< यहोशू 22 >
1 १ उस समय यहोशू ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों को बुलवाकर कहा,
Eodem tempore vocavit Josue Rubenitas, et Gaditas, et dimidiam tribum Manasse,
2 २ “जो-जो आज्ञा यहोवा के दास मूसा ने तुम्हें दी थीं वे सब तुम ने मानी हैं, और जो-जो आज्ञा मैंने तुम्हें दी हैं उन सभी को भी तुम ने माना है;
dixitque ad eos: Fecistis omnia quæ præcepit vobis Moyses famulus Domini: mihi quoque in omnibus obedistis,
3 ३ तुम ने अपने भाइयों को इतने दिनों में आज के दिन तक नहीं छोड़ा, परन्तु अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा तुम ने चौकसी से मानी है।
nec reliquistis fratres vestros longo tempore, usque in præsentem diem, custodientes imperium Domini Dei vestri.
4 ४ और अब तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम्हारे भाइयों को अपने वचन के अनुसार विश्राम दिया है; इसलिए अब तुम लौटकर अपने-अपने डेरों को, और अपनी-अपनी निज भूमि में, जिसे यहोवा के दास मूसा ने यरदन पार तुम्हें दिया है चले जाओ।
Quia igitur dedit Dominus Deus vester fratribus vestris quietem et pacem, sicut pollicitus est: revertimini, et ite in tabernacula vestra, et in terram possessionis, quam tradidit vobis Moyses famulus Domini trans Jordanem:
5 ५ केवल इस बात की पूरी चौकसी करना कि जो-जो आज्ञा और व्यवस्था यहोवा के दास मूसा ने तुम को दी है उसको मानकर अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो, उसके सारे मार्गों पर चलो, उसकी आज्ञाएँ मानो, उसकी भक्ति में लौलीन रहो, और अपने सारे मन और सारे प्राण से उसकी सेवा करो।”
ita dumtaxat ut custodiatis attente, et opere compleatis mandatum et legem quam præcepit vobis Moyses famulus Domini, ut diligatis Dominum Deum vestrum, et ambuletis in omnibus viis ejus, et observetis mandata illius, adhæreatisque ei, ac serviatis in omni corde, et in omni anima vestra.
6 ६ तब यहोशू ने उन्हें आशीर्वाद देकर विदा किया; और वे अपने-अपने डेरे को चले गए।
Benedixitque eis Josue, et dimisit eos. Qui reversi sunt in tabernacula sua.
7 ७ मनश्शे के आधे गोत्रियों को मूसा ने बाशान में भाग दिया था; परन्तु दूसरे आधे गोत्र को यहोशू ने उनके भाइयों के बीच यरदन के पश्चिम की ओर भाग दिया। उनको जब यहोशू ने विदा किया कि अपने-अपने डेरे को जाएँ,
Dimidiæ autem tribui Manasse possessionem Moyses dederat in Basan: et idcirco mediæ, quæ superfuit, dedit Josue sortem inter ceteros fratres suos trans Jordanem ad occidentalem plagam. Cumque dimitteret eos in tabernacula sua, et benedixisset eis,
8 ८ तब उनको भी आशीर्वाद देकर कहा, “बहुत से पशु, और चाँदी, सोना, पीतल, लोहा, और बहुत से वस्त्र और बहुत धन-सम्पत्ति लिए हुए अपने-अपने डेरे को लौट आओ; और अपने शत्रुओं की लूट की सम्पत्ति को अपने भाइयों के संग बाँट लेना।”
dixit ad eos: In multa substantia atque divitiis revertimini ad sedes vestras, cum argento et auro, ære ac ferro, et veste multiplici: dividite prædam hostium cum fratribus vestris.
9 ९ तब रूबेनी, गादी, और मनश्शे के आधे गोत्री इस्राएलियों के पास से, अर्थात् कनान देश के शीलो नगर से, अपनी गिलाद नामक निज भूमि में, जो मूसा के द्वारा दी गई, यहोवा की आज्ञा के अनुसार उनकी निज भूमि हो गई थी, जाने की मनसा से लौट गए।
Reversique sunt, et abierunt filii Ruben, et filii Gad, et dimidia tribus Manasse, a filiis Israël de Silo, quæ sita est in Chanaan, ut intrarent Galaad terram possessionis suæ, quam obtinuerant juxta imperium Domini in manu Moysi.
10 १० और जब रूबेनी, गादी, और मनश्शे के आधे गोत्री यरदन की उस तराई में पहुँचे जो कनान देश में है, तब उन्होंने वहाँ देखने के योग्य एक बड़ी वेदी बनाई।
Cumque venissent ad tumulos Jordanis in terram Chanaan, ædificaverunt juxta Jordanem altare infinitæ magnitudinis.
11 ११ और इसका समाचार इस्राएलियों के सुनने में आया, कि रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों ने कनान देश के सामने यरदन की तराई में, अर्थात् उसके उस पार जो इस्राएलियों का है, एक वेदी बनाई है।
Quod cum audissent filii Israël, et ad eos certi nuntii detulissent, ædificasse filios Ruben, et Gad, et dimidiæ tribus Manasse, altare in terra Chanaan, super Jordanis tumulos, contra filios Israël:
12 १२ जब इस्राएलियों ने यह सुना, तबइस्राएलियों की सारी मण्डली उनसे लड़ने के लिये चढ़ाई करने को शीलो में इकट्ठी हुई।
convenerunt omnes in Silo, ut ascenderent, et dimicarent contra eos.
13 १३ तब इस्राएलियों ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों के पास गिलाद देश में एलीआजर याजक के पुत्र पीनहास को,
Et interim miserunt ad illos in terram Galaad Phinees filium Eleazari sacerdotis,
14 १४ और उसके संग दस प्रधानों को, अर्थात् इस्राएल के एक-एक गोत्र में से पूर्वजों के घरानों के एक-एक प्रधान को भेजा, और वे इस्राएल के हजारों में अपने-अपने पूर्वजों के घरानों के मुख्य पुरुष थे।
et decem principes cum eo, singulos de singulis tribubus.
15 १५ वे गिलाद देश में रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों के पास जाकर कहने लगे,
Qui venerunt ad filios Ruben, et Gad, et dimidiæ tribus Manasse in terram Galaad, dixeruntque ad eos:
16 १६ “यहोवा की सारी मण्डली यह कहती है, कि ‘तुम ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का यह कैसा विश्वासघात किया; आज जो तुम ने एक वेदी बना ली है, इसमें तुम ने उसके पीछे चलना छोड़कर उसके विरुद्ध आज बलवा किया है?
Hæc mandat omnis populus Domini: Quæ est ista transgressio? cur reliquistis Dominum Deum Israël, ædificantes altare sacrilegum, et a cultu illius recedentes?
17 १७ सुनो, पोर के विषय का अधर्म हमारे लिये कुछ कम था, यद्यपि यहोवा की मण्डली को भारी दण्ड मिला तो भी आज के दिन तक हम उस अधर्म से शुद्ध नहीं हुए; क्या वह तुम्हारी दृष्टि में एक छोटी बात है,
an parum vobis est quod peccastis in Beelphegor, et usque in præsentem diem macula hujus sceleris in nobis permanet, multique de populo corruerunt?
18 १८ कि आज तुम यहोवा को त्याग कर उसके पीछे चलना छोड़ देते हो? क्या तुम यहोवा से फिर जाते हो, और कल वह इस्राएल की सारी मण्डली से क्रोधित होगा।
Et vos hodie reliquistis Dominum, et cras in universum Israël ira ejus desæviet.
19 १९ परन्तु यदि तुम्हारी निज भूमि अशुद्ध हो, तो पार आकर यहोवा की निज भूमि में, जहाँ यहोवा का निवास रहता है, हम लोगों के बीच में अपनी-अपनी निज भूमि कर लो; परन्तु हमारे परमेश्वर यहोवा की वेदी को छोड़ और कोई वेदी बनाकर न तो यहोवा से बलवा करो, और न हम से।
Quod si putatis immundam esse terram possessionis vestræ, transite ad terram, in qua tabernaculum Domini est, et habitate inter nos: tantum ut a Domino et a nostro consortio non recedatis, ædificato altari præter altare Domini Dei nostri.
20 २० देखो, जब जेरह के पुत्र आकान ने अर्पण की हुई वस्तु के विषय में विश्वासघात किया, तब क्या यहोवा का कोप इस्राएल की पूरी मण्डली पर न भड़का? और उस पुरुष के अधर्म का प्राणदण्ड अकेले उसी को न मिला।’”
Nonne Achan filius Zare præteriit mandatum Domini, et super omnem populum Israël ira ejus incubuit? et ille erat unus homo, atque utinam solum periisset in scelere suo.
21 २१ तब रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों ने इस्राएल के हजारों के मुख्य पुरुषों को यह उत्तर दिया,
Responderuntque filii Ruben et Gad, et dimidia tribus Manasse, principibus legationis Israël:
22 २२ “यहोवा जो ईश्वरों का परमेश्वर है, ईश्वरों का परमेश्वर यहोवा इसको जानता है, और इस्राएली भी इसे जान लेंगे, कि यदि यहोवा से फिरके या उसका विश्वासघात करके हमने यह काम किया हो, तो तू आज हमको जीवित न छोड़,
Fortissimus Deus Dominus, fortissimus Deus Dominus, ipse novit, et Israël simul intelliget: si prævaricationis animo hoc altare construximus, non custodiat nos, sed puniat nos in præsenti:
23 २३ यदि आज के दिन हमने वेदी को इसलिए बनाया हो कि यहोवा के पीछे चलना छोड़ दें, या इसलिए कि उस पर होमबलि, अन्नबलि, या मेलबलि चढ़ाएँ, तो यहोवा आप इसका हिसाब ले;
et si ea mente fecimus ut holocausta, et sacrificium, et pacificas victimas super eo imponeremus, ipse quærat et judicet:
24 २४ परन्तु हमने इसी विचार और मनसा से यह किया है कि कहीं भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने लगे, ‘तुम को इस्राएल के परमेश्वर यहोवा से क्या काम?
et non ea magis cogitatione atque tractatu, ut diceremus: Cras dicent filii vestri filiis nostris: Quid vobis et Domino Deo Israël?
25 २५ क्योंकि, हे रूबेनियों, हे गादियो, यहोवा ने जो हमारे और तुम्हारे बीच में यरदन को सीमा ठहरा दिया है, इसलिए यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं है।’ ऐसा कहकर तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान में से यहोवा का भय छुड़ा देगी।
terminum posuit Dominus inter nos et vos, o filii Ruben, et filii Gad, Jordanem fluvium, et idcirco partem non habetis in Domino: et per hanc occasionem avertent filii vestri filios nostros a timore Domini. Putavimus itaque melius,
26 २६ इसलिए हमने कहा, ‘आओ, हम अपने लिये एक वेदी बना लें, वह होमबलि या मेलबलि के लिये नहीं,
et diximus: Exstruamus nobis altare, non in holocausta, neque ad victimas offerendas,
27 २७ परन्तु इसलिए कि हमारे और तुम्हारे, और हमारे बाद हमारे और तुम्हारे वंश के बीच में साक्षी का काम दे; इसलिए कि हम होमबलि, मेलबलि, और बलिदान चढ़ाकर यहोवा के सम्मुख उसकी उपासना करें; और भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने पाए, कि यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं।’
sed in testimonium inter nos et vos, et sobolem nostram vestramque progeniem, ut serviamus Domino, et juris nostri sit offerre et holocausta, et victimas, et pacificas hostias: et nequaquam dicant cras filii vestri filiis nostris: Non est vobis pars in Domino.
28 २८ इसलिए हमने कहा, ‘जब वे लोग भविष्य में हम से या हमारे वंश से यह कहने लगें, तब हम उनसे कहेंगे, कि यहोवा के वेदी के नमूने पर बनी हुई इस वेदी को देखो, जिसे हमारे पुरखाओं ने होमबलि या मेलबलि के लिये नहीं बनाया; परन्तु इसलिए बनाया था कि हमारे और तुम्हारे बीच में साक्षी का काम दे।’
Quod si voluerint dicere, respondebunt eis: Ecce altare Domini, quod fecerunt patres nostri, non in holocausta, neque in sacrificium, sed in testimonium nostrum ac vestrum.
29 २९ यह हम से दूर रहे कि यहोवा से फिरकर आज उसके पीछे चलना छोड़ दें, और अपने परमेश्वर यहोवा की उस वेदी को छोड़कर जो उसके निवास के सामने है होमबलि, और अन्नबलि, या मेलबलि के लिये दूसरी वेदी बनाएँ।”
Absit a nobis hoc scelus, ut recedamus a Domino, et ejus vestigia relinquamus, exstructo altari ad holocausta, et sacrificia, et victimas offerendas, præter altare Domini Dei nostri, quod exstructum est ante tabernaculum ejus.
30 ३० रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों की इन बातों को सुनकर पीनहास याजक और उसके संग मण्डली के प्रधान, जो इस्राएल के हजारों के मुख्य पुरुष थे, वे अति प्रसन्न हुए।
Quibus auditis, Phinees sacerdos, et principes legationis Israël, qui erant cum eo, placati sunt: et verba filiorum Ruben, et Gad, et dimidiæ tribus Manasse, libentissime susceperunt.
31 ३१ और एलीआजर याजक के पुत्र पीनहास ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शेइयों से कहा, “तुम ने जो यहोवा का ऐसा विश्वासघात नहीं किया, इससे आज हमने यह जान लिया कि यहोवा हमारे बीच में है: और तुम लोगों ने इस्राएलियों को यहोवा के हाथ से बचाया है।”
Dixtque Phinees filius Eleazari sacerdos ad eos: Nunc scimus quod nobiscum sit Dominus, quoniam alieni estis a prævaricatione hac, et liberastis filios Israël de manu Domini.
32 ३२ तब एलीआजर याजक का पुत्र पीनहास प्रधानों समेत रूबेनियों और गादियों के पास से गिलाद होते हुए कनान देश में इस्राएलियों के पास लौट गया: और यह वृत्तान्त उनको कह सुनाया।
Reversusque est cum principibus a filiis Ruben et Gad de terra Galaad, finium Chanaan, ad filios Israël, et retulit eis.
33 ३३ तब इस्राएली प्रसन्न हुए; और परमेश्वर को धन्य कहा, और रूबेनियों और गादियों से लड़ने और उनके रहने का देश उजाड़ने के लिये चढ़ाई करने की चर्चा फिर न की।
Placuitque sermo cunctis audientibus. Et laudaverunt Deum filii Israël, et nequaquam ultra dixerunt, ut ascenderent contra eos, atque pugnarent, et delerent terram possessionis eorum.
34 ३४ और रूबेनियों और गादियों ने यह कहकर, “यह वेदी हमारे और उनके मध्य में इस बात की साक्षी ठहरी है, कि यहोवा ही परमेश्वर है;” उस वेदी का नाम एद रखा।
Vocaveruntque filii Ruben, et filii Gad, altare quod exstruxerant, Testimonium nostrum, quod Dominus ipse sit Deus.