< न्यायियों 20 >

1 तब दान से लेकर बेर्शेबा तक के सब इस्राएली और गिलाद के लोग भी निकले, और उनकी मण्डली एकमत होकर मिस्पा में यहोवा के पास इकट्ठी हुई।
And all the children of Israel went forth, and the assembly gathered together as one man, from Dan to Beer-sheba, and the land of Gilead, unto Jehovah at Mizpah.
2 और सारी प्रजा के प्रधान लोग, वरन् सब इस्राएली गोत्रों के लोग जो चार लाख तलवार चलानेवाले प्यादे थे, परमेश्वर की प्रजा की सभा में उपस्थित हुए।
And the heads of all the people, of all the tribes of Israel, presented themselves in the congregation of the people of God, four hundred thousand footmen that drew sword.
3 (बिन्यामीनियों ने तो सुना कि इस्राएली मिस्पा को आए हैं।) और इस्राएली पूछने लगे, “हम से कहो, यह बुराई कैसे हुई?”
And the children of Benjamin heard that the children of Israel had gone up to Mizpah. And the children of Israel said, Tell [us], how was this wickedness?
4 उस मार डाली हुई स्त्री के लेवीय पति ने उत्तर दिया, “मैं अपनी रखैल समेत बिन्यामीन के गिबा में टिकने को गया था।
Then the Levite, the husband of the woman that was murdered, answered and said, I came to Gibeah that [belongs] to Benjamin, I and my concubine, to lodge.
5 तब गिबा के पुरुषों ने मुझ पर चढ़ाई की, और रात के समय घर को घेर के मुझे घात करना चाहा; और मेरी रखैल से इतना कुकर्म किया कि वह मर गई।
And the citizens of Gibeah rose against me, and surrounded the house because of me, by night; they thought to slay me, and my concubine have they humbled so that she died.
6 तब मैंने अपनी रखैल को लेकर टुकड़े-टुकड़े किया, और इस्राएलियों के भाग के सारे देश में भेज दिया, उन्होंने तो इस्राएल में महापाप और मूर्खता का काम किया है।
Then I took my concubine, and cut her in pieces, and sent her throughout the country of the inheritance of Israel; for they have committed lewdness and villany in Israel.
7 सुनो, हे इस्राएलियों, सब के सब देखो, और यहीं अपनी सम्मति दो।”
Behold, all ye, children of Israel, deliberate and give here [your] counsel.
8 तब सब लोग एक मन हो, उठकर कहने लगे, “न तो हम में से कोई अपने डेरे जाएगा, और न कोई अपने घर की ओर मुड़ेगा।
And all the people rose up as one man, saying, We will not any one go to his tent, neither will we any one turn into his house.
9 परन्तु अब हम गिबा से यह करेंगे, अर्थात् हम चिट्ठी डाल डालकर उस पर चढ़ाई करेंगे,
But now this is the thing which we will do to Gibeah: [we go] by lot against it;
10 १० और हम सब इस्राएली गोत्रों में सौ पुरुषों में से दस, और हजार पुरुषों में से एक सौ, और दस हजार में से एक हजार पुरुषों को ठहराएँ, कि वे सेना के लिये भोजनवस्तु पहुँचाए; इसलिए कि हम बिन्यामीन के गिबा में पहुँचकर उसको उस मूर्खता का पूरा फल भुगता सके जो उन्होंने इस्राएल में की है।”
and we will take ten men of a hundred throughout all the tribes of Israel, and a hundred of a thousand, and a thousand of ten thousand, to fetch victuals for the people, that they may do, when they come to Gibeah of Benjamin, according to all the villany that they have wrought in Israel.
11 ११ तब सब इस्राएली पुरुष उस नगर के विरुद्ध एक पुरुष की समान संगठित होकर इकट्ठे हो गए।
And all the men of Israel were gathered against the city, knit together as one man.
12 १२ और इस्राएली गोत्रियों ने बिन्यामीन के सारे गोत्रियों में कितने मनुष्य यह, पूछने को भेजे, “यह क्या बुराई है जो तुम लोगों में की गई है?
And the tribes of Israel sent men to all the families of Benjamin, saying, What wickedness is this that has been done among you?
13 १३ अब उन गिबावासी लुच्चों को हमारे हाथ कर दो, कि हम उनको जान से मार के इस्राएल में से बुराई का नाश करें।” परन्तु बिन्यामीनियों ने अपने भाई इस्राएलियों की मानने से इन्कार किया।
And now give up the men, the sons of Belial, who are in Gibeah, that we may put them to death, and put away evil from Israel. But [the children of] Benjamin would not hearken to the voice of their brethren the children of Israel.
14 १४ और बिन्यामीनी अपने-अपने नगर में से आकर गिबा में इसलिए इकट्ठे हुए, कि इस्राएलियों से लड़ने को निकलें।
And the children of Benjamin gathered themselves together out of the cities of Gibeah, to go out to battle against the children of Israel.
15 १५ और उसी दिन गिबावासी पुरुषों को छोड़, जिनकी गिनती सात सौ चुने हुए पुरुष ठहरी, और नगरों से आए हुए तलवार चलानेवाले बिन्यामीनियों की गिनती छब्बीस हजार पुरुष ठहरी।
And the children of Benjamin were numbered at that time out of the cities, twenty-six thousand men that drew sword, besides the inhabitants of Gibeah, who were numbered seven hundred chosen men.
16 १६ इन सब लोगों में से सात सौ बयंहत्थे चुने हुए पुरुष थे, जो सब के सब ऐसे थे कि गोफन से पत्थर मारने में बाल भर भी न चूकते थे।
Among all this people there were seven hundred chosen men left-handed; all these slang stones at a hair [breadth], and missed not.
17 १७ और बिन्यामीनियों को छोड़ इस्राएली पुरुष चार लाख तलवार चलानेवाले थे; ये सब के सब योद्धा थे।
And the men of Israel, besides Benjamin, were numbered four hundred thousand men that drew sword: all these were men of war.
18 १८ सब इस्राएली उठकर बेतेल को गए, और यह कहकर परमेश्वर से सलाह ली, और इस्राएलियों ने पूछा, “हम में से कौन बिन्यामीनियों से लड़ने को पहले चढ़ाई करे?” यहोवा ने कहा, “यहूदा पहले चढ़ाई करे।”
And the children of Israel arose and went up to Bethel, and inquired of God, and said, Which of us shall go up first to the battle against the children of Benjamin? And Jehovah said, Judah first.
19 १९ तब इस्राएलियों ने सवेरे को उठकर गिबा के सामने डेरे डाले।
And the children of Israel rose up in the morning and encamped against Gibeah.
20 २० और इस्राएली पुरुष बिन्यामीनियों से लड़ने को निकल गए; और इस्राएली पुरुषों ने उससे लड़ने को गिबा के विरुद्ध पाँति बाँधी
And the men of Israel went out to battle against Benjamin; and the men of Israel put themselves in array to fight against them at Gibeah.
21 २१ तब बिन्यामीनियों ने गिबा से निकल उसी दिन बाईस हजार इस्राएली पुरुषों को मारकर मिट्टी में मिला दिया।
And the children of Benjamin went forth out of Gibeah, and destroyed to the ground of the Israelites that day twenty-two thousand men.
22 २२ तो भी इस्राएली पुरुषों ने हियाव बाँधकर के उसी स्थान में जहाँ उन्होंने पहले दिन पाँति बाँधी थी, फिर पाँति बाँधी
And the people, the men of Israel, took courage, and set the battle again in array in the place where they put themselves in array the first day.
23 २३ और इस्राएली जाकर साँझ तक यहोवा के सामने रोते रहे; और यह कहकर यहोवा से पूछा, “क्या हम अपने भाई बिन्यामीनियों से लड़ने को फिर पास जाएँ?” यहोवा ने कहा, “हाँ, उन पर चढ़ाई करो।”
And the children of Israel went up and wept before Jehovah until even, and inquired of Jehovah, saying, Shall I go up again to battle against the children of Benjamin my brother? And Jehovah said, Go up against him.
24 २४ तब दूसरे दिन इस्राएली बिन्यामीनियों के निकट पहुँचे।
And the children of Israel came near against the children of Benjamin the second day.
25 २५ तब बिन्यामीनियों ने दूसरे दिन उनका सामना करने को गिबा से निकलकर फिर अठारह हजार इस्राएली पुरुषों को मारकर, जो सब के सब तलवार चलानेवाले थे, मिट्टी में मिला दिया।
And Benjamin went forth against them out of Gibeah the second day, and again destroyed to the ground of the children of Israel eighteen thousand men: all these drew the sword.
26 २६ तब सब इस्राएली, वरन् सब लोग बेतेल को गए; और रोते हुए यहोवा के सामने बैठे रहे, और उस दिन साँझ तक उपवास किया, और यहोवा को होमबलि और मेलबलि चढ़ाए।
Then all the children of Israel, and all the people, went up and came to Bethel, and wept, and abode there before Jehovah, and fasted that day until even, and offered up burnt-offerings and peace-offerings before Jehovah.
27 २७ और इस्राएलियों ने यहोवा से सलाह ली (उस समय परमेश्वर का वाचा का सन्दूक वहीं था,
And the children of Israel inquired of Jehovah (and the ark of the covenant of God was there in those days,
28 २८ और पीनहास, जो हारून का पोता, और एलीआजर का पुत्र था उन दिनों में उसके सामने हाजिर रहा करता था।) उन्होंने पूछा, “क्या हम एक और बार अपने भाई बिन्यामीनियों से लड़ने को निकलें, या उनको छोड़ दें?” यहोवा ने कहा, “चढ़ाई कर; क्योंकि कल मैं उनको तेरे हाथ में कर दूँगा।”
and Phinehas, the son of Eleazar, the son of Aaron, stood before it in those days), saying, Shall I yet again go out to battle against the children of Benjamin my brother, or shall I cease? And Jehovah said, Go up; for to-morrow I will give them into thy hand.
29 २९ तब इस्राएलियों ने गिबा के चारों ओर लोगों को घात में बैठाया।
And Israel set liers in wait against Gibeah, round about.
30 ३० तीसरे दिन इस्राएलियों ने बिन्यामीनियों पर फिर चढ़ाई की, और पहले के समान गिबा के विरुद्ध पाँति बाँधी
And the children of Israel went up against the children of Benjamin on the third day, and put themselves in array against Gibeah, as at the other times.
31 ३१ तब बिन्यामीनी उन लोगों का सामना करने को निकले, और नगर के पास से खींचे गए; और जो दो सड़क, एक बेतेल को और दूसरी गिबा को गई है, उनमें लोगों को पहले के समान मारने लगे, और मैदान में कोई तीस इस्राएली मारे गए।
And the children of Benjamin went out against the people, and were drawn away from the city, and began to smite of the people, slaying as at the former times, in the highways, of which one leads to Bethel and the other to Gibeah in the field, about thirty men of Israel.
32 ३२ बिन्यामीनी कहने लगे, “वे पहले के समान हम से मारे जाते हैं।” परन्तु इस्राएलियों ने कहा, “हम भागकर उनको नगर में से सड़कों में खींच ले आएँ।”
And the children of Benjamin said, They are smitten down before us, as at the first. And the children of Israel said, Let us flee, that we may draw them from the city to the highways.
33 ३३ तब सब इस्राएली पुरुषों ने अपने स्थान से उठकर बालतामार में पाँति बाँधी; और घात में बैठे हुए इस्राएली अपने स्थान से, अर्थात् मारेगेवा से अचानक निकले।
And all the men of Israel rose up out of their place, and put themselves in array at Baal-Tamar; and the ambush of Israel rushed forth out of their place, out of the meadows of Geba.
34 ३४ तब सब इस्राएलियों में से छाँटे हुए दस हजार पुरुष गिबा के सामने आए, और घोर लड़ाई होने लगी; परन्तु वे न जानते थे कि हम पर विपत्ति अभी पड़ना चाहती है।
And there came from opposite Gibeah ten thousand chosen men out of all Israel, and the battle was severe; but they knew not that disaster was coming upon them.
35 ३५ तब यहोवा ने बिन्यामीनियों को इस्राएल से हरवा दिया, और उस दिन इस्राएलियों ने पच्चीस हजार एक सौ बिन्यामीनी पुरुषों को नाश किया, जो सब के सब तलवार चलानेवाले थे।
And Jehovah smote Benjamin before Israel; and the children of Israel destroyed of the Benjaminites that day twenty-five thousand one hundred men: all these drew the sword.
36 ३६ तब बिन्यामीनियों ने देखा कि हम हार गए। और इस्राएली पुरुष उन घातकों का भरोसा करके जिन्हें उन्होंने गिबा के पास बैठाया था बिन्यामीनियों के सामने से चले गए।
And the children of Benjamin saw that they were smitten. — And the men of Israel gave place to Benjamin, because they trusted to the ambush that they had set against Gibeah.
37 ३७ परन्तु घातक लोग फुर्ती करके गिबा पर झपट गए; और घातकों ने आगे बढ़कर सारे नगर को तलवार से मारा।
And the ambush hasted, and fell upon Gibeah; and the ambush drew along, and smote the whole city with the edge of the sword.
38 ३८ इस्राएली पुरुषों और घातकों के बीच तो यह चिन्ह ठहराया गया था, कि वे नगर में से बहुत बड़ा धुएँ का खम्भा उठाए।
Now there was an appointed sign between the men of Israel and the ambush, that they should make a thick column of smoke rise up out of the city.
39 ३९ इस्राएली पुरुष तो लड़ाई में हटने लगे, और बिन्यामीनियों ने यह कहकर कि निश्चय वे पहली लड़ाई के समान हम से हारे जाते हैं, इस्राएलियों को मार डालने लगे, और तीस एक पुरुषों को घात किया।
And when the men of Israel turned back in the battle, Benjamin began to smite, slaying of the men of Israel about thirty men; for they said, Surely they are quite routed before us as in the first battle.
40 ४० परन्तु जब वह धुएँ का खम्भा नगर में से उठने लगा, तब बिन्यामीनियों ने अपने पीछे जो दृष्टि की तो क्या देखा, कि नगर का नगर धुआँ होकर आकाश की ओर उड़ रहा है।
And when the burning began to rise up out of the city as a pillar of smoke, Benjamin looked behind, and behold, the whole city ascended [in smoke] to the heavens.
41 ४१ तब इस्राएली पुरुष घूमे, और बिन्यामीनी पुरुष यह देखकर घबरा गए, कि हम पर विपत्ति आ पड़ी है।
Then the men of Israel turned back, and the men of Benjamin were amazed, for they saw that disaster was come upon them.
42 ४२ इसलिए उन्होंने इस्राएली पुरुषों को पीठ दिखाकर जंगल का मार्ग लिया; परन्तु लड़ाई उनसे होती ही रही, और जो अन्य नगरों में से आए थे उनको इस्राएली रास्ते में नाश करते गए।
And they turned before the men of Israel to the way of the wilderness; but the battle overtook them; and those who came out of the cities destroyed them in their midst.
43 ४३ उन्होंने बिन्यामीनियों को घेर लिया, और उन्हें खदेड़ा, वे मनुहा में वरन् गिबा के पूर्व की ओर तक उन्हें लताड़ते गए।
They encompassed the Benjaminites, chased them, trode them down at the resting-place over against Gibeah toward the sun-rising.
44 ४४ और बिन्यामीनियों में से अठारह हजार पुरुष जो सब के सब शूरवीर थे मारे गए।
And there fell of Benjamin eighteen thousand men: all these, men of valour.
45 ४५ तब वे घूमकर जंगल में की रिम्मोन नामक चट्टान की ओर तो भाग गए; परन्तु इस्राएलियों ने उनमें से पाँच हजार को चुन-चुनकर सड़कों में मार डाला; फिर गिदोम तक उनके पीछे पड़के उनमें से दो हजार पुरुष मार डाले।
And they turned and fled towards the wilderness to the cliff of Rimmon, and they gleaned of them in the highways five thousand men; and pursued hard after them to Gidom, and slew two thousand men of them.
46 ४६ तब बिन्यामीनियों में से जो उस दिन मारे गए वे पच्चीस हजार तलवार चलानेवाले पुरुष थे, और ये सब शूरवीर थे।
So that all who fell that day of Benjamin were twenty-five thousand men that drew the sword: all these, men of valour.
47 ४७ परन्तु छः सौ पुरुष घूमकर जंगल की ओर भागे, और रिम्मोन नामक चट्टान में पहुँच गए, और चार महीने वहीं रहे।
And six hundred men turned and fled to the wilderness to the cliff of Rimmon, and abode at the cliff of Rimmon four months.
48 ४८ तब इस्राएली पुरुष लौटकर बिन्यामीनियों पर लपके और नगरों में क्या मनुष्य, क्या पशु, जो कुछ मिला, सब को तलवार से नाश कर डाला। और जितने नगर उन्हें मिले उन सभी को आग लगाकर फूँक दिया।
And the men of Israel turned again upon the children of Benjamin, and smote them with the edge of the sword, as well the men of [every] city as the cattle, and all that was found; even all the cities that were found did they set on fire.

< न्यायियों 20 >