< यहोशू 1 >

1 यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा,
And it came to pass after the death of Moses the servant of Jehovah, that Jehovah spoke to Joshua the son of Nun, Moses' attendant, saying,
2 “मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बाँध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार होकर उस देश को जा जिसे मैं उनको अर्थात् इस्राएलियों को देता हूँ।
Moses my servant is dead; and now, rise up, go over this Jordan, thou and all this people, into the land which I give unto them, to the children of Israel.
3 उस वचन के अनुसार जो मैंने मूसा से कहा, अर्थात् जिस-जिस स्थान पर तुम पाँव रखोगे वह सब मैं तुम्हें दे देता हूँ।
Every place whereon the sole of your foot shall tread have I given to you, as I said unto Moses.
4 जंगल और उस लबानोन से लेकर फरात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा।
From the wilderness and this Lebanon to the great river, the river Euphrates, the whole land of the Hittites, to the great sea, toward the going down of the sun, shall be your border.
5 तेरे जीवन भर कोई तेरे सामने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूँगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूँगा, और न तुझको छोड़ूँगा।
None shall be able to stand before thee all the days of thy life: as I was with Moses, so will I be with thee; I will not leave thee, neither will I forsake thee.
6 इसलिए हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैंने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा।
Be strong and courageous, for thou shalt cause this people to inherit the land which I have sworn unto their fathers to give them.
7 इतना हो कि तू हियाव बाँधकर और बहुत दृढ़ होकर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उससे न तो दाएँ मुड़ना और न बाएँ, तब जहाँ-जहाँ तू जाएगा वहाँ-वहाँ तेरा काम सफल होगा।
Only be strong and very courageous, that thou mayest take heed to do according to all the law that Moses my servant commanded thee. Turn not from it to the right or to the left, that thou mayest prosper whithersoever thou goest.
8 व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन-रात ध्यान दिए रहना, इसलिए कि जो कुछ उसमें लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा।
This book of the law shall not depart from thy mouth; and thou shalt meditate upon it day and night, that thou mayest take heed to do according to all that is written therein; for then shalt thou have good success in thy ways, and then shalt thou prosper.
9 क्या मैंने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहाँ-जहाँ तू जाएगा वहाँ-वहाँ तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा।”
Have I not commanded thee: Be strong and courageous? Be not afraid, neither be dismayed; for Jehovah thy God is with thee whithersoever thou goest.
10 १० तब यहोशू ने प्रजा के सरदारों को यह आज्ञा दी,
And Joshua commanded the officers of the people, saying,
11 ११ “छावनी में इधर-उधर जाकर प्रजा के लोगों को यह आज्ञा दो, कि अपने-अपने लिए भोजन तैयार कर रखो; क्योंकि तीन दिन के भीतर तुम को इस यरदन के पार उतरकर उस देश को अपने अधिकार में लेने के लिये जाना है जिसे तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे अधिकार में देनेवाला है।”
Go through the midst of the camp, and command the people, saying, Prepare yourselves victuals, for in three days ye shall pass over this Jordan, that ye may enter in to take possession of the land which Jehovah your God giveth you to possess it.
12 १२ फिर यहोशू ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्र के लोगों से कहा,
And to the Reubenites and to the Gadites and to half the tribe of Manasseh spoke Joshua, saying,
13 १३ “जो बात यहोवा के दास मूसा ने तुम से कही थी, कि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हें विश्राम देता है, और यही देश तुम्हें देगा, उसकी सुधि करो।
Remember the word that Moses the servant of Jehovah commanded you, saying, Jehovah your God has given you rest and has given you this land.
14 १४ तुम्हारी स्त्रियाँ, बाल-बच्चे, और पशु तो इस देश में रहें जो मूसा ने तुम्हें यरदन के इस पार दिया, परन्तु तुम जो शूरवीर हो पाँति बाँधे हुए अपने भाइयों के आगे-आगे पार उतर चलो, और उनकी सहायता करो;
Your wives, your little ones, and your cattle shall abide in the land that Moses gave you on this side of the Jordan, but ye, all the valiant men, shall go over in array before your brethren and help them,
15 १५ और जब यहोवा उनको ऐसा विश्राम देगा जैसा वह तुम्हें दे चुका है, और वे भी तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के दिए हुए देश के अधिकारी हो जाएँगे; तब तुम अपने अधिकार के देश में, जो यहोवा के दास मूसा ने यरदन के इस पार सूर्योदय की ओर तुम्हें दिया है, लौटकर इसके अधिकारी होंगे।”
until Jehovah give your brethren rest as to you, and they also take possession of the land which Jehovah your God giveth them; then shall ye return into the land of your possession and possess it, which Moses the servant of Jehovah gave you on this side of the Jordan toward the sun-rising.
16 १६ तब उन्होंने यहोशू को उत्तर दिया, “जो कुछ तूने हमें करने की आज्ञा दी है वह हम करेंगे, और जहाँ कहीं तू हमें भेजे वहाँ हम जाएँगे।
And they answered Joshua, saying, All that thou hast commanded us will we do, and whither thou shalt send us will we go.
17 १७ जैसे हम सब बातों में मूसा की मानते थे वैसे ही तेरी भी माना करेंगे; इतना हो कि तेरा परमेश्वर यहोवा जैसा मूसा के संग रहता था वैसे ही तेरे संग भी रहे।
According as we hearkened to Moses in all things, so will we hearken to thee; only may Jehovah thy God be with thee as he was with Moses.
18 १८ कोई क्यों न हो जो तेरे विरुद्ध बलवा करे, और जितनी आज्ञाएँ तू दे उनको न माने, तो वह मार डाला जाएगा। परन्तु तू दृढ़ और हियाव बाँधे रह।”
Every one that is rebellious against thy commandment and hearkeneth not to thy words in everything that thou commandest us, shall be put to death. Only be strong and courageous.

< यहोशू 1 >