< यहोशू 24 >
1 १ फिर यहोशू ने इस्राएल के सब गोत्रों को शेकेम में इकट्ठा किया, और इस्राएल के वृद्ध लोगों, और मुख्य पुरुषों, और न्यायियों, और सरदारों को बुलवाया; और वे परमेश्वर के सामने उपस्थित हुए।
Derpaa kaldte Josua alle Israels Stammer sammen i Sikem og lod Israels Ældste og Overhoved, Dommere og Tilsynsmænd kalde til sig; og de stillede sig op for Guds Aasyn.
2 २ तब यहोशू ने उन सब लोगों से कहा, “इस्राएल का परमेश्वर यहोवा इस प्रकार कहता है, कि ‘प्राचीनकाल में अब्राहम और नाहोर का पिता तेरह आदि, तुम्हारे पुरखा फरात महानद के उस पार रहते हुए दूसरे देवताओं की उपासना करते थे।
Da sagde Josua til hele Folket: »Saa siger HERREN, Israels Gud: Hinsides Floden boede eders Forfædre i gamle Dage, Tara, Abrahams og Nakors Fader, og de dyrkede andre Guder.
3 ३ और मैंने तुम्हारे मूलपुरुष अब्राहम को फरात के उस पार से ले आकर कनान देश के सब स्थानों में फिराया, और उसका वंश बढ़ाया। और उसे इसहाक को दिया;
Da førte jeg eders Stamfader Abraham bort fra Landet hinsides Floden og lod ham vandre omkring i hele Kana'ans Land, gav ham en talrig Æt og skænkede ham Isak.
4 ४ फिर मैंने इसहाक को याकूब और एसाव दिया। और एसाव को मैंने सेईर नामक पहाड़ी देश दिया कि वह उसका अधिकारी हो, परन्तु याकूब बेटों-पोतों समेत मिस्र को गया।
Og Isak skænkede jeg Jakob og Esau, og Esau gav jeg Se'irs Bjerge i Eje, medens Jakob og hans Sønner drog ned til Ægypten.
5 ५ फिर मैंने मूसा और हारून को भेजकर उन सब कामों के द्वारा जो मैंने मिस्र में किए उस देश को मारा; और उसके बाद तुम को निकाल लाया।
Derpaa sendte jeg Moses og Aron, og jeg plagede Ægypterne med de Gerninger, jeg øvede iblandt dem, og derefter førte jeg eder ud;
6 ६ और मैं तुम्हारे पुरखाओं को मिस्र में से निकाल लाया, और तुम समुद्र के पास पहुँचे; और मिस्रियों ने रथ और सवारों को संग लेकर लाल समुद्र तक तुम्हारा पीछा किया।
og da jeg førte eders Fædre ud af Ægypten, og I var kommet til Havet, satte Ægypterne efter eders Fædre med Stridsvogne og Ryttere til det røde Hav.
7 ७ और जब तुम ने यहोवा की दुहाई दी तब उसने तुम्हारे और मिस्रियों के बीच में अंधियारा कर दिया, और उन पर समुद्र को बहाकर उनको डुबा दिया; और जो कुछ मैंने मिस्र में किया उसे तुम लोगों ने अपनी आँखों से देखा; फिर तुम बहुत दिन तक जंगल में रहे।
Da raabte de til HERREN, og han satte Mørke mellem eder og Ægypterne og bragte Havet over dem, saa det dækkede dem; og I saa med egne Øjne, hvad jeg gjorde ved Ægypterne. Og da I havde opholdt eder en Tid lang i Ørkenen,
8 ८ तब मैं तुम को उन एमोरियों के देश में ले आया, जो यरदन के उस पार बसे थे; और वे तुम से लड़े और मैंने उन्हें तुम्हारे वश में कर दिया, और तुम उनके देश के अधिकारी हो गए, और मैंने उनका तुम्हारे सामने से सत्यानाश कर डाला।
førte jeg eder ind i Amoriternes Land hinsides Jordan, og da de angreb eder, gav jeg dem i eders Haand, saa I tog deres Land i Besiddelse, og jeg tilintetgjorde dem foran eder.
9 ९ फिर मोआब के राजा सिप्पोर का पुत्र बालाक उठकर इस्राएल से लड़ा; और तुम्हें श्राप देने के लिये बोर के पुत्र बिलाम को बुलवा भेजा,
Da rejste Zippors Søn, Kong Balak af Moab, sig og angreb Israel; og han sendte Bud og lod Bileam, Beors Søn, hente, for at han skulde forbande eder;
10 १० परन्तु मैंने बिलाम की नहीं सुनी; वह तुम को आशीष ही आशीष देता गया; इस प्रकार मैंने तुम को उसके हाथ से बचाया।
men jeg vilde ikke bønhøre Bileam, og han maatte velsigne eder; saaledes friede jeg eder af hans Haand.
11 ११ तब तुम यरदन पार होकर यरीहो के पास आए, और जब यरीहो के लोग, और एमोरी, परिज्जी, कनानी, हित्ती, गिर्गाशी, हिब्बी, और यबूसी तुम से लड़े, तब मैंने उन्हें तुम्हारे वश में कर दिया।
Derpaa gik I over Jordan og kom til Jeriko; og Indbyggerne i Jeriko, Amoriterne, Perizziterne, Kana'anæerne, Hetiterne, Girgasjiterne, Hivviterne og Jebusiterne angreb eder, men jeg gav dem i eders Haand.
12 १२ और मैंने तुम्हारे आगे बर्रों को भेजा, और उन्होंने एमोरियों के दोनों राजाओं को तुम्हारे सामने से भगा दिया; देखो, यह तुम्हारी तलवार या धनुष का काम नहीं हुआ।
Jeg sendte Gedehamse foran eder, og de drev de tolv Amoriterkonger bort foran eder; det skete ikke ved dit Sværd eller din Bue.
13 १३ फिर मैंने तुम्हें ऐसा देश दिया जिसमें तुम ने परिश्रम न किया था, और ऐसे नगर भी दिए हैं जिन्हें तुम ने न बसाया था, और तुम उनमें बसे हो; और जिन दाख और जैतून के बगीचों के फल तुम खाते हो उन्हें तुम ने नहीं लगाया था।’
Og jeg gav eder et Land, I ikke havde haft Arbejde med, og Byer, I ikke havde bygget, og I tog Bolig i dem; af Vinhaver og Oliventræer, I ikke plantede, nyder I nu Frugten.
14 १४ “इसलिए अब यहोवा का भय मानकर उसकी सेवा खराई और सच्चाई से करो; और जिन देवताओं की सेवा तुम्हारे पुरखा फरात के उस पार और मिस्र में करते थे, उन्हें दूर करके यहोवा की सेवा करो।
Saa frygt nu HERREN og tjen ham i Oprigtighed og Trofasthed, skaf de Guder bort, som eders Forfædre dyrkede hinsides Floden og i Ægypten, og tjen HERREN!
15 १५ और यदि यहोवा की सेवा करनी तुम्हें बुरी लगे, तो आज चुन लो कि तुम किसकी सेवा करोगे, चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे, और चाहे एमोरियों के देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा ही की सेवा नित करूँगा।”
Men hvis I ikke synes om at tjene HERREN, saa vælg i Dag, hvem I vil tjene, de Guder, eders Forfædre dyrkede hinsides Floden, eller Amoriternes Guder, i hvis Land I nu bor. Men jeg og mit Hus, vi vil tjene HERREN!«
16 १६ तब लोगों ने उत्तर दिया, “यहोवा को त्याग कर दूसरे देवताओं की सेवा करनी हम से दूर रहे;
Da svarede Folket: »Det være langt fra os at forlade HERREN for at dyrke andre Guder;
17 १७ क्योंकि हमारा परमेश्वर यहोवा वही है जो हमको और हमारे पुरखाओं को दासत्व के घर, अर्थात् मिस्र देश से निकाल ले आया, और हमारे देखते बड़े-बड़े आश्चर्यकर्म किए, और जिस मार्ग पर और जितनी जातियों के मध्य में से हम चले आते थे उनमें हमारी रक्षा की;
nej, HERREN er vor Gud, han, som førte os og vore Fædre op fra Ægypten, fra Trællehuset, og gjorde hine store Tegn for vore Øjne og bevarede os under hele vor Vandring og blandt alle de Folk, hvis Lande vi drog igennem;
18 १८ और हमारे सामने से इस देश में रहनेवाली एमोरी आदि सब जातियों को निकाल दिया है; इसलिए हम भी यहोवा की सेवा करेंगे, क्योंकि हमारा परमेश्वर वही है।”
og HERREN drev alle disse Folk og Amoriterne, som boede her i Landet, bort foran os. Derfor vil vi ogsaa tjene HERREN, thi han er vor Gud!«
19 १९ यहोशू ने लोगों से कहा, “तुम से यहोवा की सेवा नहीं हो सकती; क्योंकि वह पवित्र परमेश्वर है; वह जलन रखनेवाला परमेश्वर है; वह तुम्हारे अपराध और पाप क्षमा न करेगा।
Da sagde Josua til Folket: »I vil ikke kunne tjene HERREN, thi han er en hellig Gud; han er en nidkær Gud, som ikke vil tilgive eders Overtrædelser og Synder.
20 २० यदि तुम यहोवा को त्याग कर पराए देवताओं की सेवा करने लगोगे, तो यद्यपि वह तुम्हारा भला करता आया है तो भी वह फिरकर तुम्हारी हानि करेगा और तुम्हारा अन्त भी कर डालेगा।”
Naar I forlader HERREN og dyrker fremmede Guder, vil han vende sig bort og bringe Ulykke over eder og tilintetgøre eder, skønt han tidligere gjorde vel imod eder.«
21 २१ लोगों ने यहोशू से कहा, “नहीं; हम यहोवा ही की सेवा करेंगे।”
Da sagde Folket til Josua: »Nej HERREN vil vi tjene!«
22 २२ यहोशू ने लोगों से कहा, “तुम आप ही अपने साक्षी हो कि तुम ने यहोवा की सेवा करनी चुन ली है।” उन्होंने कहा, “हाँ, हम साक्षी हैं।”
Josua sagde da til Folket: »I er Vidner imod eder selv paa, at I har valgt at tjene HERREN.
23 २३ यहोशू ने कहा, “अपने बीच में से पराए देवताओं को दूर करके अपना-अपना मन इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की ओर लगाओ।”
Saa skaf da de fremmede Guder bort, som I har hos eder, og bøj eders Hjerte til HERREN, Israels Gud!«
24 २४ लोगों ने यहोशू से कहा, “हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही की सेवा करेंगे, और उसी की बात मानेंगे।”
Da sagde Folket til Josua: »HERREN vor Gud vil vi tjene, og hans Røst vil vi lyde!«
25 २५ तब यहोशू ने उसी दिन उन लोगों से वाचा बँधाई, और शेकेम में उनके लिये विधि और नियम ठहराया।
Derpaa lod Josua samme Dag Folket indgaa en Pagt, og han fastsatte det Lov og Ret i Sikem.
26 २६ यह सारा वृत्तान्त यहोशू ने परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक में लिख दिया; और एक बड़ा पत्थर चुनकर वहाँ उस बांज वृक्ष के तले खड़ा किया, जो यहोवा के पवित्रस्थान में था।
Og Josua opskrev disse Ord i Guds Lovbog; og han tog en stor Sten og rejste den der under den Eg, som staar i HERRENS Helligdom;
27 २७ तब यहोशू ने सब लोगों से कहा, “सुनो, यह पत्थर हम लोगों का साक्षी रहेगा, क्योंकि जितने वचन यहोवा ने हम से कहे हैं उन्हें इसने सुना है; इसलिए यह तुम्हारा साक्षी रहेगा, ऐसा न हो कि तुम अपने परमेश्वर से मुकर जाओ।”
og Josua sagde til hele Folket: »Se, Stenen her skal være Vidne imod os; thi den har hørt alle HERRENS Ord, som han talede til os; den skal være Vidne imod eder; at I ikke skal fornægte eders Gud!«
28 २८ तब यहोशू ने लोगों को अपने-अपने निज भाग पर जाने के लिये विदा किया।
Derpaa lod Josua Folket drage bort hver til sin Arvelod.
29 २९ इन बातों के बाद यहोवा का दास, नून का पुत्र यहोशू, एक सौ दस वर्ष का होकर मर गया।
Efter disse Begivenheder døde HERRENS Tjener Josua, Nuns Søn 110 Aar gammel.
30 ३० और उसको तिम्नत्सेरह में, जो एप्रैम के पहाड़ी देश में गाश नामक पहाड़ के उत्तर में है, उसी के भाग में मिट्टी दी गई।
Og de jordede ham paa hans Arvelod i Timnat-Sera i Efraims Bjerge norden for Bjerget Ga'asj.
31 ३१ और यहोशू के जीवन भर, और जो वृद्ध लोग यहोशू के मरने के बाद जीवित रहे और जानते थे कि यहोवा ने इस्राएल के लिये कैसे-कैसे काम किए थे, उनके भी जीवन भर इस्राएली यहोवा ही की सेवा करते रहे।
Og Israel dyrkede HERREN, saa længe Josua levede, og saa længe de Ældste var i Live, som overlevede Josua, og som havde kendt hele det Værk, HERREN havde øvet for Israel.
32 ३२ फिर यूसुफ की हड्डियाँ जिन्हें इस्राएली मिस्र से ले आए थे वे शेकेम की भूमि के उस भाग में गाड़ी गईं, जिसे याकूब ने शेकेम के पिता हमोर के पुत्रों से एक सौ चाँदी के सिक्कों में मोल लिया था; इसलिए वह यूसुफ की सन्तान का निज भाग हो गया।
Men Josefs Ben, som Israeliterne havde bragt op fra Ægypten jordede de i Sikem paa den Mark Jakob havde købt af Hamors, Sikems Faders, Sønner for hundrede Kesita, og som han havde givet Josef i Eje.
33 ३३ और हारून का पुत्र एलीआजर भी मर गया; और उसको एप्रैम के पहाड़ी देश में उस पहाड़ी पर मिट्टी दी गई, जो उसके पुत्र पीनहास के नाम पर गिबत्पीनहास कहलाती है और उसको दे दी गई थी।
Da Arons Søn Eleazar døde jordede de ham i hans Søn Pinehas's By Gibea, som var givet ham i Efraims Bjerge.