< यहोशू 13 >
1 १ यहोशू बूढ़ा और बहुत उम्र का हो गया था; और यहोवा ने उससे कहा, “तू बूढ़ा और बहुत उम्र का हो गया है, और बहुत देश रह गए हैं, जो इस्राएल के अधिकार में अभी तक नहीं आए।
जब यहोशू बहुत बूढ़े हो चुके थे, तब याहवेह ने उनसे यह कहा: “तुम बूढ़े हो चुके हो, और भूमि का एक बड़ा अंश अब भी तुम्हारें अधिकार में नहीं आया हैं.
2 २ ये देश रह गए हैं, अर्थात् पलिश्तियों का सारा प्रान्त, और सारे गशूरी
“वह देश जो रह गए है: “फिलिस्तीनियों की समस्त भूमि तथा गेशूरियों का देश;
3 ३ (मिस्र के आगे शीहोर से लेकर उत्तर की ओर एक्रोन की सीमा तक जो कनानियों का भाग गिना जाता है; और पलिश्तियों के पाँचों सरदार, अर्थात् गाज़ा, अश्दोद, अश्कलोन, गत, और एक्रोन के लोग), और दक्षिणी ओर अव्वी भी,
मिस्र के पूर्व में स्थित शीहोर से लेकर उत्तर में एक्रोन की सीमा तक, जो कनान देश माना जाता था, हालांकि यह प्रदेश फिलिस्तीनियों के पांच शासकों के कब्जे में था. उनके नगर थे: गाज़ा, अशदोद, अश्कलोन, गाथ, एक्रोन; तथा दक्षिण में अव्वी,
4 ४ फिर अपेक और एमोरियों की सीमा तक कनानियों का सारा देश और सीदोनियों का मारा नामक देश,
कनानियों का पूरा देश तथा मेआराह, जो सीदोनियों का राज्य था, यह अमोरियों के अफेक की सीमा तक फैला था;
5 ५ फिर गबालियों का देश, और सूर्योदय की ओर हेर्मोन पर्वत के नीचे के बालगाद से लेकर हमात की घाटी तक सारा लबानोन,
गिबलियों का देश लबानोन, बाल-गाद से नीचे की ओर हरमोन पर्वत से लेकर लबो-हामाथ तक.
6 ६ फिर लबानोन से लेकर मिस्रपोतमैम तक सीदोनियों के पहाड़ी देश के निवासी। इनको मैं इस्राएलियों के सामने से निकाल दूँगा; इतना हो कि तू मेरी आज्ञा के अनुसार चिट्ठी डाल डालकर उनका देश इस्राएल को बाँट दे।
“मैं इस्राएलियों के सामने से लबानोन के पर्वतीय क्षेत्र के पूरे निवासियों को, जो मिसरेफोत-मयिम तक बसे हैं, सीदोनियों को, सबको भगा दूंगा. और मेरे कहे अनुसार यह देश इस्राएलियों को मीरास में दिया जायेगा,
7 ७ इसलिए तू अब इस देश को नौ गोत्रों और मनश्शे के आधे गोत्र को उनका भाग होने के लिये बाँट दे।”
और यह देश नौ गोत्रों तथा मनश्शेह के आधा गोत्र को दे मीरास में दिया जाएगा.”
8 ८ रूबेनियों और गादियों को तो वह भाग मिल चुका था, जिसे मूसा ने उन्हें यरदन के पूर्व की ओर दिया था, क्योंकि यहोवा के दास मूसा ने उन्हीं को दिया था,
मनश्शेह के आधा गोत्र के साथ रियूबेन तथा गाद के गोत्रों ने यरदन के पूर्व में मोशेह द्वारा अपना हिस्सा ले लिया, ठीक जैसा याहवेह के सेवक मोशेह ने उन्हें दिया था:
9 ९ अर्थात् अर्नोन नामक घाटी के किनारे के अरोएर से लेकर, और उसी घाटी के बीच के नगर को छोड़कर दीबोन तक मेदबा के पास का सारा चौरस देश;
आरनोन घाटी की सीमा तक अरोअर से तथा उस नगर से, जो घाटी के बीच में है, तथा मेदेबा से लेकर दीबोन तथा पूरे पठार तक;
10 १० और अम्मोनियों की सीमा तक हेशबोन में विराजनेवाले एमोरियों के राजा सीहोन के सारे नगर;
अमोरियों का राजा, जो हेशबोन में शासन करता था, अम्मोन की सीमा तक उसके सब नगर;
11 ११ और गिलाद देश, और गशूरियों और माकावासियों की सीमा, और सारा हेर्मोन पर्वत, और सल्का तक सारा बाशान,
गिलआद, गेशूरियों तथा माकाहथियों का पूरा देश; पूरा हरमोन पर्वत तथा सलेकाह तक पूरा बाशान;
12 १२ फिर अश्तारोत और एद्रेई में विराजनेवाले उस ओग का सारा राज्य जो रपाइयों में से अकेला बच गया था; क्योंकि इन्हीं को मूसा ने मारकर उनकी प्रजा को उस देश से निकाल दिया था।
बाशान में ओग का, जो अश्तारोथ तथा एद्रेइ में राज करता था और रेफाइम में केवल वही बच गया था; क्योंकि मोशेह ने उनको मारकर उनकी प्रजा को देश से निकाल दिया था.
13 १३ परन्तु इस्राएलियों ने गशूरियों और माकियों को उनके देश से न निकाला; इसलिए गशूरी और माकी इस्राएलियों के मध्य में आज तक रहते हैं।
लेकिन इस्राएल वंश ने गेशूरियों अथवा माकाहथियों को देश से बाहर नहीं निकाला था. आज तक वे इस्राएलियों के बीच ही रह रहे हैं.
14 १४ और लेवी के गोत्रियों को उसने कोई भाग न दिया; क्योंकि इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उसी के हव्य उनके लिये भाग ठहरे हैं।
मोशेह ने केवल लेवी के गोत्र को कोई हिस्सा नहीं दिया. इस्राएल के परमेश्वर याहवेह के आदेश के अनुसार, उनके लिए चढ़ाये जानेवाली अन्नबलि ही उनका हिस्सा हैं.
15 १५ मूसा ने रूबेन के गोत्र को उनके कुलों के अनुसार दिया,
मोशेह ने रियूबेन गोत्र को उनके कुलों के अनुसार हिस्सा दिया:
16 १६ अर्थात् अर्नोन नामक घाटी के किनारे के अरोएर से लेकर और उसी घाटी के बीच के नगर को छोड़कर मेदबा के पास का सारा चौरस देश;
अर्थात् आरनोन कि घाटी की सीमा से लगे हुए अरोअर, जिसमें वह नगर भी है, और जो घाटी के बीच में है, उसमें मेदेबा का पूरा मैदान शामिल है;
17 १७ फिर चौरस देश में का हेशबोन और उसके सब गाँव; फिर दीबोन, बामोतबाल, बेतबाल्मोन,
हेशबोन तथा मैदानी क्षेत्र के नगर ये हैं: दीबोन, बामोथ-बाल तथा बेथ-बाल-मेओन,
18 १८ यहस, कदेमोत, मेपात,
यहत्स, केदेमोथ तथा मेफाअथ
19 १९ किर्यातैम, सिबमा, और तराई में के पहाड़ पर बसा हुआ सेरेथश्शहर,
किरयथाईम, सिबमाह, ज़ेरेथ-शहर, जो घाटी की पहाड़ी पर है,
20 २० बेतपोर, पिसगा की ढलान और बेत्यशीमोत,
बेथ-पिओर, पिसगाह की ढलान, बेथ-यशिमोथ,
21 २१ अर्थात् चौरस देश में बसे हुए हेशबोन में विराजनेवाले एमोरियों के उस राजा सीहोन के राज्य के सारे नगर जिन्हें मूसा ने मार लिया था। मूसा ने एवी, रेकेम, सूर, हूर, और रेबा नामक मिद्यान के प्रधानों को भी मार डाला था जो सीहोन के ठहराए हुए हाकिम और उसी देश के निवासी थे।
मैदान में स्थित सभी नगर, हेशबोन में अमोरियों का राजा सीहोन जिसको मोशेह ने मारा था उसके सब नगर; मोशेह ने मिदियानी प्रधान एवी, रेकेम, ज़ुर, हूर तथा रेबा को भी पराजित किये थे.
22 २२ और इस्राएलियों ने उनके और मारे हुओं के साथ बोर के पुत्र भावी कहनेवाले बिलाम को भी तलवार से मार डाला।
इस्राएलियों ने बेओर के पुत्र बिलआम को भी, जो भविष्य बताया करता था, सबके साथ तलवार से मार दिया.
23 २३ और रूबेनियों की सीमा यरदन का किनारा ठहरा। रूबेनियों का भाग उनके कुलों के अनुसार नगरों और गाँवों समेत यही ठहरा।
रियूबेन वंशजों के लिए यरदन नदी सीमा थी. रियूबेन के पुत्रों तथा उनके परिवारों के अनुसार यही नगर तथा गांव उनका हिस्सा था.
24 २४ फिर मूसा ने गाद के गोत्रियों को भी कुलों के अनुसार उनका निज भाग करके बाँट दिया।
मोशेह ने गाद के गोत्र को उनके परिवारों के अनुसार हिस्सा दिया;
25 २५ तब यह ठहरा, अर्थात् याजेर आदि गिलाद के सारे नगर, और रब्बाह के सामने के अरोएर तक अम्मोनियों का आधा देश,
तथा उनकी सीमा में याज़र तथा गिलआद के सभी नगर तथा अरोअर तक अम्मोनियों का आधा देश, जो रब्बाह के पूर्व में है,
26 २६ और हेशबोन से रामत-मिस्पे और बतोनीम् तक, और महनैम से दबीर की सीमा तक,
तथा हेशबोन से रामथ-मिज़पाह, बटोनीम और माहानाईम से दबीर की सीमा तक;
27 २७ और तराई में बेतहारम, बेतनिम्रा, सुक्कोत, और सापोन, और हेशबोन के राजा सीहोन के राज्य के बचे हुए भाग, और किन्नेरेत नामक ताल के सिरे तक, यरदन के पूर्व की ओर का वह देश जिसकी सीमा यरदन है।
तथा बेथ-हाराम की घाटी में बेथ-निमराह, सुक्कोथ तथा ज़ेफोन, हेशबोन के राजा सीहोन का बचा हुआ राज्य, जिसकी सीमा यरदन नदी थी तथा पूर्व में यरदन के किन्नेरेथ सागर के सीमा तक.
28 २८ गादियों का भाग उनके कुलों के अनुसार नगरों और गाँवों समेत यही ठहरा।
गाद के पुत्रों को, उनके गोत्रों के अनुसार दिया गया हिस्सा नगर एवं गांव यही थे.
29 २९ फिर मूसा ने मनश्शे के आधे गोत्रियों को भी उनका निज भागकर दिया; वह मनश्शेइयों के आधे गोत्र का निज भाग उनके कुलों के अनुसार ठहरा।
मोशेह ने मनश्शेह के आधे गोत्र को यह भाग उनके परिवारों के अनुसार दिया:
30 ३० वह यह है, अर्थात् महनैम से लेकर बाशान के राजा ओग के राज्य का सब देश, और बाशान में बसी हुई याईर की साठों बस्तियाँ,
उनकी सीमा माहानाईम से लेकर बाशान के राजा, ओग का पूरा राज्य, याईर का पूरा नगर, जो बाशान में, साठ नगर;
31 ३१ और गिलाद का आधा भाग, और अश्तारोत, और एद्रेई, जो बाशान में ओग के राज्य के नगर थे, ये मनश्शे के पुत्र माकीर के वंश का, अर्थात् माकीर के आधे वंश का निज भाग कुलों के अनुसार ठहरे।
गिलआद का आधा भाग, अश्तारोथ तथा एद्रेइ (बाशान में ओग राजा के नगर थे ये). ये सभी मनश्शेह के पुत्र माखीर वंश को उनके परिवारों के अनुसार बांट दिया गया.
32 ३२ जो भाग मूसा ने मोआब के अराबा में यरीहो के पास के यरदन के पूर्व की ओर बाँट दिए वे ये ही हैं।
ये येरीख़ो के पूर्व में यरदन के पार, मोआब के मैदानों में मोशेह द्वारा बांटी गई थी.
33 ३३ परन्तु लेवी के गोत्र को मूसा ने कोई भाग न दिया; इस्राएल का परमेश्वर यहोवा ही अपने वचन के अनुसार उनका भाग ठहरा।
लेवी के गोत्र को मोशेह ने कोई हिस्सा नहीं दिया. मोशेह ने उन्हें बताया कि, याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर ही उनका हिस्सा हैं, जैसा याहवेह ने उनसे कहा था.