< यहोशू 7 >

1 परन्तु इस्राएलियों ने अर्पण की वस्तु के विषय में विश्वासघात किया; अर्थात् यहूदा गोत्र का आकान, जो जेरहवंशी जब्दी का पोता और कर्मी का पुत्र था, उसने अर्पण की वस्तुओं में से कुछ ले लिया; इस कारण यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा।
و بنی‌اسرائیل در آنچه حرام شده بود خیانت ورزیدند، زیرا عخان ابن کرمی ابن زبدی ابن زارح از سبط یهودا، از آنچه حرام شده بود گرفت، و غضب خداوند بر بنی‌اسرائیل افروخته شد.۱
2 यहोशू ने यरीहो से आई नामक नगर के पास, जो बेतावेन से लगा हुआ बेतेल की पूर्व की ओर है, कुछ पुरुषों को यह कहकर भेजा, “जाकर देश का भेद ले आओ।” और उन पुरुषों ने जाकर आई का भेद लिया।
و یوشع از اریحا تا عای که نزد بیت آون به طرف شرقی بیت ئیل واقع است، مردان فرستاد وایشان را خطاب کرده، گفت: «بروید و زمین راجاسوسی کنید.» پس آن مردان رفته، عای راجاسوسی کردند.۲
3 और उन्होंने यहोशू के पास लौटकर कहा, “सब लोग वहाँ न जाएँ, कोई दो तीन हजार पुरुष जाकर आई को जीत सकते हैं; सब लोगों को वहाँ जाने का कष्ट न दे, क्योंकि वे लोग थोड़े ही हैं।”
و نزد یوشع برگشته، او راگفتند: «تمامی قوم برنیایند؛ به قدر دو یا سه هزارنفر برآیند و عای را بزنند و تمامی قوم را به آنجازحمت ندهی زیرا که ایشان کم‌اند.»۳
4 इसलिए कोई तीन हजार पुरुष वहाँ गए; परन्तु आई के रहनेवालों के सामने से भाग आए,
پس قریب به سه هزار نفر از قوم به آنجا رفتند و از حضورمردان عای فرار کردند.۴
5 तब आई के रहनेवालों ने उनमें से कोई छत्तीस पुरुष मार डाले, और अपने फाटक से शबारीम तक उनका पीछा करके उतराई में उनको मारते गए। तब लोगों का मन पिघलकर जल सा बन गया।
و مردان عای از آنها به قدر سی و شش نفر کشتند و از پیش دروازه تاشباریم ایشان را تعاقب نموده، ایشان را در نشیب زدند، و دل قوم گداخته شده، مثل آب گردید.۵
6 तब यहोशू ने अपने वस्त्र फाड़े, और वह और इस्राएली वृद्ध लोग यहोवा के सन्दूक के सामने मुँह के बल गिरकर भूमि पर साँझ तक पड़े रहे; और उन्होंने अपने-अपने सिर पर धूल डाली।
و یوشع و مشایخ اسرائیل جامه خود راچاک زده، پیش تابوت خداوند تا شام رو به زمین افتادند، و خاک به‌سرهای خود پاشیدند.۶
7 और यहोशू ने कहा, “हाय, प्रभु यहोवा, तू अपनी इस प्रजा को यरदन पार क्यों ले आया? क्या हमें एमोरियों के वश में करके नष्ट करने के लिये ले आया है? भला होता कि हम संतोष करके यरदन के उस पार रह जाते!
و یوشع گفت: «آه‌ای خداوند یهوه برای چه این قوم را از اردن عبور دادی تا ما را به‌دست اموریان تسلیم کرده، ما را هلاک کنی، کاش راضی شده بودیم که به آن طرف اردن بمانیم.۷
8 हाय, प्रभु मैं क्या कहूँ, जब इस्राएलियों ने अपने शत्रुओं को पीठ दिखाई है!
آه‌ای خداوندچه بگویم بعد از آنکه اسرائیل از حضور دشمنان خود پشت داده‌اند.۸
9 क्योंकि कनानी वरन् इस देश के सब निवासी यह सुनकर हमको घेर लेंगे, और हमारा नाम पृथ्वी पर से मिटा डालेंगे; फिर तू अपने बड़े नाम के लिये क्या करेगा?”
زیرا چون کنعانیان و تمامی ساکنان زمین این را بشنوند دور ما را خواهندگرفت و نام ما را از این زمین منقطع خواهند کرد، و تو به اسم بزرگ خود چه خواهی کرد؟»۹
10 १० यहोवा ने यहोशू से कहा, “उठ, खड़ा हो जा, तू क्यों इस भाँति मुँह के बल भूमि पर पड़ा है?
خداوند به یوشع گفت: «برخیز چرا تو به این طور به روی خود افتاده‌ای.۱۰
11 ११ इस्राएलियों ने पाप किया है; और जो वाचा मैंने उनसे अपने साथ बँधाई थी उसको उन्होंने तोड़ दिया है, उन्होंने अर्पण की वस्तुओं में से ले लिया, वरन् चोरी भी की, और छल करके उसको अपने सामान में रख लिया है।
اسرائیل گناه کرده، و از عهدی نیز که به ایشان امر فرمودم تجاوز نموده‌اند و از چیز حرام هم گرفته، دزدیده‌اند، بلکه انکار کرده، آن را در اسباب خودگذاشته‌اند.۱۱
12 १२ इस कारण इस्राएली अपने शत्रुओं के सामने खड़े नहीं रह सकते; वे अपने शत्रुओं को पीठ दिखाते हैं, इसलिए कि वे आप अर्पण की वस्तु बन गए हैं। और यदि तुम अपने मध्य में से अर्पण की वस्तु सत्यानाश न कर डालोगे, तो मैं आगे को तुम्हारे संग नहीं रहूँगा।
از این سبب بنی‌اسرائیل نمی توانندبه حضور دشمنان خود بایستند و از حضوردشمنان خود پشت داده‌اند، زیرا که ملعون شده‌اند، و اگر چیز حرام را از میان خود تباه نسازید، من دیگر با شما نخواهم بود.۱۲
13 १३ उठ, प्रजा के लोगों को पवित्र कर, उनसे कह; ‘सवेरे तक अपने-अपने को पवित्र कर रखो; क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है, “हे इस्राएल, तेरे मध्य में अर्पण की वस्तु है; इसलिए जब तक तू अर्पण की वस्तु को अपने मध्य में से दूर न करे तब तक तू अपने शत्रुओं के सामने खड़ा न रह सकेगा।”
برخیزقوم را تقدیس نما و بگو برای فردا خویشتن راتقدیس نمایید، زیرا یهوه خدای اسرائیل چنین می‌گوید: ای اسرائیل چیزی حرام در میان توست و تا این چیز حرام را از میان خود دور نکنی، پیش روی دشمنان خود نمی توانی‌ایستاد.۱۳
14 १४ इसलिए सवेरे को तुम गोत्र-गोत्र के अनुसार समीप खड़े किए जाओगे; और जिस गोत्र को यहोवा पकड़े वह एक-एक कुल करके पास आए; और जिस कुल को यहोवा पकड़े वह घराना-घराना करके पास आए; फिर जिस घराने को यहोवा पकड़े वह एक-एक पुरुष करके पास आए।
پس بامدادان، شما موافق اسباط خود نزدیک بیایید، وچنین شود که سبطی را که خداوند انتخاب کند به قبیله های خود نزدیک آیند، و قبیله‌ای را که خداوند انتخاب کند به خاندانهای خود نزدیک بیایند، و خاندانی را که خداوند انتخاب کند به مردان خود نزدیک آیند.۱۴
15 १५ तब जो पुरुष अर्पण की वस्तु रखे हुए पकड़ा जाएगा, वह और जो कुछ उसका हो सब आग में डालकर जला दिया जाए; क्योंकि उसने यहोवा की वाचा को तोड़ा है, और इस्राएल में अनुचित कर्म किया है।’”
و هر‌که آن چیز حرام نزد او یافت شود با هر‌چه دارد به آتش سوخته شود، زیرا که از عهد خداوند تجاوز نموده، قباحتی در میان اسرائیل به عمل آورده است.»۱۵
16 १६ यहोशू सवेरे उठकर इस्राएलियों को गोत्र-गोत्र करके समीप ले गया, और यहूदा का गोत्र पकड़ा गया;
پس یوشع بامدادان بزودی برخاسته، اسرائیل را به اسباط ایشان نزدیک آورد و سبطیهودا گرفته شد.۱۶
17 १७ तब उसने यहूदा के परिवार को समीप किया, और जेरहवंशियों का कुल पकड़ा गया; फिर जेरहवंशियों के घराने के एक-एक पुरुष को समीप लाया, और जब्दी पकड़ा गया;
و قبیله یهودا را نزدیک آوردو قبیله زارحیان گرفته شد. پس قبیله زارحیان رابه مردان ایشان نزدیک آورد و زبدی گرفته شد.۱۷
18 १८ तब उसने उसके घराने के एक-एक पुरुष को समीप खड़ा किया, और यहूदा गोत्र का आकान, जो जेरहवंशी जब्दी का पोता और कर्मी का पुत्र था, पकड़ा गया।
و خاندان او را به مردان ایشان نزدیک آورد وعخان بن کرمی ابن زبدی بن زارح از سبط یهوداگرفته شد.۱۸
19 १९ तब यहोशू आकान से कहने लगा, “हे मेरे बेटे, इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का आदर कर, और उसके आगे अंगीकार कर; और जो कुछ तूने किया है वह मुझ को बता दे, और मुझसे कुछ मत छिपा।”
و یوشع به عخان گفت: «ای پسر من الان یهوه خدای اسرائیل را جلال بده و نزد اواعتراف نما و مرا خبر بده که چه کردی و از مامخفی مدار.»۱۹
20 २० आकान ने यहोशू को उत्तर दिया, “सचमुच मैंने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के विरुद्ध पाप किया है, और इस प्रकार मैंने किया है,
عخان در جواب یوشع گفت: «فی الواقع به یهوه خدای اسرائیل گناه کرده، وچنین و چنان به عمل آورده‌ام.۲۰
21 २१ कि जब मुझे लूट में बाबेल देश का एक सुन्दर ओढ़ना, और दो सौ शेकेल चाँदी, और पचास शेकेल सोने की एक ईंट देख पड़ी, तब मैंने उनका लालच करके उन्हें रख लिया; वे मेरे डेरे के भीतर भूमि में गड़े हैं, और सब के नीचे चाँदी है।”
چون در میان غنیمت ردایی فاخر شنعاری و دویست مثقال نقره و یک شمش طلا که وزنش پنجاه مثقال بوددیدم، آنها را طمع‌ورزیده، گرفتم، و اینک درمیان خیمه من در زمین است و نقره زیر آن می‌باشد.»۲۱
22 २२ तब यहोशू ने दूत भेजे, और वे उस डेरे में दौड़े गए; और क्या देखा, कि वे वस्तुएँ उसके डेरे में गड़ी हैं, और सब के नीचे चाँदी है।
آنگاه یوشع رسولان فرستاد و به خیمه دویدند، و اینک در خیمه او پنهان بود و نقره زیرآن.۲۲
23 २३ उनको उन्होंने डेरे में से निकालकर यहोशू और सब इस्राएलियों के पास लाकर यहोवा के सामने रख दिया।
و آنها را از میان خیمه گرفته، نزد یوشع وجمیع بنی‌اسرائیل آوردند و آنها را به حضورخداوند نهادند.۲۳
24 २४ तब सब इस्राएलियों समेत यहोशू जेरहवंशी आकान को, और उस चाँदी और ओढ़ने और सोने की ईंट को, और उसके बेटे-बेटियों को, और उसके बैलों, गदहों और भेड़-बकरियों को, और उसके डेरे को, अर्थात् जो कुछ उसका था उन सब को आकोर नामक तराई में ले गया।
و یوشع و تمامی بنی‌اسرائیل با وی عخان پسر زارح و نقره و ردا و شمش طلا وپسرانش و دخترانش و گاوانش و حمارانش وگوسفندانش و خیمه‌اش و تمامی مایملکش راگرفته، آنها را به وادی عخور بردند.۲۴
25 २५ तब यहोशू ने उससे कहा, “तूने हमें क्यों कष्ट दिया है? आज के दिन यहोवा तुझी को कष्ट देगा।” तब सब इस्राएलियों ने उस पर पथराव किया; और उनको आग में डालकर जलाया, और उनके ऊपर पत्थर डाल दिए।
و یوشع گفت: «برای چه ما را مضطرب ساختی؟ خداوندامروز تو را مضطرب خواهد ساخت.» پس تمامی اسرائیل او را سنگسار کردند و آنها را به آتش سوزانیدند و ایشان را به سنگها سنگسار کردند.۲۵
26 २६ और उन्होंने उसके ऊपर पत्थरों का बड़ा ढेर लगा दिया जो आज तक बना है; तब यहोवा का भड़का हुआ कोप शान्त हो गया। इस कारण उस स्थान का नाम आज तक आकोर तराई पड़ा है।
و توده بزرگ از سنگها بر او برپا داشتند که تا به امروز هست، و خداوند از شدت غضب خودبرگشت، بنابراین اسم آن مکان تا امروز وادی عخور نامیده شده است.۲۶

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