< यहोशू 1 >
1 १ यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा,
Nach dem Tode Moses, des Knechtes des HERRN, sagte der HERR zu Josua, dem Sohne Nuns, dem Diener Moses:
2 २ “मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बाँध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार होकर उस देश को जा जिसे मैं उनको अर्थात् इस्राएलियों को देता हूँ।
»Mein Knecht Mose ist tot; so mache du dich nun auf und ziehe über den Jordan dort, du und das ganze Volk da, in das Land hinüber, das ich ihnen, den Israeliten, geben will.
3 ३ उस वचन के अनुसार जो मैंने मूसा से कहा, अर्थात् जिस-जिस स्थान पर तुम पाँव रखोगे वह सब मैं तुम्हें दे देता हूँ।
Allen Grund und Boden, auf den eure Fußsohle treten wird, gebe ich euch, wie ich es Mose zugesagt habe.
4 ४ जंगल और उस लबानोन से लेकर फरात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा।
Von der Wüste und dem Libanon dort bis an den großen Strom, den Euphratstrom, das ganze Land der Hethiter, bis zu dem großen Meer im Westen soll euer Gebiet reichen.
5 ५ तेरे जीवन भर कोई तेरे सामने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूँगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूँगा, और न तुझको छोड़ूँगा।
Niemand soll vor dir standhalten können, solange du lebst: wie ich mit Mose gewesen bin, so will ich auch mit dir sein; ich will dir meine Hilfe nicht entziehen und dich nicht verlassen.
6 ६ इसलिए हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैंने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा।
Sei mutig und stark! Denn du sollst diesem Volk das Land als Erbe austeilen, dessen Verleihung ich ihren Vätern zugeschworen habe.
7 ७ इतना हो कि तू हियाव बाँधकर और बहुत दृढ़ होकर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उससे न तो दाएँ मुड़ना और न बाएँ, तब जहाँ-जहाँ तू जाएगा वहाँ-वहाँ तेरा काम सफल होगा।
Nur sei stark und fest entschlossen, auf die Beobachtung aller Weisungen des Gesetzes bedacht zu sein, das mein Knecht Mose dir zur Pflicht gemacht hat; weiche davon weder nach rechts noch nach links ab, damit du bei allen deinen Unternehmungen glücklichen Erfolg hast.
8 ८ व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन-रात ध्यान दिए रहना, इसलिए कि जो कुछ उसमें लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा।
Höre nicht auf, von diesem Gesetzbuch zu reden, und sinne Tag und Nacht darüber nach, damit du auf die Beobachtung alles dessen, was darin geschrieben steht, bedacht bist; denn alsdann wirst du glücklichen Erfolg bei deinen Unternehmungen haben, und alsdann wird dir alles gelingen.
9 ९ क्या मैंने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहाँ-जहाँ तू जाएगा वहाँ-वहाँ तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा।”
Ich habe dir also zur Pflicht gemacht: Sei stark und entschlossen! Habe keine Angst und verzage nicht! Denn mit dir ist der HERR, dein Gott, bei allem, was du unternimmst.«
10 १० तब यहोशू ने प्रजा के सरदारों को यह आज्ञा दी,
Da gab Josua den Obmännern des Volkes folgenden Befehl:
11 ११ “छावनी में इधर-उधर जाकर प्रजा के लोगों को यह आज्ञा दो, कि अपने-अपने लिए भोजन तैयार कर रखो; क्योंकि तीन दिन के भीतर तुम को इस यरदन के पार उतरकर उस देश को अपने अधिकार में लेने के लिये जाना है जिसे तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे अधिकार में देनेवाला है।”
»Geht hin und her im Lager und gebt dem Volke folgenden Befehl: ›Versorgt euch mit Lebensmitteln! Denn (schon) in drei Tagen werdet ihr über den Jordan dort ziehen, um in den Besitz des Landes zu kommen, das der HERR, euer Gott, euch zum Eigentum geben will.‹«
12 १२ फिर यहोशू ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्र के लोगों से कहा,
Zu den Stämmen Ruben und Gad und dem halben Stamm Manasse aber sagte Josua:
13 १३ “जो बात यहोवा के दास मूसा ने तुम से कही थी, कि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हें विश्राम देता है, और यही देश तुम्हें देगा, उसकी सुधि करो।
»Denkt an das Wort, das Mose, der Knecht des HERRN, euch zur Pflicht gemacht hat, als er sagte: ›Der HERR, euer Gott, hat euch ans Ziel gelangen lassen und euch dieses Land gegeben.‹
14 १४ तुम्हारी स्त्रियाँ, बाल-बच्चे, और पशु तो इस देश में रहें जो मूसा ने तुम्हें यरदन के इस पार दिया, परन्तु तुम जो शूरवीर हो पाँति बाँधे हुए अपने भाइयों के आगे-आगे पार उतर चलो, और उनकी सहायता करो;
Eure Frauen, eure kleinen Kinder und euer Vieh mögen in dem Lande bleiben, das euch Mose auf dieser Seite des Jordans angewiesen hat; ihr aber, alle kriegstüchtigen Männer, müßt kampfgerüstet an der Spitze eurer Brüder hinüberziehen und ihnen Beistand leisten,
15 १५ और जब यहोवा उनको ऐसा विश्राम देगा जैसा वह तुम्हें दे चुका है, और वे भी तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के दिए हुए देश के अधिकारी हो जाएँगे; तब तुम अपने अधिकार के देश में, जो यहोवा के दास मूसा ने यरदन के इस पार सूर्योदय की ओर तुम्हें दिया है, लौटकर इसके अधिकारी होंगे।”
bis der HERR eure Brüder ebenso wie euch ans Ziel gebracht hat und auch sie das Land in Besitz genommen haben, das der HERR, euer Gott, ihnen geben will. Alsdann sollt ihr in euer eigenes Land zurückkehren und es als Besitz innehaben, das Mose, der Knecht des HERRN, euch im Ostjordanlande angewiesen hat.«
16 १६ तब उन्होंने यहोशू को उत्तर दिया, “जो कुछ तूने हमें करने की आज्ञा दी है वह हम करेंगे, और जहाँ कहीं तू हमें भेजे वहाँ हम जाएँगे।
Da gaben sie dem Josua folgende Antwort: »Alles, was du uns befohlen hast, wollen wir tun, und wohin du uns auch sendest, dahin wollen wir gehen.
17 १७ जैसे हम सब बातों में मूसा की मानते थे वैसे ही तेरी भी माना करेंगे; इतना हो कि तेरा परमेश्वर यहोवा जैसा मूसा के संग रहता था वैसे ही तेरे संग भी रहे।
Ganz so, wie wir Mose gehorcht haben, wollen wir auch dir gehorchen. Nur möge der HERR, dein Gott, mit dir sein, wie er mit Mose gewesen ist!
18 १८ कोई क्यों न हो जो तेरे विरुद्ध बलवा करे, और जितनी आज्ञाएँ तू दे उनको न माने, तो वह मार डाला जाएगा। परन्तु तू दृढ़ और हियाव बाँधे रह।”
Jeder, der sich deinen Befehlen widersetzt und deinen Anordnungen nicht gehorcht, sooft du uns etwas gebietest, soll mit dem Tode bestraft werden. Nur sei stark und entschlossen!«