< यहोशू 20 >
1 १ फिर यहोवा ने यहोशू से कहा,
Y habló Jehová a Josué, diciendo:
2 २ “इस्राएलियों से यह कह, ‘मैंने मूसा के द्वारा तुम से शरण नगरों की जो चर्चा की थी उसके अनुसार उनको ठहरा लो,
Habla a los hijos de Israel, diciendo: Señaláos las ciudades de refugio, de las cuales yo os hablé por Moisés:
3 ३ जिससे जो कोई भूल से बिना जाने किसी को मार डाले, वह उनमें से किसी में भाग जाए; इसलिए वे नगर खून के पलटा लेनेवाले से बचने के लिये तुम्हारे शरणस्थान ठहरें।
Para que se acoja allí el homicida que matare a alguno por yerro, y no a sabiendas, que os sean por acogimiento del vengador de la sangre.
4 ४ वह उन नगरों में से किसी को भाग जाए, और उस नगर के फाटक में से खड़ा होकर उसके पुरनियों को अपना मुकद्दमा कह सुनाए; और वे उसको अपने नगर में अपने पास टिका लें, और उसे कोई स्थान दें, जिसमें वह उनके साथ रहे।
Y el que se acogiere a alguna de aquellas ciudades, presentarse ha a la puerta de la ciudad, y dirá sus causas oyéndole los ancianos de aquella ciudad: y ellos le recibirán consigo dentro de la ciudad, y le darán lugar que habite con ellos.
5 ५ और यदि खून का पलटा लेनेवाला उसका पीछा करे, तो वे यह जानकर कि उसने अपने पड़ोसी को बिना जाने, और पहले उससे बिना बैर रखे मारा, उस खूनी को उसके हाथ में न दें।
Y cuando el vengador de la sangre le siguiere, no entregarán en su mano al homicida, por cuanto hirió a su prójimo por yerro, ni tuvo con él antes enemistad.
6 ६ और जब तक वह मण्डली के सामने न्याय के लिये खड़ा न हो, और जब तक उन दिनों का महायाजक न मर जाए, तब तक वह उसी नगर में रहे; उसके बाद वह खूनी अपने नगर को लौटकर जिससे वह भाग आया हो अपने घर में फिर रहने पाए।’”
Y quedará en aquella ciudad hasta que parezca en juicio delante del ayuntamiento hasta la muerte del gran sacerdote que fuere en aquel tiempo: entonces el homicida tornará y vendrá a su ciudad, y a su casa, a la ciudad de donde huyó.
7 ७ और उन्होंने नप्ताली के पहाड़ी देश में गलील के केदेश को, और एप्रैम के पहाड़ी देश में शेकेम को, और यहूदा के पहाड़ी देश में किर्यतअर्बा को, (जो हेब्रोन भी कहलाता है) पवित्र ठहराया।
Entonces señalaron a Cedes en Galilea en el monte de Neftalí: y a Siquem en el monte de Efraím, y a Cariat-arbe, que es Hebrón, en el monte de Judá.
8 ८ और यरीहो के पास के यरदन के पूर्व की ओर उन्होंने रूबेन के गोत्र के भाग में बेसेर को, जो जंगल में चौरस भूमि पर बसा हुआ है, और गाद के गोत्र के भाग में गिलाद के रामोत को, और मनश्शे के गोत्र के भाग में बाशान के गोलन को ठहराया।
Y de la otra parte del Jordán de Jericó, al oriente dieron a Bosor en el desierto en la campiña de la tribu de Rubén, y a Ramot en Galaad de la tribu de Gad, y a Gaulón en Basán de la tribu de Manasés.
9 ९ सारे इस्राएलियों के लिये, और उनके बीच रहनेवाले परदेशियों के लिये भी, जो नगर इस मनसा से ठहराए गए कि जो कोई किसी प्राणी को भूल से मार डाले वह उनमें से किसी में भाग जाए, और जब तक न्याय के लिये मण्डली के सामने खड़ा न हो, तब तक खून का पलटा लेनेवाला उसे मार डालने न पाए, वे यह ही हैं।
Estas fueron las ciudades señaladas para todos los hijos de Israel, y para el extranjero que morase entre ellos, para que se acogiese a ellas cualquiera que hiriese hombre por yerro; porque no muriese por mano del vengador de la sangre, hasta que pareciese delante del ayuntamiento.