< यूहन्ना 8 >
1 १ यीशु जैतून के पहाड़ पर गया।
ⲁ̅
2 २ और भोर को फिर मन्दिर में आया, और सब लोग उसके पास आए; और वह बैठकर उन्हें उपदेश देने लगा।
ⲃ̅
3 ३ तब शास्त्रियों और फरीसियों ने एक स्त्री को लाकर जो व्यभिचार में पकड़ी गई थी, और उसको बीच में खड़ा करके यीशु से कहा,
ⲅ̅
4 ४ “हे गुरु, यह स्त्री व्यभिचार करते पकड़ी गई है।
ⲇ̅
5 ५ व्यवस्था में मूसा ने हमें आज्ञा दी है कि ऐसी स्त्रियों को पथराव करें; अतः तू इस स्त्री के विषय में क्या कहता है?”
ⲉ̅
6 ६ उन्होंने उसको परखने के लिये यह बात कही ताकि उस पर दोष लगाने के लिये कोई बात पाएँ, परन्तु यीशु झुककर उँगली से भूमि पर लिखने लगा।
ⲋ̅
7 ७ जब वे उससे पूछते रहे, तो उसने सीधे होकर उनसे कहा, “तुम में जो निष्पाप हो, वही पहले उसको पत्थर मारे।”
ⲍ̅
8 ८ और फिर झुककर भूमि पर उँगली से लिखने लगा।
ⲏ̅
9 ९ परन्तु वे यह सुनकर बड़ों से लेकर छोटों तक एक-एक करके निकल गए, और यीशु अकेला रह गया, और स्त्री वहीं बीच में खड़ी रह गई।
ⲑ̅
10 १० यीशु ने सीधे होकर उससे कहा, “हे नारी, वे कहाँ गए? क्या किसी ने तुझ पर दण्ड की आज्ञा न दी?”
ⲓ̅
11 ११ उसने कहा, “हे प्रभु, किसी ने नहीं।” यीशु ने कहा, “मैं भी तुझ पर दण्ड की आज्ञा नहीं देता; जा, और फिर पाप न करना।”
ⲓ̅ⲁ̅
12 १२ तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, “जगत की ज्योति मैं हूँ; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अंधकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।”
ⲓ̅ⲃ̅ⲓⲥ ϭⲉ ⲟⲛ ⲁϥϣⲁϫⲉ ⲛⲙⲙⲁⲩ ⲉϥϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲁⲛⲟⲕ ⲡⲉ ⲡⲟⲩⲟⲓⲛ ⲙⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ ⲡⲉⲧⲛⲁⲟⲩⲁϩϥ ⲛⲥⲱⲉⲓ ⲛϥⲛⲁⲙⲟⲟϣⲉ ⲁⲛ ϩⲙ ⲡⲕⲁⲕⲉ ⲁⲗⲗⲁ ϥⲛⲁϫⲓ ⲙⲡⲟⲩⲟⲓⲛ ⲙⲡⲱⲛϩ
13 १३ फरीसियों ने उससे कहा; “तू अपनी गवाही आप देता है; तेरी गवाही ठीक नहीं।”
ⲓ̅ⲅ̅ⲡⲉϫⲉ ⲛⲉⲫⲁⲣⲓⲥⲁⲓⲟⲥ ϭⲉ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲛⲧⲟⲕ ⲉⲕⲣ ⲙⲛⲧⲣⲉ ϩⲁⲣⲟⲕ ⲧⲉⲕⲙⲛⲧⲙⲛⲧⲣⲉ ⲟⲩⲙⲉ ⲁⲛ ⲧⲉ
14 १४ यीशु ने उनको उत्तर दिया, “यदि मैं अपनी गवाही आप देता हूँ, तो भी मेरी गवाही ठीक है, क्योंकिमैं जानता हूँ, कि मैं कहाँ से आया हूँऔर कहाँ को जाता हूँ? परन्तु तुम नहीं जानते कि मैं कहाँ से आता हूँ या कहाँ को जाता हूँ।
ⲓ̅ⲇ̅ⲁⲓⲥ ⲟⲩⲱϣⲃ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲕⲁⲛ ⲁⲛⲟⲕ ⲉⲉⲓϣⲁⲛⲣ ⲙⲛⲧⲣⲉ ϩⲁⲣⲟⲉⲓ ⲧⲁⲙⲛⲧⲙⲛⲧⲣⲉ ⲟⲩⲙⲉ 〚ⲁⲛ〛 ⲧⲉ ϫⲉ ϯⲥⲟⲟⲩⲛ ϫⲉ ⲛⲧⲁⲓⲉⲓ ⲧⲱⲛ ⲁⲩⲱ ⲉⲓⲛⲁ ⲉⲧⲱⲛ ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲛⲧⲉⲧⲛⲥⲟⲟⲩⲛ ⲁⲛ ϫⲉ ⲛⲧⲁⲉⲓ ⲧⲱⲛ ⲏ ⲉⲓⲛⲁ ⲉⲧⲱⲛ
15 १५ तुम शरीर के अनुसार न्याय करते हो; मैं किसी का न्याय नहीं करता।
ⲓ̅ⲉ̅ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲉⲧⲉⲧⲛⲕⲣⲓⲛⲉ ⲕⲁⲧⲁ ⲥⲁⲣⲝ ⲁⲛⲟⲕ ⲛϯⲕⲣⲓⲛⲉ ⲁⲛ ⲗⲗⲁⲁⲩ
16 १६ और यदि मैं न्याय करूँ भी, तो मेरा न्याय सच्चा है; क्योंकि मैं अकेला नहीं, परन्तु मैं पिता के साथ हूँ, जिसने मुझे भेजा है।
ⲓ̅ⲋ̅ⲕⲁⲛ ⲉⲓϣⲁⲛⲕⲣⲓⲛⲉ ⲇⲉ ⲁⲛⲟⲕ ⲧⲁⲕⲣⲓⲥⲓⲥ ⲟⲩⲙⲉⲉ ⲧⲉ ϫⲉ ⲛⲁⲛⲟⲕ ⲁⲛ ⲙⲙⲁⲧⲉ ⲡⲉ ⲁⲗⲗⲁ ⲁⲛⲟⲕ ⲙⲛ ⲡⲓⲱⲧ ⲉⲛⲧⲁϥⲧⲁⲟⲩⲟⲉⲓ
17 १७ और तुम्हारी व्यवस्था में भी लिखा है; कि दो जनों की गवाही मिलकर ठीक होती है।
ⲓ̅ⲍ̅ϥⲥⲏϩ ⲇⲉ ⲟⲛ ϩⲙ ⲡⲉⲧⲛⲛⲟⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲧⲙⲛⲧⲙⲛⲧⲣⲉ ⲛⲣⲱⲙⲉ ⲥⲛⲁⲩ ⲟⲩⲙⲉ ⲧⲉ
18 १८ एक तो मैं आप अपनी गवाही देता हूँ, और दूसरा पिता मेरी गवाही देता है जिसने मुझे भेजा।”
ⲓ̅ⲏ̅ⲁⲛⲟⲕ ⲡⲉⲧⲣ ⲙⲛⲧⲣⲉ ϩⲁⲣⲟⲉⲓ ⲁⲩⲱ ϥⲣ ⲙⲛⲧⲣⲉ ⲟⲛ ϩⲁⲣⲟⲓ ⲛϭⲓ ⲡⲉⲓⲱⲧ ⲉⲛⲧⲁϥⲧⲁⲟⲩⲟⲉⲓ
19 १९ उन्होंने उससे कहा, “तेरा पिता कहाँ है?” यीशु ने उत्तर दिया, “न तुम मुझे जानते हो, न मेरे पिता को, यदि मुझे जानते, तो मेरे पिता को भी जानते।”
ⲓ̅ⲑ̅ⲛⲉⲩϫⲱ ϭⲉ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲉϥⲧⲱⲛ ⲡⲉⲕⲉⲓⲱⲧ ⲁϥⲟⲩⲱϣⲃ ⲛϭⲓ ⲓⲥ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲟⲩⲧⲉ ⲛⲧⲉⲧⲛⲥⲟⲟⲩⲛ ⲙⲙⲟⲓ ⲁⲛ ⲟⲩⲧⲉ ⲟⲛ ⲛⲧⲉⲧⲛⲥⲟⲟⲩⲛ ⲁⲛ ⲙⲡⲁⲓⲱⲧ ⲉⲛⲉⲧⲉⲧⲛⲥⲟⲟⲩⲛ ⲙⲙⲟⲓ ⲛⲉⲧⲉⲧⲛⲁⲥⲟⲩⲛ ⲡⲁⲓⲱⲧ ⲟⲛ ⲡⲉ
20 २० ये बातें उसने मन्दिर में उपदेश देते हुए भण्डार घर में कहीं, और किसी ने उसे न पकड़ा; क्योंकि उसका समय अब तक नहीं आया था।
ⲕ̅ⲛⲉⲉⲓϣⲁϫⲉ ⲁϥϫⲟⲟⲩ ϩⲙ ⲡⲅⲁⲍⲟⲫⲩⲗⲁⲕⲓⲟⲛ ⲉϥϯ ⲥⲃⲱ ϩⲙ ⲡⲉⲣⲡⲉ ⲁⲩⲱ ⲙⲡⲉⲗⲁⲁⲩ ϭⲟⲡϥ ϫⲉ ⲙⲡⲁⲧⲉⲧⲉϥⲟⲩⲛⲟⲩ ⲉⲓ
21 २१ उसने फिर उनसे कहा, “मैं जाता हूँ, और तुम मुझे ढूँढ़ोगे और अपने पाप में मरोगे; जहाँ मैं जाता हूँ, वहाँ तुम नहीं आ सकते।”
ⲕ̅ⲁ̅ⲡⲉϫⲁϥ ϭⲉ ⲟⲛ ⲛⲁⲩ ⲛϭⲓ ⲓⲥ ϫⲉ ⲁⲛⲟⲕ ϯⲛⲁⲃⲱⲕ ⲁⲩⲱ ⲧⲉⲧⲛⲁϣⲓⲛⲉ ⲛⲥⲱⲉⲓ ⲁⲩⲱ ⲧⲉⲧⲛⲁⲙⲟⲩ ϩⲣⲁⲓ ϩⲙ ⲡⲉⲧⲛⲛⲟⲃⲉ ⲁⲩⲱ ⲡⲙⲁ ⲁⲛⲟⲕ ⲉϯⲛⲁⲃⲱⲕ ⲉⲣⲟϥ ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲙⲛ ϣϭⲟⲙ ⲙⲙⲱⲧⲛ ⲉⲉⲓ ⲉⲙⲙⲁⲩ
22 २२ इस पर यहूदियों ने कहा, “क्या वह अपने आपको मार डालेगा, जो कहता है, ‘जहाँ मैं जाता हूँ वहाँ तुम नहीं आ सकते’?”
ⲕ̅ⲃ̅ⲛⲉⲩϫⲱ ϭⲉ ⲙⲙⲟⲥ ⲛϭⲓ ⲛⲓⲟⲩⲇⲁⲓ ϫⲉ ⲙⲏⲧⲓ ⲉϥⲛⲁⲙⲟⲩⲟⲩⲧ ⲙⲙⲟϥ ϫⲉ ϥϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲡⲙⲁ ⲁⲛⲟⲕ ⲉϯⲛⲁⲃⲱⲕ ⲉⲣⲟϥ ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲛⲧⲉⲧⲛⲁϣ ⲉⲓ ⲁⲛ ⲉⲙⲙⲁⲩ
23 २३ उसने उनसे कहा, “तुम नीचे के हो, मैं ऊपर का हूँ; तुम संसार के हो, मैं संसार का नहीं।
ⲕ̅ⲅ̅ⲁⲩⲱ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲛⲧⲉⲧⲛ ϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ ⲡⲕⲁϩ ⲁⲛⲟⲕ ⲁⲛⲅ ⲟⲩⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ ⲧⲡⲉ ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲛⲧⲉⲧⲛ ϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ ⲡⲉⲓⲕⲟⲥⲙⲟⲥ ⲁⲛⲟⲕ ⲁⲛⲅ ⲟⲩⲉⲃⲟⲗ ⲁⲛ ϩⲙ ⲡⲉⲓⲕⲟⲥⲙⲟⲥ
24 २४ इसलिए मैंने तुम से कहा, कि तुम अपने पापों में मरोगे; क्योंकि यदि तुम विश्वास न करोगे कि मैं वही हूँ, तो अपने पापों में मरोगे।”
ⲕ̅ⲇ̅ⲁⲓϫⲟⲟⲥ ϭⲉ ⲛⲏⲧⲛ ϫⲉ ⲧⲉⲧⲛⲁⲙⲟⲩ ϩⲛ ⲛⲉⲧⲛⲛⲟⲃⲉ ⲉⲧⲉⲧⲛⲧⲙⲡⲓⲥⲧⲉⲩⲉ ⲅⲁⲣ ϫⲉ ⲁⲛⲟⲕ ⲡⲉ ⲧⲉⲧⲛⲁⲙⲟⲩ ϩⲛ ⲛⲉⲧⲛⲛⲟⲃⲉ
25 २५ उन्होंने उससे कहा, “तू कौन है?” यीशु ने उनसे कहा, “वही हूँ जो प्रारम्भ से तुम से कहता आया हूँ।
ⲕ̅ⲉ̅ⲛⲉⲩϫⲱ ϭⲉ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲛⲧⲟⲕ ⲛⲧⲕ ⲛⲓⲙ ⲡⲉϫⲉ ⲓⲥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ϫⲓⲛ ⲛϣⲟⲣⲡ ϯϣⲁϫⲉ ⲛⲙⲙⲏⲧⲛ
26 २६ तुम्हारे विषय में मुझे बहुत कुछ कहना और निर्णय करना है परन्तु मेरा भेजनेवाला सच्चा है; और जो मैंने उससे सुना है, वही जगत से कहता हूँ।”
ⲕ̅ⲋ̅ⲉⲩⲛϯ ϩⲁϩ ⲉϫⲱ ⲉⲧⲃⲉ ⲧⲏⲩⲧⲛ ⲁⲩⲱ ⲉⲕⲣⲓⲛⲉ ⲁⲗⲗⲁ ⲟⲩⲙⲉ ⲡⲉ ⲡⲉⲛⲧⲁϥⲧⲁⲟⲩⲟⲉⲓ ⲁⲩⲱ ⲁⲛⲟⲕ ⲛⲉⲛⲧⲁⲓⲥⲟⲧⲙⲟⲩ ⲛⲧⲟⲟⲧϥ ⲛⲁⲓ ⲛⲉϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲟⲩ ⲉⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ
27 २७ वे न समझे कि हम से पिता के विषय में कहता है।
ⲕ̅ⲍ̅ⲙⲡⲟⲩⲉⲓⲙⲉ ϫⲉ ⲉϥϣⲁϫⲉ ⲛⲙⲙⲁⲩ ⲉⲧⲃⲉ ⲡⲉⲓⲱⲧ
28 २८ तब यीशु ने कहा, “जब तुम मनुष्य के पुत्र को ऊँचे पर चढ़ाओगे, तो जानोगे कि मैं वही हूँ, और अपने आप से कुछ नहीं करता, परन्तु जैसे मेरे पिता परमेश्वर ने मुझे सिखाया, वैसे ही ये बातें कहता हूँ।
ⲕ̅ⲏ̅ⲡⲉϫⲁϥ ϭⲉ ⲛⲁⲩ ⲛϭⲓ ⲓⲥ ϫⲉ ϩⲟⲧⲁⲛ ⲉⲧⲉⲧⲛϣⲁⲛϫⲓⲥⲉ ⲙⲡϣⲏⲣⲉ ⲙⲡⲣⲱⲙⲉ ⲧⲟⲧⲉ ⲧⲉⲧⲛⲁⲉⲓⲙⲉ ϫⲉ ⲁⲛⲟⲕ ⲡⲉ ⲁⲩⲱ ⲛϯⲣ ⲗⲁⲁⲩ ⲁⲛ ϩⲁⲣⲟⲓ ⲙⲙⲁⲩⲁⲁⲧ ⲁⲗⲗⲁ ⲕⲁⲧⲁ ⲑⲉ ⲉⲛⲧⲁⲡⲁⲉⲓⲱⲧ ⲧⲥⲁⲃⲟⲉⲓ ⲛⲁⲓ ⲛⲉϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲟⲩ
29 २९ और मेरा भेजनेवाला मेरे साथ है; उसने मुझे अकेला नहीं छोड़ा; क्योंकि मैं सर्वदा वही काम करता हूँ, जिससे वह प्रसन्न होता है।”
ⲕ̅ⲑ̅ⲁⲩⲱ ϥϣⲟⲟⲡ ⲛⲙⲙⲁⲓ ⲛϭⲓ ⲡⲉⲛⲧⲁϥⲧⲁⲟⲩⲟⲓ ⲁⲩⲱ ⲙⲡϥⲕⲁⲁⲧ ⲙⲙⲁⲩⲁⲁⲧ ϫⲉ ⲁⲛⲟⲕ ϯⲉⲓⲣⲉ ⲛⲛⲉⲧⲣ ⲁⲛⲁϥ ⲛⲟⲩⲟⲓϣ ⲛⲓⲙ
30 ३० वह ये बातें कह ही रहा था, कि बहुतों ने यीशु पर विश्वास किया।
ⲗ̅ⲛⲁⲓ ⲉϥϫⲱ ⲙⲙⲟⲟⲩ ⲁϩⲁϩ ⲡⲓⲥⲧⲉⲩⲉ ⲉⲣⲟϥ
31 ३१ तब यीशु ने उन यहूदियों से जिन्होंने उस पर विश्वास किया था, कहा, “यदि तुम मेरे वचन में बने रहोगे, तो सचमुच मेरे चेले ठहरोगे।
ⲗ̅ⲁ̅ⲓⲥ ϭⲉ ⲛⲉϥϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲓⲟⲩⲇⲁⲓ ⲉⲛⲧⲁⲩⲡⲓⲥⲧⲉⲩⲉ ⲉⲣⲟϥ ϫⲉ ⲉϣⲱⲡⲉ ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲉⲧⲉⲧⲛϣⲁⲛϭⲱ ϩⲙ ⲡϣⲁϫⲉ ⲛⲧⲉⲧⲛ ⲛⲁⲙⲁⲑⲏⲧⲏⲥ ⲛⲁⲙⲉ
32 ३२ और सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा।”
ⲗ̅ⲃ̅ⲁⲩⲱ ⲧⲉⲧⲛⲁⲥⲟⲩⲛ ⲧⲙⲉ ⲁⲩⲱ ⲧⲙⲉ ⲛⲁⲣⲧⲏⲩⲧⲛ ⲛⲣⲙϩⲉ
33 ३३ उन्होंने उसको उत्तर दिया, “हम तो अब्राहम के वंश से हैं, और कभी किसी के दास नहीं हुए; फिर तू क्यों कहता है, कि तुम स्वतंत्र हो जाओगे?”
ⲗ̅ⲅ̅ⲁⲩⲟⲩⲱϣⲃ ⲛⲁϥ ⲡⲉϫⲁⲩ ϫⲉ ⲁⲛⲟⲛ ⲡⲉⲥⲡⲉⲣⲙⲁ ⲛⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲁⲩⲱ ⲙⲡⲛⲣ ϩⲙϩⲁⲗ ⲗⲗⲁⲁⲩ ⲉⲛⲉϩ ⲛⲁϣ ⲛϩⲉ ⲛⲧⲟⲕ ⲕϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲧⲉⲧⲛⲁⲣ ⲣⲙϩⲉ
34 ३४ यीशु ने उनको उत्तर दिया, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ कि जो कोई पाप करता है, वह पाप का दास है।
ⲗ̅ⲇ̅ⲁϥⲟⲩⲱϣⲃ ⲛⲁⲩ ⲛϭⲓ ⲓⲥ ϫⲉ ϩⲁⲙⲏⲛ ϩⲁⲙⲏⲛ ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ ϫⲉ ⲡⲉⲧⲓⲣⲉ ⲙⲡⲛⲟⲃⲉ ϥⲟ ⲛϩⲙϩⲁⲗ ⲙⲡⲛⲟⲃⲉ
35 ३५ और दास सदा घर में नहीं रहता; पुत्र सदा रहता है। (aiōn )
ⲗ̅ⲉ̅ⲡϩⲙϩⲁⲗ ⲇⲉ ⲛϥⲛⲁϭⲱ ⲁⲛ ϩⲙ ⲡⲏⲓ ϣⲁ ⲉⲛⲉϩ ⲡϣⲏⲣⲉ ⲇⲉ ⲛⲧⲟϥ ⲛⲁϭⲱ ϣⲁ ⲉⲛⲉϩ (aiōn )
36 ३६ इसलिए यदि पुत्र तुम्हें स्वतंत्र करेगा, तो सचमुच तुम स्वतंत्र हो जाओगे।
ⲗ̅ⲋ̅ⲉⲣϣⲁⲡϣⲏⲣⲉ ϭⲉ ⲣⲧⲏⲩⲧⲛ ⲣⲣⲙϩⲉ ⲟⲛⲧⲱⲥ ⲧⲉⲧⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲛⲣⲙϩⲉ
37 ३७ मैं जानता हूँ कि तुम अब्राहम के वंश से हो; तो भी मेरा वचन तुम्हारे हृदय में जगह नहीं पाता, इसलिए तुम मुझे मार डालना चाहते हो।
ⲗ̅ⲍ̅ϯⲥⲟⲟⲩⲛ ϫⲉ ⲛⲧⲉⲧⲛ ⲡⲉⲥⲡⲉⲣⲙⲁ ⲛⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲁⲗⲗⲁ ⲧⲉⲧⲛϣⲓⲛⲉ ⲛⲥⲱⲉⲓ ⲉⲙⲟⲟⲩⲧ ϫⲉ ⲡⲁϣⲁϫⲉ ⲛϥⲟⲩⲏϩ ⲁⲛ ⲛϩⲏⲧⲧⲏⲩⲧⲛ
38 ३८ मैं वही कहता हूँ, जो अपने पिता के यहाँ देखा है; और तुम वही करते रहते हो जो तुम ने अपने पिता से सुना है।”
ⲗ̅ⲏ̅ⲁⲛⲟⲕ ⲛⲉⲛⲧⲁⲓⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲛⲧⲙ ⲡⲁⲓⲱⲧ ⲛⲉϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲟⲩ ⲛⲧⲱⲧⲛ ϭⲉ ϩⲱⲧⲧⲏⲩⲧⲛ ⲛⲉⲛⲧⲁⲧⲉⲧⲛⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲛⲧⲙ ⲡⲉⲧⲛⲉⲓⲱⲧ ⲁⲣⲓⲥⲟⲩ
39 ३९ उन्होंने उसको उत्तर दिया, “हमारा पिता तो अब्राहम है।” यीशु ने उनसे कहा, “यदि तुम अब्राहम के सन्तान होते, तो अब्राहम के समान काम करते।
ⲗ̅ⲑ̅ⲁⲩⲟⲩⲱϣⲃ ⲉⲩϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲡⲉⲛⲉⲓⲱⲧ ⲡⲉ ⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲡⲉϫⲉ ⲓⲥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲉⲛⲉⲛⲧⲉⲧⲛⲛϣⲏⲣⲉ ⲛⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲛⲉⲧⲉⲧⲛⲁⲣ ⲛⲉϩⲃⲏⲩⲉ ⲛⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ
40 ४० परन्तु अब तुम मुझ जैसे मनुष्य को मार डालना चाहते हो, जिसने तुम्हें वह सत्य वचन बताया जो परमेश्वर से सुना, यह तो अब्राहम ने नहीं किया था।
ⲙ̅ⲧⲉⲛⲟⲩ ⲇⲉ ⲧⲉⲧⲛϣⲓⲛⲉ ⲛⲥⲱⲉⲓ ⲉⲙⲟⲟⲩⲧ ⲟⲩⲣⲱⲙⲉ ⲉϥϫⲱ ⲛⲏⲧⲛ ⲛⲧⲙⲉ ⲧⲁⲓ ⲉⲛⲧⲁϥⲥⲟⲧⲙⲉⲥ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲙ ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲙⲡⲉⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲣ ⲡⲁⲓ
41 ४१ तुम अपने पिता के समान काम करते हो” उन्होंने उससे कहा, “हम व्यभिचार से नहीं जन्मे, हमारा एक पिता है अर्थात् परमेश्वर।”
ⲙ̅ⲁ̅ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲉⲧⲉⲧⲛⲓⲣⲉ ⲛⲛⲉϩⲃⲏⲩⲉ ⲙⲡⲉⲧⲛⲉⲓⲱⲧ ⲡⲉϫⲁⲩ ϭⲉ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲁⲛⲟⲛ ⲛⲧⲁⲩϫⲡⲟⲛ ⲁⲛ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ ⲟⲩⲡⲟⲣⲛⲓⲁ ⲟⲩⲓⲱⲧ ⲛⲟⲩⲱⲧ ⲡⲉⲧϣⲟⲟⲡ ⲛⲁⲛ ⲉⲧⲉ ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲡⲉ
42 ४२ यीशु ने उनसे कहा, “यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता, तो तुम मुझसे प्रेम रखते; क्योंकि मैं परमेश्वर में से निकलकर आया हूँ; मैं आप से नहीं आया, परन्तु उसी ने मुझे भेजा।
ⲙ̅ⲃ̅ⲡⲉϫⲉ ⲓⲥ ϭⲉ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲉⲛⲉ ⲡⲉⲧⲛⲉⲓⲱⲧ ⲡⲉ ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲛⲉⲧⲉⲧⲛⲁⲙⲉⲣⲓⲧ ⲡⲉ ⲁⲛⲟⲕ ⲅⲁⲣ ⲛⲧⲁⲓⲉⲓ ⲁⲩⲱ ⲉⲓⲛⲏⲩ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲙ ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲛⲧⲁⲓⲉⲓ ⲅⲁⲣ ⲁⲛ ϩⲁⲣⲟⲓ ⲙⲙⲁⲩⲁⲁⲧ ⲁⲗⲗⲁ ⲡⲉⲧⲙⲙⲁⲩ ⲡⲉⲛⲧⲁϥⲧⲁⲟⲩⲟⲉⲓ
43 ४३ तुम मेरी बात क्यों नहीं समझते? इसलिए कि मेरा वचन सुन नहीं सकते।
ⲙ̅ⲅ̅ⲉⲧⲃⲉ ⲟⲩ ⲙⲡⲉⲧⲛⲥⲟⲩⲛ ⲧⲁϭⲓⲛϣⲁϫⲉ ϫⲉ ⲙⲙⲛ ϭⲟⲙ ⲙⲙⲱⲧⲛ ⲉⲥⲱⲧⲙ ⲉⲡⲁϣⲁϫⲉ
44 ४४ तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उसमें है ही नहीं; जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, वरन् झूठ का पिता है।
ⲙ̅ⲇ̅ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲛⲧⲉⲧⲛ ϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ ⲡⲉⲧⲛⲉⲓⲱⲧ ⲡⲇⲓⲁⲃⲟⲗⲟⲥ ⲁⲩⲱ ⲧⲉⲧⲛⲟⲩⲱϣ ⲉⲣ ⲛⲉⲡⲓⲑⲩⲙⲓⲁ ⲙⲡⲉⲧⲛⲉⲓⲱⲧ ⲡⲉⲧⲙⲙⲁⲩ ⲛⲉⲩⲣⲉϥϩⲉⲧⲃ ⲣⲱⲙⲉ ⲡⲉ ϫⲓⲛ ⲛϣⲟⲣⲡ ⲁⲩⲱ ⲙⲡϥⲁϩⲉⲣⲁⲧϥ ϩⲛ ⲧⲙⲉ ϫⲉ ⲙⲛ ⲙⲉ ϣⲟⲟⲡ ϩⲣⲁⲓ ⲛϩⲏⲧϥ ϩⲟⲧⲁⲛ ⲉⲣⲉⲡϭⲟⲗ ⲛⲁϣⲁϫⲉ ⲉϣⲁϥϣⲁϫⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ ⲛⲉⲧⲉⲛⲟⲩϥ ⲛⲉ ϫⲉ ⲟⲩ ⲣⲉϥϫⲓ ϭⲟⲗ ⲡⲉ ⲙⲛ ⲡⲉϥⲕⲉⲉⲓⲱⲧ
45 ४५ परन्तु मैं जो सच बोलता हूँ, इसलिए तुम मेरा विश्वास नहीं करते।
ⲙ̅ⲉ̅ⲁⲛⲟⲕ ⲇⲉ ϫⲉ ϯϫⲱ ⲛⲧⲙⲉ ⲛⲧⲉⲧⲙⲡⲓⲥⲧⲉⲩⲉ ⲉⲣⲟⲉⲓ ⲁⲛ
46 ४६ तुम में से कौन मुझे पापी ठहराता है? और यदि मैं सच बोलता हूँ, तो तुम मेरा विश्वास क्यों नहीं करते?
ⲙ̅ⲋ̅ⲛⲓⲙ ⲛϩⲏⲧⲧⲏⲩⲧⲛ ⲡⲉⲧⲛⲁϫⲡⲓⲟⲉⲓ ⲉⲧⲃⲉ ⲛⲟⲃⲉ ⲉϣϫⲉ ⲉⲉⲓϫⲱ ⲛⲧⲙⲉ ⲉⲧⲃⲉ ⲟⲩ ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲛⲧⲉⲧⲛⲡⲓⲥⲧⲉⲩⲉ ⲛⲁⲓ ⲁⲛ
47 ४७ जो परमेश्वर से होता है, वह परमेश्वर की बातें सुनता है; और तुम इसलिए नहीं सुनते कि परमेश्वर की ओर से नहीं हो।”
ⲙ̅ⲍ̅ⲡⲉⲧϣⲟⲟⲡ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ϣⲁϥⲥⲱⲧⲙ ⲉⲛϣⲁϫⲉ ⲙⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉⲧⲃⲉ ⲡⲁⲓ ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲛⲧⲉⲧⲛⲥⲱⲧⲙ ⲁⲛ ϫⲉ ⲛⲧⲉⲧⲛ ϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ⲁⲛ ϩⲙ ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ
48 ४८ यह सुन यहूदियों ने उससे कहा, “क्या हम ठीक नहीं कहते, कि तू सामरी है, और तुझ में दुष्टात्मा है?”
ⲙ̅ⲏ̅ⲁⲛⲓⲟⲩⲇⲁⲓ ⲟⲩⲱϣⲃ ⲉⲩϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲙⲏ ⲕⲁⲗⲱⲥ ⲁⲛ ⲁⲛⲟⲛ ⲧⲛϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲛⲧⲕ ⲟⲩⲥⲁⲙⲁⲣⲓⲧⲏⲥ ⲁⲩⲱ ⲟⲩⲛ ⲟⲩⲇⲁⲓⲙⲟⲛⲓⲟⲛ ⲛⲙⲙⲁⲕ
49 ४९ यीशु ने उत्तर दिया, “मुझ में दुष्टात्मा नहीं; परन्तु मैं अपने पिता का आदर करता हूँ, और तुम मेरा निरादर करते हो।
ⲙ̅ⲑ̅ⲁϥⲟⲩⲱϣⲃ ⲛϭⲓ ⲓⲥ ϫⲉ ⲁⲛⲟⲕ ⲙⲛ ⲇⲁⲓⲙⲟⲛⲓⲟⲛ ⲛⲙⲙⲁⲓ ⲁⲗⲗⲁ ϯⲧⲁⲓⲟ ⲙⲡⲁⲉⲓⲱⲧ ⲁⲩⲱ ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲧⲉⲧⲛⲥⲱϣ ⲙⲙⲟⲉⲓ
50 ५० परन्तु मैं अपनी प्रतिष्ठा नहीं चाहता, हाँ, एक है जो चाहता है, और न्याय करता है।
ⲛ̅ⲁⲛⲟⲕ ⲇⲉ ⲛϯϣⲓⲛⲉ ⲁⲛ ⲛⲥⲁ ⲡⲁⲉⲟⲟⲩ ϥϣⲟⲟⲡ ⲛϭⲓ ⲡⲉⲧⲛⲁϣⲓⲛⲉ ⲁⲩⲱ ⲛϥⲕⲣⲓⲛⲉ
51 ५१ मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि यदि कोई व्यक्ति मेरे वचन पर चलेगा, तो वह अनन्तकाल तक मृत्यु को न देखेगा।” (aiōn )
ⲛ̅ⲁ̅ϩⲁⲙⲏⲛ ϩⲁⲙⲏⲛ ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ ϫⲉ ⲡⲉⲧⲛⲁϩⲁⲣⲉϩ ⲉⲡⲁϣⲁϫⲉ ⲛϥⲛⲁⲛⲁⲩ ⲁⲛ ⲉⲡⲙⲟⲩ ϣⲁ ⲉⲛⲉϩ (aiōn )
52 ५२ लोगों ने उससे कहा, “अब हमने जान लिया कि तुझ में दुष्टात्मा है: अब्राहम मर गया, और भविष्यद्वक्ता भी मर गए हैं और तू कहता है, ‘यदि कोई मेरे वचन पर चलेगा तो वह अनन्तकाल तक मृत्यु का स्वाद न चखेगा।’ (aiōn )
ⲛ̅ⲃ̅ⲡⲉϫⲉ ⲛⲓⲟⲩⲇⲁⲓ ϭⲉ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲧⲉⲛⲟⲩ ⲁⲛⲉⲓⲙⲉ ϫⲉ ⲟⲩⲇⲁⲓⲙⲟⲛⲓⲟⲛ ⲡⲉⲧⲛⲙⲙⲁⲕ ⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲁϥⲙⲟⲩ ⲙⲛ ⲛⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲁⲩⲱ ⲛⲧⲟⲕ ⲕϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲡⲉⲧⲛⲁϩⲁⲣⲉϩ ⲉⲡⲁϣⲁϫⲉ ⲛϥⲛⲁϫⲓ ϯⲡⲉ ⲁⲛ ⲙⲡⲙⲟⲩ ϣⲁ ⲉⲛⲉϩ (aiōn )
53 ५३ हमारा पिता अब्राहम तो मर गया, क्या तू उससे बड़ा है? और भविष्यद्वक्ता भी मर गए, तू अपने आपको क्या ठहराता है?”
ⲛ̅ⲅ̅ⲙⲏ ⲛⲧⲟⲕ ⲉⲛⲁⲁⲁⲕ ⲉⲡⲉⲛⲉⲓⲱⲧ ⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲡⲁⲓ ⲉⲛⲧⲁϥⲙⲟⲩ ⲁⲩⲱ ⲛⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲁⲩⲙⲟⲩ ⲉⲕⲉⲓⲣⲉ ⲙⲙⲟⲕ ⲛⲛⲓⲙ
54 ५४ यीशु ने उत्तर दिया, “यदि मैं आप अपनी महिमा करूँ, तो मेरी महिमा कुछ नहीं, परन्तु मेरी महिमा करनेवाला मेरा पिता है, जिसे तुम कहते हो, कि वह हमारा परमेश्वर है।
ⲛ̅ⲇ̅ⲁϥⲟⲩⲱϣⲃ ⲛϭⲓ ⲓⲥ ϫⲉ ⲉϣⲱⲡⲉ ⲁⲛⲟⲕ ⲉⲓϣⲁⲛϯ ⲉⲟⲟⲩ ⲛⲁⲓ ⲟⲩⲗⲁⲁⲩ ⲡⲉ ⲡⲁⲉⲟⲟⲩ ϥϣⲟⲟⲡ ⲛϭⲓ ⲡⲁⲉⲓⲱⲧ ⲉⲧϯ ⲉⲟⲟⲩ ⲛⲁⲓ ⲡⲁⲓ ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲉⲧⲉⲧⲛϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲡⲉⲛⲛⲟⲩⲧⲉ ⲡⲉ
55 ५५ और तुम ने तो उसे नहीं जाना: परन्तु मैं उसे जानता हूँ; और यदि कहूँ कि मैं उसे नहीं जानता, तो मैं तुम्हारे समान झूठा ठहरूँगा: परन्तु मैं उसे जानता, और उसके वचन पर चलता हूँ।
ⲛ̅ⲉ̅ⲁⲩⲱ ⲙⲡⲉⲧⲛⲥⲟⲩⲱⲛϥ ⲁⲛⲟⲕ ⲇⲉ ϯⲥⲟⲟⲩⲛ ⲙⲙⲟϥ ⲉⲓϣⲁⲛϫⲟⲟⲥ ϫⲉ ⲛϯⲥⲟⲟⲩⲛ ⲙⲙⲟϥ ⲁⲛ ⲉⲉⲓⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲛⲣⲉϥϫⲓ ϭⲟⲗ ⲛⲧⲉⲧⲛϩⲉ ⲁⲗⲗⲁ ϯⲥⲟⲟⲩⲛ ⲙⲙⲟϥ ⲁⲩⲱ ϯϩⲁⲣⲉϩ ⲉⲡⲉϥϣⲁϫⲉ
56 ५६ तुम्हारा पिता अब्राहम मेरा दिन देखने की आशा से बहुत मगन था; और उसने देखा, और आनन्द किया।”
ⲛ̅ⲋ̅ⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲇⲉ ⲡⲉⲧⲛⲉⲓⲱⲧ ⲁϥⲧⲉⲗⲏⲗ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉϥⲉⲛⲁⲩ ⲉⲡⲁϩⲟⲟⲩ ⲁⲩⲱ ⲁϥⲛⲁⲩ ⲁⲩⲱ ⲁϥⲣⲁϣⲉ
57 ५७ लोगों ने उससे कहा, “अब तक तू पचास वर्ष का नहीं, फिर भी तूने अब्राहम को देखा है?”
ⲛ̅ⲍ̅ⲡⲉϫⲁⲩ ϭⲉ ⲛⲁϥ ⲛϭⲓ ⲛⲓⲟⲩⲇⲁⲓ ϫⲉ ⲙⲡⲁⲧⲕⲣ ⲧⲁⲓⲟⲩ ⲛⲣⲟⲙⲡⲉ ⲁⲩⲱ ⲁⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟⲕ
58 ५८ यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि पहले इसके कि अब्राहम उत्पन्न हुआ, मैं हूँ।”
ⲛ̅ⲏ̅ⲡⲉϫⲉ ⲓⲥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ϩⲁⲙⲏⲛ ϩⲁⲙⲏⲛ ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ ϫⲉ ⲉⲙⲡⲁⲧⲉ ⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ϣⲱⲡⲉ ⲁⲛⲟⲕ ϯϣⲟⲟⲡ
59 ५९ तब उन्होंने उसे मारने के लिये पत्थर उठाए, परन्तु यीशु छिपकर मन्दिर से निकल गया।
ⲛ̅ⲑ̅ⲁⲩϥⲓ ⲱⲛⲉ ϭⲉ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉⲩⲉ ⲛⲟⲩϫⲉ ⲉⲣⲟϥ ⲓⲥ ⲇⲉ ⲁϥϩⲟⲡϥ ⲁϥⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ ⲡⲉⲣⲡⲉ