< यहोशू 8 >

1 तब यहोवा ने यहोशू से कहा, “मत डर, और तेरा मन कच्चा न हो; कमर बाँधकर सब योद्धाओं को साथ ले, और आई पर चढ़ाई कर; सुन, मैंने आई के राजा को उसकी प्रजा और उसके नगर और देश समेत तेरे वश में कर दिया है।
여호와께서 여호수아에게 이르시되 두려워 말라 놀라지 말라 군사를 다 거느리고 일어나 아이로 올라가라 보라 내가 아이 왕과 그 백성과 그 성읍과 그 땅을 다 네 손에 주었노니
2 और जैसा तूने यरीहो और उसके राजा से किया वैसा ही आई और उसके राजा के साथ भी करना; केवल तुम पशुओं समेत उसकी लूट तो अपने लिये ले सकोगे; इसलिए उस नगर के पीछे की ओर अपने पुरुष घात में लगा दो।”
너는 여리고와 그 왕에게 행한 것 같이 아이와 그 왕에게 행하되 오직 거기서 탈취할 물건과 가축은 스스로 취하라 너는 성 뒤에 복병할지니라
3 अतः यहोशू ने सब योद्धाओं समेत आई पर चढ़ाई करने की तैयारी की; और यहोशू ने तीस हजार पुरुषों को जो शूरवीर थे चुनकर रात ही को आज्ञा देकर भेजा।
이에 여호수아가 일어나서 군사와 함께 아이로 올라가려 하여 용사 삼만 명을 뽑아 밤에 보내며
4 और उनको यह आज्ञा दी, “सुनो, तुम उस नगर के पीछे की ओर घात लगाए बैठे रहना; नगर से बहुत दूर न जाना, और सब के सब तैयार रहना;
그들에게 명하여 가로되 너희는 성읍 뒤로 가서 성읍을 향하고 매복하되 그 성읍에 너무 멀리 하지 말고 다 스스로 예비하라
5 और मैं अपने सब साथियों समेत उस नगर के निकट जाऊँगा। और जब वे पहले के समान हमारा सामना करने को निकलें, तब हम उनके आगे से भागेंगे;
나와 나를 좇는 모든 백성은 다 성읍으로 가까이 가리니 그들이 처음과 같이 우리에게로 쳐 올라올 것이라 그리할 때에 우리가 그들 앞에서 도망하면
6 तब वे यह सोचकर, कि वे पहले की भाँति हमारे सामने से भागे जाते हैं, हमारा पीछा करेंगे; इस प्रकार हम उनके सामने से भागकर उन्हें नगर से दूर निकाल ले जाएँगे;
그들이 나와서 우리를 따르며 스스로 이르기를 그들이 처음과 같이 우리 앞에서 도망한다 하고 우리의 유인을 받아 그 성읍에서 멀리 떠날 것이라 우리가 그 앞에서 도망하거든
7 तब तुम घात में से उठकर नगर को अपना कर लेना; क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा उसको तुम्हारे हाथ में कर देगा।
너희는 매복한 곳에서 일어나서 그 성읍을 점령하라 너희 하나님 여호와께서 너희 손에 붙이시리라
8 और जब नगर को ले लो, तब उसमें आग लगाकर फूँक देना, यहोवा की आज्ञा के अनुसार ही काम करना; सुनो, मैंने तुम्हें आज्ञा दी है।”
너희가 성읍을 취하거든 그것을 불살라 여호와의 말씀대로 행하라 보라 내가 너희에게 명하였느니라 하고
9 तब यहोशू ने उनको भेज दिया; और वे घात में बैठने को चले गए, और बेतेल और आई के मध्य में और आई की पश्चिम की ओर बैठे रहे; परन्तु यहोशू उस रात को लोगों के बीच टिका रहा।
그들을 보내매 그들이 복병할 곳으로 가서 아이 서편 벧엘과 아이 사이에 매복하였고 여호수아는 그 밤에 백성 가운데서 잤더라
10 १० यहोशू सवेरे उठा, और लोगों की गिनती करके इस्राएली वृद्ध लोगों समेत लोगों के आगे-आगे आई की ओर चला।
여호수아가 아침에 일찍이 일어나서 백성을 점고하고 이스라엘 장로들로 더불어 백성 앞서 아이로 올라가매
11 ११ और उसके संग के सब योद्धा चढ़ गए, और आई नगर के निकट पहुँचकर उसके सामने उत्तर की ओर डेरे डाल दिए, और उनके और आई के बीच एक तराई थी।
그를 좇은 군사가 다 올라가서 성읍 앞에 가까이 이르러 아이 북편에 진치니 그와 아이 사이에는 한 골짜기가 있었더라
12 १२ तब उसने कोई पाँच हजार पुरुष चुनकर बेतेल और आई के मध्य नगर के पश्चिम की ओर उनको घात में बैठा दिया।
그가 오천 명 가량을 택하여 성읍 서편 벧엘과 아이 사이에 또 매복시키니
13 १३ और जब लोगों ने नगर के उत्तर ओर की सारी सेना को और उसके पश्चिम ओर घात में बैठे हुओं को भी ठिकाने पर कर दिया, तब यहोशू उसी रात तराई के बीच गया।
이와 같이 성읍 북편에는 온 군대가 있고 성읍 서편에는 복병이 있었더라 여호수아가 그 밤에 골짜기 가운데로 들어가니
14 १४ जब आई के राजा ने यह देखा, तब वे फुर्ती करके सवेरे उठे, और राजा अपनी सारी प्रजा को लेकर इस्राएलियों के सामने उनसे लड़ने को निकलकर ठहराए हुए स्थान पर जो अराबा के सामने है पहुँचा; और वह नहीं जानता था कि नगर की पिछली ओर लोग घात लगाए बैठे हैं।
아이 왕이 이를 보고 그 성읍 백성과 함께 일찍이 일어나서 급히 나가 아라바 앞에 이르러 정한 때에 이스라엘과 싸우려 하고 성읍 뒤에 복병이 있는 줄은 알지 못하였더라
15 १५ तब यहोशू और सब इस्राएली उनसे मानो हार मानकर जंगल का मार्ग लेकर भाग निकले।
여호수아와 온 이스라엘이 그들 앞에서 거짓 패하여 광야 길로 도망하매
16 १६ तब नगर के सब लोग इस्राएलियों का पीछा करने को पुकार-पुकारके बुलाए गए; और वे यहोशू का पीछा करते हुए नगर से दूर निकल गए।
그 성 모든 백성이 그들을 따르려고 모여서 여호수아를 따르며 유인함을 입어 성을 멀리 떠나니
17 १७ और न आई में और न बेतेल में कोई पुरुष रह गया, जो इस्राएलियों का पीछा करने को न गया हो; और उन्होंने नगर को खुला हुआ छोड़कर इस्राएलियों का पीछा किया।
아이와 벧엘에 이스라엘을 따라가지 아니한 자가 하나도 없으며 성문을 열어 놓고 이스라엘을 따랐더라
18 १८ तब यहोवा ने यहोशू से कहा, “अपने हाथ का बर्छा आई की ओर बढ़ा; क्योंकि मैं उसे तेरे हाथ में दे दूँगा।” और यहोशू ने अपने हाथ के बर्छे को नगर की ओर बढ़ाया।
여호와께서 여호수아에게 이르시되 네 손에 잡은 단창을 들어 아이를 가리키라 내가 이 성읍을 네 손에 주리라 여호수아가 그 손에 잡은 단창을 들어 성읍을 가리키니
19 १९ उसके हाथ बढ़ाते ही जो लोग घात में बैठे थे वे झटपट अपने स्थान से उठे, और दौड़कर नगर में प्रवेश किया और उसको ले लिया; और झटपट उसमें आग लगा दी।
그 손을 드는 순간에 복병이 그 처소에서 급히 일어나 성읍에 달려 들어가서 점령하고 곧 성읍에 불을 놓았더라
20 २० जब आई के पुरुषों ने पीछे की ओर फिरकर दृष्टि की, तो क्या देखा, कि नगर का धुआँ आकाश की ओर उठ रहा है; और उन्हें न तो इधर भागने की शक्ति रही, और न उधर, और जो लोग जंगल की ओर भागे जाते थे वे फिरकर अपने खदेड़नेवालों पर टूट पड़े।
아이 사람이 뒤를 돌아본즉 그 성읍에 연기가 하늘에 닿은 것이 보이니 이 길로도 저 길로도 도망할 수 없이 되었고 광야로 도망하던 이스라엘 백성은 그 따르던 자에게로 돌이켰더라
21 २१ जब यहोशू और सब इस्राएलियों ने देखा कि घातियों ने नगर को ले लिया, और उसका धुआँ उठ रहा है, तब घूमकर आई के पुरुषों को मारने लगे।
여호수아와 온 이스라엘이 그 복병이 성읍을 점령함과 성읍에 연기가 오름을 보고 다시 돌이켜 아이 사람을 죽이고
22 २२ और उनका सामना करने को दूसरे भी नगर से निकल आए; सो वे इस्राएलियों के बीच में पड़ गए, कुछ इस्राएली तो उनके आगे, और कुछ उनके पीछे थे; अतः उन्होंने उनको यहाँ तक मार डाला कि उनमें से न तो कोई बचने और न भागने पाया।
복병도 성읍에서 나와 그들을 치매 그들이 이스라엘 중간에 든지라 혹은 이 편에서 혹은 저 편에서 쳐 죽여서 한 사람도 남거나 도망하지 못하게 하였고
23 २३ और आई के राजा को वे जीवित पकड़कर यहोशू के पास ले आए।
아이 왕을 사로잡아 여호수아 앞으로 끌어왔더라
24 २४ और जब इस्राएली आई के सब निवासियों को मैदान में, अर्थात् उस जंगल में जहाँ उन्होंने उनका पीछा किया था घात कर चुके, और वे सब के सब तलवार से मारे गए यहाँ तक कि उनका अन्त ही हो गया, तब सब इस्राएलियों ने आई को लौटकर उसे भी तलवार से मारा।
이스라엘이 자기를 광야로 따르던 아이 모든 거민을 들에서 죽이되 그들을 다 칼날에 엎드러지게 하여 진멸하기를 마치고 온 이스라엘이 아이로 돌아와서 칼날로 죽이매
25 २५ और स्त्री पुरुष, सब मिलाकर जो उस दिन मारे गए वे बारह हजार थे, और आई के सब पुरुष इतने ही थे।
그 날에 아이 사람의 전부가 죽었으니 남녀가 일만 이천이라
26 २६ क्योंकि जब तक यहोशू ने आई के सब निवासियों का सत्यानाश न कर डाला तब तक उसने अपना हाथ, जिससे बर्छा बढ़ाया था, फिर न खींचा।
아이 거민을 진멸하기까지 여호수아가 단창을 잡아 든 손을 거두지 아니하였고
27 २७ यहोवा की उस आज्ञा के अनुसार जो उसने यहोशू को दी थी इस्राएलियों ने पशु आदि नगर की लूट अपनी कर ली।
오직 그 성읍의 가축과 노략한 것은 여호와께서 여호수아에게 명하신 대로 이스라엘이 탈취하였더라
28 २८ तब यहोशू ने आई को फुँकवा दिया, और उसे सदा के लिये खण्डहर कर दिया: वह आज तक उजाड़ पड़ा है।
이에 여호수아가 아이를 불살라 그것으로 영원한 무더기를 만들었더니 오늘까지 황폐하였으며
29 २९ और आई के राजा को उसने साँझ तक वृक्ष पर लटका रखा; और सूर्य डूबते-डूबते यहोशू की आज्ञा से उसका शव वृक्ष पर से उतारकर नगर के फाटक के सामने डाल दिया गया, और उस पर पत्थरों का बड़ा ढेर लगा दिया, जो आज तक बना है।
그가 또 아이 왕을 저녁 때까지 나무에 달았다가 해 질 때에 명하여 그 시체를 나무에서 내려 그 성문 어귀에 던지고 그 위에 돌로 큰 무더기를 쌓았더니 그것이 오늘까지 있더라
30 ३० तब यहोशू ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के लिये एबाल पर्वत पर एक वेदी बनवाई,
때에 여호수아가 이스라엘의 하나님 여호와를 위하여 에발 산에 한 단을 쌓았으니
31 ३१ जैसा यहोवा के दास मूसा ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी, और जैसा मूसा की व्यवस्था की पुस्तक में लिखा है, उसने समूचे पत्थरों की एक वेदी बनवाई जिस पर औज़ार नहीं चलाया गया था। और उस पर उन्होंने यहोवा के लिये होमबलि चढ़ाए, और मेलबलि किए।
이는 여호와의 종 모세가 이스라엘 자손에게 명한것과 모세의 율법책에 기록된 대로 철 연장으로 다듬지 아니한 새 돌로 만든 단이라 무리가 여호와께 번제와 화목제를 그 위에 드렸으며
32 ३२ उसी स्थान पर यहोशू ने इस्राएलियों के सामने उन पत्थरों के ऊपर मूसा की व्यवस्था, जो उसने लिखी थी, उसकी नकल कराई।
여호수아가 거기서 모세의 기록한 율법을 이스라엘 자손의 목전에서 그 돌에 기록하매
33 ३३ और वे, क्या देशी क्या परदेशी, सारे इस्राएली अपने वृद्ध लोगों, सरदारों, और न्यायियों समेत यहोवा की वाचा का सन्दूक उठानेवाले लेवीय याजकों के सामने उस सन्दूक के इधर-उधर खड़े हुए, अर्थात् आधे लोग तो गिरिज्जीम पर्वत के, और आधे एबाल पर्वत के सामने खड़े हुए, जैसा कि यहोवा के दास मूसा ने पहले आज्ञा दी थी, कि इस्राएली प्रजा को आशीर्वाद दिए जाएँ।
온 이스라엘과 그 장로들과 유사들과 재판장들과 본토인뿐 아니라 이방인까지 여호와의 언약궤를 멘 레위 사람 제사장들 앞에서 궤의 좌우에 서되 절반은 그리심 산 앞에, 절반은 에발 산 앞에 섰으니 이는 이왕에 여호와의 종 모세가 이스라엘 백성에게 축복하라고 명한 대로 함이라
34 ३४ उसके बाद उसने आशीष और श्राप की व्यवस्था के सारे वचन, जैसे-जैसे व्यवस्था की पुस्तक में लिखे हुए हैं, वैसे-वैसे पढ़ पढ़कर सुना दिए।
그 후에 여호수아가 무릇 율법책에 기록된 대로 축복과 저주하는 율법의 모든 말씀을 낭독하였으니
35 ३५ जितनी बातों की मूसा ने आज्ञा दी थी, उनमें से कोई ऐसी बात नहीं रह गई जो यहोशू ने इस्राएल की सारी सभा, और स्त्रियों, और बाल-बच्चों, और उनके साथ रहनेवाले परदेशी लोगों के सामने भी पढ़कर न सुनाई।
모세의 명한 것은 여호수아가 이스라엘 온 회중과 여인과 아이와 그들 중에 동거하는 객들 앞에 낭독하지 아니한 말이 하나도 없었더라

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