट्टी के घड़ों के समान कैसे तुच्छ गिने गए हैं!
Os preciosos filhos de Sião, avaliados a puro ouro, como são agora reputados por vasos de barro, obra das mãos do oleiro!
3 ३ गीदड़िन भी अपने बच्चों को थन से लगाकर पिलाती है, परन्तु मेरे लोगों की बेटी वन के शुतुर्मुर्गों के तुल्य निर्दयी हो गई है।
Até as vacas marinhas abaixam o peito, dão de mamar aos seus filhos; porém a filha do meu povo fez-se cruel como as avestruzes no deserto.
4 ४ दूध-पीते बच्चों की जीभ प्यास के मारे तालू में चिपट गई है; बाल-बच्चे रोटी माँगते हैं, परन्तु कोई उनको नहीं देता।
A língua do mesmo que mama de sede fica pegada ao seu paladar: os meninos pedem pão, e não há quem lho reparta.
5 ५ जो स्वादिष्ट भोजन खाते थे, वे अब सड़कों में व्याकुल फिरते हैं; जो मखमल के वस्त्रों में पले थे अब घूरों पर लेटते हैं।
Os que comiam delicadezas agora desfalecem nas ruas: os que se criaram em carmezim abraçam o esterco.
6 ६ मेरे लोगों की बेटी का अधर्म सदोम के पाप से भी अधिक हो गया जो किसी के हाथ डाले बिना भी क्षण भर में उलट गया था।
E maior é a maldade da filha do meu povo do que o pecado de Sodoma, a qual se subverteu como num momento, sem que trabalhassem nela mãos algumas.
7 ७ उसके कुलीन हिम से निर्मल और दूध से भी अधिक उज्जवल थे; उनकी देह मूँगों से अधिक लाल, और उनकी सुन्दरता नीलमणि की सी थी।
Os seus nazireus eram mais alvos do que a neve, eram mais brancos do que o leite, eram mais roxos de corpo do que os rubis, e mais lisos do que a safira.
8 ८ परन्तु अब उनका रूप अंधकार से भी अधिक काला है, वे सड़कों में पहचाने नहीं जाते; उनका चमड़ा हड्डियों में सट गया, और लकड़ी के समान सूख गया है।
Mas agora escureceu-se o seu parecer mais do que o negrume, não se conhecem nas ruas: a sua pele se lhes pegou aos ossos, secou-se, tornou-se como um pau.
9 ९ तलवार के मारे हुए भूख के मारे हुओं से अधिक अच्छे थे जिनका प्राण खेत की उपज बिना भूख के मारे सूखता जाता है।
Os mortos à espada mais ditosos são do que os mortos à fome; porque estes se esgotam como traspassados, por falta dos frutos dos campos.
10 १० दयालु स्त्रियों ने अपने ही हाथों से अपने बच्चों को पकाया है; मेरे लोगों के विनाश के समय वे ही उनका आहार बन गए।
As mãos das mulheres compassivas cozeram seus filhos: serviram-lhes de comida no quebrantamento da filha do meu povo.
11 ११ यहोवा ने अपनी पूरी जलजलाहट प्रगट की, उसने अपना कोप बहुत ही भड़काया; और सिय्योन में ऐसी आग लगाई जिससे उसकी नींव तक भस्म हो गई है।
Deu o Senhor cumprimento ao seu furor: derramou o ardor da sua ira, e acendeu fogo em Sião, que consumiu os seus fundamentos.
12 १२ पृथ्वी का कोई राजा या जगत का कोई निवासी इसका कभी विश्वास न कर सकता था, कि द्रोही और शत्रु यरूशलेम के फाटकों के भीतर घुसने पाएँगे।
Não creram os reis da terra, nem todos os moradores do mundo, que entrasse o adversário e o inimigo pelas portas de Jerusalém.
13 १३ यह उसके भविष्यद्वक्ताओं के पापों और उसके याजकों के अधर्म के कामों के कारण हुआ है; क्योंकि वे उसके बीच धर्मियों की हत्या करते आए हैं।
Pelos pecados dos profetas, pelas maldades dos seus sacerdotes, que derramaram o sangue dos justos no meio dela,
14 १४ वे अब सड़कों में अंधे सरीखे मारे-मारे फिरते हैं, और मानो लहू की छींटों से यहाँ तक अशुद्ध हैं कि कोई उनके वस्त्र नहीं छू सकता।
Erraram cegos nas ruas, andavam contaminados de sangue; e, não podendo, levantavam as extremidades das suas roupas.
15 १५ लोग उनको पुकारकर कहते हैं, “अरे अशुद्ध लोगों, हट जाओ! हट जाओ! हमको मत छूओ” जब वे भागकर मारे-मारे फिरने लगे, तब अन्यजाति लोगों ने कहा, “भविष्य में वे यहाँ टिकने नहीं पाएँगे।”
Chamavam-lhes: desviai-vos, é imundo; desviai-vos, desviai-vos, não toqueis, certo é que já voaram, também erraram: disseram entre as nações: Nunca mais morarão aqui.
16 १६ यहोवा ने अपने कोप से उन्हें तितर-बितर किया, वह फिर उन पर दयादृष्टि न करेगा; न तो याजकों का सम्मान हुआ, और न पुरनियों पर कुछ अनुग्रह किया गया।
A face do Senhor os apartou, nunca mais tornará a olhar para eles: não reverenciaram a face dos sacerdotes, nem se compadeceram dos velhos.
17 १७ हमारी आँखें व्यर्थ ही सहायता की बाट जोहते-जोहते धुँधली पड़ गई हैं, हम लगातार एक ऐसी जाति की ओर ताकते रहे जो बचा नहीं सकी।
Enquanto subsistiamos, ainda desfaleciam os nossos olhos, esperando o nosso vão socorro: olhavamos atentamente pela gente que não podia livrar.
18 १८ लोग हमारे पीछे ऐसे पड़े कि हम अपने नगर के चौकों में भी नहीं चल सके; हमारा अन्त निकट आया; हमारी आयु पूरी हुई; क्योंकि हमारा अन्त आ गया था।
Espiaram os nossos passos, de maneira que não podíamos andar pelas nossas ruas: está chegado o nosso fim, estão cumpridos os nossos dias, porque é vindo o nosso fim
19 १९ हमारे खदेड़नेवाले आकाश के उकाबों से भी अधिक वेग से चलते थे; वे पहाड़ों पर हमारे पीछे पड़ गए और जंगल में हमारे लिये घात लगाकर बैठ गए।
Os nossos perseguidores foram mais ligeiros do que as aves dos céus: sobre os montes nos perseguiram, no deserto nos armaram ciladas.
20 २० यहोवा का अभिषिक्त जो हमारा प्राण था, और जिसके विषय हमने सोचा था कि अन्यजातियों के बीच हम उसकी शरण में जीवित रहेंगे, वह उनके खोदे हुए गड्ढों में पकड़ा गया।
O respiro dos nossos narizes, o ungido do Senhor, foi preso nas suas covas; do qual dizíamos: Debaixo da sua sombra viveremos entre as nações.
21 २१ हे एदोम की पुत्री, तू जो ऊस देश में रहती है, हर्षित और आनन्दित रह; परन्तु यह कटोरा तुझ तक भी पहुँचेगा, और तू मतवाली होकर अपने आपको नंगा करेगी।
Regozija-te, e alegra-te, ó filha de Edom, que habitas na terra de Uz; porém ainda até a ti passará o copo; embebedar-te-ás, e te descobrirás.
22 २२ हे सिय्योन की पुत्री, तेरे अधर्म का दण्ड समाप्त हुआ, वह फिर तुझे बँधुआई में न ले जाएगा; परन्तु हे एदोम की पुत्री, तेरे अधर्म का दण्ड वह तुझे देगा, वह तेरे पापों को प्रगट कर देगा।
Já se cumpriu a tua maldade, ó filha de Sião, nunca mais te levará em cativeiro: visitará a tua maldade, ó filha de Edom, descobrirá os teus pecados.