< यहोशू 4 >

1 जब उस सारी जाति के लोग यरदन के पार उतर चुके, तब यहोवा ने यहोशू से कहा,
And it came to pass when the whole nation had completely gone over the Jordan, that Jehovah spoke to Joshua, saying,
2 “प्रजा में से बारह पुरुष, अर्थात्–गोत्र पीछे एक-एक पुरुष को चुनकर यह आज्ञा दे,
Take you twelve men out of the people, one man out of every tribe,
3 ‘तुम यरदन के बीच में, जहाँ याजकों ने पाँव धरे थे वहाँ से बारह पत्थर उठाकर अपने साथ पार ले चलो, और जहाँ आज की रात पड़ाव होगा वहीं उनको रख देना।’”
and command them, saying, Take up hence out of the midst of the Jordan, from the place where the priests' feet stood firm, twelve stones, and carry them over with you, and lay them down in the lodging-place where ye shall lodge this night.
4 तब यहोशू ने उन बारह पुरुषों को, जिन्हें उसने इस्राएलियों के प्रत्येक गोत्र में से छांटकर ठहरा रखा था,
And Joshua called the twelve men, whom he had appointed of the children of Israel, a man out of every tribe;
5 बुलवाकर कहा, “तुम अपने परमेश्वर यहोवा के सन्दूक के आगे यरदन के बीच में जाकर इस्राएलियों के गोत्रों की गिनती के अनुसार एक-एक पत्थर उठाकर अपने-अपने कंधे पर रखो,
and Joshua said to them, Pass before the ark of Jehovah your God into the midst of the Jordan, and lift up each of you a stone [and put it] upon his shoulder, according to the number of the tribes of the children of Israel,
6 जिससे यह तुम लोगों के बीच चिन्ह ठहरे, और आगे को जब तुम्हारे बेटे यह पूछें, ‘इन पत्थरों का क्या मतलब है?’
that this may be a sign in your midst. When your children ask hereafter, saying, What mean ye by these stones?
7 तब तुम उन्हें यह उत्तर दो, कि यरदन का जल यहोवा की वाचा के सन्दूक के सामने से दो भाग हो गया था; क्योंकि जब वह यरदन पार आ रहा था, तब यरदन का जल दो भाग हो गया। अतः वे पत्थर इस्राएल को सदा के लिये स्मरण दिलानेवाले ठहरेंगे।”
then ye shall say to them, That the waters of the Jordan were cut off before the ark of the covenant of Jehovah; when it went through the Jordan, the waters of the Jordan were cut off. And these stones shall be for a memorial unto the children of Israel for ever.
8 यहोशू की इस आज्ञा के अनुसार इस्राएलियों ने किया, जैसा यहोवा ने यहोशू से कहा था वैसा ही उन्होंने इस्राएली गोत्रों की गिनती के अनुसार बारह पत्थर यरदन के बीच में से उठा लिए; और उनको अपने साथ ले जाकर पड़ाव में रख दिया।
And the children of Israel did so, as Joshua had commanded, and took up twelve stones out of the midst of the Jordan, as Jehovah had spoken to Joshua, according to the number of the tribes of the children of Israel; and they carried them over with them to the lodging-place, and laid them down there.
9 और यरदन के बीच, जहाँ याजक वाचा के सन्दूक को उठाए हुए अपने पाँव धरे थे वहाँ यहोशू ने बारह पत्थर खड़े कराए; वे आज तक वहीं पाए जाते हैं।
And twelve stones did Joshua set up in the midst of the Jordan, in the place where the feet of the priests who bore the ark of the covenant had stood firm; and they are there to this day.
10 १० और याजक सन्दूक उठाए हुए उस समय तक यरदन के बीच खड़े रहे जब तक वे सब बातें पूरी न हो चुकीं, जिन्हें यहोवा ने यहोशू को लोगों से कहने की आज्ञा दी थी। तब सब लोग फुर्ती से पार उतर गए;
And the priests who bore the ark stood in the midst of the Jordan, until everything was finished that Jehovah had commanded Joshua to speak unto the people, according to all that Moses had commanded Joshua. And the people hasted and passed over.
11 ११ और जब सब लोग पार उतर चुके, तब याजक और यहोवा का सन्दूक भी उनके देखते पार हुए।
And it came to pass, when all the people had completely gone over, that the ark of Jehovah went over, and the priests, in the presence of the people.
12 १२ और रूबेनी, गादी, और मनश्शे के आधे गोत्र के लोग मूसा के कहने के अनुसार इस्राएलियों के आगे पाँति बाँधे हुए पार गए;
And the children of Reuben, and the children of Gad, and the half tribe of Manasseh, went over in array before the children of Israel, as Moses had spoken to them.
13 १३ अर्थात् कोई चालीस हजार पुरुष युद्ध के हथियार बाँधे हुए संग्राम करने के लिये यहोवा के सामने पार उतरकर यरीहो के पास के अराबा में पहुँचे।
About forty thousand armed for military service passed over before Jehovah to the war, unto the plains of Jericho.
14 १४ उस दिन यहोवा ने सब इस्राएलियों के सामने यहोशू की महिमा बढ़ाई; और जैसे वे मूसा का भय मानते थे वैसे ही यहोशू का भी भय उसके जीवन भर मानते रहे।
On that day Jehovah magnified Joshua in the sight of all Israel; and they feared him, as they had feared Moses, all the days of his life.
15 १५ और यहोवा ने यहोशू से कहा,
And Jehovah spoke to Joshua, saying,
16 १६ “साक्षी का सन्दूक उठानेवाले याजकों को आज्ञा दे कि यरदन में से निकल आएँ।”
Command the priests who bear the ark of the testimony, that they come up out of the Jordan.
17 १७ तो यहोशू ने याजकों को आज्ञा दी, “यरदन में से निकल आओ।”
And Joshua commanded the priests, saying, Come up out of the Jordan.
18 १८ और ज्यों ही यहोवा की वाचा का सन्दूक उठानेवाले याजक यरदन के बीच में से निकल आए, और उनके पाँव स्थल पर पड़े, त्यों ही यरदन का जल अपने स्थान पर आया, और पहले के समान तटों के ऊपर फिर बहने लगा।
And it came to pass when the priests who bore the ark of the covenant of Jehovah had come up out of the midst of the Jordan, [when] the soles of the priests' feet were lifted up on to the dry land, that the waters of the Jordan returned to their place, and they flowed as previously, over all its banks.
19 १९ पहले महीने के दसवें दिन को प्रजा के लोगों ने यरदन में से निकलकर यरीहो की पूर्वी सीमा पर गिलगाल में अपने डेरे डालें।
And the people came up out of the Jordan on the tenth of the first month, and encamped in Gilgal, on the eastern extremity of Jericho.
20 २० और जो बारह पत्थर यरदन में से निकाले गए थे, उनको यहोशू ने गिलगाल में खड़े किए।
And those twelve stones which they had taken out of the Jordan did Joshua set up in Gilgal.
21 २१ तब उसने इस्राएलियों से कहा, “आगे को जब तुम्हारे बाल-बच्चे अपने-अपने पिता से यह पूछें, ‘इन पत्थरों का क्या मतलब है?’
And he spoke to the children of Israel, saying, When your children hereafter ask their fathers, saying, What [mean] these stones?
22 २२ तब तुम यह कहकर उनको बताना, ‘इस्राएली यरदन के पार स्थल ही स्थल चले आए थे’।
then ye shall let your children know, saying, On dry land did Israel come over this Jordan;
23 २३ क्योंकि जैसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने लाल समुद्र को हमारे पार हो जाने तक हमारे सामने से हटाकर सूखा रखा था, वैसे ही उसने यरदन का भी जल तुम्हारे पार हो जाने तक तुम्हारे सामने से हटाकर सूखा रखा;
because Jehovah your God dried up the waters of the Jordan from before you, until ye had passed over, as Jehovah your God did to the Red sea, which he dried up from before us, until we had passed over;
24 २४ इसलिए कि पृथ्वी के सब देशों के लोग जान लें कि यहोवा का हाथ बलवन्त है; और तुम सर्वदा अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानते रहो।”
that all peoples of the earth might know the hand of Jehovah, that it is mighty; that ye might fear Jehovah your God continually.

< यहोशू 4 >