< यहोशू 1 >

1 यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा,
Und es geschah nach dem Tode Moses, des Knechtes Jehovas, da sprach Jehova zu Josua, [S. die Anm. zu 2. Mose 17,9] dem Sohne Nuns, dem Diener Moses, und sagte:
2 “मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बाँध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार होकर उस देश को जा जिसे मैं उनको अर्थात् इस्राएलियों को देता हूँ।
Mein Knecht Mose ist gestorben; und nun, mache dich auf, gehe über diesen Jordan, du und dieses ganze Volk, in das Land, das ich ihnen, den Kindern Israel, gebe.
3 उस वचन के अनुसार जो मैंने मूसा से कहा, अर्थात् जिस-जिस स्थान पर तुम पाँव रखोगे वह सब मैं तुम्हें दे देता हूँ।
Jeden Ort, auf den eure Fußsohle treten wird, euch habe ich ihn gegeben, so wie ich zu Mose geredet habe.
4 जंगल और उस लबानोन से लेकर फरात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा।
Von der Wüste und diesem Libanon bis zum großen Strome, dem Strome Phrat, das ganze Land der Hethiter, und bis zum großen Meere gegen Sonnenuntergang, soll eure Grenze sein.
5 तेरे जीवन भर कोई तेरे सामने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूँगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूँगा, और न तुझको छोड़ूँगा।
Es soll niemand vor dir bestehen alle Tage deines Lebens: so wie ich mit Mose gewesen bin, werde ich mit dir sein; ich werde dich nicht versäumen und dich nicht verlassen.
6 इसलिए हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैंने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा।
Sei stark und mutig! denn du, du sollst diesem Volke das Land als Erbe austeilen, das ich ihren Vätern geschworen habe, ihnen zu geben.
7 इतना हो कि तू हियाव बाँधकर और बहुत दृढ़ होकर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उससे न तो दाएँ मुड़ना और न बाएँ, तब जहाँ-जहाँ तू जाएगा वहाँ-वहाँ तेरा काम सफल होगा।
Nur sei sehr stark und mutig, daß du darauf achtest, zu tun nach dem ganzen Gesetz, welches mein Knecht Mose dir geboten hat. Weiche nicht davon ab zur Rechten noch zur Linken, auf daß es dir gelinge überall, wohin du gehst.
8 व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन-रात ध्यान दिए रहना, इसलिए कि जो कुछ उसमें लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा।
Dieses Buch des Gesetzes soll nicht von deinem Munde weichen, und du sollst darüber sinnen Tag und Nacht, auf daß du darauf achtest, zu tun nach allem, was darin geschrieben ist; denn alsdann wirst du auf deinem Wege Erfolg haben, und alsdann wird es dir gelingen.
9 क्या मैंने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहाँ-जहाँ तू जाएगा वहाँ-वहाँ तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा।”
Habe ich dir nicht geboten: Sei stark und mutig? Erschrick nicht und fürchte dich nicht! denn Jehova, dein Gott, ist mit dir überall, wohin du gehst.
10 १० तब यहोशू ने प्रजा के सरदारों को यह आज्ञा दी,
Und Josua gebot den Vorstehern des Volkes und sprach: Gehet mitten durch das Lager und gebietet dem Volke und sprechet:
11 ११ “छावनी में इधर-उधर जाकर प्रजा के लोगों को यह आज्ञा दो, कि अपने-अपने लिए भोजन तैयार कर रखो; क्योंकि तीन दिन के भीतर तुम को इस यरदन के पार उतरकर उस देश को अपने अधिकार में लेने के लिये जाना है जिसे तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे अधिकार में देनेवाला है।”
Bereitet euch Zehrung; denn in noch drei Tagen werdet ihr über diesen Jordan ziehen, um hinzukommen, das Land in Besitz zu nehmen, welches Jehova, euer Gott, euch gibt, es zu besitzen.
12 १२ फिर यहोशू ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्र के लोगों से कहा,
Und zu den Rubenitern und zu den Gaditern und zu dem halben Stamme Manasse sprach Josua und sagte:
13 १३ “जो बात यहोवा के दास मूसा ने तुम से कही थी, कि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हें विश्राम देता है, और यही देश तुम्हें देगा, उसकी सुधि करो।
Gedenket des Wortes, das Mose, der Knecht Jehovas, euch geboten hat, indem er sprach: Jehova, euer Gott, schafft euch Ruhe und gibt euch dieses Land.
14 १४ तुम्हारी स्त्रियाँ, बाल-बच्चे, और पशु तो इस देश में रहें जो मूसा ने तुम्हें यरदन के इस पार दिया, परन्तु तुम जो शूरवीर हो पाँति बाँधे हुए अपने भाइयों के आगे-आगे पार उतर चलो, और उनकी सहायता करो;
Eure Weiber, eure Kinder und euer Vieh sollen in dem Lande bleiben, das Mose euch diesseit des Jordan gegeben hat; ihr aber, alle streitbaren Männer, sollt gerüstet vor euren Brüdern hinüberziehen und ihnen helfen,
15 १५ और जब यहोवा उनको ऐसा विश्राम देगा जैसा वह तुम्हें दे चुका है, और वे भी तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के दिए हुए देश के अधिकारी हो जाएँगे; तब तुम अपने अधिकार के देश में, जो यहोवा के दास मूसा ने यरदन के इस पार सूर्योदय की ओर तुम्हें दिया है, लौटकर इसके अधिकारी होंगे।”
bis Jehova euren Brüdern Ruhe schafft wie euch, und auch sie das Land besitzen, welches Jehova, euer Gott, ihnen gibt. Dann sollt ihr in das Land eures Besitztums zurückkehren und es besitzen, welches Mose, der Knecht Jehovas, euch gegeben hat, diesseit des Jordan, gegen Sonnenaufgang.
16 १६ तब उन्होंने यहोशू को उत्तर दिया, “जो कुछ तूने हमें करने की आज्ञा दी है वह हम करेंगे, और जहाँ कहीं तू हमें भेजे वहाँ हम जाएँगे।
Und sie antworteten Josua und sprachen: Alles, was du uns geboten hast, wollen wir tun, und wohin irgend du uns senden wirst, wollen wir gehen.
17 १७ जैसे हम सब बातों में मूसा की मानते थे वैसे ही तेरी भी माना करेंगे; इतना हो कि तेरा परमेश्वर यहोवा जैसा मूसा के संग रहता था वैसे ही तेरे संग भी रहे।
Nach allem wie wir Mose gehorcht haben, also wollen wir dir gehorchen. Nur möge Jehova, dein Gott, mit dir sein, wie er mit Mose gewesen ist!
18 १८ कोई क्यों न हो जो तेरे विरुद्ध बलवा करे, और जितनी आज्ञाएँ तू दे उनको न माने, तो वह मार डाला जाएगा। परन्तु तू दृढ़ और हियाव बाँधे रह।”
Jedermann, der deinem Befehle widerspenstig ist und nicht auf deine Worte hört in allem, was du uns gebietest, soll getötet werden. Nur sei stark und mutig!

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